इसी वर्ष SBI की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते पांच सालों में जिन 23 बड़े राज्यों में विधान सभा चुनाव हुए हैं, उनमें 18 राज्य ऐसे रहे, जहां महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट पुरुषों से ज्यादा रहा। हालांकि बात सिर्फ़ इतनी नहीं है कि महिलाएं वोट डाल रही हैं।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

लोकतंत्र की नई दिशा तय करती ‘आधी आबादी’: समझिए कैसे महिलाओं ने महाराष्ट्र-झारखंड में बदल दिए समीकरण

दिलचस्प बात ये है कि इलेक्टोरल रोल में रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में महिलाओं ने पहली बार पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के ही डेटा के अनुसार 2024 के आम चुनाव के लिए करीब 2 करोड़ 63 लाख नए मतदाता जोड़े गए थे, जिसमें 1 करोड़ 41 लाख महिलाएं थीं, जबकि नए पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 22 लाख ही रही।

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
28 November 2024
in राजनीति, समीक्षा
महिलाओं, चुनाव

आज वो घर से बाहर सिर्फ नौकरी, करियर या बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए नहीं निकल रही हैं, वो वोट डालने के लिए भी उसी शिद्दत से बाहर निकल रही हैं

Share on FacebookShare on X

मशहूर फ्रेंच थिंकर विक्टर ह्यूगो ने आज से करीब 200 साल पहले कहा था कि पृथ्वी पर कोई शक्ति उस विचार को नहीं रोक सकती, जिसका वक्त आ गया हो। इस कथन को अगर सियासी इबारत के तौर पर पढ़ने का प्रयास करें, तो कम से कम भारत के संदर्भ में ये कहा जा सकता है कि फिलहाल समय महिलाओं का है और महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजों ने एक बार फिर इस पर मुहर भी लगा दी है। महाराष्ट्र में महायुति को महिलाओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ, तो वहीं झारखंड में उन्होंने हेमंत सोरेन नैया पार लगा दी। अब नतीजों के बाद जाहिर तौर पर अलग अलग पक्ष इनकी मीमांसा और समीक्षा कर रहे हैं।

हार और जीत के कारणों पर मंथन हो रहा है, लेकिन इन चुनावों में महिलाओं की भूमिका को लेकर हर विश्लेषक, हर राजनीतिक दल एकमत है। शुरुआत करते हैं महाराष्ट्र से- 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली महायुति को 230 सीटें प्राप्त हुईं और 132 सीटें जीत कर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बीजेपी के जन्म के बाद से ये महाराष्ट्र में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां वो विभिन्न वर्गों के वोट प्राप्त करने के साथ साथ आधी आबादी का भरोसा जीतने में भी कामयाब रही।

संबंधितपोस्ट

पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

भ्रामक चुनावी जानकारी का मामला: महाराष्ट्र पुलिस ने CSDS के सह निदेशक पर नागपुर-नासिक में दर्ज की FIR

महाराष्ट्र चुनाव के फ़र्ज़ी आंकड़े: आईसीएसएसआर देगा सीएसडीएस को नोटिस

और लोड करें

इसका प्रयास शिंदे सरकार ने लोकसभा चुनावों के ठीक बाद ही शुरू कर दिया था। लोकसभा चुनाव में तगड़ा नुकसान झेलने के बाद शिंदे सरकार ने महिलाओं के लिए ‘लाडकी बहिण योजना’ लॉन्च की थी। इस योजना के तहत प्रदेश के हर परिवार की महिला मुखिया को 1500 रुपये मासिक दिए जा रहे हैं। ये योजना महायुति के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हुई, खासकर तब जबकि योजना की पिछली किस्त मतदान के ठीक पहले ही महिलाओं के खातों में पहुंची थी और सरकार ने इसे बढ़ाकर 2500 रुपये तक करने का ऐलान किया था। जो काम महाराष्ट्र में महायुति के लिए लाडकी बहिण योजना ने किया, वही काम झारखंड में हेमंत सोरेन और इंडी गठबंधन के लिए मंइयां सम्मान योजना ने किया। इस योजना के तहत प्रदेश की सभी महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद दी जा रही है। हालांकि बीजेपी ने भी यहां महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान किया था, लेकिन इस मामले में महिलाएं अधिक वफादार साबित हुईं, और उन्होंने ज्यादा के वादों पर ऐतबार करने की जगह, जो मिल रहा है, उस पर भी भरोसा जाहिर किया, फिर चाहे वो महाराष्ट्र हो या झारखंड।

यही नहीं, इन दोनों ही राज्यों में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर वोटिंग भी की है। महाराष्ट्र में महिलाओं का वोटर टर्नआउट 65.22 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2019 में ये 59.62 प्रतिशत ही था। इसी तरह झारखंड में इस बार रिकॉर्ड 70.46 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 66.92 प्रतिशत था। सियासी दल जानते हैं कि आंकड़ों में आने वाला ये अंतर चुनावी नतीजों में भी बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। लेकिन प्रश्न ये है कि क्या सरकारों और सियासतदानों का मकसद सिर्फ़ महिलाओं का फायदा है या सियासत इसमें अपना फायदा भी ढूंढ रही है? इसका जवाब हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों के चुनावी नतीजों में छिपा है। दरअसल, महिलाएं सिर्फ़ मजबूत भर नहीं हुई हैं, वो अपने विचारों और अपने अधिकारों को लेकर अधिक मुखर और अधिक जागरुक भी हुई हैं।

ये  उनके वोटिंग पैटर्न में भी नज़र आ रही है। आज वो घर से बाहर सिर्फ नौकरी, करियर या बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए नहीं निकल रही हैं, वो वोट डालने के लिए भी उसी शिद्दत से बाहर निकल रही हैं। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1971 के बाद से महिला वोटर्स की संख्या में करीब 236 प्रतिशत (235.72%) की ग्रोथ हुई है। ( पचास सालों में करीब ढाई गुना) 2024 के लोक सभा चुनावों के लिए कुल 96 करोड़ 88 लाख वोटर्स ने रजिस्ट्रेशन किया था और इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 47 करोड़ से अधिक रही। जबकि 2019 की बात करें तो देश में कुल 43 करोड़ महिला मतदाता ही थीं। यानी इन पांच वर्षों में 4 करोड़ से ज्यादा महिलाओं का नाम बतौर मतदाता चुनाव आयोग की डायरी में दर्ज हुआ है।

दिलचस्प बात ये है कि इलेक्टोरल रोल में रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में महिलाओं ने पहली बार पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के ही डेटा के अनुसार 2024 के आम चुनाव के लिए करीब 2 करोड़ 63 लाख नए मतदाता जोड़े गए थे, जिसमें 1 करोड़ 41 लाख महिलाएं थीं, जबकि नए पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 22 लाख ही रही। इस लिहाज से पुरुषों की तुलना में महिलाओं के वोटररोल में इनरोलमेंट का आंकड़ा 15 प्रतिशत से भी ज्यादा रहा। ऐसा भी नहीं है कि महिला मतदाताओं की सिर्फ़ संख्या बढ़ रही है, उनका वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ रहा है। साल 1962 में महिलाओं और पुरुषों के वोटिंग टर्नआउट में (16.71) करीब 17 प्रतिशत का अंतर था। लेकिन 2019 आते आते ये तस्वीर बदल गई और अब इन आंकड़ों का झुकाव महिलाओं की तरफ है। चुनाव आयोग का डेटा बताता है कि 2019 के लोक सभा चुनाव में महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट 67.18% प्रतिशत रहा, जबकि पुरुषों का वोटिंग टर्नआउट 67.01% ही रह गया था। यानी बीते लोकसभा चुनावों में महिलाओं ने पुरुषों से करीब 0.17 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग की और वोटिंग में जो जेंडर गैप था वो अब महिलाओं की तरफ़ झुक गया है।

इसी वर्ष SBI की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते पांच सालों में जिन 23 बड़े राज्यों में विधान सभा चुनाव हुए हैं, उनमें 18 राज्य ऐसे रहे, जहां महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट पुरुषों से ज्यादा रहा। हालांकि बात सिर्फ़ इतनी नहीं है कि महिलाएं वोट डाल रही हैं। बात ये भी है कि वो अपनी मर्जी से वोट डाल रही हैं और आज वो ये तय कर रही हैं कि उनकी उंगली किस बटन को दबाएगी, न कि उनके पति, पिता या सामाजिक ठेकेदार। इसीलिए महिलाएं सिर्फ़ वोट नहीं कर रही हैं, वो सरकारें बना भी रही हैं, और बदल भी रही हैं। मध्य प्रदेश आधी आबादी की इस सियासी शक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण रहा, जहां बीते 20 वर्षों की एंटीइनकम्बैंसी के बावजूद बीजेपी ने जबर्दस्त जीत दर्ज की।

SBI की रिपोर्ट को मानें तो शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना इस जीत की सबसे बड़ी वजह साबित हुई। इसी तरह कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने में भी महिलाओं का बड़ा हाथ रहा, जिन्होने मुफ्त बस यात्रा से लेकर कई अन्य महिला केंद्रित योजनाओं के नाम पर कांग्रेस को समर्थन दिया। हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में भी कांग्रेस ने महिलाओं के लिए सीधे आर्थिक मदद देने और कई अन्य स्कीमों का ऐलान किया था, फलस्वरूप इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही। ये चुनावी नतीजे बताते हैं कि बदलती सियासत में महिलाओं की भूमिका और उनकी अहमियत क्या है और इसीलिए हर पार्टी महिलाओं को रिझाने में जुटी है, फिर चाहे उन पर मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का इल्जाम ही क्यों न लगे।

‘लेकिन सवाल ये भी है कि क्या लोकतंत्र में भागीदारी के साथ संसद में भी उनकी हिस्सेदारी उसी अनुपात में बढ़ेगी, क्योंकि पुरुषों से ज्यादा मतदान करने के बाद भी 17 वीं लोक सभा में महज 78 महिलाएं चुन कर संसद पहुंचीं हैं। (14 प्रतिशत से थोड़ा सा ही ज्यादा) हालांकि अब जब नारी शक्ति वंदन अधियिनम पास हो चुका है तो उम्मीद है कि ये आंकड़ा और महिलाओं की तकदीर दोनों में ही सुधार होगा। वैसे SBI की ही एक रिपोर्ट ये भी बताती है कि महिला वोटर्स ने वोटिंग एनरोलमेंट के मामले में भले ही अभी भी 50 प्रतिशत का आंकड़ा न छुआ हो, लेकिन 2047 आते आते कुल वोटर्स में महिलाओं की संख्या 55 प्रतिशत हो चुकी होगी, जबकि पुरुषों मतदादा सिर्फ 45 प्रतिशत ही बचेंगे और जाहिर है कि तब महिलाएं ही देश की सियासी दिशा और दशा तय करेंगी।

स्रोत: Maharashtra, महाराष्ट्र, झारखंड, Jharkhand, विधानसभा चुनाव परिणाम, Vidhan Sabha Election Results, Women, महिलाएँ, भाजपा, BJP
Tags: JharkhandMaharashtraVidhan Sabha Election Resultswomenझारखंडमहाराष्ट्रमहिलाएंविधानसभा चुनाव परिणाम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘सामान लेकर मस्जिद के पास आ’: संभल हिंसा पर सामने आया ऑडियो, दंगे के लिए हथियार जुटाने का आरोप; 41 खाली कारतूस-3 तमंचे बरामद

अगली पोस्ट

वो कवि जिनकी कविता बन गई ‘लोकगीत’: हरिवंश राय ऐसे बन गए ‘बच्चन’, गांधी जिनसे हो गए थे नाराज

संबंधित पोस्ट

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान
चर्चित

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

17 September 2025

भारत की राजनीति में नेताओं की चर्चा अक्सर उनके चुनावी भाषणों, जनसभाओं की भीड़ या बड़े नारों तक सीमित रहती है। लेकिन जब केंद्रीय मंत्री...

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी
चर्चित

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

17 September 2025

17 सितंबर—आज जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तब यह महज़ कैलेंडर पर दर्ज़ एक तारीख नहीं है। यह तारीख...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
क्राइम

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

17 September 2025

बिहार के औरंगाबाद ज़िले की सोनई नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव—लक्ष्मणपुर बाथे। आज यह नाम भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था की उस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited