TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण

    आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण

    कांग्रेस को ITAT का झटका, 199.15 करोड़ रुपये के इनकम टैक्‍स छूट में राहत नहीं, जानें क्या हैं कारण

    कांग्रेस को ITAT का झटका, 199.15 करोड़ रुपये के इनकम टैक्‍स में राहत नहीं, जानें क्या हैं कारण

    "जगदीप धनखड़ लंबे चौड़े जाट हैं, तबीयत कैसे खराब हो सकती है", जानें उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर क्या बोले कांग्रेसी

    “जगदीप धनखड़ लंबे चौड़े जाट हैं, तबीयत कैसे खराब हो सकती है”, जानें उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर क्या बोले कांग्रेसी

    DMK में उत्तराधिकार की लड़ाई? एमके स्टालिन के बेटे, दामाद और बहन के बीच छिड़ेगी राजनीतिक जंग!

    DMK में उत्तराधिकार की लड़ाई? एमके स्टालिन के बेटे, दामाद और बहन के बीच छिड़ेगी राजनीतिक जंग!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    चीन की सीमा से सटे 'सब-सेक्टर नॉर्थ' (SSN) तक त्वरित और सुरक्षित आवागमन होगा सुनिश्चित (FILE PHOTO)

    चीन की सरहद पर भारत की रणनीतिक बढ़त, नवंबर 2026 तक तैयार होगा नया ‘सैन्य मार्ग’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    ‘हॉरर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण

    आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण

    कांग्रेस को ITAT का झटका, 199.15 करोड़ रुपये के इनकम टैक्‍स छूट में राहत नहीं, जानें क्या हैं कारण

    कांग्रेस को ITAT का झटका, 199.15 करोड़ रुपये के इनकम टैक्‍स में राहत नहीं, जानें क्या हैं कारण

    "जगदीप धनखड़ लंबे चौड़े जाट हैं, तबीयत कैसे खराब हो सकती है", जानें उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर क्या बोले कांग्रेसी

    “जगदीप धनखड़ लंबे चौड़े जाट हैं, तबीयत कैसे खराब हो सकती है”, जानें उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर क्या बोले कांग्रेसी

    DMK में उत्तराधिकार की लड़ाई? एमके स्टालिन के बेटे, दामाद और बहन के बीच छिड़ेगी राजनीतिक जंग!

    DMK में उत्तराधिकार की लड़ाई? एमके स्टालिन के बेटे, दामाद और बहन के बीच छिड़ेगी राजनीतिक जंग!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    चीन की सीमा से सटे 'सब-सेक्टर नॉर्थ' (SSN) तक त्वरित और सुरक्षित आवागमन होगा सुनिश्चित (FILE PHOTO)

    चीन की सरहद पर भारत की रणनीतिक बढ़त, नवंबर 2026 तक तैयार होगा नया ‘सैन्य मार्ग’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    ‘हॉरर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मोपला नरसंहार: क्या हुआ जब मालाबार के हिंदू अपनी ज़मीन लेने वापस पहुँचे

भाग-2

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
14 September 2021
in इतिहास
मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे
Share on FacebookShare on X

केरल के मालाबार में हुए नरसंहार की कोरी कल्पना भी रोम-रोम में भय का संचार करती है। ये नरसंहार हत्या का वो तांडव था जिससे मनुष्य की अंतरात्मा तक कांप उठे। पिछले संस्करण में हम इस बात से अवगत हुए थे कि कैसे मोपला नरसंहार की नींव मैसूर के सल्तनत में पड़ी थी, जब हैदर अली और उसके बेटे फतेह अली अथवा टीपू सुल्तान के बर्बर और निरंकुश शासन के कारण मोपिलाह मुस्लिमों और उनके अत्याचारों को बढ़ावा मिला। परंतु ऐसा भी नहीं था कि हमारी मातृभूमि वीरों से वंचित रही थी। टीपू सुल्तान के निरंकुश शासन के विरुद्ध जनविद्रोह स्वाभाविक था, और वह हुआ भी।

आज के अंक में आपका परिचय इस तथ्य से होगा कि कैसे मलाबार पर अंग्रेजों के शासन में सनातन धर्म के अनुयाइयों ने हैदर अली और टीपू सुल्तान के शासन में जो खोया था, उसे पुनः प्राप्त तो किया, परंतु हैदर और टीपू के अत्याचारों के कारण मुस्लिमों और हिंदुओं में जो कड़वाहट उत्पन्न हुई थी, उससे ऐसी खाई उत्पन्न हुई जो फिर कभी नहीं पाटी जा सकी। हम ये जानेंगे कि आखिर ऐसे क्या कारण थे कि निरंकुश शासकों का सफल विद्रोह करके भी हम मोपला जैसे नृशंस नरसंहार नहीं रोक पाए। इस संस्करण में हम उन तथ्यों से परिचित होंगे कि कैसे हमारे पूर्वजों ने टीपू सुल्तान के निरंकुश शासन से विद्रोह कर अपना सम्मान और अपना यश मालाबार में पुनः प्राप्त तो किया, परंतु उस संस्कृति की रक्षा करने के लिए वे एक सशक्त व्यवस्था की रचना नहीं कर पाए।

संबंधितपोस्ट

“वोट के लिए हमारे पूर्वजों को अपमानित किया जा रहा”, टीपू सुल्तान के कथित वंशज राजनेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे

कर्नाटक में अब ‘सलाम आरती’ नहीं ‘सांध्य आरती’ होगी

“हम टीपू सुल्तान की 100 फीट ऊंची मूर्ति लगाएंगे” कर्नाटक में कांग्रेस के लिए ‘ईवीएम हैक’ होनी तय

और लोड करें

जैसा हमने पिछले अंक में आपको बताया था, मोपला दंगों के पीछे मैसूर के अंतिम इस्लामिक शासक, सुल्तान फतेह अली खान अर्थात टीपू सुल्तान और उसके पिता, हैदर अली की महत्वपूर्ण भूमिका थी। केरल में इस्लामी क्रूरताओं के साथ मैसूर सुल्तानों के आगमन से पहले मप्पिलाओं ने अपने हिंदू राजाओं की अवज्ञा करने की हिम्मत तक नहीं की थी, परंतु हैदर अली और टीपू सुल्तान के साथ हाथ मिलाने के बाद, उन्होंने हिंदू आबादी के विरुद्ध इस्लामी अत्याचारों में न केवल उनकी सहायता की अपितु उस हिन्दू विरोधी मानसिकता को अपनाया भी।

और पढ़ें- मोपला दंगों के 100 साल, परआज भी केरल में कुछ नहीं बदला है

हैदर अली तो हैदर अली, उसके पुत्र टीपू सुल्तान ने भी अपनी बर्बरता से मालाबार की भूमि को रक्तरंजित किया। परंतु अब प्रश्न ये उठता है – यदि टीपू सुल्तान और हैदर अली ने इतने अत्याचार ढाए थे, तो फिर मोपला दंगों की आवश्यकता क्यों पड़ी? वास्तव में, मालाबार के मुस्लिम निवासियों को उस क्षेत्र में सम्पूर्ण वर्चस्व चाहिए था।

टीपू सुल्तान के बर्बर शासन से सभी अवगत हैं, परंतु उसके बर्बर शासन के विरुद्ध विद्रोह से हमें अधिकतर अपरिचित ही रखा गया है। 1789 आते-आते टीपू के बर्बर शासन के विरुद्ध मालाबार में विद्रोह प्रारंभ हो गया था, जिसे कुचलने के लिए 1790 में स्वयं टीपू सुल्तान को मालाबार भूमि आने को विवश होना पड़ा। इसी बीच मालाबार के विद्रोहियों की रक्षा हेतु त्रावणकोर के दीवान, राजा केशवदास पिल्लई के नेतृत्व में नेदुमकोट्टा के समक्ष दोनों सेनाओं का सामना हुआ।

जहां टीपू को इस्लामी सेनाओं और फ्रेंच शासन का समर्थन प्राप्त था, तो वहीं त्रावणकोर को अप्रत्यक्ष तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य का समर्थन प्राप्त था। यह युद्ध इसलिए प्रारंभ हुआ था क्योंकि मालाबार में टीपू के अत्याचार का विद्रोह कर रहे कई गैर-मुस्लिम योद्धाओं ने त्रावणकोर में शरण ली थी, और जब टीपू सुल्तान ने त्रावणकोर के शासक धर्मराज से उन योद्धाओं को सौंपने को कहा, तो उनका प्रतिनिधित्व कर रहे युवा सेनापति केशव पिल्लई ने उनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।

थ्रिसुर [Thrissur] में पाँच माह तक चले इस भीषण युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला, परंतु इसने शनै शनै: टीपू सुल्तान के अत्याचारी शासन के पतन की नींव डाल दी थी, क्योंकि त्रावणकोर पर आक्रमण मंगलुरु में हस्ताक्षरित ब्रिटिश मैसूर समझौते का उल्लंघन था, जो तीसरे ब्रिटिश मैसूर युद्ध का कारक बना, और इसी के कारण 1799 में टीपू सुल्तान को श्रीरंगपटनम में भीषण युद्ध के बाद त्रावणकोर और ब्रिटिश साम्राज्य की संयुक्त सेना ने यमलोक भेज दिया। उस एक क्षण के लिए एक अत्याचारी, निरंकुश आक्रांता का नाश करने के लिए ‘दो वैचारिक शत्रु’ एक हुए थे। इसी विद्रोह से आरंभ हुआ था हिंदुओं का वापस अपनी संपत्ति पर दावा।

तद्पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य के नेत्रों में सबसे बड़ी बाधा बने टीपू सुल्तान का अंत हुआ, तो वहीं त्रावणकोर समेत सम्पूर्ण मालाबार को मैसूर के निरंकुश शासन से कुछ समय के लिए मुक्ति मिल गई।

परंतु, क्या इससे हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच के संबंधों में जो खटास आई, वो कम हुई। ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। इसके विपरीत ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनसे यह सिद्ध होता है कि टीपू के निरंकुश शासन से विद्रोह करके मालाबार में सनातनियों ने अपनी संपत्ति, अपना सम्मान पुनः प्राप्त तो किया, परंतु कहीं न कहीं धार्मिक उन्माद के बीज यहीं से उत्पन्न होने लगे। इसी विद्रोह के पश्चात जिन संपत्तियों को सनातनियों ने पुनः प्राप्त किया, वहाँ से मोपला मुस्लिमों के मस्तिष्क में प्रतिघात की भावना उमड़ने लगी, जो कहीं न कहीं कश्मीर के नरसंहार से भी सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है।

ये कैसे संभव है? 1852 में ब्रिटिश अधिकारी टी एल स्ट्रेन्ज को मालाबार के विशेष मंडलायुक्त यानि कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम जमींदारों के बीच के अंतर को स्पष्ट रेखांकित करते हुए अपने रिपोर्ट में लिखा, “मैं … आश्वस्त हूं और हालांकि ऐसे उदाहरण हैं कि एक पट्टेदार के लिए इस व्यवस्था में व्यक्तिगत कठिनाई पैदा हो सकती है, परन्तु इस समस्त कार्य व्यवहार में हिन्दू जमींदार अपने काश्तकार, चाहे मोपला या हिंदू, सामान्यत: सौम्य, भेदभाव से रहित और न्यायसंगत रहता है। वहीं मोपला पट्टेदार, विशेष रूप से दक्षिण मालाबार के तालुकों में, जहां उपद्रव का प्रकोप सर्वाधिक है, अपने दायित्वों से बचने में बहुत कुशल हैं। झूठे और अपमानजनक मुकदमेबाजी का सहारा लेते हैं। जिन हिस्सों में सर्वाधिक उपद्रव हुए हैं, वहां हिंदू मोपला से इतना डरे हुए हैं कि अधिकतर मोपला मुस्लिमों के विरुद्ध अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते। कई मोपला पट्टेदार ऐसे हैं, जो किराए का भुगतान भी नहीं करते हैं।’’ इस बात की पुष्टि अधिवक्ता एवं इतिहासकार सी शंकरण नायर ने भी की है।

स्ट्रेंज ने यह भी कहा था कि, ” चूंकि भूमि हिंदुओं के पास है और पैसा मप्पिलाओं के पास है, इसलिए भूमि पाने के लिए मप्पिलाओं ने कट्टरता को प्रोत्साहित किया। अंत में इसका परिणाम यह हुआ कि सभी क्षेत्र में मप्पिला बढ़ते गए तथा भूमि निश्चित रूप से मप्पिलाओं के कब्जे में चली गयी।”

वहीं मालाबार के जिलाधिकारी रह चुके मिस्टर कोनोली 1852 में अपनी रिपोर्ट में उल्लेख करते हैं कि,

“पिछले कई वर्षों से मालाबार की भूमि वीभत्स आक्रमणों से रक्तरंजित हुई है, जो हिंदुओं पर मोप्ला मुस्लिमों ने किए हैं। धनाढ्य और सम्मानित हिंदुओं को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया, इनपर आक्रमण किया गया, इनके निवासों को अग्नि के हवाले किया और फिर पुलिस या सेना से संघर्ष में अपना सर्वस्व अर्पण किया। पूर्व में मपिल्ला यदा कदा महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया करते थे, परंतु इस बार जो भी मिलता, सबका नाश होता!”

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कोनोली ने यह बात टीपू की मृत्यु के 50 वर्ष पश्चात 1852 में कही थी। अर्थात उसकी मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति को पुनः प्राप्त करने वाले हिंदुओं के विरुद्ध वातावरण बन चुका था तथा वर्ष 1921 के नरसंहार के लिए मजबूत दीवार खड़ी हो चुकी थी। टीपू की मृत्यु के पश्चात हिंदुओं के खिलाफ छोटे-बड़े कई दंगे हुए, कभी संपत्ति को लेकर तो कभी भूमि को लेकर।

परंतु कथा इतने पर समाप्त नहीं होती। मालाबार में सांप्रदायिक हिंसा के पीछे एक और कारण भी था, मोपला मुस्लिमों का अलग स्वभाव, जिसपर अंग्रेज़ों का भी कोई नियंत्रण नहीं था। ब्रिटिश शासन के आधिकारिक रिकॉर्ड्स के अनुसार, तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक आर एच हिचकॉक बताते हैं, “खिलाफत आंदोलन के नेटवर्क से कहीं अधिक महत्वपूर्ण, मपिल्लाओं के बीच संचार की पारंपरिक प्रणाली थी। यह ऐसा बिंदु था जो हिंदू और मपिल्ला के बीच एक बड़ा अंतर निर्मित करता था। कुछ बाजारों में पूर्ण रूप से मपिल्ला ही मौजूद हैं, और अधिकांश मपिल्ला सप्ताह में कम से कम एक बार शुक्रवार की नमाज के लिए और अक्सर मस्जिदों में अन्य समय पर भी एकत्र होते हैं। इसलिए वे अपनी किसी तरह की सार्वजनिक राय बना सकते हैं और जोड़ सकते हैं, लेकिन यह सारा काम मजहब की आड़ में किया जाता है। इस कारण हिंदू या यूरोपीय लोगों को भी इसके बारे में कुछ भी जानकारी होना कठिन हो जाता।”

ये नींव एक दिन में तो अवश्य नहीं पड़ी होगी। इसके पीछे वर्षों का परिश्रम, तुष्टीकरण, और अनेकों प्रकार के प्रपंच सम्मिलित हैं, जिनसे मोपला के निकृष्ट आक्रान्ताओं को अपने कुकृत्य करने की प्रेरणा मिली होगी। इतिहास ऐसे ढेरों उल्लेख, उद्धरणों, साक्ष्यों तथा प्रमाणों से पटा पड़ा है।

आवश्यकता है तो बस आपको अपने चेतना को झकझोरने की। सच आपके सामने ही खड़ा है। अगले अंक में हमारा प्रयास इस पक्ष पर रहेगा कि कैसे इस द्वेष को बढ़ावा देते हुए 50 से भी अधिक हिंसक घटनाएँ हुई, जिन्होंने शनै शनै: मोपला के भीषण और नृशंस नरसंहार की नींव रखी। हम इस विषय पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे वाम और ”वाम के हाथ’ अर्थात काँग्रेस नें इस घटना को न सिर्फ छुपाया बल्कि छद्म राष्ट्रवाद और कृषक विद्रोह के नाम पर इस्लामी कट्टरपंथियों का महिमामंडन किया और धार्मिक कट्टरता के इस वीभत्स स्वरूप को एक ‘कृषि आंदोलन’ का रूप देने का प्रयास किया।

भाग 1 – मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे

Tags: टीपू सुल्तानमोपला नरसंहार
शेयर274ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

1965 भारत-पाक युद्ध: चाविंडा की वह लड़ाई जो भुला दी गयी

अगली पोस्ट

दोषपूर्ण चीनी टीके चीनी अर्थव्यवस्था को परेशान करने के लिए वापस आ गए हैं

संबंधित पोस्ट

ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)
इतिहास

इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

18 July 2025

इज़रायल ने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए और इनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य
इतिहास

नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

13 July 2025

एक हज़ार साल से भी पहले, जब दुनिया का ज़्यादातर हिस्सा अंधकार में डूबा हुआ था, तमिल हृदयभूमि का एक शक्तिशाली सम्राट समुद्र पर राज...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

00:04:16

The Forgotten Maratha Legacy in Tamil Nadu

00:07:37

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited