TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 4: दांडी मार्च का अनसुना सत्य, जिसे आप नहीं जानते

ऐसा स्कैम और कहीं नहीं!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
19 January 2022
in इतिहास
दांडी यात्रा

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महत्वपूर्ण अध्याय हैं, लेकिन उनमें सबसे प्रमुख अध्याय निस्संदेह दांडी यात्रा (12 मार्च 1930 – 6 अप्रैल 1930) का है। आज भी कई वामपंथी इतिहासकार मोहनदास करमचंद गांधी की तारीफ करते नहीं थकते कि कैसे उन्होंने नमक उठाकर ब्रिटिश साम्राज्य को घुटने टेकने पर विवश कर दिया। लेकिन दांडी यात्रा के पीछे कुछ ऐसे सत्य हैं, जिनसे आज भी देश अपरिचित हैं और आज भी लोग एक अनावश्यक यात्रा को स्वतंत्रता आंदोलन का अभिन्न अंग मानते हैं, जिसने भारत को लाभ के बजाए केवल हानि पहुंचाई।

इस कथा की उत्पत्ति होती है नमक कर से, जो ब्रिटिश शासन ने भारतीयों पर लगाया था। उनके अनुसार भारतीयों को यदि नमक का उत्पादन करना है, तो उन्हे अंग्रेज़ों को भारी मात्रा में कर यानि टैक्स चुकाना होगा, अन्यथा नमक उत्पादन किसी अपराध से कम नहीं होगा। इसके विरोध में महात्मा गांधी ने साबरमती में स्थित अपने आश्रम से लेकर गुजरात में दांडी के तट तक यात्रा की, जहां पर उन्होंने समुद्र के खारे पानी से नमक बनाया और यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की नींव पड़ी। गांधी एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गए और लोग मानो ‘उनका नाम जपने लगे’।

संबंधितपोस्ट

‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

‘पाकिस्तान का PR कर रही कांग्रेस’: राहुल गांधी के बाद तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने पूछा- ‘भारत के कितने राफेल गिरे?’

नक्सलवाद पार्ट-3: 1967 से 2011 तक कैसे बना कांग्रेस की नाकामी का रेड कॉरिडोर?

और लोड करें

और पढ़ें: भारत की स्वतंत्रता की असल गाथा: अध्याय-1- कांग्रेस की स्थापना क्यों की गई थी?

साइमन कमीशन का विरोध

लेकिन क्या दांडी यात्रा सच में इतना महत्वपूर्ण था या इसके पीछे कोई और कारण था? पिछले अध्याय में हमने पढ़ा था कि कैसे पूर्ण स्वराज कांग्रेस का मूल सिद्धांत नहीं था, परंतु कैसे जन समर्थन के भारी दबाव में उन्हें इसे अपनाने पर विवश होना पड़ा। इसी प्रकार से दांडी यात्रा कोई राष्ट्रव्यापी आंदोलन नहीं था, परंतु गांधी को वापस लाइमलाइट में लाने और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा बदलने में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे एक बार फिर देश की स्वतंत्रता में बाधा आने वाली थी।

वो कैसे? ये बात है सन् 1928 की, जब साइमन कमीशन का दल भारत आया था। तब कांग्रेस को पूर्ण स्वराज में कोई रुचि नहीं थी और वे ‘Dominion Status’ की भीख में ही प्रसन्न रहना चाहते थे, लेकिन एक विरोध प्रदर्शन ने पूरा खेल बदल दिया। पूर्व कांग्रेस नेता और प्रखर राष्ट्रवादी, ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय अग्रवाल के नेतृत्व में लाहौर स्टेशन के समक्ष साइमन कमीशन के दल का भारी विरोध हुआ, जिसमें कांग्रेस, हिन्दू महासभा समेत हर दल से लोग एकजुट हुए थे।

ये विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होकर भी इतना तीव्र और प्रचंड था कि अंग्रेज़ बौखला गए और उन्होंने अंधाधुंध लाठियां बरसानी प्रारंभ कर दी। तत्कालीन एसपी जेम्स ए स्कॉट और उनके सहयोगी जॉन पी सॉन्डर्स ने लालाजी को घेरकर इतना पीटा, इतना पीटा कि वे लहू लुहान हो गए। लाला लाजपत राय इस आघात से उबर नहीं पाए और 17 नवंबर 1928 को उन्होंने अंतिम सांस ली। परंतु उनके बलिदान ने क्रांति की एक ऐसी ज्योति जलाई, जिसने देश का इतिहास ही बदलकर रख दिया।

और पढ़ें: लाला लाजपत राय: वो वीर पुरुष जिनके बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा ही बदल दी!

‘पंजाब केसरी’ की हत्या का प्रतिशोध

फिर आया दिसंबर 1928। इस माह में दो दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं – 17 दिसंबर और 29 दिसंबर। 17 दिसंबर को लाला लाजपत राय की हत्या का प्रतिशोध अवश्य लिया गया, परंतु वह तनिक अधूरा था, क्योंकि मुख्य अपराधी स्कॉट के बजाए एएसपी सॉन्डर्स क्रांतिकारी शिवराम हरी राजगुरु और भगत सिंह के हाथों मारा गया था। उसे बचाने के चक्कर में हवलदार चनन सिंह को चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने पिस्तौल के एक वार से ढेर कर दिया था। उसके बाद ये तीनों क्रांतिकारी वेश बदलकर सकुशल लाहौर से कलकत्ता स्थानांतरित हो गए और कुछ दिन के पश्चात चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु ने वाराणसी (बनारस) में शरण ले ली।

इसी बीच 28-29 दिसंबर 1928 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में वेश बदलकर भगत सिंह ने भी हिस्सा लिया। परंतु इस अधिवेशन में इतना क्या महत्वपूर्ण था? इस अधिवेशन की मेजबानी कर रहे थे एक युवा नेता, जिनका नाम था सुभाष चंद्र बोस। उन्होंने कांग्रेस के सेवादल को पारंपरिक पोशाक पहनाने के बजाए अंग्रेज़ी सैन्य परिधान पहनाया और सैन्य शक्ति प्रदर्शन भी कराया। अंग्रेज़ इस प्रदर्शन से स्तब्ध हुए, जबकि महात्मा गांधी ने इसका उपहास उड़ाते हुए इसे ‘सर्कस का बचकाना करतब’ बताया, जिसका उल्लेख हंसल मेहता द्वारा रचित वेब सीरीज़ ‘बोस – डेड ऑर अलाइव’ में बड़ी तत्परता से किया गया है।

और पढ़ें: अध्याय 2: भारतीय स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी: मोहनदास करमचंद गांधी वास्तव में भारत क्यों लौटे?

लेकिन सुभाष चंद्र बोस द्वारा उस प्रदर्शन का एक विशेष उद्देश्य था। वो कांग्रेस के तौर तरीकों से पूर्णतया सहमत नहीं थे। बोस जानते थे कि सशस्त्र क्रांति के बिना भारत को स्वतंत्रता कदापि नहीं मिलेगी और इसीलिए उन्होंने ‘Bengal Volunteers’ नामक एक दल तैयार किया। इस दल ने न केवल विभिन्न क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया, अपितु इसी दल ने आगे चलकर सुभाष चंद्र बोस के बहुप्रतिष्ठित आज़ाद हिन्द फ़ौज की नींव भी रखी। इसी में एक स्वयंसेवक थे यतीन्द्रनाथ दास, जो बाद में जाकर भगत सिंह के हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का अभिन्न अंग बने और 63 दिन तक आमरण अनशन कर, उन्होंने गांधी को उन्हीं के अस्त्र से चारों खाने चित्त भी किया।

परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं रही। इसी ‘Bengal Volunteers’ ने 1930 के चटगांव क्रांति को भी बढ़ावा दिया। क्या आप सोच सकते हैं कि एक स्कूल मास्टर और कुछ बच्चे एक पूरे शहर को अंग्रेज़ों के शासन से लगभग एक हफ्ते तक मुक्त रख सकते हैं? परंतु ऐसा हुआ था, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं और वामपंथी इतिहासकारों ने भी दांडी यात्रा के आगे इसे दफन कर दिया। ऐसे में यह सिद्ध होता है कि दांडी यात्रा तो केवल बहाना था, असल में गांधी को सुर्खियों में वापस लाना था!

दांडी यात्रा ने हर तरह से देश को नुकसान पहुंचाया

दरअसल, 1929 के अंत तक भगत सिंह के क्रांतिकारी दल और गांधी के अनुयायियों में मानो एक प्रतियोगिता हो रही थी। कहीं न कहीं अंग्रेज़ों को भी आभास हो रहा था कि भगत सिंह के विचार गांधी से अधिक लोकप्रिय बन चुके हैं और लोकप्रियता में तो वो गांधी को भी पीछे छोड़ चुके थे। ऐसे में अंग्रेज अपने ‘प्रिय सेवक’ को लाइमलाइट से पीछे कैसे हटने देते?

यदि हम आपसे कहें कि फाइजर की भांति अंग्रेज़ों और उनके चाटुकारों ने एक कुत्सित रीति को बढ़ावा दिया, जिसका दुष्परिणाम हम आज तक भुगत रहे हैं, तो आप भी कहोगे – पागल हो क्या? परंतु दांडी यात्रा का एक कड़वा सत्य यह भी है – भारत को आयोडीन युक्त नमक पर अतिनिर्भर बना देना, जिसमें कहीं न कहीं महात्मा गांधी का भी महत्वपूर्ण योगदान था। आज भारत को समय-समय पर नीचा दिखाने वाले न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक समय स्वयं इस बात को स्वीकारा था कि गांधीवादी इस बात को लेकर बहस करते थे कि क्या उनके कारण भारत में आयोडीन युक्त नमक को बढ़ावा दिया गया।

परंतु आयोडीन युक्त नमक से समस्या क्या है? हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, वैसे ही हर ‘औषधि’ गुणकारी नहीं होती। प्रत्यक्ष रूप से न सही पर अप्रत्यक्ष रूप से गांधी ने वही किया, जिसका अन्य स्वदेशी आंदोलनकारी विरोध करते आए थे, वो था विदेशी वस्तुओं को शालीनता से सजाकर प्रस्तुत करना। स्वदेशी तो मात्र छलावा था, अंग्रेज़ों के हितों को पूरा जो करना था। आज आयोडीन पर अत्यधिक निर्भरता के कारण हम कई ऐसे बीमारियों से ग्रसित हैं, जिनसे हमारा दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था। दांडी यात्रा ने राजनीतिक रूप से देश को भ्रमित तो किया ही, संस्कृति और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देश को काफी नुकसान पहुंचाया।

और पढ़ें: भारत की स्वतंत्रता की असल गाथा- अध्याय 3: क्यों और कब कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज को अपने मूल सिद्धांत के रूप में अपनाया?

Tags: कांग्रेसदांडी मार्चभगत सिंहमहात्मा गाँधीसुभाष चंद्र बोस
शेयर173ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 3: क्यों और कब कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज को अपने मूल सिद्धांत के रूप में अपनाया?

अगली पोस्ट

DD बना ताइवान समर्थक देशों की सबसे बड़ी आवाज, तो चीन तिलमिलाया

संबंधित पोस्ट

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954
इतिहास

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

27 May 2025

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज (27 मई) 61वीं पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम बड़े...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited