TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

शरत चंद्र चटोपाध्याय: एक ओवररेटेड साहित्यकार, जिन्होंने ‘लवर्स’ को ‘FOSLA का रोग’ लगा दिया

FOSLA यानी फ्रस्ट्रेटेड वन साइडेड लवर्स एसोसिएशन

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
16 September 2022
in ज्ञान
शरत चंद्र चटोपाध्याय

Source- Google

Share on FacebookShare on X

प्रेम माने निश्छल समर्पण, प्रेम माने त्याग

प्रेम यह तो बिल्कुल नहीं है कि वो मेरी नहीं तो किसी की नहीं

या प्रेम यह भी नहीं है कि किसी के पीछे आप स्वयं को नष्ट कर लो

परंतु जहां गोस्वामी तुलसीदास जी तनिक रुक गए, उससे मीलों आगे एक लेखक निकल गया और दुर्भाग्यवश आज उसे भारतीय साहित्य का एक आधारस्तंभ माना जाता है। जिसे अपमानित किया जाना और दुरदुराया जाना चाहिए, उसकी न केवल बुद्धिजीवियों अपितु विद्यार्थियों और फ़िल्मकारों द्वारा अनावश्यक प्रशंसा की जाती है और इसी की देन है FOSLA संघ।

FOSLA नहीं जानते? विद्यालय या कॉलेज में उन लौंडो को देख लीजिए, जिन्हें देख कर कोई कन्या तनिक भी मुस्कुरा दे या उसकी एक दृष्टि पड़ते ही वे ऐसे हिनहिनाने लगे, मानो अगला विश्व युद्ध यही जीतेंगे, तो समझ जाइए ये उसी FOSLA संघ के एक महत्वपूर्ण भाग हैं यानी फ्रस्ट्रेटेड वन साइडेड लवर्स एसोसिएशन (जिसका एक प्रमाण जॉन अब्राहम ने एक विलन रिटर्न्स में भी देने का प्रयास किया) और इस संघ के रचयिता है बंगाल साहित्य के सबसे घटिया कृति, जी हां, सबसे घटिया कृति, शरत चंद्र चट्टोपाध्याय।

संबंधितपोस्ट

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की रचनाओं का संकलन ‘रोचक बाल कहानियाँ’ बच्चों के लिए है उत्कृष्ट रचना

भारतेंदु हरिश्चंद्र: अंग्रेजी शासन को आइना दिखाने वाले राष्ट्रवादी साहित्यकार जिन्होंने लेखनी से क्रांति की अलख जगाई

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” – हिन्दी साहित्य के आधारस्तंभ

और लोड करें

चौंक गए क्या? यह वही शरत चंद्र चट्टोपाध्याय हैं, जिनकी परिणीता और देवदास को टीप टीप कर जाने कितने फिल्मकार और कलाकार अपनी जेबें और घर चमका चुके हैं, चाहे पंजाबी हो, बांग्ला हो या हिन्दुस्तानी फिल्म उद्योग हो, जिसे कुछ लोग बॉलीवुड भी कहते हैं। इस महा मनहूस आदमी का जन्म सितंबर 1876 में हुगली के देवानंदपुर जिले में हुआ था। इनका परिवार धनाढ्य था परंतु इनके जन्म के पश्चात कुछ समीकरण ऐसे बैठे कि इनके पिता अपने वित्तीय निर्णयों में भूल करने लगे और इसीलिए उनका परिवार एक समय निर्धनता के मुहाने पर आने लगा।

और पढ़ें: मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या: एक युगपुरुष जिन्होंने इंजीनियरिंग की परिभाषा ही बदल कर रख दी

कथाशिल्पी शरत चंद्र चटोपाध्याय के प्रसिद्ध पात्र देवदास, श्रीकान्त, सत्यसाची, दुर्दान्त राम आदि के चरित्र को झांके तो उनके बचपन की शरारतें सहज दिख जाएंगी। जब वो भागने लायक उम्र के हुए तो जब-तब पढ़ाई-लिखाई छोड़कर भाग निकलते थे। इसपर कोई विशेष शोर नहीं मचता था पर जब वह लौटकर आते तो उन्हें मार पड़ती थी। सौ बात की एक बात, प्रारंभ से शरत चंद्र चटोपाध्याय गंभीर स्वभाव के नहीं थे।

उसी समय उन्होंने भागलपुर की साहित्य-सभा की स्थापना की। सभा का मुखपत्र हस्तलिखित मासिकपत्र ‘छाया’ था। इन्हीं दिनों उन्होंने “बासा” (घर) नाम से एक उपन्यास लिख डाला पर यह रचना प्रकाशित नहीं हुई। उनकी कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही रह गई। मतलब शरत चंद्र बिल्कुल अपने उपन्यास के किरदारों की भांति रहे, अधूरे, अजीब, बेजान, लद्धड़ और सबसे बड़े भटके हुए नौटंकी। निस्संदेह मुंशी प्रेमचंद कोई बहुत बड़े तोप नहीं थे परंतु उन्होंने कम से कम अपनी शिक्षा तो पूरी की और विकट परिस्थितियों में भी जीवटता का प्रमाण दिया।

उसी समय बिभूतिभूषण भट्ट के घर से शरत चंद्र चटोपाध्याय ने एक साहित्यसभा का संचालन किया जिसके फलस्वरूप उन्होंने बड़ी दीदी, देवदास, चन्द्रनाथ, शुभदा इत्यादि उपन्यास एवं अनुपमा का प्रेम, आलो ओ छाया, बोझा, हरिचरण इत्यादि गल्प की रचना की। उसी समय उन्होंने बनेली एस्टेट में कुछ दिनों तक नौकरी की। किन्तु वर्ष 1900 में पिता से नाराजगी के कारण वो संन्यासी वेष में घर छोड़कर चले गए। तभी उनके पिता की मृत्यु भी हो गयी और उन्होने भागलपुर वापस आकर पिता का श्राद्ध किया और उसके बाद 1902 में अपने मामा लालमोहन गंगोपाध्याय के पास कलकत्ता आ पहुंचे, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील थे। उनके ही घर रहकर वो हिन्दी पुस्तकों का अंग्रेजी अनुवाद करने लगे जिसके लिए उन्हें तीस रूपए प्रतिमाह मिलते थे। उसी समय उन्होंने ‘मन्दिर’ नाम का एक गल्प लिखकर ‘कुन्तलीन’ नामक प्रतियोगिता में भेजा, जिसमें वो विजयी घोषित हुए। उनकी मृत्यु हुई या यूं कहिए भारत को घटिया साहित्य के इस बोझ से तब मुक्ति मिली, जब 16 जनवरी 1938 को वो पृथ्वी लोक से सिधारे।

शरत चंद्र चटोपाध्याय को भारतीय साहित्य के क्षेत्र में उच्च स्थान दिया जाता है परंतु उनका वास्तव में वही स्थान है, जो सआदत हसन मंटो का है यानी मुंह से मूंगफली नहीं टूटी पर बातें उंगली से नारियल तोड़ने की करते। कहने को शरत चंद्र के उपन्यासों के कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुए हैं लेकिन उनके एक भी उपन्यास में न कोई रोचक तथ्य है और न ही कोई ऐसा बिन्दु, जो दर्शक को अपने जीवन या अपनी संस्कृति से जोड़े रखे। उल्टे इस व्यक्ति ने देश को वोक संस्कृति से तब इन्ट्रोड्यूस कराया, जब लोग शायद इसे जानते भी नहीं होंगे। मैं शायद थोड़ा फेंक रहा होऊंगा परंतु हो सकता है कि कहीं न कहीं तेलुगु फिल्म ‘श्याम सिंघा रॉय’ इसी महान आत्मा पर आधारित है!

और पढ़ें: गुमनायक नायक: बंगाल के ‘वास्तविक टाइगर’ बाघा जतिन की कहानी

‘चरित्रहीन’ को जब उन्होंने लिखा, तब उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था क्योंकि उसमें उस समय की मान्यताओं और परंपराओं को चुनौती दी गयी थी। उन्होंने सुन्दरता की जगह कुरूपता को अधिक प्रमुखता दी और इसी कारण उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक लगती हैं। कहा जाता है कि उनके पुरुष पात्रों से उनकी नायिकाएं अधिक बलिष्ठ हैं। शरत चंद्र चटोपाध्याय की जनप्रियता उनकी कलात्मक रचना और नपे तुले शब्दों या जीवन से ओतप्रोत घटनावलियों के कारण नहीं है बल्कि उनके उपन्यासों में नारी जिस प्रकार परंपरागत बन्धनों से छटपटाती दृष्टिगोचर होती है, जिस प्रकार पुरुष और स्त्री के सम्बन्धों को एक नए आधार पर स्थापित करने के लिए पक्ष प्रस्तुत किया गया है, उसी से शरत चंद्र को जनप्रियता मिली।

उनकी रचना कहने को हृदय को बहुत अधिक स्पर्श करती है, जबकि वास्तव में वह केवल लोगों को सर खुजाने और बाल नोचने पर विवश करती है। भई, मुंशी प्रेमचंद कोई बहुत लेजेंडरी कहानियां नहीं लिखते थे परंतु वो इतनी सरल शब्दावली में ऐसे अपनी कहानियों को रचते थे कि कोई भी खाते पीते उसे पढ़ सकता है। उनके कथा के मानसरोवर में विविधता का सागर था।

कहा जाता है कि शरत बाबू ने समाज द्वारा अनसुनी रह गई वंचितों की पीड़ा और आर्तनाद को परखा और यह जाना कि जाति, वंश और धर्म आदि के नाम पर एक बड़े वर्ग को मनुष्य की श्रेणी से ही अपदस्थ किया जा रहा है। लेकिन अगर ऐसा होता तो वो राष्ट्र के सबसे लोकप्रिय हिन्दी साहित्यकार बनते, केवल बंगाल और चंद बुद्धिजीवियों के नहीं। ये बात कुछ लोगों के लिए ‘शब्द बयां’ समान होंगी परंतु सत्य किसी के लिए काजू कतली रहा ही कब था?

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: FOSLAदेवदासशरत चंद्र चटोपाध्यायहिंदी साहित्य
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

YouTube जल्द ही एक सशुल्क उत्पाद बनने जा रहा है और यह एक शानदार कदम है

अगली पोस्ट

अफगानिस्तान में अमेरिका को दुलत्ती, भारत की जी-हुजूरी क्यों हो रही है?

संबंधित पोस्ट

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?
इतिहास

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

23 June 2025

इतिहास में कुछ लोगों की मृत्यु ऐसी होती है जो सवाल बन जाती है, दर्द बन जाती है और पीढ़ियों तक लोग जिसके सच की...

बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
इतिहास

बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

23 June 2025

भारतीय राजनीति में चंद नाम ऐसे हैं, जो सिर्फ व्यक्तित्व के नहीं, बल्कि विचारधाराओं के भी प्रतीक होते हैं। जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी...

पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है
संस्कृति

हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

19 June 2025

हर साल पुरी की धरती पर एक ऐसा दृश्य सामने आता है, जो हमारी आस्था को एक नया आकार देता है। यह सिर्फ एक त्योहार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Amarnath yatra 2025 explained: history, logistics and security

Amarnath yatra 2025 explained: history, logistics and security

00:06:47

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited