Tag: सुभाष चंद्र बोस

गुमनामी बाबा पर फिर छिड़ी बहस उनके नेताजी सुभाष चंद्र बोस होने को लेकर क्या हैं दावे?

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के प्रमुख अखिलेश यादव का नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी) पर किया गया ...

Life After Death: कथित मृत्यु के बाद एयरपोर्ट पर किससे मिले थे नेताजी?; पहले ही बता दी थी प्लेन क्रैश की कहानी!

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन को लेकर अब तक भी सरकारी तौर पर यही माना जाता रहा है कि उनका निधन 18 ...

Plane Crash में नेताजी बोस के निधन की थ्योरी बेनकाब! चीन से मिले सबसे बडे़ सबूत

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ताइवान में विमान हादसे में निधन होने की थ्योरी को अब तथ्यों के आधार पर लगभग नकारा जा ...

‘जन गण मन’ को अंग्रेज़ों का स्तुति गान बताने का सच क्या है? जानें ‘क्रांतिकारी टैगोर’ की कहानी

भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' सुनते ही हर भारतीय का मन गर्व से भर जाता है। 'जन गण मन' को पहली बार ...

हिंद की ‘आजाद’ सरकार का गठन और नेताजी के वो आंसू… कालापानी वाले द्वीप पर लहराया तिरंगा, बनाई महिलाओं की रेजिमेंट

"मेरे वीरो! तुम्हारा युद्ध घोष होना चाहिए- 'दिल्ली चलो! दिल्ली चलो!' आजादी की इस लड़ाई में हममें से कितने बचेंगे, मैं नहीं जानता, ...

स्वतंत्रता सेनानियों का रिश्तेदार होने मात्र से आप सर्वज्ञाता नहीं बन जाते!

इस बात से किसे आपत्ति होगी कि वीर सावरकर ने “भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस” जैसे असंख्य क्रांतिकारियों को प्रेरित किया? कोई देशभक्त ...

कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन से निकले थे ये 3 क्रांतिकारी, जिन्हें नहीं मिला उनका उचित सम्मान

“इतिहास में कोई भी परिवर्तन केवल वार्तालाप से कभी प्राप्त नहीं हुआ” कलकत्ता अधिवेशन: इस बात में कितनी सत्यता है इसे प्रमाणित करने ...

सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को फिर से खोलने चाहते हैं राजनाथ सिंह?

सुभाषचंद्र बोस फाइल्स - भारत को स्वतंत्र कराने में वैसे तो असंख्य देशभक्तों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, परंतु समस्या यह है कि केवल ...

गुमनायक नायक: बंगाल के वे क्रांतिकारी जो मुख से नहीं बल्कि बंदूकों से जवाब देते थे

बंगाल का पतन हो चुका है! बंगाल किसी योग्य नहीं! बंगाल की संस्कृति विनाश की ओर अग्रसर है! बंगाल में अब पहले जैसे ...

गुमनाम नायक: रासबिहारी बसु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ‘गॉड फादर’

“मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक!” कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा ...

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