UN population report: हमारे देश का बहुसंख्यक वर्ग हमेशा से वामपंथियों के निशाने पर रहा है। देश हो या विदेश कोई भी घटना घटे तो ये वामपंथी देश के बहुसंख्यक वर्ग को कोसने लग जाते हैं। इन वामपंथियों के खाके को देखा जाए तो उसमें हिंदू विरोध आपको कूट कूट कर भरा मिलेगा। अब हाल ही जारी कुछ आंकड़ों में दावा किया गया कि भारत जनसंख्या के मामले में इस साल के अंत तक चीन को भी पीछे छोड़ देगा। अब इस दावे के आते ही लिबरल गैंग ने हिंदूओं को कोसना शुरु दिया है। जिसके लिए ये जाने भी जाते हैं।
इस लेख में पढिये कि कैसे संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक रिपोर्ट (UN population report) आने के बाद रवीश कुमार और महिला पत्रकार साक्षी जोशी टाइप लोगों ने हिंदूओं को कोसना शुरु कर दिया है।
हुआ ये है कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक रिपोर्ट (UN population report) आई है जिसमें दावा किया गया है कि भारत जून में जनसंख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आबादी शीघ्र ही 142.86 करोड़ का आंकड़ा छू सकती है। वहीं चीन की आबादी 142.57 करोड़ होने की संभावना जताई गई है।
अब जैसे ही ये रिपोर्ट सामने आई तो ना ना प्रकार की चर्चाएं होने लगी। कुछ लोग तंज के रुप में एक दूसरे को बधाई देने लगे तो कुछ कहने लगे कि बिना किंतू परतूं के शीघ्र से शीघ्र जनसंख्या नियत्रंण कानून बनना चाहिए। परतूं हमारे देश के कुछ तथाकथित बुद्धीजीवियों और बेरोजगार पत्रकारों ने इस रिपोर्ट को हिंदूओं को कोसने का अवसर बना दिया। अब इन पत्रकारों की प्रवृत्ति और पत्रकारिता से हर कोई परिचित है। जब ये पत्रकार टीवी पर पत्रकारिता करते थे तो उस दौरान इन पत्रकारों के प्राइम टाइम शो में किसी प्रकार निष्पक्षता होती थी ये हमे बताने की आवश्यकता नही है।
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UN population report: रवीश कुमार ने हिंदूओं को फिर बनाया निशाना
अब ये वामपंथियों के दुलारे पत्रकार यूट्यूब पर आ गए हैं और इन्होंने अपनी हिंदू विरोध और भाजपा विरोध वाली पत्रकारिता में चार चांद लगा दिए हैँ। अब जैसे ही जनसंख्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की ये रिपोर्ट आई तो इन्होंने UN population report को लगे हाथों लिया क्योंकि इन्हें ये भलि भांति ज्ञात था कि इस रिपोर्ट के बारे में जानने के बाद देश के बहुत से लोग जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात अवश्य करेंगे। इसलिए इन्होंने इस रिपोर्ट को आधार बनाकर हिंदूओं को निशाना बनाना शुरु कर दिया। टीवी के जीरो टीआरपी एंकर रह चुके वामपंथ प्रेमी रवीश कुमार ने अपने डिजीटल चैनल पर 22 मिनट 51 सेकेंड का एक वीडियो बनाया और अपनी पूरी वीडियो में वो हिंदू संतों , भाजपा नेताओं और देश के बहुसंख्यक यानि हिंदूओं को कोसते रहे। रवीश कुमार ने टीवी छोड़ दिया परतूं रवीश का एंजेड़ा चलाने का टलेंट बिल्कुल भी कम नही हुआ है। अब पूरा देश जानता है कि किस वर्ग की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन रवीश बिन जमीनी हकीकत को जाने हिंदूओं को कोस रहे हैं और अगर उनकी टीवी वाली पत्रकारिता की बात की जाए तो उसमें भी जमीनी सच्चाई कोसों दूर हुआ करती थी।
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हिंदू संतो पर रवीश के तंज
बताते चलें कि रवीश ने अपने वीडियो में हिंदू संतों के बयानों की बात की और बताया कि उस हिंदू संतों ने ये बयान दिया। यानि वो जनसंख्या वृद्धी का दोष स्पष्ट रुप से हिंदू संतों और हिंदू कम्यूनीटी पर थोपते नजर आ रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि किस वर्ग की जनसंख्या की विकास दर बहुसंख्यकों की तुलना में बहुत अधिक है लेकिन रवीश ने इसके बारे में बात नहीं करने का फैसला किया। रवीश जनसंख्या विस्फोट के लिए साधुओं को दोष दे रहे हैं । लेकिन दूसरे समुदाय के लिए रवीश ने एक शब्द नही कहा। यहां हम उसपर बात नही करेंगे कि किसकी जनसंख्या अधिक है और किसकी कम। लेकिन जिस प्रकार से एजेडाधारी पत्रकार रवीश अपने वीडियो में एक समुदाय को टारगेट कर रहे हैं वो अत्यंत शर्मनाक है। वो जिस प्रकार से हिंदू संतों को टारगेट कर रहे हैं वो स्वीकार करने योग्य नही है।
रवीश और साक्षी जोशी जैसे पत्रतकारों को लगता है हम आंकड़ो को तोड़मरोड़कर और जमीनी सच्चाई से इतर और हिंदू संतों को बदनाम करके कुछ भी कहेंगे तो जनता उनकी बात मान लेगी।
Instead of discussing population issue in India, @sakshijoshii decided to run propaganda against Hindu community but One cannot escape from truth & figures. pic.twitter.com/r5Nw26Y73N
— BALA (@erbmjha) April 20, 2023
आपको पता है कि रवीश और साक्षी जैसे लोगों में एक खास बात है ये तथाकथित पत्रकार चाहे किसी प्रकार की घटना हो उसे अपने एंजेडे में खीच कर ले ही आते है और इससे ये भी पता लगाना कठिन हो जाता है कि इनकी खबरों में एंजेडा होता है या एंजेडे में खबर।
रवीश का कहने का तात्पर्य ये है कि हिंदू संत और भाजपा नेता बयान दे रहे हैं और हिंदूओं उन बयान पर अमल करके अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं। इसलिए देश की जनसंख्या बढ़ रही है। कितना आसान है ये कहना रवीश जी? रवीश उन मौलानाओं की बात नही करते जो कहते हैं कि मुसलमान कानूनों से बंधे नहीं हो सकते हैं और वे बच्चे पैदा करना जारी रखेंगे। ये बयान असम के अल्पसंख्यक-आधारित ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख, मौलाना बदरुद्दीन अजमल का है। लेकिन रवीश क्यों इनके बारे में बात करेंगे उन्हें तो हिंदूओं टारगेट करके एंजेडा चलाना है।
रवीश और उसके अन्य पत्रकार साथी जो हिंदूओं और हिंदू संतों को कोसने के लिए जाने जाते हैं। वो जमीनी सच्चाई से इतर बात करने के लिए जाने जाते हैँ। लेकिन इस प्रकार की घृणा कि आप अपने लगभग 22 मिनट तक एक समुदाय के लोगों को बिना कुछ जाने दोषी ठहराए जा रहे हो? ये कैसी पत्रकारिता?
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