कांग्रेस नेता शशि थरूर गुरुवार को दिए अपने बेतुके बयान की वजह से सोशल मीडिया पर कल से ही विवादों में हैं। उन्होंने कहा था कि भारत ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जायेगा यदि बीजेपी 2019 के आम चुनावों में जीत दर्ज कर सत्ता में वापस आती है। शशि थरूर को बहुसंख्यक समुदाय को उकसाने और अल्पसंख्यक समुदाय का ध्रुवीकरण करने वाले बयान की वजह से मुंह की खानी पड़ी है। उनकी टिप्पणी ने कांग्रेस और शशि थरूर के खिलाफ देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
शशि थरूर के हिंदू पाकिस्तान जैसे मुर्खता भरे बयान से जनता काफी आहत हुई है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक मुस्लिम स्कॉलर ने शशि थरूर का मुंह काला करने वाले को 11 हजार रुपये इनाम में देने की घोषणा की है। अलीगढ़ मुस्लिम युवा मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद अमीर रशीद ने शशि थरूर के बयान की निंदा की और कहा कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने अपने बयान से सिर्फ हिंदुओं को ही नहीं बल्कि राष्ट्रवादी मुसलमानों को भी दुख पहुंचाया है। उन्होंने कहा, “भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता हमारी सांस्कृतिक विरासत है और थरूर ने इसे अपमानित किया है।” उन्होंने आगे कहा कि ये सीधे तौर पर हिंदू संस्कृति पर हमला है।
मुस्लिम और हिंदू साझा विरासत साझा करते हैं लिहाजा किसी शख्स को कुछ भी बोलने से पहले गंभीरता से सोचना चाहिए कि वो आखिर क्या कह रहा है। थरूर ने इसे अपमानित करने की कोशिश की है, जो भी शख्स शशि थरूर का मुंह काला करेगा, उसे मेरी तरफ से 11 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।
मोहम्मद अमीर रशीद ने चेतावनी दी कि भारत शशि थरूर और उनकी पार्टी को इस तरह के आधारहीन बयान के लिए कभी माफ़ नहीं करेगा और कांग्रेस पार्टी को 2019 में होने वाले चुनावों में इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने ये भी सलाह दी कि यदि शशि थरूर की पाकिस्तान से इतना ही प्यार है तो वो उसी देश में स्थानांतरित हो जायें। उन्होंने आगे कहा कि शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, सुशील शिंदे और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता मिलकर राहुल गांधी के आदेश पर हिंदू समाज के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं
ये पहली बार नहीं है जब कोई मुस्लिम कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं द्वारा की जा रही अल्पसंख्यक की तुष्टिकरण की राजनीति पर खुलकर सामने आया हो। इससे पहले, मुस्लिम बुद्धिजीवियों के समूह ने बुधवार को गांधी के वंशज से मुलाकात की और कांग्रेस को अपनी नीतियों का आत्मनिरीक्षण करने और सिर्फ मुस्लिमों के बारे में बातचीत नहीं करने के लिए कहा। इतिहासकार इरफान हबीब ने ANI से कहा, आज की बैठक में हमने राहुल गांधी को सलाह दी कि वो विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय की बात न करें क्योंकि ये अन्य लोगों को एक नेता के रूप में ध्रुवीकरण करने का मौका देगा। उन्हें गरीबी और शिक्षा के विषय पर बात करनी चाहिए। यदि वो ऐसा करते हैं तो अन्य भारतियों की तरह 96 प्रतिशत मुसलमानों पर इसका ज्यादा बेहतर तरीके से असर होगा।“ समुदाय के बुद्धिजीवियों ने राहुल गांधी को उनकी नीतियों पर आत्मनिरीक्षण करने की भी सलाह दी और उन्हें अपनी नीतियों में बदलाव करने की भी सलाह दी। “कांग्रेस ने 1970 के दशक में काम किया है जब समावेश और साझा विरासत के बारे में बात की गयी थी।”
ऐसा लगता है कि अब मुसलमान कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति से खुश नहीं है। हालांकि, वामपंथी-उदारवादी और मुस्लिम कट्टरपंथी लॉबी ने पूरी कोशिश कि ये चित्रित करने की कि मुस्लिम भारत में सुरक्षित नहीं हैं। उनके उल्लेख कि, भारत में असहिष्णुता खतरे में हैं और भगवा आतंक, गौ तस्करी, अव्यवस्थित आपातकालीन आदि वजह से भारत अब लिंचिस्तान बन रहा है, शशि थरूर का हिंदू-पाकिस्तान बयान आदि सभी ही एक एक करके धराशाही हो रहे हैं।
भारत के लोग कांग्रेस का भयावह एजेंडे को समझ चुके हैं। हिंदू पहले से ही कांग्रेस पार्टी द्वारा पीड़ित हैं और अब मुस्लिम भी कांग्रेस से विमुख हो रहे हैं। एक बार फिर से 2019 के आम चुनावों से पहले ही कांग्रेस पार्टी का भविष्य निराशाजनक नजर आ रहा है। आने वाले चुनावों के नतीजे वंशवादी पार्टी के अस्तित्व के पतन पर आखिरी वार साबित हो सकता है।