TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    कथित तौर पर यह झड़प 22 जुलाई को राजधानी स्थित कर्नाटक भवन के प्रशासनिक कार्यालय में हुई थी।

    दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो चढ़ावा पिघलाया

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो से चढ़ावे का सोना पिघलाया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    कथित तौर पर यह झड़प 22 जुलाई को राजधानी स्थित कर्नाटक भवन के प्रशासनिक कार्यालय में हुई थी।

    दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो चढ़ावा पिघलाया

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो से चढ़ावे का सोना पिघलाया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पुण्यतिथि विशेष: जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के लिए नेहरू सरकार ने किया था सावरकर को क़ैद

भारत की स्वतंत्रता के लिए दोहरे आजीवन कारावास (कालापानी) की सजा काटने वाले सावरकर ने कभी नहीं सोचा होगा कि उन्हें स्वतंत्र भारत में भी जेल जाना होगा वो भी पाकिस्तान के तुष्टिकरण के लिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा ही हुआ

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
26 February 2025
in इतिहास
1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

Share on FacebookShare on X

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन स्वतंत्र भारत में भी उन्हें जेल में जाना पड़ेगा। कोल्हू में बैल की तरह जुतकर मेहनत करते हुए, उन पर होने वाले अमानवीय अत्याचारों ने उनके शरीर और मानसिक स्थिति को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन उनका मनोबल कभी नहीं टूटा। वक्त का पहिया घूमा और भारत स्वतंत्र हुआ लेकिन सावरकर के जीवन से संघर्ष खत्म नहीं हुए। आज आपको बताएंगे 1950 की वो घटना जब नेहरू सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए सावरकर को जेल में कैद कर दिया था।

1947 को भारत को स्वतंत्रता तो मिल गई लेकिन देश को भारत-पाकिस्तान में बांट दिया गया था। बंटवारे से पहले और इसके बाद मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुओं पर जमकर अत्याचार किए गए और लाखों हिंदुओं को मारा दिया गया। अत्याचारों को यह सिलसिला अंतहीन था और दिनों, हफ्तों, महीनों और वर्षों तक चलता रहा था। 1949 के आखिर और 1950 के शुरुआती महीनों में पूर्वी पाकिस्तान में हिंदुओं पर एक बार फिर अत्याचार शुरू हो गए। हज़ारों हिंदुओं को मारा गया और लाखों हिंदू पलायन कर भारत में आ गए थे। इस दौर में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान समस्या को हल करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया था। 1950 में 2 अप्रैल को लियाकत अली भारत पहुंचे और 8 अप्रैल को नेहरू-लियाकत पैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए।

संबंधितपोस्ट

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

और लोड करें

एक और जहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के साथ समझौता किया जा रहा था तो दूसरी ओर नेहरू सरकार ने देश के भीतर अपने राजनीतिक विरोधियों की खासकर हिंदू महासभा से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां शुरू कर दी थीं। ये गिरफ्तारियां 1950 के निवारक निरोध अधिनियम के तहत की जा रही थीं। 4 अप्रैल 1950 की सुबह होने से पहले ही बॉम्बे CID ​​के लगभग 100 पुलिसकर्मियों ने ‘ऑपरेशन हिंदू महासभा’ के तहत अलग-अलग नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू कर दी थीं। विक्रम संपत ने अपनी किताब ‘सावरकर: एक विवादित विरासत 1924-1966’ में लिखा है, “एक अधिकारी ने भोर में सावरकर के घर पर भी दस्तक दी और उन्हें गिरफ्तारी का वारंट दिखाया। उन्हें सुबह के स्नान से निवृत्त होने का समय दिया गया और पुलिस की गाड़ी में बिठाकर आर्थर रोड जेल ले जाया गया।” इसके बाद सावरकर को बेलगाम (हिंडलगा) जेल में ले जाया गया था। माना जा रहा था कि सावरकर इस पैक्ट के खिलाफ थे जिससे उनके आंदोलन करने का खतरा बना हुआ था।

संपत लिखते हैं, “नेहरू ने निवारक निरोध अधिनियम की धारा 3 का सहारा लिया, जिसमें किसी विदेशी शक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का अपमान किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का वैध कारण माना गया है। उन्होंने कहा कि ‘हिंदू महासभा के नेताओं के भाषणों में पाकिस्तान के खात्मे की मांग की गई है। मैं किसी विदेशी शक्ति के प्रति इससे बड़ा अपमान नहीं सोच सकता कि ऐसा सुझाव दिया जाए’।”

सावरकर के साथ देशभर में हिंदू महासभा के दर्जनों नेताओं को गिरफ्तार कर अलग-अलग जेलों में रखा गया था। पूना के ज़िला मजिस्ट्रेट ने यरवदा जेल में बंद भोपटकर और अन्य लोगों को बताया कि ‘आप सरकार के मंत्रियों के खिलाफ हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साज़िश में लगे हुए थे’। हालांकि, इसके बाद जब ज़िला मजिस्ट्रेट ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में दो हलफनामे दिए तो उनमें यह दूर-दूर तक नहीं कहा गया कि भारत के किसी मंत्री की जान पर कोई साज़िश थी।

धनंजय कीर ने सावरकर की जीवनी ‘वीर सावरकर’ में लिखा है, “सावरकर की हिरासत के लिए दिए गए आधार यह थे कि वे हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़का रहे थे। यह स्पष्ट रूप से एक मनगढ़ंत आरोप था; क्योंकि गांधी हत्या मुकदमे में बरी होने के बाद से उन्होंने ग्रेटर बॉम्बे में कोई भाषण नहीं दिया था या मुस्लिम समस्या पर कोई बयान जारी नहीं किया था और पुलिस आयुक्त को उनके भाषण या बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का कोई बहाना नहीं दिया था।”

सावरकर ने 26 अप्रैल 1950 को बॉम्बे सरकार को बेलगाम जेल से पत्र लिखा और कमिश्नर के निराधार आरोपों का खंडन किया। सावरकर ने सरकार से मांग की कि उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए क्योंकि वे हमेशा से ही देशभक्ति और संवैधानिक विचारों को मानते और प्रचारित करते रहे हैं। कीर लिखते हैं, “अगर सरकार बिना शर्त रिहाई के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं थी, तो सावरकर ने आग्रह किया कि उन्हें इस शर्त के साथ रिहा किया जाना चाहिए कि वे सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी अवधि के लिए वर्तमान राजनीति में भाग नहीं लेंगे।”

28 मई 1950 को देशभर के प्रमुख शहरों में सावरकर का जन्मदिन मनाया गया और उनकी रिहाई की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किए गए। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तत्कालीन सरसंघचालक माधवराव गोलवलकर उर्फ गुरू जी ने भी सावरकर को हिरासत में लिए जाने की निंदा की थी। गोलवलकर ने कहा कि सावरकर को उनकी अत्यधिक वृद्धावस्था और अस्वस्थता के बावजूद हिरासत में लिया जाना दुखद बात है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सम्मान का अपमान भी बताया था।

सावरकर की रिहाई का इंतज़ार दिन-ब-दिन लंबा होता होता जा रहा था लेकिन सरकार उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। सरकार के रवैये से परेशान होकर सावरकर के बेटे विश्वास सावरकर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। 12 जुलाई 1950 को इस पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने कहा कि सावरकर को उनके द्वारा वचनबद्धता दिए जाने पर रिहा किया जाना चाहिए। एडवोकेट जनरल ने कहा कि वे इस मामले में सरकार से बात करेंगे और सुनवाई टाल दी गई। अगले दिन मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यदि सावरकर यह वचन दें कि वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगे और बंबई में अपने घर पर ही रहेंगे तो सरकार उनकी रिहाई के लिए सहमत हो जाएगी।

विक्रम संपत लिखते हैं, “उन्हें जेल से रिहा होने का विकल्प तभी दिया गया जब वे एक साल तक या पहले आम चुनाव या तीसरे विश्व युद्ध तक राजनीति से दूर रहें। उन पर लगाई गई ऐसी हास्यास्पद शर्तों को देखते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार द्वारा मुझ पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर, जिसका मैं पालन करना चाहता हूं, मुझे एक निश्चित अवधि के लिए राजनीति में भाग लेने से रोकना है, मुझे अनिवार्य रूप से हिंदू महासभा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देना होगा’।” कीर ने लिखा कि 13 जुलाई को सावरकर को रिहा कर दिया गया था।

सावरकर ने इच्छा और सिद्धांतों के विरुद्ध कहा कि वे लोगों से नेहरू-लियाकत अली समझौते का पालन करने का आग्रह करेंगे। सावरकर की शारीरिक पीड़ा ने शायद उनकी जिद्दी इच्छाशक्ति पर काबू पा लिया था। सावरकर रिहा हुए तो कई जगहों पर उनके स्वागत में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था। कुछ दिनों बाद स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना था और सावरकर के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगी हुई थी। इसलिए सावरकर ने सरकार से पूछा कि क्या 15 अगस्त, 1950 को अगर अपने घर पर वे राष्ट्रीय ध्वज फहराएं तो क्या यह राजनीतिक कार्य माना जाएगा। गृह विभाग ने उन्हें सूचित किया कि वे भाषण दिए बिना ऐसा कर सकते हैं। सावरकर ने ऐसा ही किया, जो सरकार उन पर जुल्म की इंतिहा कर रही थी, उसके आदेश का उन्होंने पूरी तरह पालन किया।

यह आज़ाद भारत में सावरकर की स्थिति थी, वे सावरकर जो भारत की आज़ादी के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाने से भी नहीं चूके थे। सरकार उन्हें जेल में बंद कर शायद भूल ही गई थी या शायद चाहती थी कि देश उन्हें भूला दे। उनके खिलाफ एक विशेष तबके द्वारा लगातार माहौल बनाया जाता रहा है। उनकी राष्ट्र भक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाए गए, उनकी भूमिका को विवादित बनाने की कोशिश की गई, उनके देश में ही उन्हें ‘विलेन’ साबित करने की कोशिश की गई लेकिन वे लोगों की नज़रों में ‘हीरो’ हैं।

स्रोत: विनायक दामोदर सावरकर, वीर सावरकर, हिंदू महासभा, जवाहरलाल नेहरू, लियाकत अली खान, Vinayak Damodar Savarkar, Veer Savarkar, Hindu Mahasabha, Jawaharlal Nehru, Liaquat Ali Khan,
Tags: Hindu MahasabhaJawaharlal NehruLiaquat Ali KhanVeer SavarkarVinayak Damodar Savarkarजवाहरलाल नेहरूलियाकत अली खानविनायक दामोदर सावरकरवीर सावरकरहिंदू महासभा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

60 साल पुराने हिंसक आंदोलन को फिर हवा देने की कोशिश कर रही डीएमके! जानें क्या है थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला जिसके खिलाफ युद्ध की चेतावनी दे रहे स्टालिन

अगली पोस्ट

नित्य, सनातन एवं शुभता की सारगर्भित चेतना हैं भगवान शिव; समझिए शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अंतर

संबंधित पोस्ट

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर
इतिहास

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

26 July 2025

देशभक्ति को बढ़ावा देने और स्थानीय नायकों की स्मृति को संजोने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूलों का नाम कारगिल युद्ध में शहीद...

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)
इतिहास

इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

18 July 2025

इज़रायल ने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए और इनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

00:08:32

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32

Lashkar-e-Taiba on the Run from Muridke: Is Bahawalpur Becoming Pakistan’s New Terror Capital?

00:07:26

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited