कर्नाटक के मंगलुरु शहर के हुए सनसनीखेज हत्याकांड ने स्थानीय लोगों के दिमाग में खौफ पैदा कर दिया है। इसके साथ ही हिंदू नेता सुहास शेट्टी की निर्मम हत्या ने देश का ध्यान भी अपनी ओर खीचा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)को सौंप दिया है। आशंका जताई जा रही है कि इस हत्या के पीछे आतंकी साजिश हो सकती है। अब एनआईए के हाथ में मामला आने के बाद संभव है कि इस बात का खुलासा हो पाए।
बता दें 1 मई 2025 को मंगलुरु के बाजपे इलाके के किन्नीपदावु में सुहास शेट्टी अपने साथियों के साथ एक गाड़ी में जा रहे थे। तभी पांच-छह हमलावरों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। धारदार हथियारों से लैस हमलावरों ने सुहास पर बेरहमी से हमला किया। पास के सीसीटीवी फुटेज में यह भयावह दृश्य रिकॉर्ड हो गया था। गंभीर रूप से जख्मी सुहास को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
हिंदू संगठनों से था नाता
सुहास शेट्टी कई हिंदू संगठनों से जुड़े थे और उनकी सक्रियता ने उन्हें कुछ समूहों के निशाने पर ला दिया था। इस हत्या की क्रूरता ने न केवल मंगलुरु बल्कि पूरे कर्नाटक में तनाव की स्थिति पैदा कर दी।
आतंकी साजिश का शक
कर्नाटक पुलिस ने जांच में 16 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इसमें अब्दुल रजाक को 3 जून को हिरासत में लिया गया था। रजाक पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपी मोहम्मद मुजम्मिल और अन्य हमलावरों को अपने घर में पनाह दी था। यहीं इस हत्या की योजना बनाई गई। रजाक का मुजम्मिल और एक अन्य आरोपी नौशाद से करीबी रिश्ता भी सामने आया है।
जांच में कुछ ऐसे सुराग मिले जो हत्याकांड को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जोड़ते हैं। इन खुलासों ने मामले को और गंभीर बना दिया है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे एनआईए को सौंपने का फैसला किया। एजेंसी का मानना है कि यह हत्या न केवल व्यक्तिगत निशाने का मामला है बल्कि इसका मकसद समाज में डर और अस्थिरता फैलाना भी हो सकता है।
2022 से बैन है PFI
इसको 2022 में सरकार ने देश-विरोधी गतिविधियों के लिए बैन कर दिया था। इस संगठन पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। ऐसे में सुहास शेट्टी मामले की जांच एनआईए के लिए चुनौती साजिश के पीछे के असली चेहरों और नेटवर्क का खुलासा करने की चुनौती के रूप में है।
तनाव और जांच
सुहास शेट्टी की हत्या के बाद मंगलुरु और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी चल रही हैं। सरकार ने हालात को नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाने की बात कही है। सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ पोस्ट ने माहौल को और गरम किया है।
ये भी पढ़ें: रूस के 10 बड़े हिंदू मंदिर, भारत की समृद्ध सांस्कृती
खुलासे की उम्मीद
एनआईए की जांच से अब उम्मीद है कि इस हत्याकांड के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आएगी। इसके दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। एजेंसी जल्द ही हत्या वाली जगह का दौरा कर सकती है। वो गवाहों व संदिग्धों से पूछताछ शुरू करेगी। एनआईए की जांच से इस साजिश के पीछे छिपे नेटवर्क का भंडाफोड़ होने की उम्मीद है।