कुछ चीज़ें समय पर छोड़नी ज़्यादा बेहतर होती हैं न कि उनके पीछे पड़कर अपना समय और दिमाग दोनों ख़राब किया जाए। आज इमरान खान उसी सुख की अनुभूति कर रहे होंगे जो उन्हें यह ज़िद त्यागकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जीत मिल गई। जिस प्रकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटने पर अन्य सभी मीडिया रिपोर्टों में उन्हें सियासत से निकाल दिया गया था तो वहीं TFI ने ये दावा किया था कि नहीं, इमरान खान और ज्यादा मजबूती के साथ पाकिस्तान की सत्ता में वापसी करने वाले हैं। कुछ ऐसा ही होता दिखने भी लगा है। जैसा कि टीएफआई ने भविष्यवाणी की थी, इमरान खान की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है अभी एक लंबा अंश बाकी है।
दरअसल, पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी पंजाब प्रांत में अपनी प्रांतीय सरकार खोने के लिए तैयार है, जिसे शहबाज शरीफ परिवार का गढ़ माना जाता है। प्रतिद्वंद्वी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा 20 सीटों पर हुए उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद यह बात साबित भी हो गई। इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई ने 15 सीटें जीतीं जबकि पीएम शरीफ की पीएमएल-एन सिर्फ 4 सीटें हासिल करने में सफल रही। और बची एक सीट निर्दलीय को मिली। पीएमएल-एन के हमजा शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री पद के लिए वोट करने वाले लगभग सभी चुनाव हार गए। 371 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में अब संख्या इस प्रकार है: PTI = 188 सीट और PML-N+ = 179, अन्य= 2
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इसका मतलब है कि पीएम शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज शरीफ को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाएगा। 22 जुलाई को होने वाले मुख्यमंत्री के चुनाव में हमजा की जगह पीएमएल-क्यू के चौधरी परवेज इलाही को सबसे आगे देखा जा रहा है। खान ने उपचुनाव में जीत के बाद जल्द राष्ट्रीय चुनाव कराने की मांग की उपचुनाव की जीत से उत्साहित खान ने जल्द राष्ट्रीय चुनाव कराने का आह्वान किया है।
एक लंबे राजनीतिक प्रपंच के बाद अप्रैल में इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था। तब से खान ने अक्टूबर 2023 की निर्धारित तारीखों से पहले देश के प्रमुख को मतदान करने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रैलियां कीं। वह अब रविवार की चुनावी जीत को अपनी पार्टी के लोकप्रिय समर्थन के संकेत के रूप में बता रहे हैं। निकट भविष्य में राष्ट्रीय चुनाव नहीं कराने की चेतावनी देते हुए, इमरान खान ने ट्वीट किया, “यहां से आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव करना है, किसी अन्य तरीके से केवल राजनीतिक अनिश्चितता और आर्थिक अराजकता बढ़ेगी।”
यूँ तो राजनीतिक दृष्टि से उपचुनाव हमेशा सत्ताधारी दल के अनुकूल परिणाम देते हैं पर यह है तो तो पाकिस्तान, यहाँ उलटी गंगा नहीं बहेगी तो कहाँ बहेगी। सत्ताधारी पीएमएल-एन का इस तरह अपने गढ़ में ही पीटीआई से हारना बहुत शर्म की बात तो है ही पर यह जीत यह भी जता रही है कि कैसे पाकिस्तान में राजनीति कब कहाँ किसके पक्ष में हवा बना दे इसका कोई अनुमान नहीं लगा सकता है।
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इस बीच, ऐसे संकेत हैं कि अगले साल के अंत तक होने वाले चुनाव को जल्दी स्थगित किया जा सकता है। इमरान खान के शीघ्र चुनाव के आह्वान को शहबाज शरीफ की पार्टी के एक प्रमुख सदस्य से अप्रत्याशित समर्थन मिला है। (पीएमएल-एन) के एक प्रमुख सदस्य और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि अंतिम निर्णय उन सभी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा, जिन्हें चुनाव में भाग लेना है।
दूसरी ओर चीन ने भी पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष में खुलकर कूदने का फैसला किया है। इमरान खान अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो पंजाब में अपनी पार्टी की जीत से बेहद खुश हैं। उनकी जीत का चीनी राज्य मीडिया ने भी स्वागत किया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अत्यधिक प्रभावशाली नीति विशेषज्ञ शेन शिवेई ने इमरान खान के पक्ष में ट्वीट किया। इससे एक बात पूरी तरह साफ है कि जहां एक तरफ पाकिस्तानी सेना इमरान खान को सत्ता से बाहर रखना चाहती है वहीं दूसरी तरफ चीन इमरान खान को सत्ता में देखना चाहते हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में पाकिस्तानी सेना और चीन आमने-सामने भी खड़े दिखाई दे सकते हैं।
When former Pakistani PM Imran Khan was young pic.twitter.com/K7BKrZjIct
— Shen Shiwei 沈诗伟 (@shen_shiwei) July 18, 2022
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ज्ञात हो कि, पंजाब प्रान्त पाकिस्तान के सभी बड़े घटनाक्रमों का साक्षी और कारक रहा है। यहाँ पर शरीफ के गढ़ को भेदने का काम करने के बाद इमरान खान के हौंसले और बुलंद हो गए हैं। जिस प्रकार यह सत्य है कि पाकिस्तान की सत्ता कभी प्रधानमंत्री कभी राष्ट्रपति तो कभी पाकिस्तानी आर्मी चलाती है उसी प्रकार यह भी सत्य है कि यहाँ शासक देश को चलाने में अन्तोत्गत्वा असमर्थ ही सिद्ध होते है इसलिए बिना कार्यकाल पूरा किए सदा सर्वदा सरकार गिर जाती है और फिर बारी आती है नए शासक के चयन की जो हमेशा की तरह पाक आर्मी का पिट्ठू होता है।
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