आज सोशल मीडिया एक ताकतवर हथियार बन चुका है। सोशल मीडिया के मजबूत होने से आज विषैले एजेंडे को फैलाने वालों की पोल खुलने में समय नहीं लगता है। भारत के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो कुछ मीडिया हाउस हैं, जिनका काम ही देश में वैमनस्य फैलाना है और वे यह काम बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ साक्षात्कार में उनके मुंह से अपने शब्द निकलवाकर करते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे मौके भी आते हैं जब इन्हीं हस्तियों द्वारा इन मीडिया हाउस की कैमरे के सामने ही भयंकर बेइज्जती होती है। अपनी बेइज्जती करवाने के मामले में राजदीप सरदेसाई का नंबर तो टॉप पर आता है, लेकिन अब The Wire की आरफा खानम शेरवानी भी उन्हें टक्कर देती नजर आ रही हैं!
दरअसल, एक बार नहीं दो बार नहीं, बल्कि कई बार अलग-अलग हस्तियों ने आरफा खानम शेरवानी के विषैले एजेंडे की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें धराशायी किया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही थी, जिसमें प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी इरफान पठान, आरफा खानम शेरवानी के एजेंडे को धराशायी करते दिखे थे। हालांकि, यह वीडियो पुरानी है, लेकिन इसमें इरफान पठान ने आरफा खानम शेरवानी द्वारा उनके मुंह से कई बार अपने एजेंडे के अनुसार कुछ भड़काऊ बुलवाने के प्रयास को विफल कर दिया।
आरफा के विषैले एजेंडे को इरफान पठान ने किया विफल
वीडियो में आरफा खानम, इरफान से सवाल करती हैं कि क्रिकेट राष्ट्रवाद का पहचान माना जाता है और क्या इरफान पठान को इरफान पठान होने का कभी ऐहसास हुआ? आरफा के सवाल से ही स्पष्ट था कि वो यह पूछना चाहती हैं कि क्या इरफान पठान को क्रिकेट के करियर में कभी मुस्लिम होने का ऐहसास हुआ! इस पर इरफान ने बेहद संजीदा अंदाज में जवाब दिया कि, “बिल्कुल ऐहसास हुआ इस मुल्क का वाशिंदा होने का! लोगों ने बहुत प्यार दिया। मैं 15 वर्ष की उम्र से ट्रैवल कर रहा हूं और जो सवाल आप पूछ रही हैं, वो मैं समझ रहा हूं कि आप क्या पूछना चाहती हैं! लेकिन हमेशा प्यार मिला, इज्जत मिली। बिल्कुल ऐसा नहीं है कि इरफान पठान कौन है, कहां से आता है, लोगों को बस इतना मतलब था कि इरफान पठान आ रहा है, पहली बॉल डाल रहा है, पहली या दूसरी बॉल पर विकेट ले रहा है, वर्ल्ड कप जीत रहा है। सिर्फ प्यार मिल रहा है। हां, नाराजगी तब ही मिली जब मैच हारे।” उन्होंने आगे कहा कि आप जो सवाल पूछ रही हैं, वैसा बिल्कुल नहीं है कि इरफान पठान कौन है और कहां से आया है।
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उनके उत्तर से यह स्पष्ट था कि उन्हें उनके मुस्लिम होने से कभी किसी को समस्या नहीं हुई। परंतु, आरफा खानम शेरवानी तो चाहती थी कि कैसे भी वह कुछ ऐसा कहें, जिससे यह लगे कि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से भारत में किसी समस्या का सामना करना पड़ा हो, जिसके बाद वो उस वाक्य के सहारे समाज में वैमनस्य फैलाने का काम करें। इरफान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आज के सोशल मीडिया के युग में कोई भी अपनी भड़ास निकालने के लिए कुछ भी पोस्ट कर सकता है और किसी के भी अकाउंट से कुछ भी पोस्ट कर शांति को भंग कर सकता है। लेकिन सामान्य जीवन में ऐसा नहीं है और मेरे कई मित्र हैं, जिनके साथ आज भी दोस्ती पक्की है।” इस साक्षात्कार में आरफा ने कई प्रयास किए, जिससे कुछ ऐसा लगे कि इरफान पठान को उनके धर्म की वजह से विक्टिम बनाया गया, लेकिन हर बार इरफान ने समझदारी से जवाब दिया।
https://twitter.com/God_OfHumor/status/1462721348711550978?s=20
सिर्फ इरफान पठान ही नहीं, बल्कि आरफा के विषैले एजेंडे को कई हस्तियों ने विफल किया है। उनमें से एक प्रसिद्ध अभिनेता मनोज वाजपेयी भी हैं। आरफा ने अपने शो पर मनोज वाजपेयी से सवाल पूछा कि “पिछले 4-5 वर्षों में जिस तरह से बदलाव सामाजिक स्तर और राजनीतिक स्तर पर आए हैं, जिस तरह का भारत बनाया जा रहा है, क्या मनोज वाजपेयी उससे सहमत हैं? जो आपका Idea Of India है, क्या उससे आज का भारत मेल खाता है?”
जब आरफा के एजेंडे को मनोज वाजपेयी ने किया धराशायी
इस सवाल से आरफा, मनोज वाजपेयी से बीजेपी के कार्यकाल के खिलाफ कुछ ऐसा बुलवाना चाहती थी, जिससे उन्हें यह दिखाने का मौका मिले कि भारत में माहौल सही नहीं है। इस पर मनोज वाजपेयी ने जवाब दिया कि “अगर आप मेरा Idea Of India सुनना चाहती हैं, तो मैं बता दूं कि मेरे भारत में प्राचीन और आधुनिक भारत का एक मिश्रण होना चाहिए।”
इस पर आरफा ने आगे घूमा कर सवाल किया कि कुछ लोग तो यह कह रहे हैं, भारत का भविष्य लोकतांत्रिक होगा भी या नहीं इसमें भी शक है लोगों को। इस पर मनोज ने कहा, “मैं कोई एक्सपर्ट तो नहीं हूं, लेकिन मुझे पता नहीं ऐसा क्यों लगता है कि भारत का लोकतन्त्र कहीं नहीं जाने वाला है। पता नहीं लोगों को क्यों डर लग रहा है। हर 4-5 साल में चुनाव होते हैं, जिसको डर लगता है वो सरकार के खिलाफ वोट दे या चुनाव में उतर जाए।”
अपने एजेंडे को धराशायी होते देख आरफा ने आगे पूछा कि फिल्मों के जरिये हो रही राजनीति पर आपका क्या कहना है? पद्मावत, खिलजी जैसी फिल्में बनाई जा रही हैं! एक विशेष काल के ऊपर फिल्में बनाई जा रही हैं, जिससे एक विशेष समुदाए को निशाना बनाया जा सके। इस सवाल को भी धराशायी करते हुए मनोज वाजपेयी ने उत्तर दिया कि “मैंने पद्मावत भी देखी और बाकी फिल्में भी देखी है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कुछ अधिक ही इसमें नहीं पड़ रहे हैं हमलोग।” यह कहने के साथ साथ उन्होंने उरी फिल्म की तारीफ भी कर दी, जिससे आरफा और The Wire, Ultra Nationalist फिल्म बता चुके हैं। उनका इस तरह से उरी की तारीफ करना जले पर नमक छिड़कने जैसा था!
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आरिफ मोहम्मद खान उड़ा चुके हैं आरफा के एजेंडे की धज्जियां
इससे पहले आरफा को तीन तलाक प्रथा के मुखर विरोधी और पूर्व कांग्रेस मंत्री आरिफ मोहम्मद खान से भी इसी तरह लताड़ मिल चुकी है। ‘हम भी भारत’ के एक एपिसोड में आरफा ने आरिफ मोहम्मद खान का साक्षात्कार लिया था। इस साक्षात्कार में कई अहम मुद्दों पर आरिफ से बातचीत की गयी, परंतु इस साक्षात्कार में जो साफ दिख रहा था, वो था आरफा खानुम शेरवानी का विषैला एजेंडा। उन्होंने भारत को लिंचिंग हब घोषित करने की आरफा की मंशाओं को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जब आपकी नज़र तारीख पर नहीं होगी और आप आज के लम्हें में जीने की कोशिश करेंगी, तो हमेशा आपको मायूसी और नाकामियां ही हाथ लगेंगी।” अपने इन शब्दों से उनका मतलब ये था कि आरफा खानम शेरवानी को भूतकाल और वर्तमान दोनों की स्थिति को देखकर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए, आप इनके बगैर आगे की राह तय नहीं कर सकती।
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इसके बावजूद आरफा ने तो मानो आरिफ मोहम्मद खान के मुंह से मोदी के विरोध में दो शब्द निकलवाने की ठान ली थी। शायद उन्होंने आरिफ मोहम्मद खान का वो साक्षात्कार नहीं देखा था, जिसमें उन्होंने विवादित पत्रकार करण थापर के खोखले दावों की जमकर धज्जियां उड़ाई थी। जब आरफा ने सवाल उठाया कि “हम कैसे देश में रह रहे हैं, जहां मेनका गांधी मुसलमानों के वोट न देने पर उनका काम न करने का आह्वान करती है और नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने का केवल इसलिए मज़ाक उड़ाते है, क्योंकि वहां हिन्दू अल्पसंख्यक है।”
इस सवाल को सुनते ही आरिफ मोहम्मद से रहा नहीं गया। उन्होंने आरफा खानुम शेरवानी के इस बेतुके सवाल पर उन्हें लताड़ते हुए कहा, “आप पाकिस्तान में रहना चाहती हैं, जहां हर जुमे को मस्जिदों में बम फेंके जाते हैं? या आप सीरिया में रहना चाहती हैं? आप यमन में रहना चाहती हैं? बता दीजिये ऐसा कौन सा मुल्क है, जहां आपके हक महफूज हैं?” जिस तरह से आरफा खानम शेरवानी को प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा लताड़ लगाई जा रही है, उससे यह स्पष्ट है कि अब वो कैमरे के लताड़ खाने के मामले में राजदीप सरदेसाई को टक्कर दे रहीं हैं!