भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुणे में किसी को भी नहीं बक्शा, न तो उन्होंने चीन को बक्शा, न ही पाकिस्तान को और न ही कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को। उन्होंने राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया लेकिन कांग्रेस नेता पर करारा कटाक्ष अवश्य किया। वो अपने जिस अंदाज के लिए जाने जाते हैं उसी बेबाक और दमदार अंदाज में उन्होंने इन सभी को आड़े हाथों लिया। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर महाराष्ट्र के पुणे में अपनी पुस्तक द इंडिया वे के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ का विमोचन कर रहे थे। जहां उनकी सबसे पसंदीदा सवाल जवाब वाला खंड शुरू हुआ तो उन्होंने ऐसे-ऐसे जबाव दिए जो सुबह ब्रेकिंग न्यूज ही बन गए।
इस लेख में हम आपको बताएगें कि एस जयशंकर ने ऐसे क्या बयान दे दिए जो हर तरफ उनके बयानों की चर्चाएं हो रही हैं।
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गलत जानकारी फैलाने पर जयशंकर का बयान
दरअसल, पुणे में अपनी किताब के विमोचन के दौरान अपने संबोधन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जानबूझकर कुछ लोग चीन के मुद्दे पर गलत जानकारी फैला रहे हैं। एस. जयशंकर ने कहा कि सन् 1962 में भारत की जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया था फिर भी कुछ लोग ऐसे बताते हैं कि यह कल-परसों में ही हुआ है। अपने बयान में आगे उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि ‘कभी-कभी लोग कहते हैं कि आप की सोच में कमी है। बेशक, मेरी सोच में कमी हो सकती है, यदि मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।’
अगर किसी ज़मीन की बात करते हैं तो ये ज़मीन 1962 में चीन ने कब्ज़ा किया था, वे(विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है…अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज़ या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता: विदेश मंत्री pic.twitter.com/yUNOOEQ89D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2023
इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया उन्होंने कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान को लेकर कहा कि जिस तरह पांडव अपने रिश्तेदार को नहीं चुन सकते, उसी तरह भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को नहीं चुन सकता। उन्होंने कहा कि ये हमारा वास्तविक सच है। उन्होंने आगे कहा कि हम आशा करते हैं कि उनमें अच्छी भावना पैदा हो। जब एस जयशंकर से पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली को लेकर प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि वो इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
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कंगाल पड़ोसी देश की ओर इशारा
इतना ही नहीं एस जयशंकर ने कंगाल पड़ोसी देश की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमें रणनीतिक धैर्य दिखाने की जरूरत है। उन्होंने इस संबंध में कई बार भगवान कृष्ण द्वारा शिशुपाल को क्षमा करने का उदाहरण भी दिया। कृष्ण ने वचन दिया कि वह शिशुपाल की 100 गलतियों को माफ कर देंगे, लेकिन 100वीं के अंत में वह उसे मार डालेंगे।
इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रामायण और महाभारत का जिक्र करते भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान जी को भारत का सबसे बड़ा डिप्लोमेट बता दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे बड़े डिप्लोमेट भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान जी थे। भगवान हनुमान जी तो मिशन से भी आगे बढ़ गए थे। वह मल्टी पर्पज डिप्लोमेट थे। महाभारत की कहानी नियमों का उल्लंघन करने वालों की कहानी है। पांडवों की छवि कौरवों से अच्छी थी।
Lord Hanuman and Lord Krishna were the best diplomats in the World says EAM Dr. S. Jaishankar.
Listen how ….. pic.twitter.com/UfIyrBA4u3
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) January 28, 2023
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विदेशी समाचार पत्रों को भी खरी-खरी सुना दिया
एस जयशंकर इस दौरान विदेशी समाचार पत्रों के लिए भी खरी-खरी कह गए। उन्होंने कहा कि अगर आप विदेशी समाचार पत्र पढ़ें तो वे हिंदू राष्ट्रवादी सरकार जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं। अमेरिका या यूरोप में वे ईसाई राष्ट्रवादी नहीं कहेंगे। ये विशेषण हमारे लिए आरक्षित हैं। वे यह नहीं समझते हैं कि भारत दुनिया के साथ ज्यादा कुछ करने के लिए तैयार है।
एस जयशंकर ने ये सारे जबाव अपने ही अंदाज में दिए। उन्होंने पाकिस्तान और चीन की बखिया तो उधेड़ी ही, चीन के मुद्दे पर और अन्य मुद्दों पर उलजलूल बयान देने वाले राहुल गांधी को भी साफ आइना दिखा दिया।
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