TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

प्राचीन भारत में दहेज प्रथा की कोई परंपरा नहीं थी, इसे औपचारिक रूप देने वाले अंग्रेज ही थे

अंग्रेज चले गए लेकिन अपनी प्रथा छोड़ गए !

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
21 June 2022
in चर्चित
Dahej Pratha

Source- TFIPOST.in

Share on FacebookShare on X

आज के आधुनिक भारत में दहेज प्रथा एक सामाजिक खतरा बन गई है. यह महिलाओं पर अत्याचार, दुल्हन पर शारीरिक हिंसा, दुल्हन के माता-पिता पर आर्थिक और भावनात्मक तनाव और वैवाहिक संघर्ष का उद्गम स्रोत हैं। यह खतरा आज भी समाज में मौजूद है भले ही कानूनन शादी के दौरान दहेज लेना एक अपराध है।

प्राचीन भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति

क्या है इस खतरे का असली इतिहास। क्या यह हमेशा भारतीय समाज में मौजूद था? क्या भारतीय समाज हमेशा अपनी महिलाओं पर अत्याचार करता था? एक तरफ हमारे पास प्राचीन ग्रंथ हैं जो महिलाओं के बारे में इतने सम्मान के साथ बात करते हैं। हिंदू धर्म में ईश्वर शक्ति हैं। सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, ब्रह्मा नहीं। लक्ष्मी धन की देवी हैं, विष्णु नहीं। पार्वती शक्ति और ऊर्जा की देवी हैं, शिव नहीं।

संबंधितपोस्ट

अंग्रेज़ और न्यायपूर्ण शासन ? गुलाम मानसिकता में जीने वालों को अब अपनी आंखों से औपनिवेशिक पट्टी हटा लेनी चाहिए

‘ब्रिटिश सांस्कृतिक रूप से समृद्ध थे’, इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ भी नहीं

संथाल क्रांति की वो कथा जो आज तक आप सबसे छिपाई गई

और लोड करें

हम प्राचीन हिंदू विवाह परंपराओं में स्वयंवर के बारे में सुनते हैं जहां दुल्हन तय करती थी कि किससे शादी करनी है? स्वयंवधु की अवधारणा नहीं थी, दूल्हा यह तय करने के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित नहीं कर सकता था कि किस दुल्हन से शादी करनी है? रामायण में राम को यह साबित करने के लिए शिव का धनुष उठाना पड़ा कि वह सीता से विवाह करने के योग्य हैं। महाभारत में अर्जुन ने भी स्वयं को साबित किया। तो अगर हमारी परंपरा में महिलाओं को यही महत्व दिया गया था, तो दहेज के खतरे का यह विरोधाभास हमारे समाज में कब और कहां आया? हमें प्राचीन काल के साहित्य में दहेज संबंधी हिंसा का कोई उदाहरण नहीं मिलता। भारत के पूर्व-औपनिवेशिक युग से संबंधित साहित्य में भी नहीं। भारतीय समाज ने दहेज के बुरे संस्करण को कब अपनाया जिसने भारतीय समाज में कन्या भ्रूण हत्या, विवाहित महिलाओं पर हिंसा, बालिकाओं के माता-पिता पर वित्तीय तनाव, पुरुष-महिला अनुपात में असंतुलन, टूटी हुई शादियों से लेकर कई सामाजिक समस्याएं पैदा की हैं।

और पढ़ें: 498A जैसे मामलों पर कोर्ट का बड़ा आदेश, अब ‘वास्तविक पीड़ितों’ को मिल सकेगा न्याय

इस मामले में वीना तलवार ओल्डेनबर्ग की एक अच्छी तरह से शोध की गई पुस्तक इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करती है। इस पुस्तक में, लेखक भारत के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान ब्रिटिश नौकरशाहों द्वारा छोड़े गए कागजी निशान का अनुसरण करता है।

पूर्व-औपनिवेशिक भारत में दहेज की मूल संस्था

हाँ, भारत में दहेज प्रथा ब्रिटिश शासन से पहले भी मौजूद थी, लेकिन उस प्रारूप में नहीं जो आज समाज में प्रचलित है। पूर्व-औपनिवेशिक काल में, दहेज महिलाओं द्वारा प्रबंधित एक संस्था थी। यह महिलाओं के लिए थी, उन्हें अपनी स्थिति स्थापित करने और आपात स्थिति में सहारा लेने में सक्षम बनाने के लिए थी। दहेज की इस प्राचीन व्यवस्था में, दुल्हन के माता-पिता, यहां तक ​​कि उसके परिजन भी उसे बहुमूल्य उपहार आदि के रूप में धन देते थे। यह ठीक उसी तरह था जैसे माता-पिता अपने बेटों को धन का एक हिस्सा देते थे।

यहां जो बात ध्यान देने योग्य है वह यह है कि कीमती सामान या संपत्ति दुल्हन को दी गई थी, न कि दूल्हे या उसके परिवार को। दूसरे शब्दों में, दहेज संपत्ति का स्वामित्व पत्नी के पास बना रहा, न कि पति या उसके परिवार के पास। इसने उन महिलाओं को आवश्यक वित्तीय स्वतंत्रता दी जो अपनी कृषि भूमि आदि से आय का प्रबंधन भी कर सकती थीं।इसलिए भारत में प्रचलित दहेज की मूल व्यवस्था में, महिलाओं को विवाह के दौरान उनके माता-पिता से धन उपहार में दिया जाता था और यह शादी के बाद भी दुल्हन के लिए वित्तीय स्वतंत्रता के एक उपकरण के रूप में कार्य करता था।

और पढ़ें: विवाह संस्कार और परिवार व्यवस्था की नींव हिला देगा Marital rape का अपराधीकरण

बंगाल का स्थायी बंदोबस्त – भारत का ब्रिटिश भूमि सुधार

यह सब 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस के अधीन अंग्रेजों द्वारा बंगाल के स्थायी बंदोबस्त के साथ शुरू हुआ। इसने भूमि के निजी स्वामित्व को सक्षम किया जो उस समय तक भारत में अज्ञात था। अतीत में भारत में भूमि के निजी स्वामित्व का प्रचलन कभी नहीं था। जमीन हमेशा सरकार की होती थी और लोग सरकार की जमीन में ही बसते थे। यदि एक स्थान पर बाढ़ आती थी, तो लोग राज्य में दूसरे स्थान पर चले जाते थे। स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत करके, अंग्रेजों ने भारत में भूमि के निजी स्वामित्व को सक्षम बनाया।इसके बाद वहां के लोगों ने जमीन को लेकर लड़ाई शुरू कर दी।

यह वह प्रणाली थी जिसने भारत मेंजमींदारों की व्यवस्था भी बनाई और किसानों को लूटने के साधन के रूप में उनका इस्तेमाल किया। यह वंशानुगत था यानी जमींदारों के बच्चे जमीन के उत्तराधिकारी बन गए।दूसरी ओर, किसान इस स्थायी बंदोबस्त से पीड़ित थे। उन्हें पूरी तरह से अपने जमींदारों की दया पर छोड़ दिया गया था।

ब्रिटिश शासन के तहत महिलाओं के संपत्ति अधिकारों का निषेध

जिस कदम ने भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति को प्रभावित किया वह अंग्रेजों द्वारा लगाया गया शासन था जिसने महिलाओं को किसी भी संपत्ति के मालिक होने से रोक दिया! और इसी ने भारत में दहेज प्रथा का संकट पैदा किया। लेकिन एक बार जब अंग्रेजों ने महिलाओं को किसी भी संपत्ति के अधिकार से प्रतिबंधित कर दिया, तो इसका मतलब था कि एक महिला को अपने माता-पिता से मिलने वाली सारी संपत्ति उसके पति के पास होगी। और जैसे ही पति की अपनी पत्नी की संपत्ति के मालिक होने की यह व्यवस्था बनाई गई, पारंपरिक दहेज प्रथा एक लालच में परिवर्तित हो गई जिसने महिलाओं पर अत्याचार, पीड़ित और दमन की एक संस्था का निर्माण किया।

जिस लालच ने लात मारी, उसने एक ऐसी व्यवस्था बना दी जहाँ पति और उसका परिवार आने वाली दुल्हन को संपत्ति और धन के स्रोत के रूप में देखने लगे, पुरुष प्रधान समाज लालची हो गया, पति और ससुराल वाले दुल्हन और उसके माता-पिता से अधिक दहेज की मांग करने लगे। विवाह संस्था द्वारा निर्मित सामाजिक समरसता और बंधन समाप्त हो गया था। शादी सिर्फ एक और व्यापारिक सौदा बन गया, जहां धन कमाना ज्यादा आसान था। पुरुष बच्चा आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन गया, और कन्या परिवार पर आर्थिक बोझ बन गई। इससे कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक समस्याओं का निर्माण हुआ और समाज में पुरुष-महिला अनुपात में असंतुलन पैदा हुआ, जिसके कारण महिलाओं पर और अधिक अपराध हुए और दहेज़ प्रथा का जन्म हुआ।

और पढ़ें: मीडिया ने ‘महिला IAS टॉपर’ के खिलाफ घरेलू हिंसा की झूठी कहानी बेची, क्योंकि यही बिकती है!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: अंग्रेजदहेज़ प्रथादुल्हनलॉर्ड कॉर्नवालिसससुराल पक्ष
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ऐसे अनगिनत मौके जब कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी पर की अपशब्दों की बौछार

अगली पोस्ट

84 साल की उम्र में ‘नौकरी’ तलाशने वाले व्यक्ति बने यशवंत सिन्हा

संबंधित पोस्ट

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited