TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अतुल लिमये संघ के सह सरकार्यवाह हैं

    अरुण कुमार की जगह सह सरकार्यवाह अतुल लिमये संभालेंगे संघ-भाजपा के बीच समन्वय की कमान, संगठन में बदलाव से पहले मिली भाजपा-संघ संबंधों को साधने की बड़ी जिम्मेदारी

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    तेजस्वी का प्रण बनाम एनडीए का संकल्प: बिहार में ‘वोटर मोहिनी’ का खेल और जीत का गणित

    तेजस्वी का प्रण बनाम एनडीए का संकल्प: बिहार में ‘वोटर मोहिनी’ का खेल और जीत का गणित

    बसादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

    सादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अतुल लिमये संघ के सह सरकार्यवाह हैं

    अरुण कुमार की जगह सह सरकार्यवाह अतुल लिमये संभालेंगे संघ-भाजपा के बीच समन्वय की कमान, संगठन में बदलाव से पहले मिली भाजपा-संघ संबंधों को साधने की बड़ी जिम्मेदारी

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    तेजस्वी का प्रण बनाम एनडीए का संकल्प: बिहार में ‘वोटर मोहिनी’ का खेल और जीत का गणित

    तेजस्वी का प्रण बनाम एनडीए का संकल्प: बिहार में ‘वोटर मोहिनी’ का खेल और जीत का गणित

    बसादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

    सादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ऋषिकेश मुखर्जी: फिल्मकार जो सरल लेकिन ऐसी फिल्में बनाता था जिन्हें पीढ़ियां याद रखें

इनकी कोई बराबरी नहीं!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
30 September 2022
in चलचित्र
hrishikesh mukherjee
Share on FacebookShare on X

‘गोलमाल है भई सब गोलमाल है, सीधे रास्ते की एक टेढ़ी चाल है, गोलमाल है भई सब गोलमाल है!”

कुछ स्मरण हुआ? एक युग ऐसा भी था जब लोगों को सिनेमाघरों में आकर्षित करने के लिए न चमचमाती गाड़ी चाहिए होती थी, न अभद्र भाषा और न ही किसी प्रकार की विलासिता। सरल जीवन, हंसते खेलते लोग और आम दिनचर्या से काम चल जाता।

संबंधितपोस्ट

यूँ ही नहीं भाजपा ने चुना रामलीला मैदान – ‘सिंहासन खाली करो’ से लेकर ‘मैं हूँ आम आदमी’ और ‘आप-दा हटाओ’ तक, इस ऐतिहासिक मैदान ने लिखी है सत्ता के उत्थान-पतन की कहानी!

‘गायिकी से भी हो सकती है देशसेवा’: जब पशोपेश में फँसीं लता मंगेशकर को वीर सावरकर ने दिखाई राह

आपत्तिजनक सामग्री को प्रस्तुत करने वाले कॉमेडियन का समर्थन करने के बाद से ही कोटक बैंक निशाने पर है

और लोड करें

आज मिलते हैं कहीं ऐसे लोग?

परंतु एक समय ऐसा भी था, जब ऐसे फिल्मकार भी थे और इनकी फिल्मों को देखने के लिए जनता लालायित भी रहती थी। इनकी फिल्मों को देखने के लिए परिवार का हर सदस्य ऐसे सिनेमा हॉल से चिपकता था जैसे बचपन में बालक कार्टून देखते समय टीवी से चिपकता है। इस व्यक्ति का नाम है ऋषिकेश मुखर्जी, जिन्होंने सिनेमा को पारिवारिक रूप दिया।

ऋषिकेश मुखर्जी का जन्म 30 सितंबर 1922 को कोलकाता मेंं हुआ था और उनकी मृत्यु 27 अगस्त 2006 को मुंबई में हुई थी। उन्होंने विज्ञान विषय से पढ़ाई की थी और कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई रसायन शास्त्र में पूरी की थी और कुछ समय तक अध्यापक के रूप में भी काम किया था।

ऋषिकेश के फिल्मों में सबसे विशेष बात है उनका सामाजिक संदर्भ। आज जो प्रसिद्धि TVF को ‘डाउन टू अर्थ’ यानी जमीन से जुड़ी तमाम सीरीज़ दिखाकर प्राप्त है ये बहुत ही पूर्व ऋषिकेश मुखर्जी अपनी फिल्मों से प्रारंभ कर चुके थे।

और पढ़े: परवीन, जिया, रिया और सुशांत: महेश भट्ट का स्याह जीवन

उनकी फ़िल्मों में हिंदुस्तान नज़र आता था

ऋषिकेश मुखर्जी को याद करते हुए जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर कहती थीं- “मैं उन्हें एक निर्देशक और अपने बड़े भाई के रूप में याद करती हूं। उनसे मेरे काफ़ी अच्छे संबंध थे। उनकी पहली फ़िल्म से मैंने उनके साथ काम किया था।” लता मानती थीं- “गुरुदत्त, शांताराम और बिमल दा के बाद ऋषिकेश दा ही थे जिनकी फ़िल्मों में हिंदुस्तान नज़र आता था। उनकी फ़िल्मों में गांवों और शहरों में रहने वाला असली हिंदुस्तान नज़र आता था।”

ऋषिकेश दा के साथ बीते वक्त को याद करते हुए लता मंगेशकर बताती थीं- “कई राज्यों में सफ़ेद साड़ी किसी के गुज़र जाने पर पहनी जाती है। मैं हमेशा से सफ़ेद साड़ी पसंद करती रही हूं। मुझे याद है कि वो मुझे इसके लिए हमेशा टोकते थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरे पास किनारेदार साड़ी पहनकर ही आना और इसलिए मैं उनके पास वैसी ही साड़ी पहनकर जाती थी।”

इन्होंने संपादक के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया और कई सुपरहिट, ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अपना योगदान दिया। दो बीघा जमीन, देवदास, मधुमती, गंगा जमुना, इनके ही कुशल सम्पादन की देन थी। परंतु इन्होंने शीघ्र ही सोचा क्यों न लंबा हाथ मारा जाए? सो निकल पड़े निर्देशन के क्षेत्र में।

और पढ़े: रणवीर सिंह – उम्दा एक्टर से नौटंकी बनने तक की कहानी

निर्देशन के क्षेत्र में आजमाया हाथ 

ऋषिकेश मुखर्जी ने प्रारंभ किया मुसाफिर नामक फिल्म से जो 1957 में प्रदर्शित हुई। यह बहुत बड़ी सफलता नहीं थी, परंतु उनकी दूसरी फिल्म अनाड़ी ने बॉलीवुड की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी। इस फिल्म ने राज कपूर के स्टार स्टेटस में चार चांद लगाए, बॉलीवुड को अद्वितीय ऊंचाई दी और आम तौर पर धीर गंभीर गाने के लिए चर्चित मुकेश से सकारात्मक गाने भी गवाये।

फिर तो ऋषिकेश दा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1961 में प्रदर्शित अनुराधा ने न केवल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया अपितु उसके बाद उनके हल्के फुल्के मनोरंजक फिल्मों की लाइन लग गई। उन्हें तो मानों लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त था, जिस वस्तु या फिल्म को छूते वो सोना बन जाती। जब राजेश खन्ना सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगे तो ऋषिकेश मुखर्जी ने भी इस अवसर का लाभ उठाया और उन्हें उनकी दो सबसे अभूतपूर्व फिल्में प्रदान की- ‘आनंद’ और ‘बावर्ची’ और वैसे भी जैसे आनंद बाबू कहे हैं, ‘बाबू मोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं!’

निर्देशन क्षेत्र में आने से पहले मुखर्जी प्रिंसिपल भी रह चुके थे। इसलिए क्या बोलना है, कैसे बोलना है और क्या नहीं कहना है? ये बातें भली-भांति जानते थे। कई बार वो धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना जैसे स्टार्स को किसी स्कूली बच्चे की तरह समझाते तो कभी सुना भी देते थे।

और पढ़े: पहले द कश्मीर फाइल्स, फिर RRR और अब RSS पर फिल्म, बदल रही है भारतीय सिनेमा की स्थिति!

देरी से आने पर शूटिंग कर दी कैंसिल

उदाहरण के लिए एक स्टार उनकी फिल्म के सेट पर 9 बजे की शिफ्ट होने के बावजूद करीब 12:30 बजे पहुंचा। चूंकि ऋषि दा को सेट पर लेट आने वाले लोग पसंद नहीं थे इसलिए जब वो स्टार आया तो वे उस समय तो कुछ नहीं बोले। जब स्टार ने मेकअप करवा लिया और शॉट देने के लिए तैयार हो गया तब अचानक ऋषि दा ने कहा कि आज शूटिंग नहीं होगी।

उनका मूड कब बदल जाए यह कोई नहीं जानता था। उनसे जुड़ा एक और किस्सा यह है कि एक बार अमोल पालेकर उनके साथ शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने कोई शॉट दिया जो काफी अच्छा था पर अमोल को लगा कि वे इसे दोबारा और बेहतर कर सकते हैं। मुखर्जी के मना करने पर भी जब अमोल अड़े रहे तो मुखर्जी ने दोबारा शॉट तो लिया, लेकिन फाइनल फिल्म में उन्होंने पहले वाला शॉट ही रखा।

आपको पता है कि ‘आनंद’ फिल्म के लिए राजेश खन्ना प्रथम विकल्प नहीं थे? किशोर कुमार की लोकप्रियता को देखते हुए ऋषिकेश मुखर्जी उन्हें ही लेना चाहते थे, परंतु उन्हें अंत समय पर रिजेक्ट कर दिया। कारण थे स्वयं किशोर कुमार।

वो कैसे? फिल्म आनंद में ऋषिकेश दा पहले किशोर कुमार को कास्ट करने वाले थे पर उन्हीं दिनों किशोर कुमार का एक बंगाली प्रोड्यूसर से विवाद हो गया और उन्होंने गार्ड को निर्देश दिए कि कोई बंगाली मुझसे मिलने आए तो उसे भगा देना। एक दिन ऋषिकेश दा उनके घर पहुंचे लेकिन गार्ड ने उन्हें जाने नहीं दिया। इसके बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने किशोर कुमार के साथ फिल्म बनाने का इरादा ही छोड़ दिया।

और पढ़े: राम गोपाल वर्मा की राह पर चल पड़े हैं अनुराग कश्यप, बस तनिक और डूबने की देर है

ऋषिकेश दा ने 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। उन्होंने 5 बार प्रेसिडेंट सिल्वर मेडल जीता जो अनाड़ी, अनुपमा, आशीर्वाद, सत्यकाम और आनंद जैसी फिल्मों के लिए मिला। 1999 में वे दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित हुए। 2001 में मुखर्जी साहब को पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा गया। इसी वर्ष उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट एनटीआर नेशनल अवॉर्ड भी दिया गया। 2006 में उन्होंने इस लोक को सदा के लिए अलविदा कह दिया था। आज भारत विशेषकर सिनेमा उद्योग उनकी साफ सुथरी फिल्मों को बहुत याद करता है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: Filmmaker Hrishikesh MukherjeeHrishikesh Mukherjee Directed MoviesHrishikesh Mukherjee Directorऋषिकेश मुखर्जीलता मंगेशकर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

स्मार्टफोन में NavIC अनिवार्य, अमेरिकी GPS को भारत का गुडबाय

अगली पोस्ट

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर ‘जूतम-पैजार’ मचा है

संबंधित पोस्ट

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

जमीयत ने अदालत का रुख किया, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई: क्या 'उदयपुर फाइलें' इतनी वास्तविक हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल है?
चलचित्र

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत; ‘सिर तन से जुदा’ हो पर खामोश रहे हिंदू?

8 July 2025

राजस्थान के उदयपुर जिले के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45

How ‘Grokipedia’ Seeks to Correct Perceived Ideological Biases in India-Related Wikipedia Articles”

00:08:17

When Animal Activism Crosses the Line: The Dangerous Side of "Pet Lovers

00:07:36

The Night Before Kashmir’s Fate Was Decided — The battle of Kashmir and Role of RSS |

00:07:40
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited