पाकिस्तान का अब एक मात्र काम वैश्विक स्तर पर अपनी बेइज़्जती कराना रह गया है। पाकिस्तान की सत्ता में बैठे मठाधीशों की करतूतों के कारण वहां खाने के लाले पड़े हैं। स्थितियां इतनी खराब हो चुकी हैं कि पाकिस्तान जिन देशों की गोद में जाकर बैठता था अब वो देश भी पाकिस्तान से किनारा करते दिख रहे हैं। अब परिस्थितियां इतनी बदल चुकी हैं कि चीन, तुर्की छोड़िए जिन आतंकियों को पाकिस्तान ने पाला था, अब वही उसे आंख दिखा रहे हैं।
इस लेख में पढ़िए कि कैसे पाकिस्तान ढोल बन गया है?
चीन ने पाकिस्तान में काउंसलर सेक्शन किया बंद
चीन ने पाकिस्तान में अपने दूतावास के काउंसलर सेक्शन को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय किया है। चीन ने इसे बंद करने के पीछे बहाना दिया है कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं लेकिन चीन सत्य बोलेगा यह उतना ही सत्य है जितना कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता यह है, इसलिए इस पर विश्वास करना बेहद कठिन है।
पाकिस्तान में अपने दूतावास के काउंसलर सेक्शन को अस्थायी रूप से बंद करने का ऐलान इस्लामाबाद में चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट के जरिए किया है। अभी तक ऐसा कुछ नही बताया गया है कि दूतावास का काउंसलर सेक्शन दोबारा कब खोला जाएगा।
कहा जा रहा है कि चीनी सरकार ने कथित तौर पर पाकिस्तानी सरकार से कहा है कि अगर इस्लामाबाद उनके नागरिकों, परियोजनाओं और हितों की रक्षा नहीं कर सकता है, तो उन्हें सही रास्ता पता है।
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पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है- वहीं चीनी लोगों को- अधिकारियों को- सुरक्षाकर्मियों को तो पाकिस्तान में वक्त-वक्त पर निशाना बनाया ही जाता है- जिसके चलते ये कहा जा रहा है कि चीन, पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से खुश नहीं है।
बताया जा रहा है कि चीनी दूतावास को तहरीक-ए-तालिबान और बलूच आतंकियों से लगातार धमकियां मिल रही थीं। इससे चीन घबराया हुआ था। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को दोनों देशों की मित्रता मजबूत करने वाली परियोजना के रुप में प्रस्तुत किया जा रहा था- लेकिन अब यहां से पाकिस्तान की जनता चीनी नागरिकों को खदेड़ने पर उतारु है।
आपको बता दें कि 62 अरब डॉलर वाला सीपैक चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव का एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के लिए बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों को पाकिस्तान आना पड़ा है, लेकिन इन चीनियों को पाकिस्तानी जनता निरंतर निशाना बना रही है- चीन के कई बार पाकिस्तान को समझाने के बाद- धमकाने के बाद भी ऐसी घटनाओं में कमी नहीं आई है। ऐसे में प्रतीत तो यही हो रहा है कि चीन ने भी पाकिस्तान से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
तुर्की के साथ मजाक
चीन के साथ-साथ पाकिस्तान तुर्की को भी अपना परम मित्र बताता है- इस्लाम के नाम पर कई बार पाकिस्तान तुर्की से मदद भी मांग चुका है…लेकिन अब पाकिस्तान ने तुर्की के साथ जो किया है वो अपन आप में अद्भुत है- दरअसल, तुर्की और सीरिया में पिछले दिनों भयानक भूकंप आया था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि शहर के शहर मलबे में तब्दील हो गए।
भारत समेत कई देशों ने संकट की इस घड़ी में तुर्की को राहत सामग्री भेजी, ऐसे में पाकिस्तान भी कैसे तुर्की की मदद नहीं करता- तुर्की पाकिस्तान का सदाबाहर दोस्त जो ठहरा। कंगाल पाकिस्तान ने भी तुर्की के लिए राहत सामग्री भेजी।
जब पाकिस्तान की राहत सामग्री तुर्की पहुंचे तो उसे देखकर पूरी दुनिया आश्चर्यचकित रह गई। दरअसल, पाकिस्तान ने तुर्की को वही सामग्री भेजी जो तुर्की ने पाकिस्तान को भेजी थी– जब पाकिस्तान में बाढ़ आई थी। एक पाकिस्तानी पत्रकार ने न्यूज चैनल पर यह दावा किया है।
न्यूज चैनल के कार्यक्रम में दावा किया गया कि इस्लामाबाद की तरफ से अंकारा को भेजी गई भूकंप राहत सामग्री वास्तव में वही सामग्री थी जो पिछले बाढ़ के बाद तुर्की ने पाकिस्तान को दी थी।
पत्रकार शाहिद मसूद ने पाकिस्तानी न्यूज चैनल जीएनएन पर यह चौंकाने वाला दावा किया। इसके साथ ही आपको यह अवश्य जानना चाहिए कि तुर्की को भेजी जा रही मदद की निगरानी खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कर रहे हैं।
आतंकी ने दिखाई पाक को आंख
चीन और तुर्की से इतर आईएसकेपी के निशाने पर भी पाकिस्तान आ गया है। जिन आतंकवादियों को पाकिस्तान ने पाल-पोसकर बड़ा किया अब वही आतंकी और आतंकी संगठन पाकिस्तान को आंख दिखा रहे हैं।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस अर्थात आईएसकेपी ने अपनी पत्रिका वॉइस ऑफ खुरासान में पाकिस्तान को इस्लाम के शरीर का कैंसर बताया है। आतंकवादी संगठन ने इसके साथ ही दावा किया कि पाकिस्तान अमेरिका द्वारा बनाई गई नीतियों पर काम करता है और उसके नेता अमेरिका के इशारे पर नाचते हैं।
आईएसआईएस के सहयोगी आतंकी संगठन ने आगे कहा कि, इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी नेता, पत्रकार और स्कॉलर सिर्फ अमेरिका के ही फरमान को फॉलो करते हैं। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ काम करने की चेतावनी देते हुए संगठन ने कहा कि वे किसी का एजेंडा फॉलो नहीं करते और अमेरिकी एजेंट को मारना जारी रखेंगे। जिससे प्रतीत होता है कि पाकिस्तान गृहयुद्ध के बारुद पर बैठा है जो कभी भी फट सकता है।
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पाकिस्तान: ‘हम दिवालिया हो गए हैं’
तुर्की, चीन और आईएसकेपी के बाद अब पाकिस्तान के मंत्री की बात कर लेते हैं., “पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। वहां रहने वाले लोग एक दिवालिया देश में रह रहे हैं।” यह बात विश्व के किसी नेता ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने सियालकोट में एक कार्यक्रम के दौरान कही है।
ख्वाजा आसिफ का मानना है कि पाकिस्तान पहले से ही दिवालिया हो चुका है और वो एक दिवालिया मुल्क में रह रहे हैं। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी को लेकर रक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि अब IMF भी हमारी मदद नहीं कर सकता है।
हमें खुद ही इसका समाधान ढूंढना होगा। रक्षा मंत्री ने देश के आर्थिक हालातों को लेकर नेताओं और नौकरशाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संविधान का पालन नहीं किया गया।
आसिफ ने इमरान की सरकार पर देश में आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले आतंकियों को देश में बसाया गया, जबकि सरकार के आलोचकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
ऐसे में अब एक बात स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सरकार और उनके मंत्री भले ही अब भी पाव किलो के न्यूक्लियर को पकड़कर बैठे रहें लेकिन सत्य यही है कि पाकिस्तान एक फेल्ड स्टेट है और कोई भी ढोल की तरह आकर उन्हें बजाकर चला जाता है।
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