TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब में बाढ़, बीमा की कमी और किसानों की त्रासदी

    पंजाब में बाढ़, बीमा की कमी और किसानों की त्रासदी

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल हैं, लेकिन केंद्र सरकार को उन्हें मुआवजा देने में क्यों हो रही है दिक्कत?

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब में बाढ़, बीमा की कमी और किसानों की त्रासदी

    पंजाब में बाढ़, बीमा की कमी और किसानों की त्रासदी

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल हैं, लेकिन केंद्र सरकार को उन्हें मुआवजा देने में क्यों हो रही है दिक्कत?

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

गुमनाम नायक: रासबिहारी बसु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ‘गॉड फादर’

गांधी-नेहरू तक पूरे स्वतंत्रता आंदोलन को सिमटा दिया गया, लेकिन असली नायकों को कभी वो स्थान नहीं मिला जिसके हक़दार वास्तव में वो थे।

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
3 August 2022
in प्रीमियम
Ras Bihari Bose
Share on FacebookShare on X

“मुझे तोड़ लेना वनमाली,

उस पथ पर देना तुम फेंक,

संबंधितपोस्ट

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिविल सेवा से इस्तीफा देते हुए क्या कहा था?

INA की जासूस सरस्वती राजमणि: अंग्रेज़ों को छकाने वाली योद्धा जिन्हें भारत में पेंशन के लिए भटकना पड़ा

गुरबक्श सिंह ढिल्लों: आज़ाद हिंद फौज के वो वीर जो अंग्रेज़ों के लिए लड़े और उनके खिलाफ भी

और लोड करें

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,

जिस पथ जावें वीर अनेक!”

कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित ‘पुष्प की अभिलाषा का ये ओजस्वी अंश उन अनन्य वीरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने से पूर्व एक बार भी नहीं सोचा। जब बात आती है कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के संरक्षक अर्थात इसके ‘भीष्म पितामह’ कौन है तो पट से कुछ अति उत्साही विद्यार्थी और अनेक वामपंथी बोल उठते हैं दादाभाई नाओरोजी। कुछ तो गोपाल कृष्ण गोखले का नाम भी ले लेते हैं और कुछ मोहनदास करमचंद गांधी का जबकि इनका स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान लगभग नगण्य है।

जिस व्यक्ति ने वास्तव में देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया उसका दुर्भाग्य तो यह था कि उसे अपनी ही मातृभूमि में अन्त्येष्टि हेतु मिट्टी तक न मिली। परंतु यदि ये न होते तो भारत को स्वतंत्र होने में जाने कितने वर्ष लग जाते।

और पढ़ें-कैसे अजमेर शरीफ दरगाह ने विश्व के इकलौते ब्रह्मा जी के मंदिर ‘पुष्कर महातीर्थ’ को निगल लिया?

रासबिहारी बसु की गाथा

ये व्यक्ति थे रासबिहारी बसु जिनके अनुयाइयों में स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस तक सम्मिलित थे। इनका जन्म 25 मई 1886 को बंगाल में बर्धमान जिले के सुबालदह ग्राम में एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। इनकी आरम्भिक शिक्षा चन्दननगर में हुई जहां उनके पिता विनोद बिहारी बसु नियुक्त थे।

रासबिहारी बसु बचपन से ही देश की स्वतंत्रता के स्वप्न देखा करते थे और क्रान्तिकारी गतिविधियों में उनकी गहरी रुचि थी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रासबिहारी बसु ने अभियांत्रिकी एवं चिकित्सा के क्षेत्र में दीक्षा फ्रांस एवं जर्मनी से प्राप्त किया और इसके पश्चात देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में कुछ समय तक हेड क्लर्क के रूप में काम किया।

उसी दौरान बसु का क्रान्तिकारी जतिन मुखर्जी की अगुआई वाले युगान्तर नामक क्रान्तिकारी संगठन के अमरेन्द्र चटर्जी से परिचय हुआ और वह बंगाल के क्रान्तिकारियों के साथ जुड़ गये। बाद में वह अरबिंदो घोष के राजनीतिक शिष्य रहे यतीन्द्रनाथ बनर्जी उर्फ निरालम्ब स्वामी के संपर्क में आए और फिर उसके बाद वे संयुक्त प्रान्त, (वर्तमान उत्तर प्रदेश) और पंजाब के प्रमुख आर्य समाजी क्रान्तिकारियों के निकट आये।

इसी समय 1905 में तत्कालीन भारतीय वाइसरॉय लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल के विभाजन की घोषणा की और कांग्रेस की राजनीतिक निष्क्रियता देखते हुए ‘गरम दल’ का उद्भव हुआ जिन्होंने क्रांतिकारियों को बढ़ावा देना प्रारंभ किया। इसका लाभ उठाते हुए बंगाल के युवा क्रांतिकारियों ने आक्रामक रूप से भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन पर कार्य करना प्रारंभ किया। रासबिहारी बसु इन्हीं आक्रामक क्रांतिकारियों में सम्मिलित थे। परंतु वे केवल आक्रामक ही नहीं थे, वे चतुर भी थे और शीघ्र ही इसका समय-समय पर परिचय भी देते थे।

वायसराय लार्ड हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना

दिल्ली में जार्ज पंचम के १२ दिसंबर १९११ को होने वाले दिल्ली दरबार के बाद जब वायसराय लॉर्ड हार्डिंग की दिल्ली में सवारी निकाली जा रही थी तो उसकी शोभायात्रा के दौरान वायसराय लार्ड हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने में रासबिहारी की प्रमुख भूमिका रही थी। अमरेन्द्र चटर्जी के एक शिष्य बसन्त कुमार विश्वास ने भेष बदलकर उन पर बम फेंका परंतु उनका निशाना चूक गया। इसके बाद ब्रिटिश पुलिस रासबिहारी बसु के पीछे लग गयी, परंतु उन्होंने चतुराई से देहरादून की ट्रेन पकड़ ली और आफिस में इस तरह काम करने लगे मानो कुछ हुआ ही न हो।

ये तो कुछ भी नहीं, अगले दिन उन्होंने देहरादून के नागरिकों की एक सभा बुलायी जिसमें उन्होंने वायसराय पर हुए हमले की निन्दा भी की। इस प्रकार उन पर इस षड्यंत्र और काण्ड का प्रमुख संचालक होने का किंचितमात्र भी सन्देह किसी को न हुआ।

इसी बीच 1913 में बंगाल में बाढ़ राहत कार्य के समय जतीन्द्र नाथ मुखर्जी से बसु की मुलाकात हुई, मुखर्जी को उनकी वीरता के लिए ‘बाघ जतिन’ भी बुलाते थे। ऐसे ओजस्वी व्यक्ति से मिलकर रासबिहारी बसु इसके बाद दोगुने उत्साह के साथ फिर से क्रान्तिकारी गतिविधियों के संचालन में जुट गये। भारत को स्वतंत्र कराने के लिये उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गदर की योजना बनायी। फरवरी 1915 में अनेक भरोसेमंद क्रान्तिकारियों की सेना में घुसपैठ कराने की कोशिश की गयी। विदेश में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रथम आजाद हिन्द की सरकार भी स्थापित की गयी, जिसमें करतार सिंह सराभा, सोहन सिंह भाकना, रासबिहारी बसु जैसे लोगों ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

युगान्तर के कई नेताओं ने सोचा कि यूरोप में युद्ध होने के कारण चूंकि अभी अधिकतर सैनिक देश से बाहर गये हुये हैं, अत: शेष बचे सैनिकों को आसानी से हराया जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य से उनका यह प्रयास भी असफल रहा और कई क्रान्तिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। ब्रिटिश खुफिया पुलिस ने रासबिहारी बसु को भी पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह उनके हत्थे नहीं चढ़े और भागकर विदेश से हथियारों की आपूर्ति के लिये जून 1915 में राजा पी. एन. ठाकुर के छद्म नाम से जापान प्रशासित शंघाई में पहुंचे और वहां रहकर भारत देश की आजादी के लिए काम करने लगे।

इस प्रकार उन्होंने कई वर्ष निर्वासन में बिताए परंतु जापान में भी रासबिहारी बसु चुप नहीं बैठे और वहां के अपने जापानी क्रान्तिकारी मित्रों के साथ मिलकर देश की स्वतंत्रता के लिए निरन्तर प्रयास करते रहे। उन्होंने जापान में अंग्रेजी अध्यापन के साथ लेखक और पत्रकार के रूप में भी काम प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने वहां न्यू एशिया  नाम से एक समाचार पत्र भी निकाला। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने जापानी भाषा भी सीखी और १६ पुस्तकें लिखीं। उन्होंने टोकियो में होटल खोलकर भारतीयों को संगठित किया तथा ‘रामायण‘ का जापानी भाषा में अनुवाद किया। विदेश में रहकर न धर्म से कोई समझौता किया, न राष्ट्र से। ऐसे थे रासबिहारी बसु।

और पढ़ें- HMT की घड़ी भारत में इतनी लोकप्रिय कैसे हुई थी?

जापान में पत्रकार और लेखक के रूप में रहने लगे

लगभग एक साल तक अपनी पहचान और आवास बदलते रहे। १९१६ में जापान में ही रासबिहारी बसु ने प्रसिद्ध पैन एशियाई समर्थक सोमा आइजो और सोमा कोत्सुको की पुत्री से विवाह कर लिया और १९२३ में वहां की नागरिकता ग्रहण कर ली। जापान में वह पत्रकार और लेखक के रूप में रहने लगे। उनके एक पुत्र ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी सेना की ओर से लड़ते हुए वीरगति भी प्राप्त की। जापानी अधिकारियों को भारतीय राष्ट्रवादियों के पक्ष में खड़ा करने और देश की आजादी के आन्दोलन को उनका सक्रिय समर्थन दिलाने में भी रासबिहारी बसु की अहम भूमिका रही।

परंतु उनकी वास्तविक परीक्षा होनी बाकी थी। रासबिहारी बसु ने २८ मार्च १९४२ को टोक्यो में एक सम्मेलन बुलाया जिसमें ‘इंडियन इंडीपेंडेंस लीग’ की स्थापना का निर्णय किया गया। इस सम्मेलन में उन्होंने भारत की आजादी के लिए एक सेना बनाने का प्रस्ताव भी पेश किया।

रासबिहारी बसु ने ये निर्णय यूं ही नहीं लिया था। कुछ ही माह पूर्व ब्रिटिश सिंगापुर में फैरर पार्क के निकट Allies की विशाल सेना को केवल 36000 से कुछ अधिक जापानियों ने परास्त कर दिया था, जिसमें लगभग 50000 के आसपास ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सिपाही भी थे। यहीं पर रासबिहारी बसु ने वो अवसर देखा जिसके लिए वे वर्षों से तरस रहे थे। उन्होंने जापानी सेना के मेजर फुजीवारा और ब्रिटिश इंडियन आर्मी के कैप्टन मोहन सिंह से संपर्क साधा और यहीं से नींव पड़ी आज़ाद हिन्द फौज की।

इसी बीच आगमन हुआ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जो ब्रिटिश साम्राज्यवादियों को धता बताते हुए सफलतापूर्वक जर्मनी पहुंच गए थे और युद्धपोत के मार्ग से अब सिंगापुर पहुंच चुके थे। कहते हैं कि बसु के सुझाव पर विनायक दामोदर सावरकर ने सुभाष चंद्र बोस से वार्तालाप की और उन्हें सुझाव दिया कि वे किसी भी तरह ब्रिटिश शासकों की आंखों में धूल झोंकते हुए भारत से बाहर निकल लें ताकि भारत का स्वतंत्रता संग्राम वे देश के बाहर से लड़ सकें।

आईएनए का गठन रासबिहारी बसु की इण्डियन नेशनल लीग की सैन्य शाखा के रूप में सितम्बर १९४२ को किया गया। बसु ने एक झण्डे का भी चयन किया जिसे आजाद नाम दिया गया। इस झण्डे को उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के हवाले किया। रासबिहारी बसु शक्ति और यश के शिखर को छूने ही वाले थे कि जापानी सैन्य कमान ने उन्हें और जनरल मोहन सिंह को आईएनए के नेतृत्व से हटा दिया लेकिन आईएनए का संगठनात्मक ढांचा बना रहा। बाद में इसी ढांचे पर सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज के नाम से आईएनए का पुनर्गठन किया।

बसु भारत को ब्रिटिश शासन की गुलामी से मुक्ति दिलाने की जी तोड़ मेहनत करते रहे किन्तु २१ जनवरी १९४५ को इनका निधन हो गया। उनके निधन से कुछ समय पहले जापानी सरकार ने उन्हें आर्डर ऑफ द राइजिंग सन के सम्मान से अलंकृत भी किया था जो उस समय किसी भी विदेशी के लिए जापान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान था। यह भारत देश सदैव रासबिहारी बसु और उनके योगदान का ऋणी रहेगा।

Sources – Without Fear, Kuldip Nayar

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: रासबिहारी बसुसुभाष चंद्र बोस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Axel का बलिदान: भारतीय सेना में लड़ाकू भूमिका में कैसे योगदान देते हैं ‘कॉम्बैट डॉग’

अगली पोस्ट

अजीत डोभाल जी! सर्वधर्म बैठक तो अच्छा है, लेकिन वास्तव में PFI को लताड़ने की आवश्यकता है

संबंधित पोस्ट

जापान करेगा 68 अरब डॉलर का निवेश: भारत बनेगा एशिया का टेक महाशक्ति, चीन की बढ़ेगी टेंशन
अर्थव्यवस्था

ट्रम्प के ‘टैरिफ’ को जापान ने दिखाया आईना- भारत में करेगा 68 अरब डॉलर का निवेश

27 August 2025

भारत और जापान के रिश्तों में अब नया युग शुरू होने जा रहा है। जापान अगले दस साल में 68 अरब डॉलर (करीब 5.7 लाख...

गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल
प्रीमियम

गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

25 August 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जो गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन की...

कस्तूरबा गांधी
इतिहास

महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी के ऊपर जो अत्याचार किए वो डरावने हैं

22 February 2023

उस महिला से बड़ा दुर्भाग्य किसका होगा, जिसके पति कहने को तो एक अद्वितीय समाज सुधारक थे- राष्ट्र के मार्गदर्शक थे- परंतु वास्तव में वो...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55

IAF’s Arabian Sea Drill: Is it A Routine exercise or Future Warfare Preparation?

00:05:26

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited