कोई भी संस्थान अपनी कार्यशैली, कर्तव्यपरायणता और उसके कर्मचारियों की बदौलत बनता-बिगड़ता है। जब-जब इंडिया टुडे जैस संस्थानों से देश को बांटने वालों की आवाज़ों को बढ़ावा मिला है तब-तब उन सभी ने अपने विष का प्रवाह किया है। ऐसे में इन आवाजों को बढ़ावा देने वाले इंडिया टुडे को भी भरपूर भर्त्स्ना का सामना करना पड़ रहा है। हालिया उदाहरण है, भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के विरुद्ध विषैले बोल बोलने वालों के तार इंडिया टुडे से जुड़ा होना और साथ ही उसी इंडिया टुडे पर उन लोगों को पैनेलिस्ट के रूप में बुलाना जो एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर बैठा नहीं देख सकते हैं।
इस लेख में जानेंगे कि कैसे अब ये सिद्ध होता जा रहा है कि आदिवासियों के लिए इंडिया टुडे की नफरत अनंत काल तक जारी है। जिसका उदाहरण समय-समय पर मिलता रहा है।
और पढ़ें- “कुम्भ मेला बनेगा सुपर स्प्रेडर”, झूठी खबर फैलाने के लिए India Today को पड़ी केंद्र से लताड़
देश का एक कुंठित वर्ग व्याकुल है
दरअसल, जिस दिन से द्रौपदी मुर्मु का नाम राष्ट्रपति पद के लिए बतौर एनडीए प्रत्याशी के रूप में घोषित हुआ था उस दिन से देश का एक कुंठित वर्ग इसी कारण व्याकुल है कि एक आदिवासी समुदाय और उसमें भी एक आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर कैसे आ सकता है। इसी क्रम में एक वामपंथी मीडिया संस्थान “द वायर” के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन की पत्नी नंदिनी सुन्दर ने, इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई के कार्यक्रम में वो बात कही जो उन्हीं के जैसे कुंठित व्यक्तियों से अपेक्षित थी। नंदिनी सुन्दर ने कहा कि “मुझे यकीन नहीं है कि वह (द्रौपदी मुर्मु) आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होंगी जिस तरह से उन्हें प्रतिनिधित्व करने की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा की सभी नीतियां आदिवासी विरोधी हैं।”
I am not sure she will be able to represent the adivasis the way they need to be represented because all the BJP policies are anti-adivasi: @nandinisundar, Sociologist & Author#NewsToday with @SardesaiRajdeep | #DraupadiMurmu pic.twitter.com/JGnNICdOVS
— IndiaToday (@IndiaToday) July 18, 2022
मतलब राष्ट्रपति पद तक को भाजपा से जोड़ने वाली यह वो नंदिनी सुन्दर हैं जिनके पति स्वयं इस देश की नागरिकता के धारक नहीं हैं पर “द वायर” के नाम पर देश से असल खबरों को छोड़ एजेंडाधारी बनकर देश में मतभेद पैदा करने की कोशिश आए दिन करते रहते हैं। यह हाल तब था जब उस टीवी कार्यक्रम में नंदिनी सुन्दर के साथ झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन दूसरे पैनेलिस्ट के रूप में बैठे हुए थे। सोरेन और उनकी पार्टी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु के समर्थन में मतदान किया था।
यह हुआ इंडिया टुडे पर प्रसारित किया जाने वाला पहला आदिवासी ज़हर जिसको शह राजदीप सरदेसाई की मिली। इसके बाद दूसरा नाम है उन महानुभाव का जो इंडिया टुडे के ही एक कर्मचारी हैं। IndiaToday के जनरल मैनेजर ने भारत के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अपमान किया। इनका नाम है इंद्रनील चैटर्जी जो अब तक इंडिया टुडे समूह का हिस्सा रहे। इन्हीं के शब्द फेसबुक पर विष के रूप में फूटे। इंद्रनील ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से वो सब कहा जो उनकी विषैली सोच का भाग था। राष्ट्रपति पद, दायित्व और उस कुर्सी पर लिखते हुए इंद्रनील चैटर्जी ने लिखा कि “कुछ कुर्सियां सभी के लिए नहीं होती। क्या हम एक सफाईकर्मी को दुर्गा पूजा करने की अनुमति देते हैं… हमने न केवल रायसीना हिल्स की कुर्सी बल्कि कुछ महान आत्माओं को भी अपमानित किया है.”
Gen Manager of @IndiaToday insulted the newly elected President of India #DroupadiMurmu.
In a FB post, he writes, “Few Chairs are not meant for All…Do we allow a sweeper to perform Durga Puja…we have humiliated not only the Chair of Raisina Hills but also a few great souls…” pic.twitter.com/CrOtkzfnXe
— Organiser Weekly (@eOrganiser) July 21, 2022
अंग्रेज़ चले गए तुम्हें छोड़ गए
वाह इंद्रनील वाह, अंग्रेज़ चले गए तुम्हें छोड़ गए। जिस कुत्सित सोच के साथ इंद्रनील ने द्रौपदी मुर्मु समेत पूरे आदिवासी समुदाय को नीचा दिखाने की कोशिश की उससे यह तो सिद्ध हो गया कि एक मीडिया संस्थान में काम करने के बाद भी इंद्रनील की सोच कुत्सित की कुत्सित ही रही। अपनी बात को पूर्णरूपेण सही करार करने के लिए इंद्रनील ने बड़े-बड़े उदाहरण भी दिए। भारत के राष्ट्रपति पद का जिक्र करते हुए इंद्रनील ने लिखा, “आज हमने रायसीना हिल्स की उस कुर्सी को ही नहीं बल्कि एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी, एस राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, डॉ शंकर दयाल शर्मा, राजेंद्र प्रसाद और अन्य जैसे कुछ महान आत्माओं को भी अपमानित किया है।
सोशल मीडिया नेटवर्क पर उनका पोस्ट वायरल होने के बाद इंद्रनील ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया। वही अकाउंट जिससे इंद्रनील चटर्जी ने पोस्ट किया था। इंद्रनील के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह इंडिया टुडे ग्रुप में डिप्टी जनरल मैनेजर और रीजनल हेड, ईस्ट हैं। अब जैसे ही विवाद बढ़ा तो माहौल गर्म होता चला गया। इंद्रनील के साथ साथ पूरे समूह की भी फजीहत हो रही थी। ऐसे में इंडिया टुडे समूह ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कोलकाता स्थित अपने उप महाप्रबंधक इंद्रनील चटर्जी की सेवाओं को समाप्त कर दिया है और उन्हें समूह से निकाल दिया है। मीडिया समूह ने अपने कोलकाता स्थित कर्मचारियों द्वारा ‘बेहद अपमानजनक पोस्ट’ के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह पोस्ट आहत करने वाला और मानवीय शालीनता के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ था।
और पढ़ें- PFI और भीम आर्मी के संबंधों पर The Wire, India Today और News 18 के Fake News की खुली पोल
अब यह तब जाकर हुआ जब विवाद ने बढ़ते-बढ़ते तूल पकड़ लिया। सत्य तो यह है कि इंडिया टुडे समूह ने जिस प्रकार अपने मंच पर नंदिनी सुन्दर को विचार व्यक्त करने के लिए प्लेटफार्म दिया, उसके बाद वहीं नंदिनी सुन्दर ने अपनी असल छवि का प्रदर्शन कर दिया। उसके बाद इंद्रनील जैसे कर्मचारियों की सोच का खुला प्रदर्शन यह जताता है कि इंडिया टुडे इन सभी तत्वों को पहले शह देता है और फिर अपने बचाव में खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर देता है।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।