TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वो मुगल बादशाह जो बनवाता था अपनी नग्न पेंटिंग, तवायफों की टांगों पर कराता था चित्रकारी: जब अय्याशी में डूबी गद्दी और लुटी दिल्ली

दिल्ली दरबार को ही पूरे भारत का इतिहास बताने पर तुली किताबें मुगलों के बारे में औरंगजेब पर आकर चुप क्यों हो जाती हैं?

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
25 November 2024
in इतिहास
रंगीला के दौर में सिर्फ ना गीत-संगीत और शायरी को बढ़ावा मिला बल्कि उसके दौर में पीर-फकीरों की गिनती भी दिल्ली में उतनी ही बढ़ गयी थी।

रंगीला के दौर में सिर्फ ना गीत-संगीत और शायरी को बढ़ावा मिला बल्कि उसके दौर में पीर-फकीरों की गिनती भी दिल्ली में उतनी ही बढ़ गयी थी।

Share on FacebookShare on X

सबसे पहली बात तो ये है कि जिन्हें हमलोग मुगल कहते हैं, उन्हें मुगल नाम से बड़ी चिढ़ थी। वो लोग खुद को तैमूरी कहना कहलवाना पसंद करते थे। इस खानदान का जिक्र औरंगजेब के समय तक तो आता है, लेकिन उसके बाद क्या हुआ, ये कोई नहीं बताता। जिस बहादुरशाह जफर का जिक्र सुनाई देता भी है, वो तो औरंगजेब के बाद दस से अधिक पीढ़ियों के गुजरने के बाद का था। असल में ये चर्चा इसलिए नहीं होती क्योंकि औरंगजेब के जीते-जी ही, 1702 में मुहम्मद शाह रंगीला पैदा हो चुका था। कट्टरपंथी औरंगजेब जहाँ एक तरफ इस्लामिक ताकतों को बढ़ावा दे रहा था। 1661 में दारा शिकोह को इस्लाम से दूर जाने के कारण कत्ल करके जबसे वो सत्ता में आया था, तभी से उसके ऐसे प्रयास जारी थे।

औरंगजेब का मजहबी दौर

दारा शिकोह के गुरुओं में से एक माने जाने वाले सरमद को उसने बादशाह बनते ही दरबार में बुलवा लिया था। पूछताछ में सरमद को कलमा पढ़ने कहा गया था और सरमद “ला इलाहा” तक बोलकर चुप हो गए। वाक्य के इतने से टुकड़े का अर्थ होता है कोई खुदा नहीं है! दरबार में मौजूद मौलवी इस बात पर भड़क उठे और सरमद को घसीटते हुए ले जाकर उसका सर कलम कर दिया गया। असल में मौलानाओं को सरमद के नंगे घूमने से भी आपत्ति थी। उस दौर में दिल्ली में रह रहे अंग्रेज चिकित्सक बर्नियर ने जो वाकये लिखे हैं, उनसे ऐसा लगता है कि जब औरंगजेब सत्ता में आया था, उस समय केवल सरमद ही नहीं, कई फकीर दिल्ली की सड़कों पर नंगे घूमते दिख जाते थे और लोगों को ये आपत्तिजनक भी नहीं लगता था।

संबंधितपोस्ट

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

‘क्रूर था अकबर’: बाबर, अकबर, औरंगज़ेब और शिवाजी पर क्या कहती है NCERT की नई किताब?

दारा शिकोह: उपनिषद पढ़ने वाला मुगल जिसका सिर कटवाकर औरंगज़ेब ने पिता शाहजहां को किया था पेश

और लोड करें

अपने दौर में औरंगजेब ने इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक गीत-संगीत को हराम मानते हुए, उसपर पाबन्दी भी लगा दी थी। कहते हैं कि इसकी वजह से संगीतकार वगैरह भूखों मरने लगे और विरोध करने के लिए उन्होंने वाद्य यंत्रों का जनाजा भी जामा मस्जिद से निकाला था। सिक्खों के गुरु तेगबहादुर की हत्या के पीछे भी औरंगजेब की इस्लामिक मान्यताएं ही थीं। जब गुरु तेगबहादुर इस्लाम कबूलने को तैयार नहीं हुए तो उनके शिष्यों को अनगिनत यातनाएं देकर मारने के बाद गुरु तेगबहादुर का भी सर-तन जुदा कर दिया गया। जब पाबंदियां इतनी बढ़ रही हों तो जाहिर है अन्दर ही अन्दर जनता में विरोध भी बढ़ रहा होगा।

मुहम्मद शाह रंगीला का काल

जब 1702 में मुहम्मद शाह रंगीला पैदा हुआ तो उसका नाम रौशन अख्तर था। बाद में जब 29 सितम्बर 1719 को शाही ईमाम सैय्यद ब्राद्रान ने सत्रह साल की उम्र में ताजपोशी की तो उसका नाम अबु अल फतह नसीरुद्दीन रोशन अख्तर मुहम्मद शाह का नाम दे दिया। इतना लम्बा नाम कोई बोलना-लिखना नहीं चाहता इसलिए उनका तखल्लुस ‘सदा रंगीला’ जोड़कर उनका नाम ही मुहम्मद शाह रंगीला पड़ गया है। ऐसा नहीं है कि मुहम्मद शाह रंगीला के दौर में सिर्फ गीत-संगीत और शायरी इत्यादि को ही बढ़ावा मिला। उस दौर में पीर-फकीरों की गिनती भी दिल्ली में उतनी ही बढ़ गयी थी। यानि कि औरंगजेब ने जिन दो चीजों पर इस्लामिक पाबंदियां लगवाई थीं, उन दोनों को मुहम्मद शाह रंगीला के दौर में खूब प्रश्रय मिला।

तवायफ ने निचले हिस्से पर बनाईं फूल-पत्तियां

दिल्ली में मुहम्मद शाह रंगीला के दौर में हजरत अली, निजामुद्दीन औलिया, कुतुब साहब की दरगाह और ऐसी दूसरी दरगाहों पर उनके मानने वालों की भीड़ लगी रहती थी। संगीत के मामले में उस दौर में अदा रंग और सदा रंग का खूब नाम हुआ। यहाँ तक कि नादिर शाह ने जो दिल्ली को लूटा, उसमें भी उसकी मदद एक तवायफ कर रही थी जो अमीरों का पता बताती जाती थी और कोहिनूर हीरे के बारे में भी बता दिया था, ऐसा माना जाता है।

नूर बाई नाम की इस तवायफ के बारे में कहा जाता है कि अमीरों की ऐसी भीड़ उसकी महफिल में लगती थी कि हाथियों से सड़क जाम हो जाती थी। एक दूसरी तवायफ अद बेगम के बारे में कहा जाता था कि वो पायजामा नहीं पहनती बल्कि बदन के निचले हिस्से पर फूल-पत्तियां बना लेती हैं। ऐसी नक्काशी होती है कि कारीगरी है, पायजामा नहीं पहना, ये कोई भांप ही नहीं पाता! ये दौर शायर मीर तकी मीर की जवानी का दौर था।

नपुंसकता की उड़ी खबर तो बनवाई नग्न पेंटिंग

औरंगजेब के दौर में कला के सभी तरीकों पर जो पाबंदियां लगीं, उसमें चित्रकारी भी बंद थी। वो मुहम्मद शाह रंगीला के दौर में दोबारा जीवित हो गयी। तवायफ के पैरों पर ही नहीं, दूसरे माध्यमों पर भी चित्रकारी होने लगी। कला का रूप भी बदलने लगा। जैसे अकबर के दौर के मुगल पेंटिंग में जब चित्तौड़ पर विजय के बाद कटे सरों की मीनारें बनवाने वाली पेंटिंग में कोई खाली जगह नहीं होती। पूरा कैनवास भरा होता है। मुहम्मद शाह रंगीले के दौर में मुगल पेंटिंग (जिसे शायद तैमूरी पेंटिंग कहना चाहिए) में काफी खाली जगह और हल्के रंगों का प्रयोग होने लगा। एक तस्वीर में मुहम्मद शाह रंगीला एक कनीज के साथ सम्भोग करते नजर आते हैं। कहा जाता है कि एक बार दिल्ली में अफवाह उड़ी कि मुहम्मद शाह रंगीला नपुंसक है। उसी अफवाह को झूठ साबित करने के लिए ये पेंटिंग बनवाई गयी थी।

जाहिर ही है कि रंगीला अपने नाम की ही तरह रंगीन मिजाज का था और युद्ध आदि से उसका ज्यादा वास्ता नहीं था। अपने जीवन काल में वो सिर्फ एक बार जंग के मैदान में उतरा, जब अय्याश हो चुकी, लाख से ऊपर की मुगल फौजें करीब 55 हजार नादिर शाह की फौजों से बुरी तरह हार गयी। इसके नतीजे में दिल्ली को नादिर शाह ने जमकर लूटा था। इसे मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी डकैती माना जाता है। उस वक्त के हिसाब से 70 करोड़, यान आज के हिसाब से दस लाख पचास हजार करोड़ रूपए की लूट ईरानी नादिर शाह के हाथ लगी थी।

रंगीले की मौत

मुहम्मद शाह रंगीला बेहिसाब शराब पीने के अलावा अफीम का भी नशा करता था। एक दिन अचानक दौर पड़ा और अप्रैल 1748 में मुहम्मद शाह रंगीला की मौत हो गयी। ये वही साल था जब नादिर शाह के ही सिपहसालारों में से एक रहे अहमद शाह अब्दाली ने हिन्दुस्तान पर हमलों की शुरुआत कर दी थी। उसके हमलों से मराठे लड़ रहे थे, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि औरंगजेब के बाद मुगल सल्तनत का क्या हाल था। दिल्ली दरबार को ही पूरे भारत का इतिहास बनाने-बताने पर तुली हमारी वामपंथी झुकाव वाली इतिहास की किताबें मुगलों के बारे में औरंगजेब पर आकर चुप क्यों हो जाती हैं, ये मुहम्मद शाह रंगीला के नाम से पता चल जाता है।

स्रोत: मुगल सम्राट, औरंगजेब, मुहम्मद शाह रंगीला, मुगल इतिहास, इस्लामिक पाबंदियाँ, दारा शिकोह, सरमद, गुरु तेग बहादुर, नादिर शाह, दिल्ली का इतिहास, अहमद शाह अब्दाली, Mughal Emperor, Aurangzeb, Muhammad Shah Rangeela, Mughal History, Dara Shikoh, Sarmad, Guru Tegh Bahadur, Nadir Shah, History of Delhi, Ahmed Shah Abdali
Tags: Ahmed Shah AbdaliAurangzebDara ShikohGuru Tegh BahadurHistory of DelhiMughal EmperorMughal HistoryMuhammad Shah RangeelaNadir ShahSarmadअहमद शाह अब्दालीइस्लामिक पाबंदियाँऔरंगजेबगुरु तेग बहादुरदारा शिकोहदिल्ली का इतिहासनादिर शाहमुगल इतिहासमुगल सम्राटमुहम्मद शाह रंगीलासरमद
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पाकिस्तान के मंदिर: वरुण देव के 1000 साल पुराने मंदिर को बना दिया था शौचालय, अब हिंदू करवा रहे भव्य निर्माण

अगली पोस्ट

बांग्लादेश में ISKCON के अध्यक्ष को उठा ले गई पुलिस, सनातन ध्वज फहराने पर लगा दिया देशद्रोह का केस: हिन्दुओं को कर रहे थे एकजुट

संबंधित पोस्ट

नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन
इतिहास

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

14 November 2025

ऐसे समय में जबकि अपने राष्ट्र नायकों को लेकर भारत में राजनीतिक बहसें तेज़ हो रही हैं,  विचारधाराओं की लड़ाई भी पहले से ज़्यादा गहरी...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited