TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम चलाएंगे राहुल गांधी, जानें कांग्रेस नेता ने क्यों कही ये बात

    एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम चलाएंगे राहुल गांधी, जानें कांग्रेस नेता ने क्यों कही ये बात

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम चलाएंगे राहुल गांधी, जानें कांग्रेस नेता ने क्यों कही ये बात

    एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम चलाएंगे राहुल गांधी, जानें कांग्रेस नेता ने क्यों कही ये बात

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    SCO समिट में मोदी की कूटनीति: भारत बना RIC का ‘पावर सेंटर’!

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी के ऊपर जो अत्याचार किए वो डरावने हैं

इन अत्याचारों का वर्णन करने से इतिहासकार आज भी कतराते हैं!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
22 February 2023
in इतिहास, प्रीमियम
कस्तूरबा गांधी

Source: India Today

Share on FacebookShare on X

उस महिला से बड़ा दुर्भाग्य किसका होगा, जिसके पति कहने को तो एक अद्वितीय समाज सुधारक थे- राष्ट्र के मार्गदर्शक थे- परंतु वास्तव में वो अपने घर और परिवार को भी ठीक से नहीं संभाल पाए थे। हम कमला नेहरू की नहीं, कस्तूरबा गांधी की बात कर रहे हैं, जिनके पति कहने को देश के बापू या फिर राष्ट्रपिता थे- लेकिन उन्होंने कस्तूरबा गांधी के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वो डरावना है।

इस लेख में पढ़िए कस्तूरबा गांधी की मृत्यु और उनसे जुड़े उस सत्य को जिसका वर्णन करने में आज भी इतिहासकार कतराते हैं।

संबंधितपोस्ट

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

गांधी का अंतिम संघर्ष: विभाजन के बाद पाकिस्तान को 55 करोड़ देने की कहानी

जब महात्मा गांधी को ‘नस्लभेदी’ बताकर घाना में हटाई गई थी उनकी प्रतिमा

और लोड करें

13 वर्ष की आयु में विवाह

कस्तूरबा का जन्म 11 अप्रैल सन् 1869 में काठियावाड़ के पोरबंदर में हुआ था। कस्तूरबा आयु में महात्मा गांधी से 6 महीने बड़ी थीं। कस्तूरबा के पिता गोकुलदास मकनजी एक आम व्यापारी थे। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं।

उस जमाने में कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं विवाह भी अल्प आयु में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी अशिक्षित थीं और 7 वर्ष की अवस्था में 6 वर्ष के मोहनदास करमचंद गांधी के साथ उनकी सगाई कर दी गई। 13 साल की आयु में दोनों का विवाह करा दिया गया।

अब प्रश्न यह है कि आखिरकार महात्मा गांधी ने कस्तूरबा के साथ ऐसा क्या किया, जिसके बारे में बताने से आज भी कई इतिहासकार कतराते हैं? इसके अनेक उदाहरण है, जिनके बारे में लिखते-लिखते शायद एक सम्पूर्ण उपन्यास बन जाए।

और पढ़ें: गांधी की वास्तविकता दिखाने के कारण प्रतिबंध लगा रहे थे, Gandhi My Father फिल्म की कहानी

परंतु तीन ऐसे प्रमुख उदाहरण है, जिनसे स्पष्ट होता है कि मोहनदास कुछ भी थे, परंतु आदर्श पुरुष नहीं, और जिस “राम राज्य” की वे दुहाई देते थे, उनका आचरण उसके मूल सिद्धांत के ठीक विपरीत था।

सर्वप्रथम उदाहरण है 1888 में मोहनदास की इंग्लैंड यात्रा का। पति-पत्नी 1888 ई. तक लगभग साथ-साथ ही रहे किंतु इंग्लैंड प्रवास के बाद से करीब-करीब अगले बारह वर्ष तक दोनों प्राय: अलग-अलग रहे। इंग्लैंड प्रवास से लौटने के बाद शीघ्र ही गांधी जी को अफ्रीका जाना पड़ा और 1896 में वे भारत आए तब कस्तूरबा को अपने साथ ले गए। तब से कस्तूरबा गांधी के पद का अनुगमन करती रहीं।

कस्तूरबा सेवा में कुशल एवं धर्मपरायण स्त्री थीं। वे किसी भी अवस्था में मांस और शराब लेकर मानुस देह भ्रष्ट करने को तैयार न थीं। अफ्रीका में कठिन बीमारी की अवस्था में भी उन्होंने मांस का शोरबा पीना अस्वीकार कर दिया और आजीवन इस बात पर दृढ़ रहीं। परंतु उनके इन कदमों का मोहनदास ने कभी भी उचित सम्मान नहीं दिया।

जेल में रहीं कस्तूरबा गांधी

एक और उदाहरण है, जिससे स्पष्ट होता है कि मोहनदास करमचंद गांधी अपनी पत्नी के प्रति कितने कटिबद्ध थे। दक्षिण अफ्रीका में 1913 में एक ऐसा कानून पास हुआ जिससे ईसाई मत के अनुसार किए गए और विवाह विभाग के अधिकारी के यहाँ दर्ज किए गए विवाह के अतिरिक्त अन्य विवाहों की मान्यता रद्द कर दी।

दूसरे शब्दों में हिंदू, मुसलमान, पारसी आदि लोगों के विवाह अवैध करार दिए गए और ऐसी विवाहित स्त्रियों की स्थिति पत्नी की न होकर रखैल बराबर बन गई। बापू ने इस कानून को रद कराने का बहुत प्रयास किया। पर जब वे सफल न हुए तब उन्होंने सत्याग्रह करने का निश्चय किया और उसमें सम्मिलित होने के लिये स्त्रियों का भी आह्वान किया। पर इस बात की चर्चा उन्होंने अन्य स्त्रियों से तो की किंतु कस्तूरबा से नहीं की।

जब कस्तूरबा गांधी ने देखा कि बापू ने उनसे सत्याग्रह में भाग लेने की कोई चर्चा नहीं की तो वो बहुत दु:खी हुई और बापू को उपालंभ दिया। जिसके बाद वो स्वेच्छानुसार सत्याग्रह में सम्मिलित हुईं और तीन अन्य महिलाओं के साथ जेल गईं। जहां इस दौरान कस्तूरबा को तीन महीने जेल में आधे पेट भोजन पर रहना पड़ा। जब वे जेल से छूटीं तो उनका शरीर ठठरी मात्र रह गया था।

और पढ़ें: जब मोहनदास करमचंद गांधी ने स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे का किया था बचाव

अब बात करते हैं कस्तूरबा के साथ अंतिम दिनों में मोहनदास करमचंद गांधी के व्यवहार की। उस समय द्वितीय विश्व युद्ध अपने चरम पर था, और एक ओर जहां Allies समूह हिटलर की नाज़ी जर्मनी पर भारी पड़ रहा था, तो वहीं दूसरी ओर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली आज़ाद हिन्द फौज पूर्वोत्तर भारत में ब्रिटिश सेना पर भारी पड़ रही थी।

इस बीच गांधी क्या कर रहे थे? भारत छोड़ो आंदोलन की जबरदस्त असफलता के बाद जनाब पूना में स्थित आगा खान पैलेस में आराम फरमा रहे थे। कस्तूरबा काफी दिन से रोग से कराह रही थी, पर गांधी जी के कानों पर मानों जूँ तक नहीं रेंगी।

‘गांधी की पत्नी होना सबसे मुश्किल’

इसके पीछे एक घटना थी, जो इस क्रूर व्यवहार को और स्पष्ट रेखांकित करती है। गांधी जी उन दिनों उड़ीसा के दौरे पर थे और गांधी के सचिव महादेव देसाई की पत्नी का प्लान था कि पुरी जगन्नाथ मंदिर जाएंगे। उस ज़माने में पुरी के मंदिर में गैर हिंदुओं एवं कुछ अन्य समुदायों के प्रवेश पर रोक थी।

अब गांधी का स्पष्ट मत था कि वो ऐसी किसी भी जगह नहीं जाएंगे जहां जाति का भेद-भाव होता हो। महादेव देसाई को लगता था कि कस्तूरबा उनकी पत्नी को मंदिर जाने से रोक लेंगी। मगर कस्तूरबा, महादेव की पत्नी और एक और महिला के साथ मंदिर चली गईं।

ये बात गांधी को बहुत बुरी लगी। उन्होंने खुद कहा कि उन्हें सदमा पहुंचा। बाकी लोगों ने गांधी को समझाने की कोशिश की तो गांधी और भड़क गए। कुछ जगहों पर लिखा मिलता है कि गांधी कस्तूरबा पर इतना गुस्सा हुए कि उन्होंने हाथ भी उठा दिया। महादेव देसाई के ही शब्दों में, “गांधी का सचिव होना मुश्किल है मगर गांधी की पत्नी होना दुनिया में सबसे मुश्किल।”

इस बीच भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होने के कुछ ही दिनों बाद 15 अगस्त 1942 को महादेव देसाई हृदयाघात से चल बसे। जितने दुखी गांधी नहीं थे, उससे अधिक कस्तूरबा थी, क्योंकि एक महादेव देसाई ही थे, जो उनके दुख-दर्द को कुछ हद तक समझते थे।

वह देसाई की समाधि पर रोज़ जा कर दिया जलाती थीं और कहती रहतीं, “जाना तो मुझे था, महादेव कैसे चला गया?”। फिर कुछ समय बाद कस्तूरबा को ब्रॉन्काइटिस की शिकायत हो गई, इसके बाद उन्हें दो दिल के दौरे पड़े और फिर वो निमोनिया से ग्रस्ति हो गईं।

और पढ़ें: “मुस्लिम तुम्हें कितना भी पीटें, तुम पलटवार मत करो” आइए, हिंदुत्व पर गांधी के ‘योगदान’ को समझें

डॉक्टर चाहते थे बा को पेंसिलिन का इंजेक्शन दिया जाए, परंतु गांधी इसके खिलाफ थे। गांधी इलाज के इस तरीके को हिंसा मानते थे और प्राकृतिक तरीकों पर ही भरोसा करते थे।

बा ने कहा कि अगर बापू कह दें तो वो इंजेक्शन ले लेंगी, परंतु गांधी ने अलग ही लीला रचते हुए कहा कि वो नहीं कहेंगे, अगर बा चाहें तो अपनी मर्ज़ी से इलाज ले सकती हैं। इसके बाद कस्तूरबा की तबीयत और अधिक बिगड़ गई।

गांधी के बेटे देवदास गांधी भी इलाज के पक्ष में थे वो पेंसिलिन का इंजेक्शन लेकर भी आए। तब बा बेहोश थीं और गांधी ने उनकी मर्ज़ी के बिना इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया और ऐसे ही 22 फरवरी 1944 को महाशिवरात्रि के दिन कस्तूरबा गांधी इस दुनिया से चली गईं।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Kasturba Gandhi & Mahatma GandhiKasturba Gandhi last daysकस्तूरबा गांधीमहात्मा गाँधी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

रूस-चीन का निरंतर करीब आते जाना क्या भारत के लिए चिंता का विषय है?

अगली पोस्ट

“सबसे बड़ा गोदी मीडिया रवीश कुमार है”, दूरदर्शन के पत्रकार ने ‘पत्रकारिता’ पर प्रकाश डाला है

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी
इतिहास

बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

1 September 2025

आज जब दुनिया मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र की बातें करती है, तब बांग्लादेश की ज़मीन पर हो रहे अत्याचारों पर सबने चुप्पी साध रखी...

जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?
इतिहास

जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

30 August 2025

भारत की स्वतंत्रता संग्राम की जिन हस्तियों ने करोड़ों दिलों में ज्वाला जगाई, उनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम सबसे ऊपर आता है। वे...

एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां
इतिहास

एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

28 August 2025

साल 1897, करीब 128 साल पहले फ्रांस और मेडागास्कर के बीच एक बहुत ही दर्दनाक लड़ाई हुई थी। यह सिर्फ एक युद्ध नहीं था, बल्कि...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16

The Truth Behind Infiltration, Political Appeasement, and the Battle for Identity.

00:06:28

USA’s Real Problem With India is Not Russian oil ! America’s Double Standard Exposed yet Again.

00:06:12

Why Experts Say US President Donald Trump’s Behavior Signals Something Serious?

00:07:25

The Myth of Mother Teresa: Peeling Back the Veil of a Manufactured Saint

00:07:13
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited