एक समय था जब इस्लामिक कट्टरपंथी सपना देखते थे कि- हाथ में कटोरी मुंह में पान, लेकर रहेंगे पाकिस्तान… पाकिस्तान तो भारत विभाजन के साथ ही कट्टरपंथियों ने ले लिया लेकिन बाद में यही लोग कश्मीर मुद्दे पर सहम गए। आजकल पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर नौटंकी कर पूरी दुनिया में हंसी का पात्र बना हुआ है। वर्तमान में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ऐतिहासिक बर्बादी की ओर है। देश में खाने को अन्न नहीं है और बिजली की कमी है, इसके बावजूद वह कश्मीर का राग अलाप रहा है। इसके चलते एक नया नारा चल पड़ा है। ये बेगैरत मुल्क एक हाथ में भीख का कटोरा दूसरे हाथ में परमाणु हमले की धमकी के साथ मुंह पर कश्मीर का राग अलाप रहा है।
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इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसे कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों का सहयोग मिलेगा लेकिन दिक्कत यह है कि भारत का कूटनीतिक कद अब इस्लामिक और गैर इस्लामिक की बेड़ियों के आगे निकल गया है और दो प्रमुख इस्लामिक देश यानी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने भी पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया है। इन दोनों देशों के द्वारा पाकिस्तान को छिटक देना स्पष्ट संदेश हैं कि पाकिस्तान अब कश्मीर मुद्दे पर तुर्की जैसे देशों का ही साथ हासिल कर पाएगा जिसका अपना कोई वजूद ही नहीं है और अधिक से अधिक अवसरवादी अमेरिका का साथ दे देगा।
दरअसल, भारत हमेशा से ही कश्मीर के मुद्दे पर सख्त रहा है और किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को हमेशा से ही अस्वीकार करता रहा है। वहीं पाकिस्तान दुनियाभर में कश्मीर का राग अलापते नहीं थक रहा है लेकिन फिर भी उसके समर्थन में कोई नहीं आ रहा है। और तो और भारत जिस तरह से वैश्विक रूप से अपनी छवि को निखारता जा रहा है, ऐसे में दुनियाभर के देश भारत की ओर देख रहे हैं। यही कारण है कि भारत की छवि से प्रभावित कई देश कश्मीर मुद्दे को लेकर अब पाकिस्तान को ही समझाने पर तुले हैं।
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मित्रता का हाथ बढ़ाने की सलाह
वर्तमान की बात करें तो यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों ने पाकिस्तान को समझाया है कि अब पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे से हाथ धो लेने चाहिए और भारत की ओर मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए जिससे उसका भी विकास ही होगा।
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि ओआईसी कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ नहीं देगा। यूएई और सऊदी अरब ने कहा है कि भारत के साथ कश्मीर मुद्दे के टकराव को खत्म करना चाहिए और पाकिस्तान को हमेशा के लिए भूल जाना चाहिए। अब इन देशों का बयान भारत के लिए खुशखबरी और पाकिस्तान के लिए झटका कैसे है चलिए आपको बताते हैं।
याद हो कि अगस्त 2019 में भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया था, उस दौरान ही पाकिस्तान ने ओआईसी यानी इस्लामिक देशों के संगठन का रुख किया था। ओआईसी ने भी भारत के इस कदम पर सवाल उठाए थे लेकिन पिछले तीन वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत आगे बढ़ता रहा है और इस्लामिक देशों का रुझान भी भारत को लेकर पहले से अधिक सुधरा है। देखने वाली बात है कि सऊदी अरब में पीएम मोदी का दौरा हो या यूएई के साथ भारत के मजबूत कूटनीतिक संबंध, ये कदम पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनते गए हैं।
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56 देशों के संगठन में भी पाकिस्तान को भाव नहीं
ध्यान देना होगा कि ओआईसी 56 देशों का संगठन है और इस संगठन में सऊदी अरब का बहुत प्रभाव है। अब जब उसने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को सीख दी है तो स्पष्ट रूप से उसका पाकिस्तान विरोधी रुख सामने आ चुका है और इस तरह ओआईसी में भी पाकिस्तान की कश्मीर के मुद्दे पर कोई नहीं सुनेगा, यह स्पष्ट हो गया है।
पाकिस्तान ने हाल ही में रूस को भी खूब लुभाने की कोशिश की लेकिन दिक्कत यह है कि पाकिस्तान को रूस ने भी झटका दिया है। रूस ने जो विश्व का मैप जारी किया उसमें पूरा कश्मीर भारत के हिस्से में दिखाया गया था जो कि भारत के लिए बड़ी राहत की बात थी। कुल मिलाकर कहें तो पाकिस्तान आर्थिक रूप से तो बुरी स्थिति में है ही अब कश्मीर मुद्दे पर भी उसे उसकी ही जमात वाले देश भाव नहीं दे रहे हैं। ऐसे में उसके लिए अच्छा यही होगा कि यूएई और सऊदी अरब की समझाई गई बात पर उसे ध्यान देना चाहिए।
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