भारत में इज़रायल के राजदूत रूवेन अजार ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा ईरान के पक्ष में लिखे गए एक लेख पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राजदूत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हालात की गंभीरता को समझते हुए नेताओं को क्षेत्रीय घटनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। समाचार एजेंसी IANS से बातचीत में, राजदूत अजार ने कहा, “हम इस बात से निराश हैं कि जिस सार्वजनिक हस्ती (सोनिया गांधी) की आप बात कर रहे हैं, उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों की उस प्रकार निंदा नहीं की, जैसी कि अपेक्षित थी। पिछले तीन दशकों से ईरान जिस तरह से क्षेत्र में आक्रामक नीति अपना रहा है, उसे नजरअंदाज करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।”
अजार ने आगे कहा कि हालांकि विचारों की स्वतंत्रता सभी को प्राप्त है लेकिन खासकर राजनेताओं को तथ्यों और वास्तविकता के आधार पर अपने विचार रखने चाहिए। राजदूत अजार ने जोर देकर कहा, “इस पूरे घटनाक्रम में यह पूरी तरह साफ है कि आक्रामक रुख ईरान ने अपनाया। इजरायल ने तो केवल तब कार्रवाई की जब ईरान ऐसे हथियारों के करीब पहुंच गया था जो हमारे देश को नष्ट कर सकते थे।”
परमाणु ठिकानों पर हमले को बताया जरूरी
इजरायली राजदूत ने हाल ही में अमेरिका और इज़रायल द्वारा ईरान पर की गई सैन्य कार्रवाई को भी सही और आवश्यक करार दिया। उन्होंने कहा, “ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा बन गया था। यही कारण था कि फोर्दो, इस्फहान और नतांज स्थित परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया।”
भारत सरकार द्वारा तनाव कम करने की दिशा में उठाए गए कूटनीतिक प्रयासों की सराहना करते हुए, राजदूत अजार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को महत्वपूर्ण बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि ईरान को पहले खुद में बदलाव लाना होगा।
‘शांति के लिए जरूरी है ईरान का व्यवहार में बदलाव’
राजदूत अजार ने कहा, “अगर ईरान अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम बंद करे, अन्य देशों को नष्ट करने की सोच छोड़े और क्षेत्रीय स्तर पर आक्रामक गतिविधियों से पीछे हटे, तभी कूटनीति का मार्ग संभव हो सकता है।” अजार ने इज़रायल को शांति का पक्षधर बताते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि ईरान जिम्मेदार रुख अपनाए जिससे शांति और स्थिरता की बहाली हो सके।”