करे कोई और भरे कोई। कुछ ऐसा ही हाल है आज भारत का, जहां उसे उसके ही लोग यह कहते दिखते हैं कि क्यों भारतीय इतने असहिष्णु हैं। भले ही इस बात का कोई आधार न हो पर क्योंकि अवसर पाते ही टूलकिट गैंग ऐक्टिव हो जाती है इसलिए सारे आधार धरे के धरे रह जाते हैं। हालिया उदाहरण है उन भारतीय क्रिकेटर अर्शदीप सिंह का जिनसे रविवार को हुए भारत-पाकिस्तान मैच में एक कैच छूट गया और उन्हें सोशल मीडिया की तथाकथित टूलकिट गैंग ने खालिस्तानी और भारत विरोधी बताना शुरू कर दिया। प्रथम दृष्टया यह भारत के उन लोगों की कमी है जो बिना जांच पड़ताल किए ज्ञान बघारना शुरू कर देते हैं और असल वास्तविकता जाने बगैर अपने ही लोगों को कठघरे में खडा कर देते हैं। कुछ जेल से बेल पर बाहर घूम रहे तथाकथित फैक्टचेकर से इसकी अपेक्षा की जाती है पर जब भारतीय खिलाड़ी और संसद के उच्च सदन में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले ही ऐसा करने लगें तो मामला विचारणीय हो जाता है।
इस लेख में जानेंगे कि कैसे जब भारतीय क्रिकेटर अमन की आशा फैलाने में लगे थे तब पाकिस्तान खालिस्तान को बढ़ावा दे रहा था।
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खालिस्तानी और देशविरोधी बताने का नेक्सस
दरअसल, रविवार को एशिया कप में पाकिस्तान के विरुद्ध खेले गए मैच में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस हार के बाद नवोदित भारतीय क्रिकेटर अर्शदीप सिंह को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उनके खिलाफ ‘प्रचार’ करते हुए कुछ राष्ट्रविरोधी प्रपंचकर्ता उन्हें खालिस्तान से जोड़कर भारत में माहौल खराब करने की साजिश रच रहे हैं। अर्शदीप सिंह के हाथ में आए एक कैच को भूलवश उनके हाथ से छूट जाने पर और अंततः भारत की हार के बाद तमाम सोशल मीडिया माध्यमों पर उन्हें खालिस्तानी और देशविरोधी बताने का नेक्सस शुरू हो गया था। इस पर बिना पड़ताल किए पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने भारतीयों को सीख देना ठीक समझा बजाय सच जानने के। ज्ञात हो कि मैच में अर्शदीप से 18वें ओवर की तीसरी गेंद में आसिफ अली का कैच छूटा था।
हरभजन सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि, “युवा अर्शदीप की आलोचनाएं बंद करो। कोई जानबूझ कर कैच को नहीं छोड़ता है। हमें अपने लड़कों पर गर्व है। पाकिस्तान ने बढ़िया खेला। शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जो अपने लोगों को ऐसा कहकर नीचे गिराते हैं। अर्शदीप सोना है।” हरभजन ने जल्दबाज़ी में मतलब सच जानना तो दूर उसके अंश भी तलाशने ज़रूरी नहीं समझे।
Stop criticising young @arshdeepsinghh No one drop the catch purposely..we are proud of our 🇮🇳 boys .. Pakistan played better.. shame on such people who r putting our own guys down by saying cheap things on this platform bout arsh and team.. Arsh is GOLD🇮🇳
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) September 4, 2022
एक और महाझूठे स्वघोषित फैक्टचेकर मोहम्मद ज़ुबैर ने इस पूरी टूलकिट को ढकने के लिए सारा ठीकरा भारत और भारतीयों पर फोड़ दिया। ज़ुबैर ने ट्वीट कर लिखा कि, “देखो कैसे एक कैच मिस हुई और, #INDVSPAK” ट्वीट किया। इस ट्वीट में ज़ुबैर ने ट्वीटों का संकलन करके डाला और यह कहा कि यह सभी भारतीयों ने किया है।
One drop catch and….. 🤮🤮🤢🤢#INDvsPAK pic.twitter.com/6lhFjkQ6wf
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 4, 2022
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क्या है पूरा षड्यंत्र?
अब एक और षड्यंत्र पर आते हैं उसके बाद उक्त सभी दावों की पोल-पट्टी खोलेंगे। दरअसल, सोशल मीडिया तो सोशल मीडिया, भारत विरोधी तंत्र और उनके द्वारा संचालित टूलकिट की आंच जानकारी के विश्वसनीय स्त्रोत माने जाने वाले विकिपीडिया पर भी आयी। विकिपीडिया पर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी बताया गया जिसके बाद एक-एक कर सभी दावे, ट्वीट एक प्रपंच साबित होते गए और पता चला कि यह साजिश और कहीं से नहीं उसी पाकिस्तान से ऑपरेट की गयी जो हमेशा से भारत की अखंडता को जीर्ण-शीर्ण करने का प्रयास करता है।
विकिपीडिया पर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी बताना पाकिस्तान की ही चाल थी इसका सबूत ट्विटर पर मुखर रहने वाले अंशुल ने दिया। @AskAnshul ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, “भारतीय खिलाड़ी अर्शदीप सिंह का विकिपीडिया पेज संपादित किया गया है और जानबूझकर खालिस्तान जोड़ा गया है। इस संपादन और अर्शदीप सिंह को निशाना बनाने के पीछे कौन है? पाकिस्तान! यहां संपादक का आईपी विवरण दिया गया है।”
Wikipedia page of Indian Player Arshdeep Singh has been edited & deliberately Khalistan is added.
Who is behind this editing & targeting Arshdeep Singh?
Someone from Pakistan.
Here are the IP details of editor. pic.twitter.com/CErervW3Q2
— Anshul Saxena (@AskAnshul) September 4, 2022
अब उक्त दावों की बात करें जिन पर हरभजन सिंह और मोहम्मद ज़ुबैर ने ज्ञान बघारा था तो वो भी पाकिस्तानी साजिश थी यह सत्य भी बाहर आ गया है। जितने ट्वीट हुए वो अन्तोत्गत्वा पाकिस्तान से संचालित होने वाले ट्विटर हैंडल पाए गए। पाकिस्तानी ट्विटर अकाउंटों से प्रोपेगेंडा फैलाकर खेल के रास्ते ‘दुश्मनी’ पैदा करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे तमाम ट्वीटों का पर्दाफाश करते हुए अंशुल सक्सेना(@AskAnshul) ने अपने twitter अकाउंट से सभी ट्वीट शेयर किए हैं। इनमें कुछ पाकिस्तानी पत्रकार हैं तो मूल रूप से पाकिस्तानी हैं जो पाकिस्तानी होते हुए यह मांग कर रहे हैं कि अर्शदीप सिंह एक खालिस्तानी है और उसे खालिस्तान ही भेज देना चाहिए।
1) Indian cricket player Arshdeep dropped a catch in the 2nd match of India Vs Pakistan, Asia Cup 2022.
And, now accounts from Pakistan are running Khalistan propaganda & calling Arshdeep a Khalistani.
Here is the thread! pic.twitter.com/pOyaBPLyJW
— Anshul Saxena (@AskAnshul) September 4, 2022
इस पूरे प्रकरण में जिस प्रकार पाकिस्तान ने टूलकिट का प्रयोग कर भारत और भारतीयों के बीच फूट डालने के प्रयास किए वो सभी ध्वस्त हो गए और अब आईटी मंत्रालय ने भारत में विकिपीडिया के अधिकारियों को सोमवार को मिलने के लिए बुलाया है, ताकि यह स्पष्टीकरण मांगा जा सके कि भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज अर्शदीप सिंह की विकिपीडिया जानकारी को परिवर्तित करते हुए उसे खालिस्तान से कैसे जोड़ा गया?
#Breaking: IT ministry (@GoI_MeitY) summons #Wikipedia (@Wikipedia) executives in India, to meet them today to seek an explanation on how Indian cricket team bowler Arshdeep Singh's Wikipedia page entry was changed to reflect Khalistan association.
— Aashish Aryan (@aashisharyanET) September 5, 2022
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वहीं ट्विटर पर छिड़े द्वंद्व को भी सच सामने आने के बाद शांत होना पड़ा क्योंकि सच, झूठ के अंधकार से ज़्यादा सामर्थ्यवान होता है, सच का प्रकाश ही अनंत हैं तो झूठ जैसा क्षणभंगुर कण उसका क्या ही बिगाड़ लेगा। इस पूरे प्रकरण से यह सीख मिलती है कि जल्दबाज़ी में कोई भी प्रतिक्रिया देना समझदारी नहीं होती।
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