Chief Selector of PCB: पाकिस्तान और पाकिस्तान के क्रिकेटरों का इतिहास विश्वभर में विवादास्पद रहा है। पाकिस्तान के द्वारा ऐसे लोगों को तवज्जो देने की आदत काफी पुरानी रही है, जिनका विवादों से गहरा नाता होता है। राजनीति हो या सेना, क्रिकेट हो या फिर कोई अन्य क्षेत्र, जो जितना विवादों से घिरा होगा वो पाकिस्तान में उतना सर्वोच्च पद पाने लायक माना जाता हैं। भ्रष्टाचार और आतंकवाद ने पाकिस्तान को खोखला कर दिया। अपनी करतूतों के कारण उसे आए दिन हर वैश्विक मंच फजीहत का सामना करना पड़ता है।
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शाहिद अफरीदी बने मुख्य चयनकर्ता
वहीं अब पाकिस्तान ने अपनी करतूतों के चलते विश्वभर में प्रसिद्ध खिलाड़ी शाहिद अफरीदी को पुरुष राष्ट्रीय टीम का अंतरिम मुख्य चयनकर्ता (Chief Selector of PCB) नियुक्त किया गया है। जी हां, वही शाहिद अफरीदी जो मैच के दौरान बेईमानी करके कई बार पाकिस्तान की फजीहत करा चुके हैं। स्पीन के नाम पर फास्ट बॉल करने वाले अफरीदी का विवादों से बेहद ही गहरा रिश्ता रहा है। कभी कट्टरपंथ को लेकर, कभी उम्र को लेकर, तो कभी संन्यास को लेकर चर्चाओं बटोरने वाले व्यक्ति को टीम का मुख्य चयनकर्ता (Chief Selector of PCB) बनाने पर उन्हीं के देश के खिलाड़ी उनका मजाक बना रहे हैं।
शाहिद अफरीदी को चयनकर्ता (Chief Selector of PCB) नियुक्त करने के बाद उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एक मुकाबले में गेंद को दांत से काटने की कोशिश की थी। ये बात वर्ष 2010 की हैं जिसके बाद अफरीदी पर दो मैच के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया गया था। ऐसे खिलाड़ी को टीम का मुख्य चयनकर्ता बनाने से पाकिस्तान को आखिर क्या ही हासिल होगा? दरअसल, बात तो ये है अफरीदी, पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की राह पर हैं। शाहिद अफरीदी की महत्वकांक्षाए राजनीति में सर्वोच्च पद हासिल करने की हैं। इस लेख में हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि शाहिद अफरीदी कैसे इमरान खान के लिए खतरा साबित हो सकते हैं?
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इमरान खान के लिए बनेंगे खतरा?
दरअसल, यह दावा किया जाता है कि पाकिस्तान में क्रिकेट, राजनीति समेत अन्य क्षेत्रों पर गुप्त रूप से वहां की सेना का ही नियंत्रण रहता है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चाहे कोई भी बने लेकिन सत्ता का रिमोट सेना के पास ही होता है। यदि हम वर्तमान की बात करें तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना आमने सामने वाली स्थिति में हैं। पाकिस्तान की सेना इमरान खान के राजनीतिक करियर को खत्म करना चाहती है। हालांकि, इमरान खान की बेतहाशा बयानबाजी ने पाकिस्तानी सेना की उनसे छुटकारा पाने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया है।
ऐसे में पाक सेना एक और लोकप्रिय, कट्टरता से भरे और सबसे महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षा रखने वाले क्रिकेटर से उन्हें उम्मीद है कि वे पूरी तरह से इमरान खान से छुटकारा दिला सकते हैं। क्योंकि इमरान खान की तरह ही शाहिद अफरीदी भी एक लोकप्रिय क्रिकेटर हैं, जिनकी अंधी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं और दूसरी बात अफरीदी की धार्मिक कट्टरता भी इमरान से कम नहीं है। समय-समय पर पूर्व विवादित पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी अपनी धार्मिक कट्टरता का परिचय दे चुके हैं। अफरीदी धार्मिक कट्टरता में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने इससे अपनी बेटियों तक को अछूता नहीं छोड़ा। शाहिद ने स्वयं ही एक बार यह खुलासा किया था कि उनकी बेटी एक सीरियल देखकर ‘आरती’ करने की नकल उतार रही थी। इसके बाद शाहिद ने गुस्से में आकर घर का टीवी ही तोड़ दिया था।
देखा जाये तो शाहिद अफरीदी और इमरान खान दोनों ही पठान जनजाति से आते हैं। साथ ही उनकी उम्र में घपलेबाजी, गेंद से छेड़छाड़, स्पष्ट रूप से उनके बेशर्म और घोटालेबाज रवैये को उजागर करता है, जो पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य प्रमुखों की कारनामों से लगभग मेल खाता है। शाहिद अफरीदी के पास वो सब है जो वहां के पीएम बनने की योग्यता को चाहिए होता है।
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एक जैसा है दोनों का व्यक्तित्व
क्रिकेट से संन्यास के बाद से शाहिद अफरीदी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए चर्चा में रहे हैं। वो कश्मीरी के मुद्दे पर बोलकर पाकिस्तान में वाह-वाही लूटते हैं। कोरोना के समय लोगों की मदद करके उन्होंने पाकिस्तान में लोगों के बीच मसीहा बनने का प्रयास किया था। यहां ध्यान देने योग्य यह बात है कि इमरान खान ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत समाज सेवा से ही की थीं। वहीं वर्ष 2016 में शाहिद अफरीदी ने कहा था कि वह राजनीति में आकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
ऐसे में शाहिद अफरीदी, इमरान खान की राह पर चलकर अपनी राजनीति में आने की इच्छा को पूरी करने की दिशा में काम कर रहे हैं और सेना को भी पाकिस्तान की सेना को जिस तरह का व्यक्ति पाकिस्तान का शासन चलाने के लिए चाहिए उस पैमाने पर भी बेईमान अफरीदी फिट बैठते हैं। जब पाकिस्तान के शीर्ष पदों पर इस तरह के अयोग्य लोग बैठते रहेंगे तब तक पाकिस्तान का कुछ नहीं हो सकता।
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