TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमित शाह का ‘मिशन बिहार’: नीतीश से चिराग और कुशवाहा तक, NDA की एकता का राजनीतिक संदेश

    अमित शाह का ‘मिशन बिहार’: नीतीश से चिराग और कुशवाहा तक, NDA की एकता का राजनीतिक संदेश

    Bihar Files: एक IAS अधिकारी और 9,50,00,000,00 करोड़ का वो ‘चारा घोटाला’, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए लालू यादव

    Bihar Files: एक IAS अधिकारी और 9,50,00,000,00 करोड़ का वो ‘चारा घोटाला’, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए लालू यादव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमित शाह का ‘मिशन बिहार’: नीतीश से चिराग और कुशवाहा तक, NDA की एकता का राजनीतिक संदेश

    अमित शाह का ‘मिशन बिहार’: नीतीश से चिराग और कुशवाहा तक, NDA की एकता का राजनीतिक संदेश

    Bihar Files: एक IAS अधिकारी और 9,50,00,000,00 करोड़ का वो ‘चारा घोटाला’, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए लालू यादव

    Bihar Files: एक IAS अधिकारी और 9,50,00,000,00 करोड़ का वो ‘चारा घोटाला’, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए लालू यादव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    शक्ति ही शांति की गारंटी: अस्त्रहिंद 2025 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को भारत का संदेश

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

1967 चो ला का युद्ध: जब भारत ने चीन को ऐसा धोया कि माओ को मुंह छिपाना पड़ गया था

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
1 October 2021
in इतिहास
चो ला युद्ध लड़ते भारत के वीर सैनिक

साभार: India Today

Share on FacebookShare on X

कहने को चीन और पाकिस्तान भिन्न देश हैं, भूगोल की दृष्टि से भी, और संस्कृति की दृष्टि से भी। परंतु जब विचारधारा और भारत के प्रति घृणा के दृष्टि से देखें, तो दोनों में अंतर करना असंभव है। एक समय पाकिस्तान भारतीयों को भयभीत करने के लिए एटम बम फोड़ने के नारे लगाता था, तो वहीं चीन भारत को 1962 के युद्ध की पराजय का स्मरण कराता था। हालांकि, जैसे नेपोलियन के लिए वाटरलू तथा हिटलर के लिए स्टालिनग्राड पर हमला करना, उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल बनी, वैसे ही चीनी तानाशाह माओ के लिए चो ला पर आक्रमण उनके जीवन की वो भूल थी, जिसके कारण वह कभी भी किसी को मुंह दिखाने योग्य नहीं रहे। ये कथा है चो ला के उस युद्ध की, जिसने सिक्किम की स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की, और चीन के घमंड को भी मिट्टी में मिला दिया।

आचार्य चाणक्य ने सही ही कहा था, “जो राष्ट्र शास्त्र पढ़ना छोड़ देता है, वो राष्ट्र समाप्त हो जाता है”, अर्थात जो देश या राष्ट्र अपना इतिहास भूल जाता है, उसका भूगोल स्वत: समाप्त हो जाता है। जो चीन बड़े चाव से हमें 1962 की पराजय का स्मरण कराता है, वो स्वयं 1967 के दो युद्धों के उल्लेख मात्र पर बगलें झाँकने लगता है, जिसने न केवल चीन का घमंड तोड़ा, अपितु उसके क्रूर आक्रांता माओ जेडोंग को कहीं मुंह दिखाने योग्य नहीं छोड़ा।

संबंधितपोस्ट

चीन पीछे छूटा, अब आसमान पर भारत का जलवा! दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर एयरफोर्स बनी भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान का नामोनिशान तक नहीं

अमेरिका का पाकिस्तान को झटका: नई AMRAAM मिसाइलों से इनकार और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन का संदेश

मोदी सरकार ने बगराम पर अमेरिका-पाकिस्तान दोनों को चित करने की पूरी प्लानिंग कर ली है , लेकिन कैसे?

और लोड करें
साभार: The Print

1967 से पूर्व सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य था, जिसकी सुरक्षा भारत के देखरेख में थी। सिक्किम की राजशाही भारत से वार्तालाप और भारत के विलय के पक्ष में अवश्य थी, परंतु चीन को यह कदापि स्वीकार नहीं था। वह चीन को अरुणाचल प्रदेश की भांति अपना ही हिस्सा मानता था, और उसने कूटनीतिक एवं सैन्य परिप्रेक्ष्य में सिक्किम के राजशाही पर दबाव स्थापित करने का पूरा प्रयास किया।

इसी बीच 1965 में जब भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध प्रारंभ हुआ, तो चीन ने पूर्वोत्तर में अतिरिक्त मोर्चा खोलने की धमकी दी थी। उन्होंने तत्काल प्रभाव से जेलेप ला और नाथू ला के दर्रों [Mountain Passes] को खाली करने का ‘आदेश’ भारतीय सेना को दिया, जहां पर उस समय मेजर जनरल सगत सिंह राठौड़ भी तैनात थे। ज़ेलेप ला से भारतीय सेना बिना विरोध हट गई, परंतु नाथू ला की कमान मेजर जनरल सगत सिंह के हाथ में थी, जो भली भांति इस क्षेत्र के रणनीतिक लाभ एवं इसे त्यागने के दूरगामी परिणामों से परिचित थे। उन्होंने अपने वरिष्ठ अफसरों को स्पष्ट कहा कि वे चाहे तो उनका कोर्ट मार्शल करा लें, परंतु वे नाथू ला नहीं छोड़ेंगे।

और पढ़ें : कैसे मेजर जनरल सगत सिंह राठौर की ज़िद्द ने भारत को चीन के विरुद्ध सबसे अप्रत्याशित सैन्य जीत दिलाई

ये मेजर जनरल सगत सिंह के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम था कि भारत ने न केवल नाथू ला में अपना मोर्चा बनाए रखा, अपितु चीन को मुंहतोड़ जवाब भी दिया। 11 सितंबर 1967 को अंतर्राष्ट्रीय सीमा को लेकर भारतीय सेना ने एक निश्चित सीमारेखा खींचने का निर्णय किया, परंतु चीन इसके पक्ष में नहीं था। इसके बाद भी मेजर जनरल सगत के आदेश पर नाथु ला सेक्टर में 11 सितम्बर 1967 को तारबंदी शुरू किया गया। चीनी सेना बगैर किसी चेतावनी के जोरदार फायरिंग करने लगी। तब भारतीय सैनिक खुले में खड़े थे, ऐसे में बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हो गए। इसके बाद जनरल सगत ने नीचे से तोपों को ऊपर मंगाया। उस समय तोप से गोलाबारी करने का आदेश सिर्फ प्रधानमंत्री ही दे सकता था। दिल्ली से कोई आदेश नहीं मिलता देख जनरल सगत ने तोपों के मुंह खोलने का आदेश दे दिया। इसे लेकर काफी हंगामा मचा, लेकिन चीनी सेना पर इस जीत ने भारतीय सैनिकों के मन में वर्ष 1962 से समाए भय को बाहर निकाल दिया।

साभार: Wikipedia

परंतु ये युद्ध कथा वहीं पर खत्म नहीं हुई थी। नाथू ला से कुछ ही किलोमीटर दूर एक और क्षेत्र है, चो ला जहां पर चीन और भारत के बीच आए दिन हिंसक झड़प होती रहती थी। यहाँ पर जम्मू कश्मीर राइफल्स की 10 वीं बटालियन यूनिट पहले से ही तैनात थी, जिन्हें ड्यूटी से रिलीव करने हेतु 7/11 गोरखा राइफल्स की बटालियन मेजर कुलभूषण जोशी के नेतृत्व में वहाँ पहुंची थी। छँगु बेस कैंप में दोनों बटालियन का वार्तालाप 1 अक्टूबर को तय था, और मूलभूत सुरक्षा के लिए 20 लोग चो ला पर तैनात रहने थे।

चो ला के युद्ध का मूल कारण सीमा रेखा पर स्थित एक पत्थर था, जो करीब 30 इंच यानि लगभग 2.5 फुट ऊंचा था।  भारतीयों  के लिए वह पत्थर सीमारेखा का हिस्सा माना जाता था, जबकि चीनियों के लिए वह पत्थर उनके भूमि का ही हिस्सा था। इसी बीच 1 अक्टूबर को नायब सूबेदार ज्ञान बहादुर लिम्बू ने जाने अनजाने में अपना पैर उसी पत्थर पर रख दिया। चीनी सैनिकों ने इस पर आपत्ति जताई और ज्ञान बहादुर से आपत्तिजनक भाषा में बात करने लगे। इतने में एक चीनी सैनिक ने ज्ञानबहादुर पर वार किया।

गोरखा सिपाहियों से अपने वरिष्ठ अफसर का अपमान नहीं देखा गया, और उनके साथ उपस्थित एक सिपाही ने उन पर आक्रमण करने वाले सिपाही का हाथ ही अपनी खुखरी से काट डाला। इसके पश्चात गोलियों की बौछार हुई, और हर ओर से बम गोले बरसने लगे, और ‘जय महाकाली आयो गोरखाली’ के सिंहनाद के साथ गोरखा वीर चीनी सैनिकों पर रुद्रगण के समान टूट पड़े। स्थिति बिगड़ते देख हवलदार देबी प्रसाद लिम्बू ने अद्भुत पराक्रम का परिचय दिखाया और कई चीनी सैनिकों को स्वत: ही धराशायी किया, परंतु युद्ध में वे वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हें उनके शौर्य के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से पुरस्कृत किया गया।

दूसरी ओर चो ला क्षेत्र में पॉइंट 15,450 पर जब चीनियों ने नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास किया, तो युवा अफसर लेफ्टिनेंट राम सिंह राठौर अकेले ही कई चीनियों से भिड़ गए। वे कई बार घायल हुए, परंतु उन्होंने अपने घावों के बारे में न सोचते हुए चीनियों को बाहर खदेड़ते रहे। अंत में वे भी वीरगति को प्राप्त हुए, परंतु RCL विशेषज्ञ हवलदार टिनजोंग लामा ने शत्रुओं पर गोलाबारी जारी रखी, जिसके लिए उन्हें बाद में वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया।

इन सैनिकों का शौर्य व्यर्थ नहीं गया। पॉइंट 15,450 को पुनः भारत को वापिस दिलाने के लिए गोरखा राइफल्स और जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स की संयुक्त टुकड़ी ने रात को धावा बोला। अद्भुत साहस का परिचय देते हुए उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल महातम सिंह के नेतृत्व में पॉइंट 15450 पर पुनः नियंत्रण प्राप्त किया और चीनियों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से तीन किलोमीटर पीछे खदेड़ दिया। आज स्थिति यह है कि चीनी और कहीं से भी धावा बोल दे, परंतु चो ला का नाम सुनते ही उनके हलक सूख जाते हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल महातम सिंह को उनके शौर्य के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च युद्ध सम्मान, महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

चो ला के युद्ध में चीन की पराजय ऐसे समय पर हुई, जब माओ ज़ेडोंग अपने शक्ति के शिखर पर थे। उनका देश एक ऐसे देश से पराजित हुआ, जो सैन्य शक्ति की ‘दृष्टि’ से उनसे ‘दुर्बल’ था, और इस कारण से आज भी चीन 1967 के युद्ध में बात करने से हिचकता है। पर ये हमारे देश का दुर्भाग्य है, कि जिस युद्ध का शौर्य इस देश के हर बालक को 1971 की भांति कंठस्थ होना चाहिए था, जिस चो ला के विजय के बारे में देश के हर नागरिक को परिचित होना चाहिए, वो आज भी उससे अनभिज्ञ हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे प्रयासों से ऐसे युद्ध और ऐसे वीरों की वीर गाथा से पूरा देश परिचित हो, और उनके शौर्य को सभी नमन करें!

वन्दे मातरम!

Tags: 1965 युद्ध1967चीनचो लानाथु लामेजर जनरल सगत सिंहसिक्किम
शेयर181ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

एयर इंडिया को खरीद सकता है टाटा: ये भारतीय एविएशन में क्रांति की शुरुआत होगी

अगली पोस्ट

परमबीर सिंह शायद देश से बाहर भाग चुके हैं और यह उद्धव सरकार की शह से संभव हो सकता है

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश के जन्म की कहानी
इतिहास

Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

16 October 2025

1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन ने एक ऐसे देश को जन्म दिया, जिसके दो हिस्से थे, और दोनों हिस्सों के बीच हज़ार मील से...

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया
आयुध

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

14 October 2025

1947 के बाद कांग्रेस ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं पर पूरा नियंत्रण जमा लिया। इतिहास को इस तरह दोबारा लिखा गया...

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन
इतिहास

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

14 October 2025

दत्तोपंत ठेंगड़ी का जीवन और उनका कार्य केवल एक विचारधारा या संगठन की सीमाओं में नहीं बंधा। वे केवल एक ट्रेड यूनियनिस्ट नहीं थे, न...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44

What's behind India's big warning to Pakistan On Sir Creek ?

00:07:52

How the Madras High Court Exposed DMK’s Temple Mismanagement?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited