अमेरिका से जारी टैरिफ़ तनातनी और बिहार चुनावों से पहले भाजपा संसदीय दल की तरफ़ से सांसदों के लिए विशेष कार्यक्रम और वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यशाला 6 सितंबर से लेकर से 8 सितंबर तक चलेगी। माना जा रहा है कि इस तीन दिवसीय वर्कशॉप में सांसदों को कई मुद्दों की जानकारी दी जाएगी और उन्हें सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने को कहा जा सकता है। साथ ही वोट चोरी जैसे विपक्ष के नकारात्मक प्रचार को कैसे काउंटर किया जाए– इसकी जानकारी भी दी जा सकती है।
सांसदों की ‘पाठशाला’: जेपी नड्डा के डिनर से शुरू, पीएम मोदी के डिनर पर खत्म
भाजपा के कार्यालय सचिव शिव शक्ति नाथ बक्सी ने इस संदर्भ में सभी सांसदों को एक पत्र जारी किया है। इसके अनुसार 6 सितंबर की शाम को बीजेपी के सभी सांसदों को पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आवास पर डिनर के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके बाद 7 सितंबर को सुबह 9 बजे से देर शाम तक सभी सांसद एक वर्कशॉप में हिस्सा लेंगे। जानकारी के अनुसार इस वर्कशॉप में सांसदों को संसदीय कार्य, संगठनात्मक भूमिका और जनसंपर्क से जुड़ी अन्य बारीकियां समझाई जाएंगी।
वहीं तीसरे दिन, यानी 8 सितंबर को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक वर्कशॉप का दूसरा सत्र होगा और इसके बाद शाम को सभी सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आयोजित डिनर में हिस्सा लेंगे।
जनता के बीच जाने की तैयारी या उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी, ‘मेगा वर्कशॉप’ का एजेंडा क्या है?
इससे पहले मॉनसून सत्र के लिए एनडीए और भाजपा के सभी सांसदों की बैठकें बुलाई जा चुकी हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी भी ख़ुद मौजूद थे। हालांकि वो बैठकें सत्र के दौरान होने वाली औपचारिक और रूटीन बैठकें थीं, लेकिन एक महीने के अंदर ही आयोजित होने वाली सांसदों की इस मेगावर्क शॉप को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है कि आख़िर इस बैठक में क्या एजेंडा रहने वाला है। जानकारों की मानें तो पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के वक्त से ही भारतीय राजनीति कई मोर्चों पर प्रभावित हुई है।ख़ासकर अमेरिका के बदले रुख़ और ट्रम्प टैरिफ़ के बाद परिस्थितियां राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी तेजी से बदली हैं।अमेरिका के साथ एक्सपोर्ट के प्रभावित होने से उसके अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।हालांकि अबतक के सबसे बड़े जीएसटी रिफॉर्म और दूसरे देशों के साथ ट्रेडडील को आगे बढ़ाकर सरकार इस प्रभाव को शून्य करने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में सांसदों को इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने और सरकार द्वारा किए गए सुधारों– ख़ासकर GST रिफॉर्म और उससे होने वाले फायदे से आम जनता को अवगत कराने को कहा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी स्वयं लालकिले की प्राचीर से स्वदेशी के ज्यादा इस्तेमाल की अपील कर चुके हैं– ऐसे में सांसदों से दिवाली से पहले स्वदेशी को लेकर जागरुकता अभियान छेड़ने को भी कहा जा सकता है।
इसके अलावा ‘वोट चोरी’ और ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार अभियान को किस प्रकार काउंटर किया जाए– इसे लेकर भी सांसदों को ट्रेनिंग दी जा सकती है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी
9 सितंबर को उपराष्ट्रपति के लिए मतदान होना है, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के सांसद वोट डालेंगे। आंकड़ों के अनुसार NDA के पास दोनों सदनों में मिलाकर 422 वोट हैं, जबकि बीजेपी के पास अपने 342 वोट ही हैं। वहीं जीत के लिए 392 वोट आवश्यक होंगे (51%)। यानी NDA के पास तो पूर्ण बहुमत है, लेकिन फिर भी भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसीलिए नेतृत्व चाहता है कि उसके सभी सांसद मतदान से संबंधित प्रक्रिया और पार्टी के दिशा–निर्देशों को अच्छी तरह समझ लें, ताकि किसी प्रकार की समस्या न रहे। माना जा रहा है कि इस वर्कशॉप में सांसदों को इस चुनाव को लेकर आवश्यक ट्रेनिंग भी दी जा सकती है।
सांसदों को भाजपा का संदेश
इस वर्कशॉप के ज़रिए भाजपा नेतृत्व सिर्फ सांसदों को ही नहीं बल्कि जनता को भी स्पष्ट संकेत देना चाहता है कि पार्टी के सांसद केवल संसद तक सीमित न रहकर जनता से जुड़े मुद्दों पर भी सक्रिय भूमिका निभाएं और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें