बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है  सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

ICICI बैंक ने अपने नए सेविंग एकाउंट होल्डर्स के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस अनिवार्य कर दिया है। लेकिन देश में 50 हज़ार महीने कमाने वाले कितने हैं? अगर बाकी बैंक भी ICICI की चाल पर चलने लगे तो आम आदमी की बचत और देश की बैकिंग व्यवस्था का क्या होगा ?

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
12 August 2025
in अर्थव्यवस्था, चर्चित, व्यापार
बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?
Share on FacebookShare on X

डोनाल्ड ट्रम्प को फ़िलहाल भले ही पूरा भारत कोस रहा हो, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ICICI का टॉप मैनेजमेंट उनसे खासा प्रभावित और प्रेरित हुआ है। शायद इसीलिए इस दिग्गज प्राइवेट बैंक ने बचत खातों के लिए 50 हज़ार रुपये मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है (ट्रम्प भी भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का टैरिफ़ लगा चुके हैं)। बैंक का ये कदम ट्रम्प टैरिफ़ से कम नहीं है। ज़रा सोचिए जिस देश में 50 हज़ार रुपये की मंथली सेलरी आज भी ‘हैंडसम’ न सही, लेकिन अच्छी मानी जाती हो, वहां अगर कोई बैंक इतना ही पैसा बैंक में बेमतलब, बिना किसी काम के रखने को कहे तो ?

ICICI की प्राथमिकता स्पष्ट है– उसे आम आदमी का नहीं, अमीर आदमी का बैंक बनना है

ज़ाहिर है, ICICI अब कॉमनमैन नहीं बल्कि प्रीमियम क्लास का प्रीमियम बैंक बनने का फैसला कर चुका है। वैसे ICICI निजी बैंक है, ऐसे में वो कोई भी फैसला ले सकता है, वो चाहे तो पचास हज़ार की जगह 50 लाख रुपये का मिनिमम बैलेंस भी अनिवार्य कर सकता है। लेकिन क्या बात सिर्फ बैंक की आज़ादी तक ही सीमित है? क्या कोई भी निजी बैंक इस तरह के मनमाने फैसले ले सकता है, जिसका असर देश के बड़े वर्ग पर पड़ेगा ? दूसरे प्रश्न का उत्तर स्पष्ट है– जी हां ले सकता है, इस पर कोई रोक नहीं है। लेकिन उससे भी बड़ा प्रश्न है कि क्या इसे सिर्फ कारोबारी फैसले की तरह ही देखा जाना चाहिए?

संबंधितपोस्ट

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

क्या ‘टू स्टेट सॉल्यूशन’ के लिए आखिरी कील साबित होने वाली है ट्रम्प की शांति योजना?

ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

और लोड करें

दरअसल ICICI Bank ने जो नए नियम जारी किए हैं, उनके अनुसार उसके नए Savings Accounts में शहरी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये महीने, अर्धशहरी (कस्बों) के लिए 25,000 रुपये महीने, और ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों के लिए कम से कम 10 हजार रुपये महीने का मिनिमम बैलेंस मेंटेंन करना होगा। अगर किसी भी स्थिति में खाते में 50 हज़ार रुपये से कम हुए तो बैंक घटे एमाउंट पर 6% तक पेनाल्टी काटेगा, जो कि 500 रुपये तक हो सकती है। यानी अब अगर ICICI बैंक में खाता खोलना है तो आपको कम से कम पचास हज़ार रुपये हमेशा रखने ही होंगे।

यानी एक तरह से ये रकम आपके ख़ास काम की नहीं रहेगी। अब जिस आदमी की तनख़्वाह ही 50 या 60 हज़ार रुपये होगी वो ये मिनिमम बैलेंस कैसे मेंटेन करेगा? ऐसा तो होगा नहीं कि वो सेलरी आते ही पूरा पैसा बैंक में जमा कर दे और चवन्नी भी न खर्च करे। इस लिहाज़ से तो लाख–सवा लाख रुपये महीना कमाने वाले भी ICICI बैंक में खाता नहीं खोल सकेंगे, हां सैलरी एकाउंट हो तो अलग बात है। यानी ICICI ने साफ़ कर दिया है कि उसे अब निम्न मध्यमवर्गीय या कुछ हद तक मध्यमवर्गीय लोगों की ज़रूरत नहीं है और अब उसका ध्येय अमीर– उच्च मध्यमवर्गीय लोगों का बैंक बनना है।

ICICI बैंक ने 50,000 रुपये का मिनिमम बैलेंस तो कर दिया, लेकिन देश में 90% लोगों की आय ही इतनी नहीं है

एक रिपोर्ट के अनुसार देश के  90% वयस्कों यानी लगभग 82 करोड़ लोगों की कमाई सालाना ₹6 lakh रुपये यानी पचास हजार रुपये महीने से कम है।आयकर विभाग के डेटा(2023–24) के अनुसार देश में क़रीब 4 करोड़ लोगों ने ही 5 लाख सालाना से ज्यादा का रिटर्न दाखिल किया था, इसमें अगर 2-2.5 करोड़ ऐसे लोगों को भी जोड़ लें, जिन्होने रिटर्न फ़ाइल नहीं किया तो भी देश में 50 हज़ार महीना कमाने वालों की संख्या 6.25-6.35 करोड़ के बीच ही होगी।इसमें भी 5-10 लाख के स्लैब में तो केवल 1.1 करोड़ लोग ही थे, वहीं ITR डेटा के अनुसार 10-15 लाख के ब्रैकेट में लगभग 50 लाख टैक्सपेयर्स ही हैं।

अब अगर बेसिक कैलकुलेशन के लिहाज़ से देखें तो यही 50 लाख लोग ही ICICI बैंक में खाता खुलवा सकेंगे। लेकिन इसमें भी पेच है,  ज़रा सोचिए अगर आपकी तनख़्वाह 1.25 लाख रुपये है, इसमें भी 50 हज़ार मिनिमम बैलेंस में चले गए, तो आपको घर खर्च– लोन की किश्त, बच्चों की पढ़ाई, इलाज– सारे खर्च 75 हज़ार रुपये में ही निपटानें होंगे। इस पर भी कोढ़ में खाज ये कि इस 50 हज़ार रुपये के बैलेंस पर बैंक आपको सिर्फ 2.5% काब्याजहीदेगा। कोई भी समझदार आदमी इस पैसे को FD , Mutual Funds या U lip जैसी निवेश की दूसरी स्कीमों में लगाना चाहेगा, जहां उसे कहीं बेहतर रिटर्न मिल सकेगा। कुल मिलाकर ICICI बैंक के इस एक कदम ने करोड़ों भारतीयों को उससे दूर कर दिया है। या यूं कहें कि ICICI ख़ुद यही चाहता है– आम आदमी का नहीं, बल्कि अमीर आदमी का बैंक बनना (क्योंकि असली कमाई वहीं से आनी है और आम आदमी को बैंक सिर्फ बोझ मानते हैं) इसकी गुणा–गणित भी बेहद आसान है।अगर ICICI प्रीमियम ग्राहकों यानी अमीर लोगों को आकर्षित करने में कामयाब रहता है तो, इससे कुछ दो सीधे और बड़े फायदे होंग।

पहला–  मिनिमम बैलेंस के रूप में उसे बेहद कम ब्याज पर एक बड़ी रकम (कैश पूल) मिल जाएगी, जिसका इस्तेमाल वो कर्ज देने में कर सकेगा। आम तौर पर बैंक इस राशि (CASA) पर 2.5 प्रतिशत का ब्याज देता है, जबकि जब वो इसी राशि को कर्ज के तौर पर बांटेगा तो औसतन 9 प्रतिशत का ब्याज वसूलेगा– यानी सीधे तौर पर बैंक आपके ही पैसे से क़रीब साढ़े 6 प्रतिशत तक का लाभ कमाएगा। इसके अलावा ICICI इन अमीर कस्टमर्स से प्रीमियम सर्विसेज़ के नाम ज्यादा क्रॉस सेल प्रोडक्ट्स भी बेच सकेगा– जैसे क्रेडिट कार्ड, लोन, इंश्योरेंस, वेल्थ मैनेजमेंट और लॉकर सुविधाएं।

क्या ग़रीब ग्राहक बैंक पर सिर्फ बोझ हैं ?

ये तो अमीर ग्राहकों की बात हुई, अब ज़रा आम ग्राहकों का भी रुख़ समझ लेते हैं– दरअसल बैंक जब किसी का भी खाता खोलता है तो KYC वेरिफिकेशन, ब्रांच सर्विसेज़, ATM, चेकबुक, मैसेज सर्विसेज़ और दूसरी सुविधाओं पर उसे कुछ न कुछ राशि खर्च करनी पड़ती है। एक अनुमान के तौर पर ये खर्च 500 से 1500 रुपये तक हो सकता है। 31 मार्च  2023 के डेटा के अनुसार ICICI बैंक के पास 21.1 million बेसिक सेविंग एकाउंट थे, जिसमें 4.4 million यानी करीब 44 लाख खाते प्रधानमंत्री जन–धन योजना के तहत खोले गए थे। ये सभी ज़ीरो बैलेंस खाते हैं और इस लिहाज़ से ICICI को इनके संचालन के लिए एक बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है। ज़ाहिर है ICICI ये खर्च बचाना चाहता है।

दूसरे बैंक भी ICICI के रास्ते पर चल पड़े तो जन–सामान्य की बैंकिंग का क्या होगा?

वैसे सिर्फ जानकारी के लिए आपको बता दें कि लुई वितां जैसी लक्ज़री फैशन ब्रैंड के बेहद चुनिंदा ग्राहक ही हैं, लेकिन इसकी नेटवर्थ क़रीब 240 बिलियन डॉलर है (फोर्ब्स-2025 के अनुसार) और इसके मालिक बर्नाड अरनो दुनिया के टॉप 10 अमीरों में से एक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस ब्रैंड के ग्राहक आम लोग नहीं, बल्कि अच्छे खासे अमीर हैं और संख्या में बेहद कम ये लोग ही सालाना क़रीब 85 बिलियन डॉलर के लुई वितां प्रोडक्ट्स ख़रीद डालते हैं।

ICICI भी शायद इसी फॉर्मूले को फॉलो करना चाहता है। ज़ाहिर है ये ICICI बैंक का विशुद्ध कामर्शियल फैसला है, लेकिन देश में जन साधारण को बैंकिंग से जोड़ने का जो अभियान है, उसके लिहाज़ से ये फैसला ख़तरनाक साबित हो सकता है।

अब जरा इस स्थिति को देश में बैंकिंग की स्थिति की सापेक्षता में देखते हैं।

वर्ष 2011 तक देश में क़रीब 35 लोगों के ही बैंक खाते थे, यानी क़रीब एक तिहाई आबादी बैंकिंग से जुड़ी थी। 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन–धन योजना शुरू होने के बाद ये आंकड़ा बढ़ कर क़रीब 53 प्रतिशत तक पहुँच गया और विश्व बैंक की Global Findex रिपोर्ट 2025 के अनुसार भारत में करीब 89 % वयस्कों के पास बैंक खाते हैं या वो किसी रूप में बैंकिंग प्रणाली से सीधे तौर पर जुड़े हैं। यानी क़रीब 15 वर्षों में ढाई गुना से भी ज्यादा लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाए हैं। ऐसा मोदी सरकार के निर्देश के बाद बड़े पैमाने पर खोले गए ज़ीरो बैलेंस खातों की वजह से हुआ है, जहां मिनिमम बैलेंस रखने की कोई अनिवार्यता नहीं है। लेकिन जरा सोचिए अगर निजी क्षेत्र के दूसरे बैंक भी इसी राह पर चलने लगे, तो देश की एक बड़ी आबादी बैंकिंग के लिए सरकारी बैंकों पर या फिर कम सुविधाओं वाले बेसिक जमा खातों पर ही निर्भर हो जाएगी और ये स्थिति आर्थिक आधार पर देश के विभाजन जैसी ही होगी।

Tags: ICICI बैंकअमीर आदमी का बैंकग़रीब ग्राहकडोनाल्ड ट्रम्पबैंकिंग
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

लोकसभा ने नकदी विवाद में न्यायमूर्ति वर्मा पर महाभियोग की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनी

अगली पोस्ट

₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

संबंधित पोस्ट

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

और लोड करें
इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited