TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

8/11/1947: जूनागढ़ के परिग्रहण की कहानी, जानें कैसे पटेल और मेनन ने इसे अंजाम दिया था

सनकी था जूनागढ़ का नवाब!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
8 November 2021
in ज्ञान
जूनागढ़

Source- Google

Share on FacebookShare on X

क्या आपने कभी सोचा है कि जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने गृहमंत्री से इतने असहज क्यों रहते थे? कभी सोचा है कि देश के मुकुट समान राज्य कश्मीर का विध्वंस करने के लिए पाकिस्तान इतना लालायित क्यों रहता है? कभी सोचा है कि निज़ाम शाही का विध्वंस करने के लिए बातचीत का मार्ग क्यों नहीं अपनाया गया? इन सबका उत्तर एक प्रांत के विलीनीकरण में समाहित है, जिसकी कहानी अपने आप में सम्पूर्ण भारत की राजनीति का सार के समान है, यह प्रांत है जूनागढ़, जिसके स्वतंत्रता की नींव आज ही के दिन पड़ी थी।

निस्संदेह जूनागढ़ को 9 नवंबर 1947 को आधिकारिक तौर पर स्वतंत्र कराया गया था, परंतु वहां सैन्य कार्रवाई 8 नवंबर से ही प्रारंभ हो गई थी। इस प्रांत की कथा अपने आप में भारतीय राजनीति के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक विशेष केस स्टडी है कि कैसे कोई अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने हेतु किसी भी हद तक जा सकता है।

संबंधितपोस्ट

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

इसलिए जूनागढ़ की पुलिस ने इस्लामिस्टों को खूब कूटा!

जे बी कृपलानी, जो 1947 में कांग्रेस अध्यक्ष थे लेकिन नेहरू का विरोध किया तो…

और लोड करें

और पढ़ें : कैसे सरदार पटेल के नेतृत्व में ऑपरेशन पोलो ने भारत को सम्पूर्ण इस्लामीकरण से बचाया

जब भारतवर्ष 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, तो देश सिर्फ नाममात्र का स्वतंत्र हुआ था, इसके साथ ही देश की 565 रियासतें एवं प्रांत भी स्वतंत्र हुए थे। इन सभी देशों को एक भारत में पिरोने का दायित्व भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल एवं उनके विश्वासपात्र, प्रिंसिपल सेक्रेटरी वप्पला पंगुन्नी मेनन [वी पी मेनन] पर था, जिन्होंने कुछ ही महीनों में अनेकों राज्यों एवं रियासतों को भारत में विलय के लिए मना लिया।

परंतु, अक्टूबर 1947 तक तीन राज्य ऐसे भी थे, जिनका भविष्य अभी तक तय नहीं हुआ था। इनमें एक प्रांत था जूनागढ़, दूसरा हैदराबाद और तीसरा था कश्मीर। तीनों की अपनी विकट समस्याएं थी, लेकिन जूनागढ़ और हैदराबाद में एक बात समान थी कि इन दोनों रियासतों का शासन मुसलमानों के हाथों में था, जबकि बहुसंख्यक सनातन धर्म से वास्ता रखते थे। दोनों के दोनों पाकिस्तान समर्थक और दोनों ही अपनी इच्छाओं को जबरदस्ती जनता पर थोपना जानते थे!

सनकी था जूनागढ़ का नवाब

लेकिन जूनागढ़ की कथा अपने आप में बड़ी अनोखी है। इस प्रांत पर बबाई पशतून समुदाय का शासन था, जिसके अंतिम शासक थे नवाबज़ादा सर मोहम्मद महाबत खान तृतीय ‘खानजी’। ये शासक अपने आप में बड़ा अनोखा, लेकिन बड़ा सनकी भी था। निस्संदेह उन्होंने गीर के प्रसिद्ध वन्य उद्यान की नींव रखी, परंतु उनका ध्यान अपने राज्य से अधिक अपने कुत्तों पर होता था। वो अपने कुत्तों के प्रति इतने शौकीन थे कि उन्होंने सन् 1931 में तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इरविन को अपने सबसे प्रिय रोशनारा की मंगरोल के नवाब के कुत्ते बॉबी से निकाह के लिए वास्तव में आमंत्रित भी किया था। हालांकि, लॉर्ड इरविन ने वो प्रस्ताव तो ठुकरा दिया, लेकिन नवाब साहब ने इस निकाह के लिए अपने प्रांत में तीन दिन के राज्य अवकाश की घोषणा की और इस समारोह पर विशेष खर्चा भी किया, जिसे एबीपी न्यूज ने अपनी प्रसिद्ध वेब सीरीज़ ‘प्रधानमंत्री’ में चित्रित भी किया था।

और पढ़ें:  आगा खान – जिसने ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का सृजन किया और अखंड भारत को खंडित किया

तो फिर ऐसा क्या हुआ, जिसके कारण ऐसा अजीबोगरीब नवाब पाकिस्तान से जुडने का ख्वाब देखने लगा? इसका कारण था उसका नया दीवान, शाहनवाज़ भुट्टो। शाहनवाज़ भुट्टो कट्टरपंथी इस्लाम का जीता जागता प्रतीक था, जिसने एक सिन्धी हिन्दू कन्या लद्दन बाई से विवाह कर उसका इस्लाम में धर्मपरिवर्तन भी कराया। ये वही शाहनवाज़ भुट्टो हैं, जिसके बेटे जुल्फिकार अली भुट्टो ने अपनी सनक में लेफ्टिनेंट जनरल टिक्का खान के जरिए पूर्वी पाकिस्तान [अब बांग्लादेश] पर बेहिसाब अत्याचार ढाए और जिसकी पौत्री बेनज़ीर भुट्टो ने कश्मीर में लाखों हिंदुओं के नरसंहार की नींव रखी। उसने पहले जूनागढ़ के तत्कालीन दीवान, खान बहादुर अब्दुल कादिर मुहम्मद हुसैन को पदच्युत किया, जो मात्र एक सशक्त और स्वतंत्र काठियावाड़ के ख्वाब देख रहे थे। शाहनवाज़ भुट्टो के उकसाने पर ही जूनागढ़ के नवाब ने सितंबर 1947 में पाकिस्तान से जुड़ने का हास्यास्पद निर्णय लिया था।

ये इसलिए हास्यास्पद था, क्योंकि जूनागढ़ भौगोलिक ही नहीं, अपितु सामरिक दृष्टि से भी पाकिस्तान से मीलों दूर था। उसका सबसे निकट तट, वेरावल, जहां पवित्र सोमनाथ मंदिर स्थित है, वो भी कराची से लगभग 557 किलोमीटर दूर है। लेकिन उस सनकी नवाब के जिहाद के ख्वाब जो न कराए। ऐसे में भुट्टो जितना उकसाते गए, नवाब उतना ही पाकिस्तान में जूनागढ़ को मिलाने के ख्वाब देखते गए।

सेना की सहायता से स्वतंत्र हुआ जूनागढ़

दूसरी ओर भारत इन गतिविधियों पर क्रोध में मुट्ठियां भींचे हुए था। सितंबर में बॉम्बे में समलदास गांधी के नेतृत्व में वैकल्पिक सरकार तो स्थापित हो गई, परंतु जूनागढ़ को स्वतंत्र कराने का भार तो केंद्र सरकार पर ही था। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बातचीत के मार्ग पर अड़े हुए थे, जबकि सरदार पटेल और वीपी मेनन अपने जन्मभूमि के एक क्षेत्र को शत्रुओं के हाथों में यूं ही जाते हुए नहीं देख पा रहे थे, लेकिन नेहरू की अकर्मण्यता के कारण वे भी विवश थे! सितंबर में वीपी मेनन जूनागढ़ में बातचीत के लिए पहुंचे, परंतु वो शाहनवाज़ भुट्टो के इरादों को पहचान गए और समझ गए कि बिना सशस्त्र विद्रोह के जूनागढ़ की स्वतंत्रता संभव नहीं है। उसी समय हैदराबाद के कट्टरपंथी नेता कासिम रिजवी भी जूनागढ़ की गतिविधियों को भांपते हुए भड़काऊ बयान देने लगे। वो कहते, “इनसे एक छोटा सा जूनागढ़ नहीं संभलता और ये हमारी निजाम शाही उखाड़ेंगे?”

और पढ़ें: लाला लाजपत राय: वो वीर पुरुष जिनके बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा ही बदल दी!

लेकिन जब पानी सर के ऊपर से निकलने लगा, तो सरदार पटेल और वीपी मेनन समझ गए कि सैन्य कार्रवाई ही जूनागढ़ की स्वतंत्रता का एकमात्र विकल्प है। नवाब मोहम्मद खान तुरंत स्थिति भांप गए और लगभग आधी से अधिक संपत्ति और अपनी कई बीवियों एवं कुत्तों सहित कराची भाग गए, लेकिन एक पत्नी और कुछ कुत्ते तब भी पीछे छूट गए। परंतु शाहनवाज़ भुट्टो और उनका अत्याचारी शासन तब भी डटा रहा, लेकिन जब साथी राज्यों ने सहायता देने से मना कर दिया और सेना एवं जूनागढ़ की जनता ने सशस्त्र विद्रोह में सहयोग दिया, तो शाहनवाज़ भुट्टो के पास भारत को जूनागढ़ सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। 8 नवंबर को सेना ने जूनागढ़ में प्रवेश किया और 9 नवंबर को जूनागढ़ राज्य स्वतंत्र हुआ।

सरदार पटेल जनमत संग्रह के पक्ष में नहीं थे, परंतु वीपी मेनन ने उन्हें इस प्रक्रिया के लिए मना लिया। जब 1948 में जनमत संग्रह हुआ, तो मात्र 91 लोगों ने पाकिस्तान के लिए मत दिया और बाकी सब ने भारत में विलीनीकरण को समर्थन दिया। जूनागढ़ की स्वतंत्रता आधिकारिक रूप से 9 नवंबर को होती है, पर नींव तो 8 नवंबर को ही पड़ चुकी थी और इसी ने सरदार पटेल के ‘लौहपुरुष’ की छवि को स्थापित करने में सहायता भी की!

Tags: जूनागढ़सरदार वल्लभ भाई पटेल
शेयर51ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सचिन के कारण भारतीयों ने क्रिकेट देखना शुरू किया और कोहली के कारण छोड़ दिया

अगली पोस्ट

विराट कोहली vs सुनील छेत्री: एक आलोचना को आमंत्रित करता है और दूसरा इससे दूर भागता है

संबंधित पोस्ट

राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध
इतिहास

राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

17 December 2025

सन् 1928 का भारत आज़ादी की ज्वाला से जल रहा था। एक ओर देशभक्त भारत माता की परतंत्रता की बेड़ियाँ काटने के लिए संघर्ष कर...

बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण
इतिहास

बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

17 December 2025

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड का विशेष महत्व है। यह पहला अवसर था जब क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजी सरकार के खजाने को लूटकर यह स्पष्ट...

17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत
इतिहास

17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

17 December 2025

हर वर्ष 17 दिसंबर को दुनिया भर में राइट ब्रदर्स दिवस (Wright Brothers Day) मनाया जाता है. यह दिन मानव इतिहास में उस क्रांतिकारी क्षण...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited