TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    जब भारत का लोकतंत्र मजबूत खड़ा है, हाइड्रोजन बम से दावे नहीं चलेंगे: राहुल गांधी के आरोप पर बीजेपी का जवाब

    जब भारत का लोकतंत्र मजबूत खड़ा है, हाइड्रोजन बम से दावे नहीं चलेंगे: राहुल गांधी के आरोप पर बीजेपी का जवाब

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    तेजस Mk1A और ‘स्वयं‑रक्षा कवच’: भारत के हल्के लड़ाकू विमान को स्टील्थ क्षमता देने की पूरी कहानी

    स्वदेशी तकनीक की ताकत: तेजस Mk1A को स्टील्थ बना DRDO ने बदल दिया युद्ध का नक्शा

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    तेजस Mk1A और ‘स्वयं‑रक्षा कवच’: भारत के हल्के लड़ाकू विमान को स्टील्थ क्षमता देने की पूरी कहानी

    स्वदेशी तकनीक की ताकत: तेजस Mk1A को स्टील्थ बना DRDO ने बदल दिया युद्ध का नक्शा

    जो देश के लिए लड़ता रहा, अब देश उसके लिए खड़ा है: मेजर विक्रांत जेटली की वीरता और भारत की ताकत

    जो देश के लिए लड़ता रहा, अब देश उसके लिए खड़ा है: मेजर विक्रांत जेटली की वीरता और भारत की ताकत

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    जब भारत का लोकतंत्र मजबूत खड़ा है, हाइड्रोजन बम से दावे नहीं चलेंगे: राहुल गांधी के आरोप पर बीजेपी का जवाब

    जब भारत का लोकतंत्र मजबूत खड़ा है, हाइड्रोजन बम से दावे नहीं चलेंगे: राहुल गांधी के आरोप पर बीजेपी का जवाब

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

    तेजस Mk1A और ‘स्वयं‑रक्षा कवच’: भारत के हल्के लड़ाकू विमान को स्टील्थ क्षमता देने की पूरी कहानी

    स्वदेशी तकनीक की ताकत: तेजस Mk1A को स्टील्थ बना DRDO ने बदल दिया युद्ध का नक्शा

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    भारत-विरोधी विचारों वाला मेयर: Zohran Mamdani की राजनीति और पश्चिमी लोकतंत्र में फैलती हिंदू फोबिया

    तेजस Mk1A और ‘स्वयं‑रक्षा कवच’: भारत के हल्के लड़ाकू विमान को स्टील्थ क्षमता देने की पूरी कहानी

    स्वदेशी तकनीक की ताकत: तेजस Mk1A को स्टील्थ बना DRDO ने बदल दिया युद्ध का नक्शा

    जो देश के लिए लड़ता रहा, अब देश उसके लिए खड़ा है: मेजर विक्रांत जेटली की वीरता और भारत की ताकत

    जो देश के लिए लड़ता रहा, अब देश उसके लिए खड़ा है: मेजर विक्रांत जेटली की वीरता और भारत की ताकत

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बलूचों का संघर्ष भाग-1: पाकिस्तान ने कैसे छीनी बलूचिस्तान की आज़ादी?

Prashant Pole द्वारा Prashant Pole
21 March 2025
in इतिहास
बलूचिस्तान
Share on FacebookShare on X

बलूचिस्तान…पाकिस्तान का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। पाकिस्तानी जमीन का 44% हिस्सा समेटने वाला, लेकिन सघन बसाहट नहीं है। इसलिए जनसंख्या के मामले में पिछडा हुआ है। सवा करोड़ के लगभग आबादी, समंदर को छूता हुआ किनारा, कुछ हिस्सा ईरान से जुड़ा हुआ, तो कुछ अफगानिस्तान से।

आज कुछ उजड़ा हुआ सा लगने वाला यह प्रदेश किसी जमाने में अत्यंत संपन्न था। विश्व में खेती करने के सबसे प्राचीन प्रमाण, इसी क्षेत्र में मिले हैं।

संबंधितपोस्ट

भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

और लोड करें

बलूचिस्तान का इतिहास काफी पुराना है। कुछ हजार वर्ष पुराना, पहले यह पूरा क्षेत्र हिन्दू था। संस्कृत के श्लोक, वेदों के मंत्र, उपनिषदों की ऋचाएँ यहाँ के दर्रे में गूँजती थी। इसी प्रदेश के मकरान क्षेत्र में, हिंगोल नदी के पास, अत्यंत दुर्गम पहाड़ी पर देवी भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक ‘हिंगलाज माता का मंदिर’ हैं। अरबी समुद्र से यह मंदिर मात्र 20 किलोमीटर दूरी पर है। चूंकि यह क्षेत्र रेगिस्तानी भाग में आता हैं, इसलिए इसे ‘मरुतीर्थ हिंगलाज’ भी कहा जाता है। इसी रास्ते से सिकंदर भारत पर आक्रमण करने आया था। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर प्रभु श्रीराम, जमदग्नि ऋषि, गुरु गोरखनाथ और गुरु नानक देव जी भी आ चुके हैं।

हिंगलाज माता को चारणों की कुलदेवता माना जाता है। ये चारण लोग बाद में बलूच कहलाए। महाभारत काल में यह स्थान गांधार महाजनपद का हिस्सा था। महाभारत के युद्ध में इस पूरे महाजनपद ने कौरवों की तरफ से युद्ध में भाग लिया था।

इसी बलूचिस्तान मे बालाकोट के पास मेहरगढ़ क्षेत्र में जो उत्खनन हुआ, उसमे हड़प्पा से भी पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले। इस प्रदेश में बोलन नदी के किनारे कुछ हजार वर्ष पूर्व एक विकसित सभ्यता थी, यह सिद्ध हुआ है।

सन 711 में जब मुहम्मद बिन कासम ने इस क्षेत्र पर हमले प्रारंभ किए, तब यहां हिंदुओं और बौद्धों की एक बड़ी आबादी रहती थी। इसके बाद यह पूरा इलाका धीरे-धीरे धर्मांतरण के चलते मुस्लिम बाहुल्य होता चला गया। अकबर के शासन काल में बलूचिस्तान मुगलों के आधीन था। लेकिन वर्ष 1638 में मुगलों ने पार्सिया अर्थात ईरान को यह इलाका सौंप दिया। लेकिन बाद में कलात के मीर नासीर खान ने 1758 में अफगान शासन की आधीनता स्वीकार कर ली।

प्रथम अफगान युद्ध के बाद अर्थात 1842 के बाद इस क्षेत्र पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। अंग्रेजों ने इसे चार रियासतों में बांट दिया: कलात, मकरान, लस बेला और खारत। लेकिन बीसवीं सदी के प्रारंभ से बलुचों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष प्रारंभ किया। साल 1941 में जब द्वितीय विश्व युद्ध अपने चरम पर था, तब बलूचिस्तान की आजादी के लिए ‘अंजुमन ए इत्तेहाद ए बलूचिस्तान’ नामक संगठन का गठन हुआ। सन 1944 में अंग्रेज़ जनरल मनी ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की दिशा में स्पष्ट संकेत दिये थे।

यहां मजेदार बात यह है कि रहमत अली ने पाकिस्तान की कल्पना करते हुए, इस मुस्लिम राष्ट्र के नाम में जो ‘स्तान’ शब्द जोड़ा था, वह बलूचिस्तान से ही लिया था। लेकिन जिस दिन पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ, उस दिन उसके नक्शे में बलूचिस्तान नहीं था, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी या जिसका ‘पाकिस्तान’ नामक प्रस्तावित नाम में भी उल्लेख नहीं था, ऐसा पूर्व बंगाल पाकिस्तान में था। लेकिन बलूचिस्तान नहीं आ सका।

पाकिस्तान से 3 दिन पहले आजाद हो गया था बलूचिस्तान

कलात, बलूचिस्तान के प्रमुख शहरों में से एक है। क्वेटा से केवल नब्बे मील दूरी पर स्थित सघन जनसंख्या वाला यह शहर है। मजबूत दीवारों के भीतर बसे हुए इस शहर का इतिहास दो-ढाई हजार वर्ष पुराना है। कुजदर, गंदावा, नुश्की, क्वेटा जैसे शहरों में जाना हो तो कलात शहर को पार करके ही जाना पड़ता था। इसीलिए इस शहर का एक विशिष्ट सामरिक महत्त्व भी था। बड़ी-बड़ी दीवारों के अंदर बसे इस शहर के मध्यभाग में एक बड़ी सी हवेली थी। इस हवेली के जो खान थे, उनका ‘राजभवन’ यह बलूचिस्तान की राजनीति का प्रमुख केन्द्र था। इस राजभवन में मुस्लिम लीग, ब्रिटिश सरकार के रेजिडेंट और कलात के मीर अहमद यार खान की एक बैठक हुई। इनके बीच एक संधि पर हस्ताक्षर हुए, जिसके माध्यम से 11 अगस्त 1947 से कलात एक स्वतंत्र देश के रूप में काम करने लगा।

ब्रिटिश राज्य व्यवस्था में बलूचिस्तान के कलात का एक विशेष स्थान पहले से ही था। सारी 560 रियासतों और रजवाड़ों को अंग्रेजों ‘अ’ श्रेणी में रखा गया था, जबकि सिक्किम, भूटान, और कलात को ‘ब’ श्रेणी की रियासत का दर्जा दिया गया था। अंततः 11 अगस्त को, दोपहर 1 बजे संधि पत्र पर तीनों के हस्ताक्षर हुए। इस संधि के द्वारा यह घोषित किया गया कि कलात अब भारत का राज्य नहीं रहा, बल्कि यह एक स्वतंत्र देश होगा। मीर अहमद यार खान इस देश के पहले राष्ट्र प्रमुख बने।

कलात के साथ ही मीर अहमद यार खान का पूर्ण वर्चस्व इस इलाके के पड़ोस में स्थित लास बेला, मकरान और खारान क्षेत्रों पर भी था। इसलिए भारत की स्वतंत्रता और पाकिस्तान का निर्माण होने से पहले ही, इन सभी भागों को मिलाकर, मीर अहमद यार खान के नेतृत्व में बलूचिस्तान नामक मुल्क का निर्माण हो गया।

बलूचिस्तान के बलूच लोगों ने न तो पहले कभी पाकिस्तान में जाने के बारे में सोचा था और न ही आज भी उनकी वैसी मानसिकता है। बलूचिस्तान स्वतंत्र देश बनना चाहता था और वह बना भी।

लेकिन बलूचिस्तान की यह स्वतंत्रता पाकिस्तान को फूंटी आँख नहीं सुहा रही थी। आखिरकार, 7 महीने और 16 दिन की बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के बाद, 27 मार्च, 1948 को पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अकबर खान ने इस छोटे से देश पर बलात कब्जा कर लिया। पिछले साढ़े सात महीनों में, यह छोटा सा देश अपने सेना की जमावट भी ठीक से नहीं कर सका था। इसलिए प्रतिकार ज्यादा हुआ नहीं और पाकिस्तान के कब्जे में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह प्रदेश आ गया।

पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर कब्जा तो कर लिया, किन्तु शासन करना कठिन था। मकरान, खारन और लस बेला तो पूर्णतः पाकिस्तान में शामिल हो गए। किन्तु कलात रियासत ने शामिल होने के बाद भी अपना अस्तित्व कायम रखा। आखिरकार, सन 1955 में कलात रियासत भी पाकिस्तान में पूर्णतः विलीन हो गई।

मार्च 1948 में बलूचिस्तान पर पाकिस्तान का कब्जा होते ही विरोध के स्वर बुलंद होने लगे। कलात के अहमद यार खान ने तो पाकिस्तानी कब्जे का ज्यादा विरोध नहीं किया। परंतु उनके भाई राजकुमार अब्दुल करीम ने, जुलाई 1948 में पाकिस्तान के इस बलात कब्जे के विरोध में विद्रोह कर दिया। अपने अनुयाइयों के साथ वह अफगानिस्तान चला गया। तत्कालीन अफगान सरकार, बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर के, उसे अपने कब्जे में लाना चाहती थी, क्योंकि उन्हें समुद्री बंदरगाह (सी पोर्ट) नसीब नही था और बलूचिस्तान के पास समंदर था। लेकिन अब्दुल करीम को अफगान सरकार से वांछित समर्थन नहीं मिल पाया। अंततः लगभग एक वर्ष के बाद, करीम ने पाकिस्तानी सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

बलूचिस्तान के स्वतंत्रता आंदोलन में एक जबरदस्त नाम उभरा, नवाब नौरोज़ खान। 1955 में जब कलात रियासत को समाप्त कर उसका पूर्णतः पाकिस्तान मे, ‘वन यूनिट’ पॉलिसी के अंतर्गत विलय किया गया, तो नवाब नौरोज़ खान ने पाकिस्तान का प्रखर विरोध किया। 1958 में उन्होने पाकिस्तानी सरकार के विरोध में गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया। वे नहीं चाहते थे कि अन्य राज्यों की तरह बलूचिस्तान पर भी पाकिस्तान का नियंत्रण हो।

लेकिन कुछ ही महीनों के बाद, अर्थात 15 मई 1959 को, नवाब नौरोज़ खान पाकिस्तान सरकार के सामने आत्मसमर्पण को मजबूर हुए। पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें और उनके सभी साथियों को माफी का आश्वासन दिया था। लेकिन फितरत के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने अपना ही वचन तोड़ दिया। नवाब के रिश्तेदार और 150 वफादार सैनिकों को पाक सरकार ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आखिरकार 15 जुलाई को इस विद्रोह के 5 नेताओं को फांसी पर लटकाकर मारा गया। नवाब नौरोज़ खान की उम्र हो चली थी, इसलिए उन्हें बख्शा गया। लेकिन 5 साल बाद, 1964 मे, नवाब साहब कोहलू के जेल में चल बसे।

इस विद्रोह की चिंगारी भी इसी के साथ समाप्त हो जायेगी ऐसा पाकिस्तान सरकार को लगा। किन्तु ऐसा हुआ नहीं। पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान की स्थिति देखते हुए, वहां संवेदनशील इलाकों में सैनिक अड्डे तैयार करवाने का काम शुरू किया। इससे स्वतंत्र बलूचिस्तान समर्थक खौल उठे। उनके नेता शेर मोहम्मद बिजरानी ने, 72 हजार किलोमीटर के क्षेत्र में अपने गुरिल्ला लड़कों के अड्डे खड़े किए। बलूचिस्तान में गैस के अनेक भंडार हैं। ये विद्रोही नेता चाहते थे कि पाकिस्तान सरकार इन गैस भंडारों से मिलने वाली कुछ आमदनी इन कबाईली नेताओं से भी साझा करे। यह लड़ाई 6 साल चली। लेकिन अंत में बलूचिस्तान की स्वतंत्रता चाहने वाले विद्रोही सैनिक थक गए और राष्ट्रपति याह्या खान के साथ युद्ध विराम को राजी हो गए।

युद्ध विरामहोने के कुछ ही महीनों बाद, 1970 के दिसंबर में पाकिस्तान में पहले आम चुनाव हुए। यह आम चुनाव पाकिस्तान की किस्मत बदलने वाले थे। पाकिस्तान का इतिहास और भूगोल इन्हीं चुनावों ने बदला।

1970 के इन चुनावों में जहां पूर्वी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर्र रहमान की अवामी लीग प्रचंड बहुमत से विजयी रही। वहीं पश्चिमी पाकिस्तान में जुल्फ़ीकार भुट्टो के पी पी पी की लगभग सभी प्रान्तों में जीत हुई – सिवाय बलूचिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ़्रोंटियल प्रोविन्स (NWFP) के। बलूचिस्तान में नेशनल अवामी पार्टी जीती, जो की स्वतंत्रता वादी बलुचों की पार्टी थी। राष्ट्रीय असेंब्ली की 300 में से शेख मुजीबुर्र रहमान की अवामी लीग ने जीती 167 सीटें, तो भुट्टो की पार्टी को मिली मात्र 81 सीटें।

1971 पाकिस्तान के इतिहास में भारी उथल पुथल वाला रहा। इस वर्ष के समाप्त होने के पहले, पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और ‘बांग्ला देश’ के रूप में नए राष्ट्र का उदय हुआ, जो पहले ‘पूर्वी पाकिस्तान’ था।

अब बचे खुचे पाकिस्तान मे, जनरल याह्या खान को बलूचिस्तान में ‘नेशनल अवामी पार्टी’ की जीत बहुत अखर रही थी। उसे लग रहा था की, ‘ये बलूच लोग, ईरान के साथ मिलकर एक बड़ा संघर्ष खड़ा करने वाले हैं’। इसलिए, 1971 के युद्ध से उबरते ही, पाकिस्तान ने 1973 के प्रारंभ में बलूचिस्तान के प्रादेशिक सरकार को बर्खास्त किया और वहां 80 हजार पाकिस्तानी फौजी उतार दिए।

बांग्लादेश की गलती से सबक न सीखने वाले पाकिस्तान ने, बलूचिस्तान में भी वही किया। भीषण अत्याचार। बलूचिस्तान की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिये गए। बलूचिस्तान के कुछ क्षेत्रों में, जहां पाकिस्तानी सेना को, बलूची विद्रोहियों के अड्डे होने की आशंका थी, वहां पर हवाई हमले भी किए। अनेक स्थानों पर बलूच विद्रोही और पाकिस्तानी सेना में जबरदस्त संघर्ष भी हुआ। हजारों की संख्या में दोनों तरफ के लोग मारे गए। अनेक विद्रोही बलूच नेता, अफगानिस्तान पहुंचने में सफल रहे।

इस भयानक अत्याचार, दमन और संघर्ष के बाद, बलूच स्वतंत्रता आंदोलन में एक छोटा सा ठहराव आया। लेकिन इस ठहराव से एक सृजन हुआ – संगठित सशस्त्र आंदोलन का। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का।

बलूचिस्तान और वहां रहने वाले बलूचों के संघर्ष को लेकर TFI मीडिया की यह खास पेशकश है। इस सीरीज के कई लेख आप जल्द ही TFIPOST.IN आप पढ़ सकते हैं।

Tags: BalochistanHistoryPakistanइतिहासपाकिस्तानबलूचिस्तानबलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जानें अमेरिकी सरकार के शिक्षा विभाग पर क्यों लगा ताला? राष्ट्रपति ट्रंप के फरमान से हजारों की नौकरी पर लटकी तलवार

अगली पोस्ट

नेहरू के तुष्टिकरण से मोदी की चोट तक कैसे बदला वक्फ का चेहरा? जानें कितनी संपत्तियों पर है वक्फ का अधिकार

संबंधित पोस्ट

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम
इतिहास

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

5 November 2025

आज कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा सनातन परंपराओं में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक...

नगीना मस्जिद हमला
इतिहास

जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

31 October 2025

बात वर्ष 1939 की है।अंग्रेजी शासन के ख़िलाफ़ पूरे देशभर में भावनाएं उफान पर थीं जनता न सिर्फ अपने लिए ज्यादा से ज्यादा अधिकारों की...

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया
इतिहास

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

31 October 2025

31 अक्टूबर 2025 को पूरा भारत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है। लौहपुरुष के रूप में विख्यात सरदार पटेल केवल स्वतंत्र भारत...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited