कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (27 जनवरी) को मध्य प्रदेश के महू में पार्टी की जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर हो जाएगी, आपके पेट को खाना मिल जाएगा?।’ एक और जहां उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंदुओं के दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ का आयोजन हो रहा है तो दूसरी और कांग्रेस के अध्यक्ष गंगा में डुबकी लगाने पर ही सवाल उठा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद ही महाकुंभ की व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। सोमवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे।
धर्म के नाम पर हो रहा शोषण: खरगे
हिंदू आस्था के इस संगम पर सवाल उठाते हुए खरगे यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “जब बच्चा भूखा मर रहा है, मज़दूरों को मज़दूरी नहीं मिल रही है और ये लोग मुकाबला कर डुबकियां मार रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जब तक टीवी के लिए अच्छी फोटो नहीं आती है तो ये लोग डुबकी मारते रहते हैं। खरगे ने अपने इस वक्तव्य के दौरान यहां तक कह दिया कि धर्म के नाम पर गरीबों का शोषण किया जा रहा है। कुंभ पर सवाल उठाने वाले खरगे कांग्रेस के अकेले नेता नहीं हैं इससे पहले कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कुंभ की व्यवस्थाओं को खराब बताते हुए कहा कि इसकी व्यवस्थाएं ‘हज’ जैसी की जानी चाहिए।
‘मुस्लिम लीग बन गई है कांग्रेस’
खरगे के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “बोल खरगे जी रहे हैं, पर शब्द गांधी परिवार के हैं। आखिर कांग्रेस को हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों है? 144 साल में एक बार महाकुंभ आता है, लेकिन कांग्रेस के नेता इस तरह बौखला गए हैं कि हिंदुओं को कोस रहे हैं।” उन्होंने कहा, “पहले कांग्रेस के हुसैन दलवी ने कुंभ को बुरा-भला कहा और अब स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस अब नई मुस्लिम लीग बन गई है। यह पार्टी देश के लिए नासूर बन चुकी है। इसका लुप्त होना ही सभी के हित में है।”
बोल खड़गे जी रहे हैं, पर शब्द गांधी परिवार के हैं। आखिर कांग्रेस को हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों है? 144 साल में एक बार महाकुंभ आता है, लेकिन कांग्रेस के नेता इस तरह बौखला गए हैं कि हिंदुओं को कोस रहे हैं। पहले कांग्रेस के हुसैन दलवी ने कुंभ को बुरा-भला कहा, और अब स्वयं कांग्रेस… pic.twitter.com/UAqLNMVLzZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 27, 2025
कुंभ कैसे बदल रहा अर्थव्यवस्था?
महाकुंभ में किस तरह माइक्रो-मैनेजमेंट किया गया है इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि सरकार ने कुंभ क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए 15,000 से ज़्यादा सफाईकर्मियों और श्रमिकों की तैनाती की है और इनके बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्या कुंभ के नाम से प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं। इन विद्यालय में सरकारी प्रिंसिपल और टीचर्स की भी तैनाती की गई है और सरकार की तरफ से ड्रेस, जूते और किताबें निशुल्क दी गई हैं। यहां पर बच्चों का फ्री दाखिला कराया गया है। इन स्कूलों में डिजिटल क्लास के ज़रिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
खरगे ने महाकुंभ पर सवाल उठाते हुए इससे पेट भरने का सवाल उठाया है। महाकुंभ में इसका भी पूरा इंतज़ाम किया गया है। सैकड़ों जगहों पर लोगों के लिए भंडारे का इंतज़ाम किया है और गौतम अदाणी ने इस्कॉन के साथ ‘महाप्रसाद’ नाम से रसोई का संचालन किया है। मानव धर्म शिविर ने महाकुंभ में 1 लाख से अधिक भक्तों को भोजन कराने के लिए एक ‘हाई-टेक’ रसोई स्थापित की है। मानव धर्म शिविर ने कहा कि भोजन पकाने के लिए 500 लोग हैं और 2-3 हजार से अधिक लोग परोसने के लिए हैं।
महाकुंभ में मज़दूरों से लेकर फूल बेचने वाले लोग काम कर रहे हैं। वेडर्स, नाव चलाने वाले लोग और टूरिस्ट गाइड़ों को यहां काम मिला है। 2025 के इस महाकुंभ से 45,000 से अधिक परिवारों को सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। महाकुंभ 2025 में अनुमानित 12 लाख गिग और अस्थाई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है जिससे विभिन्न क्षेत्रों के 8 लाख से ज्यादा कामगारों को फायदा होगा। इससे ना केवल प्रयागराज बल्कि आस-पास के ज़िलों में भी व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है।