अमेरिका की इंटेलिजेंस प्रमुख तुलसी गबार्ड इन दिनों भारत दौरे पर हैं। गबार्ड ने अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। NDTV से कई मुद्दों पर विशेष बातचीत में गबार्ड ने बांग्लादेश की बिगड़ती स्थिति की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है। साथ ही, गबार्ड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन वैश्विक स्तर पर ‘इस्लामी आतंकवाद’ को बढ़ावा देने वाली विचारधारा को हराने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी खुफिया प्रमुख ने बांग्लादेश सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ‘इस्लामिक खिलाफत’ का मंच तैयार करने के लिए चरमपंथी तत्वों और आतंकवादियों की ओर से की जा रही नापाक साजिशों के बारे में भी बात की। उन्होंने इसे ‘वैश्विक पैटर्न’ बताया और समझाया कि कैसे ट्रंप प्रशासन इस तरह के खतरे से निपटने में अपनी नीतियों को प्राथमिकता दे रहा है। तुलसी गबार्ड ने आगे कहा, “हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और हत्या, अमेरिकी सरकार, राष्ट्रपति ट्रंप के लिए चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है।”
गबार्ड ने कहा, “इस्लामिक चरमपंथी और विभिन्न आतंकवादी समूहों के वैश्विक प्रयास एक ही विचारधारा और उद्देश्य से प्रेरित हैं– वह है एक इस्लामिक खिलाफत का शासन।” अमेरिकी खुफिया प्रमुख गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद’ के मंसूबों को हराने के लिए अपना रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली विचारधारा की पहचान करने और इस विचारधारा को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
(एजेंसी से इनपुट के साथ)