TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    अमित शाह के चेलों-चमचों…”, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    अमित शाह के चेलों-चमचों…, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    बाबरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    अमित शाह के चेलों-चमचों…”, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    अमित शाह के चेलों-चमचों…, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    बाबरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हिन्दू त्योहारों पर विलाप करने वाले पर्यावरणवादियों का बड़ा मकसद क्या है, हम बताते हैं

Nitesh Kumar Harne द्वारा Nitesh Kumar Harne
12 October 2017
in संस्कृति
त्योहारों दिवाली
Share on FacebookShare on X

बीते दिनों की बात हो गयी जब आपको त्यौहार की तिथि देखने के लिए कैलेंडर का रुख करना पड़ता था अब सोशल मीडिया के ज़माने में त्योहारों की तिथि एक माह पहले ही पता चल जाती है | जब एक महीने पहले से लातूर का सूखाग्रस्त कुंवा और उसके आसपास जमी भीड़ वाली सालों पुरानी ब्लैक एंड वाइट फोटो दिखा कर इमोशनल करके समझाया जाता है की महाराष्ट्र के किसान सूखे से मर रहे है ऐसी पोस्ट तथाकथित नवनिर्मित स्वघोषित पर्यावरणवादियों  द्वारा सोशल मीडिया पर दिखें तो समझ जाइये अब होली आने वाली है | दूध भगवान पर चढ़ाकर नाश करने से अच्छा है उन गरीब बच्चों को दान करने वाली पोस्ट करके साथ में गरीब बच्चो की फोटो चिपकाये हुए पोस्ट आने लगे तो समझ जाइए महाशिवरात्रि आने वाली है | यही नहीं यही लिबरल्स गैंग जब अचानक से पर्यावरणवादी बन जाए चिकन कबाब खाते हुए पोस्ट लिखे की पशुओं की रक्षा करे तो समझो दक्षिण में जलिकट्टू होनेवाला है | और पर्यावरण, प्रदूषण तथा  ध्वनि प्रदूषण की बात करने लगे तो समझिये दिवाली आ रही है | सब कुछ कितना तो आसान कर दिया इन लोगो ने बिना कैलेंडर देखे आप को सब त्यौहार पता चल जाते है | ऐसा ही कुछ कुछ देखने को मिल रहा है जब पिछले दस दिनों से सोशल मीडिया में दिवाली के महापर्व सम्बन्ध में सन्देश, पोस्ट आने लगी है |

फिर जैसे ही करवा चौथ आने वाला होता है एक सप्ताह पहले यह पर्यावरणवादी अचानक से नारीवादी होने लगते है | पर्यावरण को भूल कर नारीवाद पर पोस्ट करने लगते है | पति के लिए उपवास करना इन्हें रास नहीं आता क्यूंकि ये तो प्रतिगामी यानी की regressive सोच है | मानसिक गुलामी समझा जाने लगता है | फिर महाशिवरात्रि पर आ जाइए तो आपको यही लोग कहेंगे भगवान शंकर की पूजा तो करिए लेकिन शिवलिंग पर दूध मत चढ़ाइए | दूध चढाने से भगवान खुश नही होगे बल्कि यही दूध आप गरीबों में बाँट दीजिये कहकर आपको हर सिग्नल चौराहे पर बैठे गरीब भूखे बच्चों की याद दिलाई जाएगी | फिर सालभर इन्हें वो बच्चे कभी नजर नहीं आते है | दूसरी गौर करने वाली बात यह है की येह सब सन्देश सिर्फ आपको सभी हिन्दू त्योहारों के दो सप्ताह पहले से ही आना शुरू हो  जायेगे फिर आपको ईद, क्रिसमस, अंग्रेजी न्यू इयर, बकरी ईद, रमजान के मौके पर कभी नहीं दिखेंगे | मजेदार बात यह है की जो लोग दूध न चढाने की और पटाखे न फोड़ने की सलाह देंगे और ऐसे सन्देश भेजेंगे वही लोग आपको बकरी ईद पर क्रिसमस पर बधाई देते हुए नजर आएंगे |

संबंधितपोस्ट

हजारों करोड़ रुपयों की इंडस्ट्री, पिछड़ी जातियों को मिलता है रोजगार: दीवाली के पटाखों को गाली, न्यू ईयर पर चुप्पी

होली आने वाली है, देखते हैं इस बार कौन बनेगा नया ‘वॉटर एक्टिविस्ट’

“वो तुम्हें एक भी त्योहार नहीं मनाने देंगे”, नवरात्रों के बाद अब दिवाली पर भी गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा

और लोड करें

यह लिबरल्स मानसिकता जनवरी के त्योहारों से शुरू होकर दिवाली तक तीव्र होने लगती है, दशहरा और दिवाली तक यह मानसिकता अपने पूरे चरम पर होती है | ब्राह्मण का विरोध करने वालों को दशहरे के रावण में इन्हें हीरो नजर आता है | जिन्हें पानी का वैज्ञानिक फार्मूला तक नहीं पता वो लोग भी आपको यह बतायेंगे की दिवाली के पटाखों से प्रदूषण में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन और कार्बन होता है | यह साबित कर ही देंगे की पूरे साल में पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान दीवाली के दिन फोड़े जाने वाले पटाखों से निकलने वाली गैस से ही होता है।  भले इन्हें दुर्गा नवमी और राम नवमी का अंतर न पता हो (कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी जी को सच में नहीं पता था) लेकिन यह आपको यह बताने से नहीं चुकेंगे की रावन क्यों महान था और कितना ज्ञानी था और श्रीराम ने कैसे रावण पर अत्याचार किया था | इसे कहते है तथाकथित बुद्धिजीवियों की पुरोगामी माने प्रोग्रेसिव सोच !

दिवाली है हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार :

दिवाली आने वाली है दिवाली उत्साह और दीयों का त्यौहार है | रौशनी का यह पर्व अँधेरे से उजाले की तरफ जाने का त्यौहार है | इसी दिन भगवान श्रीराम रावण का वध कर धर्म की स्थापना कर अयोध्या लौटे थे और उनके सम्मान में पूरे अयोध्या राज्य दीयों की रौशनी से जगमगा गया था | दरअसल ये त्यौहार सिर्फ रौशनी का ही नहीं बल्कि अधर्मियों पर धर्म की विजय के उत्साह का त्यौहार है यह त्यौहार सकारात्मकता का है | ऐसे में दिवाली की शुभकामनाएं भरे सन्देश आने शुरू हो जायेंगे | इसके एक सप्ताह पहले कुछ सन्देश आयेंगे जिसपर विचार करने की जरुरत है | यह सन्देश होते है दिवाली में क्रैकर्स यानी पटाखे न जलाने के क्योंकि पटाखों से, वायु प्रदूषण बढ़ जाता है ऐसा इस संदेश में दर्शाया जाता है | बहुत ही होशियारी से आपको सहमत करा दिया जाता है की पटाखे पर्यावरण के लिए कितने ख़राब है और इससे प्रदूषण होने पर कितना खतरनाक हो सकता है |

दिवाली जैसे महा पर्व पर इनका यह पर्यावरण वाद प्रचंड चरम पर होता है | इन्हें साल भर जिस प्रदूषण का ख़याल नहीं आया अचानक से दिवाली पर ऐसे लगने लगेगा मानो पुरे ब्रह्माण्ड का तापमान सिर्फ दिवाली के दिन से ही बढ़ गया हो, ओजोन की लेयर दिवाली के पटाखों से ही कमजोर हुई हो, एक दिन के ध्वनि प्रदूषण के जैसे सबके कान के परदे ही फटने वाले हो और पूरा ब्रह्माण्ड धुंआ-धुंआ हो रखा हो वरना क्रिसमस और नए साल के पटाखे तो इको-फ्रेंडली होते है बिना धुएं और बिना आवाज के फिजाओं में एक्स्ट्रा ऑक्सीजन छोड़ रहे होते है | दिवाली में कम खर्च करें पटाखे न चलाकर पर्यावरण को बचाने में सहयोग करें कम खर्च करके बचे पैसे समाज कार्य में लगायें जैसे पोस्ट से सोशल मीडिया भरा पड़ा है | लेकिन मजेदार बात यह है की दिवाली पर कम खर्च करने की मुफ्त सलाह देनेवाले यह लोग खुद कैफ़े कॉफ़ी डे में तीन सौ रुपये की कॉफ़ी की चुस्कियां  लेते हुए अपने 60 हजार रुपये के आई फोन पर यह पोस्ट कर रहे होते है | लेकिन आप इन्हें यह नहीं पूछ सकते की 10 की कॉफ़ी तीन सौ रुपये में पीने की क्या जरुरत है क्योंकि यह तो अभिव्यक्ति की आज़ादी पे खतरा माना जायेगा | यही तो है इनकी मॉडर्न लिबरल प्रोग्रेसिव सोच |

आखिर क्या एजेंडा है ऐसी पोस्ट करने के पीछे :

अपनी संस्कृती को खोकर कोई भी समाज या राष्ट्र अपना सम्पूर्ण विकास नहीं कर सकता और अगर किसी राष्ट्र को या समाज को तोडना है, उसे बांटना है तो उसकी जड़ पर यानी उसकी बरसों पुरानी संस्कृती, रीती-रिवाजों पर वार करना होता है | ठीक वैसे ही हजारों वर्षों पुराने इस राष्ट्र को विश्व गुरु बनने से रोकना हो और तोडना हो तो सदियों पुरानी हमारी वैज्ञानिक संस्कृती और सनातन धर्म की रीती-रिवाजों पे वार करना होगा | हिन्दुओं को उनके जड़ से अलग करना होगा उन्हें उनके वैज्ञानिक धर्म, प्रथा, त्यौहार, रीती-रिवाज से अलग करना होगा | बस यही अलग करने की अगली कड़ी है जिसमें कभी पर्यावरण, कभी पानी की कमी, कभी पेड़-पौधों का वास्ता देकर भोले हिन्दुओं पर इमोशनल अत्याचार कर उन्हें उनकी त्योहारों से दूर किया जाए ताकि आगे चलकर हिन्दू अपनी ही संस्कृती का पतन होता देख खुश हो और उन्हें  दिग्भ्रमित किया जाए | जिससे इस राष्ट्र को तोड़ने का एजेंडा कामयाब हो | इसे ही ‘फेस्टिवल शेमिंग’ भी कहा जाता है |  और इसे यह लिबरल्स पर्यावरणवादी प्रोग्रेसिव बता कर बरगलाते नजर आते है ताकि हिन्दुओं को अपने ही त्योहारों पर शर्म आने लगें |

कभी करवा चौथ पर महिलाओं के अधिकारों के लिए इनका अंतर्मन जाग उठता है लेकिन जैसे बहु-विवाहो, तीन-तलाक और बुरका-प्रथा की बात आती है यह सब त्यौहार इन्हें प्रोग्रेसिव नजर आने लगता है | भारत जैसे देश को नारीवाद का पाठ पढ़ाने वालों को यह नहीं भुलाना चाहिए की यहाँ सदियों से नारियों ने हुकूमतें चलाई है यहाँ युगों से नारियों को पूजा गया है | हिन्दुओं को पर्यावरण संतुलन का पाठ पढ़ाने वाले शायद ये नहीं जानते की यह सनातन धर्म ही है जिसमें प्रकृति को ही धर्म माना गया है, जहाँ धरती नदियाँ पशु और पौधों को भी मां का दर्जा दिया गया है जहाँ कण कण में शंकर है, जहाँ पौधों में भगवान् बसते है | जहाँ पेड़ पौधों धरती नदियों को इतना महत्व दिया गया है की उसे विज्ञान से जोड़ने के लिए इन्हें भगवान का दर्जा तक दिया गया जिससे रोजमर्रा की जीवन में हम इसे अपना सकें भगवान के रूप में ही सही, आज उसी हिन्दुओं को कुछ मुट्ठीभर हिन्दू विरोधी तत्व पर्यावरण का पाठ पढ़ाते नजर आते है तो इनकी नियत पर शंका होना अपरिहार्य है |

हिन्दू त्योहारों पर ही पर्यावरणवाद को ढकोलसा क्यूँ?

क्या कारण हो सकता है की जिन लोगों को क्रिसमस के पटाखों से डर नहीं लगता लेकिन दिवाली के पटाखों से लगता है | न्यू इयर के पटाखे प्रदूषण नहीं फैलाते है लेकिन दिवाली के पटाखे ब्रह्माण्ड भर को प्रदूषित कर देते है | होली पानी के बर्बादी का त्यौहार लगता है लेकिन ईद पर बर्बाद पानी प्रोग्रेसिव सोच लगती है | जलिकट्टू क्रूर रिवाज लगता है, लेकिन बकरी ईद पशु प्रेमी त्यौहार माना जाता है | दही हांड़ी पर मानवाधिकार याद आने लगता है लेकिन आतंकी हमला भटके हुए नौजवान द्वारा किया गया मजाक लगता है | जब पर्यावरण वाद का चोला पहन हिन्दू त्योहारों पर ही सेलेक्टिव आउटरेज हो तो संदेह होना लाजिम है और इन्हें समय रहते पहचानना होगा की आखिर ये कौन लोग है और इन्हें इनके मकसद में कामयाब न होने देने की कसम खानी होगी |

कैसे बचें हिन्दू विरोधी तत्वों से :

ये सिर्फ आपके त्योहारों तक प्रश्न नहीं है बल्कि यह प्रश्न है आपकी सोच आपकी हजारों वर्षों की परंपरा सदियों के स्वर्णिम इतिहास का और आपके आन बान शान आपके भारत राष्ट्र का | यह आपके संस्कृति पर आघात करने का एक मकसद है इसे पहचानिये | हमें चाहिए की अपने त्योहारों को और जोर शोर से मनाएं, अपनों और परिजनों के लिए उपहार भी खरीदें, पर्यावरण की चिंता एक दिन ही नहीं पूरे साल करें | मिटटी के दीयों का इस्तेमाल करें | गरीबों को दान भी करें | पानी भी बचाएं पर्यावरण का ख़याल भी रखें लेकिन दिवाली जरुर मनाएं | खुद के संस्कृती को खोकर और मूल्यों को दांव पर रख हमें पर्यावरण बचाने के पीछे इनके मकसद को पहचानना होगा | त्यौहार मनाने के तरीके बदले जा सकते है लेकिन त्योहारों को न बदलिये |

क्योंकि आज इन्हें पटाखों से तकलीफ है कल इन्हें मिठाइयों से भी परेशानी होगी, इन्हें मूर्ति पूजने से तकलीफ होगी, इन्हें लक्ष्मी आरती से भी तकलीफ होंगी और वो दिन दूर नहीं होगा जब इन्हें दिवाली से ही परेशानी होगी दर असल तकलीफ इन्हें त्योहारों से नहीं है अस्तित्व से है और हमें इस मानसिकता के पीछे के मकसद को समझने की जरुरत है |

Tags: दिवालीहिन्दू त्योहार
शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मॉरीशस के हिंदुओं ने दुनिया भर के हिंदुओं को गौरवान्वित किया है

अगली पोस्ट

एफटीआईआई से लिबरलिज़्म भगाने का भारत सरकार का नया प्रयोग बेहतरीन है

संबंधित पोस्ट

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?
इतिहास

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

22 October 2025

दिवाली की अगली सुबह आए अख़बारों में जो ख़बर पहले पेज में सबसे प्रमुखता के साथ छपी है, उसके अनुसार दिल्ली देश का ही नहीं...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

श्राप से वरदान तक: बिहार-झारखंड की वह अनोखी भाई दूज, जहां बहनें पहले भाई को मरने का श्राप देती हैं, फिर जीभ में कांटा चुभाकर मांगती हैं भाई की लंबी उम्र
इतिहास

श्राप से वरदान तक: बिहार-झारखंड की वह अनोखी भाई दूज, जहां बहनें पहले भाई को मरने का श्राप देती हैं, फिर जीभ में कांटा चुभाकर मांगती हैं भाई की लंबी उम्र

22 October 2025

भारत की हर परंपरा की जड़ में कोई गहरी कथा होती है। कहीं विश्वास, कहीं भय, कहीं प्रेम और कहीं उन तीनों का सम्मिश्रण। भाई...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How ‘Grokipedia’ Seeks to Correct Perceived Ideological Biases in India-Related Wikipedia Articles”

How ‘Grokipedia’ Seeks to Correct Perceived Ideological Biases in India-Related Wikipedia Articles”

00:08:17

When Animal Activism Crosses the Line: The Dangerous Side of "Pet Lovers

00:07:36

The Night Before Kashmir’s Fate Was Decided — The battle of Kashmir and Role of RSS |

00:07:40

How Pakistan’s ISI Is Using Western Vloggers to Wage a Narrative War Against India

00:07:04

Why Mahua Moitra Agreed with a Foreign Hate-Monger Who Insulted Hindus!

00:07:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited