वामपंथी विचारधारा वाले बुद्धिजीवियों एवं पत्रकारों की एक आदत है कि ये लोग भ्रष्टाचार भी सत्कर्म का दिखावा करके करते हैं, किन्तु जब पर्दाफाश होता है, तो इनके होश ठिकाने आ जाते हैं। वामपंथी पत्रकार राणा अय्यूब की स्थिति भी कुछ ऐसी है, क्योंकि जनहित के लिए चंदा इकट्टा करने वाले प्लेटफॉर्म Ketto (कीटो ) ने राणा अय्यूब द्वारा चलाए गए चंदा एकत्र करने के कैंपेन एवं उस चंदे के उपयोग के संबंध में कुछ बड़े खुलासे किए हैं। Ketto (कीटो ) ने बताया है कि कैसे राणा अय्यूब ने बिना वैधानिक अनुमति के विदेशियों तक से चंदा स्वीकार किया, किन्तु अभी तक इस फंड का इस्तेमाल नहीं किया है, वहीं अब इस मामले की जांच भी सरकारी एजेंसियों ने शुरु कर दी है।
Ketto एक चंदा जुटाने का प्लेटफॉर्म माना जाता है, ऐसे में राणा अय्यूब ने यहां पर तीन कैंपेन चलाए हैं, एवं अब यही चंदा जुटाने की मुहिम उन पर भारी पड़ गई है। दरअसल, अब कीटो अपने उन यूजर्स को ई-मेल कर रहा है, जिन्होंने राणा अय्यूब के कैपेंन में पैसा दिया था। कीटो ने बताया है कि ईडी के मुताबिक राणा अय्यूब द्वारा जुटाए गए चंदे का उपयोग भारतीय कानूनों के उल्लंघन का प्रतीक है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि राणा अय्यूब के अभियानों में पहला झुग्गीवासियों एवं किसानों के लिए, दूसरा बिहार, असम एवं महाराष्ट्र की बाढ़ मे प्रभावित हुए लोगों के राहत और बचाव के लिए, एवं तीसरा कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद के लिए था।
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राणा अय्यूब द्वारा कीटो प्लेटफॉर्म के जरिए जो फंड जुटाया गया था, उस पर लोगों को पहले ही संदेह था, क्योंकिं उन्होंने विदेशियों द्वारा दिया गया फंड भी स्वीकार किया गया था, जबकि उन्होंने FRA का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। जानकारी के मुताबिक अय्यूब ने इन कैंपेन के जरिए करीब 2’69 लाख रुपए जुटाए। इसमें से करीब 1.25 लाख रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि इसके अलावा करीब 90 लाख रुपए टैक्स भी देना है, जबकि एक बड़ी राशि अभी भी बची है, जिसका अभी तक कोई उपयोग नहीं किया गया है, एवं इसकी कीमत करीब 54 लाख रुपए है।
Ketto has circulated an e-mail to all the donors of all 03 fundraisings by #RanaAyyub, informing that Law Enforcement agencies found discrepancies and violations. Campaigner hasn't fully/partially utilized the fund for the said purpose and yet to pay Rs90L of taxes.
1/ pic.twitter.com/ncVwUAITE6— The Hawk Eye (@thehawkeyex) August 27, 2021
ऐसे में अब इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है, एवं में कीटो ने इस मुद्दे पर कहा है कि अब जांच के चलते ही वो अपने प्लेटफॉर्म पर दान देने वाले लोगों को इस कैंपेन स जुड़ी सारी जानकारी दे रहा है। कीटो ने ये भी बताया है कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए पैसों की कोई पुष्टि नहीं करते हैं। ऐसा नहीं है कि ये मामला अभी उठा है। दरअसल, ये मामला तभी खुला था, जब राणा ये कैंपेन चला रही थी।
विवाद बढ़ने के बाद राणा अय्यूब ने पहले तो अपने कीटो कैंपेन को ही बीच में रोक दिया, एवं ये भी कहा था, कि वो विदेशियों द्वारा दिया गया पैसा वापस कर देंगी। इसके विपरीत अभी तक उन्होंने विदेशी दानकर्ताओं का पैसा वापस नहीं किया है, एवं ये पैसा उस प्लेटफॉर्म में ही पड़ा है। ऐसे में अब ईडी इस मामले की सीधी जांच कर कर रही है। कीटो इस जांच में ईडी के संपर्क में भी है।
ऐसे में स्पष्ट है कि राणा अय्यूब ने कोरोनाकाल के दौरान जो चंदा इक्ट्ठा किया था, वो धोखाधड़ी से प्रभावित था। ऐसे में अब ईडी उनके खिलाफ जांच कर नियमों की धज्जियां उड़ाने व धोखाधड़ी के मुद्दे पर सख्त कार्रवाई कर सकती है, एवं उन्हें जेल की रोटियां तक तोड़नी पड़ सकती है।