चीन और पाकिस्तान की यारी के किस्से खूब प्रचलित हैं। कई अवसरों पर चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखता है और इस कारण दोनों देशों के साथ भारत का 36 का आंकड़ा है। पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमाई इलाकों में साजिशें रचता रहता है और चीन उसका समर्थन करता है लेकिन अब भारत की बढ़ती वैश्विक और सैन्य शक्ति से दोनों ही देशों की परेशानी बढ़ने लगी है। दरअसल, भारत आज के समय में अपनी सैटेलाइटों से पाकिस्तान के 87% हिस्से पर नजर रख सकता है। स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत की इस बादशाहत से चीन बौखला गया है और अब अपने मित्र पाकिस्तान का सहारा लेकर भारत के खिलाफ एक चाल चलने की कोशिश कर रहा है।
ड्रैगन भारत के खिलाफ ऐसी कौन सी साजिश रचने की फिराक में हैं? चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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पाकिस्तान की हरकतों पर नजर
दरअसल, भारतीय सैटेलाइट हर समय पाकिस्तान की हरकतों पर नजरें बनाए रखती हैं। जिससे बौखलाकर अब चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ चाल चलने की फिराक में हैं। जानकारी के अनुसार, भारतीय सैटेलाइट पर नज़र रखने के लिए चीन अब पाकिस्तान को अपना सबसे ताकतवर और एडवांस रडार SLC-18 देने जा रहा है। इस रडार से पाकिस्तान भारतीय सैटेलाइटों की मौजूदगी के बारे जानकारी जुटा सकता है।
पाकिस्तान सबसे ज्यादा हथियार चीन से ही खरीद रहा है। SLC-18 नामक इस रडार का निर्माण चीन की सरकारी कंपनी चीन इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉर्पोरेशन यानी CETC के द्वार किया गया है। आपको बता दें कि भारत के सैटेलाइट्स पाकिस्तान की हर हलचल पर नजर रख रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के पास अभी इस तरह की स्पेस टेक्नोलॉजी नहीं है। जिसके चलते अब ड्रैगन पाकिस्तान की मदद करने जा रहा है, जिसके बाद होगा यह कि पाकिस्तान भारत की खुफिया सैटेलाइट देख सकेगा।
ये दोनों ही देश मिलकर भारत के खिलाफ अपनी नापाक चाल को अंजाम देने की फिराक में हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब चीन पाकिस्तान को SLC-18 रडार दे रहा है बल्कि वो लंम्बे समय से पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई करता आ रहा है।
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शी और शहबाज शरीफ की मुलाकात
वहीं हाल ही में चीन की यात्रा पर गए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान अच्छे दोस्त, अच्छे साझेदार और अच्छे भाई हैं और उन्होंने इस उथल-पुथल वाली दुनिया में एक दूसरे का समर्थन करके मजबूत दोस्ती प्रकट की है। उन्होंने कहा कि ‘चीन ने दोनों देशों के रिश्ते को हमेशा रणनीतिक महत्व तथा दीर्घकालिक नजरिये से देखा है और पाकिस्तान को अपने पड़ोस से संबंधित कूटनीति में हमेशा प्राथमिकता में रखा है। वहीं इस दौरान दोनों देशों के बीच 60 अरब डॉलर की लागत से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के दूसरे चरण पर काम करने को लेकर सहमती भी बनी थी।
चीन जिस तरह से लगातार भारत के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है ऐसी स्थिति में जिनपिंग को रूस ही काबू में कर सकता है क्योंकि जिनपिंग BRICS का संतुलन बिगाड़ने के लगातार प्रयास कर रहा है। लगातार भारत के खिलाफ अपने मित्र पाकिस्तान के साथ मिलकर वो साजिशों को अंजाम दे रहा है। ऐसे में BRICS का संतुलन बनाए रखने के लिए पुतिन का जिनपिंग को काबू करना बहुत आवश्यक है।
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आपको बता दें कि BRICS यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संगठन है जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी। इसका उद्देश्य था कि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाया जा सके जिससे 21वीं सदी में इन सभी शक्तियों को एक मजबूत आवाज मिले। लेकिन चीन BRICS में भारत के साथ होने के बावजूद अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब केवल रूस ही है जो चीन की इन हरकतों पर लगाम कस सकता है, समय की यही मांग है।
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