TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्या चीन-रूस की बढ़ती मित्रता भारत के लिए ख़तरा है? बिल्कुल भी नहीं!

रूस और चीन के बीच, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से मित्रता बढ़ रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि रूस-चीन की बढ़ती नज़दीकी भारत के ख़तरा है लेकिन क्या ऐसा वास्तव में है? समझिए।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
27 December 2022
in विश्व
China–Russia Friendship

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

China–Russia Friendship: कहते हैं कि सच्चा मित्र वहीं होता है, जो हर परिस्थिति में आपके साथ डटकर खड़ा रहें। ऐसी ही कुछ भारत और रूस की दोस्ती के साथ भी है। जब जब दोनों देशों को एक दूसरे की आवश्यकता पड़ी तो भारत और रूस एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। भारत और रूस की दोस्ती की मिसाल दुनिया देती आयी हैं। यह दोस्ती कुछ ऐसी है जिसे तोड़ पाना किसी के लिए भी आसान नहीं। हालांकि पिछले कुछ समय से बड़ी ही चतुराई से एक एजेंडे के तहत यह दिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत से अधिक रूस की चीन के बीच नजदीकियां बढ़ रही है, जोकि भारत के लिए खतरे का कारण बन सकती है। केवल इतना ही नहीं दावा तो यह तक किया जा रहा है कि चीन से दोस्ती कर रूस, भारत का साथ भी छोड़ सकता है। कभी भारत-चीन के बीच टकराव की स्थिति बनती है तो रूस, चीन के समर्थन में खड़ा हो सकता है।

परंतु क्या वास्तव में ऐसा है? क्या रूस के साथ मित्रता (China–Russia Friendship) में चीन, भारत की जगह ले सकता है? आज हम इस लेख के माध्यम से यही जानने का प्रयास करेंगे कि क्यों ऐसा संभव नहीं है। चीन कुछ भी करके भारत और रूस के बीच दरार नहीं डाल सकता।

संबंधितपोस्ट

अमेरिका के टैरिफ वॉर के बीच भारत से नजदीकी बढ़ा रहा चीन, 85 हजार भारतीयों को वीजा दे बोला-स्वागत है दोस्तों

ट्रंप के खिलाफ रचा जा रहा चक्रव्यहू! UK के व्यापार मंत्री और आर्मी चीफ ‘अचानक’ पहुंचे चीन

फिर दोस्त बनेंगे भारत और चीन: पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद चीन से आया ऐसा रिएक्शन

और लोड करें

और पढ़ें: रूस भी अब मानने लगा है PoK को भारत का अभिन्न अंग

भारत-चीन में बढ़ती दोस्ती

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ समय में रूस और चीन (China–Russia Friendship) काफी करीब आए हैं। हर किसी ने देखा कि रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध में चीन किस तरह से रूस के साथ खड़ा रहा। यूक्रेन संकट ने रूस को चीन के और करीब ला दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार भी पिछले कुछ समय में काफी बढ़ रहा है। वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरी बार सत्ता में काबिज हुए तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही रूसी सिक्योरिटी काउंसिल में पुतिन के डिप्टी दिमित्री मेदवेदेव भी हाल ही में चीन पहुंचे और यहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस बार मेदवेदेव पुतिन के निजी दूत के तौर पर गए थे। चीन के आधिकारिक बयान के अनुसार मेदवेदेव ने शी जिनपिंग को पुतिन का हस्ताक्षर किया एक पत्र भी सौंपा था। पुतिन ने चीन के साथ रूस से अपने रिश्तों को विस्तार देने पर चर्चा की है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि रूस और चीन (China–Russia Friendship) काफी नजदीक आ गए हैं।

दोनों देशों के बीच व्यापार के डेटा देखकर भी पता चलता है कि दोनों के बीच संबंध किस तरह से नए मुकाम पर पहुंच रहे हैं। चाइना जेनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ कस्टमर्स के डेटा के अनुसार, इस वर्ष यानी 2022 के 11 महीनों में रूस और चीन का द्विपक्षीय व्यापार 172.4 अरब डॉलर पहुंच गया और इसमें 32 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। इन 11 महीनों की अवधि के दौरान रूस का चीन में निर्यात 105.07 अरब डॉलर का रहा। इसमें 47.5 फ़ीसदी का उछाल आया है। वहीं चीन का रूस में निर्यात इस दौरान 67.33 अरब डॉलर का रहा और इसमें भी 13.4 फ़ीसदी का उछाल आया।2021 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 146.89 अरब डॉलर था और जोकि अपने आप में रिकॉर्ड था। 2014 में चीन और रूस के बीच द्विपक्षीय कारोबार केवल 95.3 अरब डॉलर का था।

चीन यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह रूस के साथ है और यह भारत के लिए एक दिक्कत है‌। जिनपिंग, रूस और चीन के रिश्तों (China–Russia Friendship) को दो महाशक्तियों के मिलन की तरह पेश कर रहे हैं। रूस की आर्थिक से लेकर वैश्विक स्तर पर सहायता करने का दिखावा चीन के लिए परम लक्ष्य बन गया है, परंतु इन सबसे भारत-रूस के रिश्ते कहीं भी प्रभावित नहीं होंगे। चीन कुछ भी करके भारत के मामले में रूस को अपने पक्ष में लाकर खड़ा नहीं कर पाएगा।

और पढ़ें: “भारत एक महाशक्ति है”, अमेरिका ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर स्वीकार कर लिया भारत का पक्ष

हर मौके पर भारत के साथ खड़ा रहा रूस

देखा जाये तो चीन और रूस के बीच तो अब संबंध मजबूत हो रहे हैं। परंतु बात यदि भारत और रूस की करें तो यह दोस्ती नई नहीं है। इसकी नींव तो 75 वर्ष पहले ही पड़ गई थी। तब से लेकर अब तक दुनिया में कई बार उथल-पुथल मची, परंतु इस दौरान भारत और रूस के रिश्ते नहीं बिगड़े। इस दौरान हर परिस्थिति में भारत और रूस एक दूसरे के साथ खड़े रहे।

याद करिए वर्ष 1971 का वो समय जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था। इस युद्ध को आप अवश्य पाकिस्तान के आत्मसमर्पण के लिए याद करते होंगे। परंतु इसके इतर यही वो युद्ध था जिस दौरान रूस ने भारत की सहायता कर अपनी सच्ची दोस्ती का प्रमाण दिया था। 1971 के युद्ध के दौरान अमेरिका से लेकर चीन तक तमाम देश खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आकर खड़े हो गए थे और इस दौरान केवल रूस (तब सोवियत संघ) ही ऐसा एकमात्र देश था, जो अपने मित्र भारत के साथ खड़ा रहा। इस दौरान रूस ने समुद्री रास्ता रोककर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दूसरे देशों के पोत को भारत पर हमला करने से रोक दिया।

1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने से पहले भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वैश्विक स्तर पर जब अमेरिका से समर्थन मांगने के लिए दौरा किया था तो उस वक्त अमेरिका ने अपनी अलग तरह की अकड़ दिखाई थी। दूसरी ओर अमेरिका से अपमानित महसूस करके इंदिरा गांधी ने यह तय कर लिया था कि वह अब किसी भी मुद्दे पर अमेरिका का समर्थन नहीं मांगेगीं।

वहीं भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो अमेरिका सहित कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे डाली। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यदि सबसे पहले किसी देश का साथ मिला था तो वह रूस ही था।1999 का करगिल युद्ध हो या या वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को लताड़ने की बात, आंख बंद करके भारत के साथ खड़ा हो जाता है‌। कई बार ऐसे मौके आए जब संयुक्त राष्ट्र में रूस ने भारत के पक्ष में वीटो भी किया। रूस के साथ भारत का संबंध केवल व्यापार या किसी ओर माध्यम से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक रूप से भी मजबूत माना जाता है। स्पष्ट तौर पर रूस यह बात कह चुका है कि भारत पर हमला रूस पर हमला होगा। अब आप स्वयं ही बताइए कि क्या ऐसी दोस्ती को तोड़ पाना संभव है?

और पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र से लेकर G20 तक, पीएम मोदी ने कुछ इस तरह रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को स्पष्ट रखा

भारत ने भी दिया मित्रता का प्रमाण

ऐसा नहीं है कि केवल रूस ने ही भारत की सहायता की। भारत ने भी प्रत्येक मौकों पर रूस को समर्थन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। ये हमें अभी रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान देखने को मिल ही रहा है। आज रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, तो ऐसे में लगभग पूरी दुनिया ने रूस से मुंह मोड़ लिया है, वो पुतिन को विलेन की तरह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे समय में भारत, रूस के साथ दोस्ती निभाता नजर आ रहा है। भारत कभी हिंसा या युद्ध का पक्षधर नहीं रहा है, ऐसे में भारत ने युद्ध का समर्थन तो नहीं किया, परंतु रूस के खिलाफ भी नहीं गया और केवल बातचीत के जरिए ही इसका समाधान निकालने की बात करता रहा।

अनेकों वैश्विक दबावों के बावजूद भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान एक बार भी रूस या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला है। भारत ने रूस से अपने निजी लाभ के साथ मित्रता निभाते हुए दबाव के बाद भी कच्चा तेल खरीदना जारी रखा। भारत आज रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार बन गया है।​​ भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार अब तक के अपने उच्चतम स्तर 1,822 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 में दोनों देशों के बीच मात्र 814 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1,312 करोड़ पर पहुंचा।

वहीं जब भी संयुक्त राष्ट्र के किसी कार्यक्रम में रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध को लेकर वोटिंग हुई या कोई बातचीत हुई तो इस दौरान भारत ने स्वयं को इससे दूर ही रखा और केवल यही कहा कि इस मुद्दे का हल केवल और केवल बातचीत से हो। शायद भारत के पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण रूस को भी यह उम्मीद नहीं थी कि भारत इस स्तर तक जाकर उसके अप्रत्यक्ष तौर पर ही साथ देगा।

यहां गौर करने वाली बात तो है कि इस दौरान वोटिंग में चीन ने भी भारत की तरह वोटिंग से दूरी बनाए रखीं। परंतु इन दोनों स्थितियों में काफी अंतर है। भारत तो एक लोकतांत्रिक देश है। ऐसे में भारत रूस यूक्रेन युद्ध पर अधिक कुछ बोलने से बचता रहा है क्योंकि उसकी अपनी वैश्विक मर्यादाएं हैं। जबकि रूस, चीन से तो उम्मीद कर सकता है कि वो खुले तौर पर उसके समर्थन में आकर खड़ा हो जाए और वो ऐसा कर भी सकता था। परंतु चीन ने ऐसा कुछ किया नहीं। वो भी भारत की ही तरह वोटिंग से दूरी बनाता रहा और बातचीत के माध्यम से पूरे विवाद को सुलझाने की बात करता रहा।  ऐसे में रूस यह देख रहा है कि एक देश जो अनेकों छल कपट के जरिए भले ही उसका सहयोगी बनने का दिखावा कर रहा हों, किंतु वह एक लोकतांत्रिक देश भारत से पीछे ही है।

और पढ़ें: रूसी तेल पर भारत को समझाने आईं थी अमेरिकी वित्त मंत्री, खुद ही ‘समझ कर’ लौट गईं

रूस-चीन के बीच सीमा विवाद

देखा जाए तो China–Russia Friendship का एक पक्ष यह भी है कि रूस और चीन के बीच सीमा विवाद भी है। वर्ष 1969 में सीमा विवाद को लेकर सोवियत संघ और चीन आपस में भिड़े गए थे। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के कारण हजारों लोगों की जान भी गई। रूस और चीन के बीच 4,200 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के दावे के अनुसार मार्च 1969 में तनाव इतना बढ़ गया था कि रूस ने तो चीन पर परमाणु हमला करने तक की तैयारी कर ली थी। हालांकि दोनों देशों में वर्ष 2006 में सीमा विवाद का अंत हो गया था।

ऐसे में रूस-चीन के बीच अवसर की दोस्ती (China–Russia Friendship) कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। रूस और चीन के बीच संबंध तो अभी बेहतर होने शुरू हुए है। चीन की आदत से रूस भी अच्छी तरह से वाकिफ होगा कि कैसे वो अपनी कुटिल चालों से तमाम देशों की नाक में दम करके रखता है। ऐसे में वो उस पर भारत की तरह आंख मूंदकर विश्वास करें और भारत के विरुद्ध जाकर चीन का समर्थन करें, यह तो संभव नहीं होगा।

वैसे तो आज के वक्त में कूटनीतिक रिश्ते वैश्विक स्तर पर केवल फायदे और नुकसान को देखकर ही बनते-बिगड़ते हैं किंतु भारत और रूस के रिश्ते किसी फायदे नुकसान के नहीं बल्कि ऐतिहासिक विरासतों के प्रतीक बन गए हैं‌। ऐसे में चीन जब थोड़ा बहुत छल कपट करके वैश्विक स्तर पर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह रूस का बहुत बड़ा सहयोगी (China–Russia Friendship) है और इससे भारत को नुकसान होगा तो यह एक भ्रम का गुब्बारा ही समझा जाएगा। हास्यास्पद बात यह है कि कुछ मीडिया संस्थान भी इसे लेकर एक एजेंडा चला रहे हैं और मोदी सरकार को टारगेट कर रहे हैं कि उनकी नीतियों के कारण भारत का सबसे पुराना सहयोगी रूस कूटनीतिक स्तर पर भारत के हाथ से फिसल रहा है जबकि यह एक मिथ्या और दुष्प्रचार से अधिक कुछ भी नहीं है।

और पढ़ें: रूस के बाद अब पूरे विश्व में अपनी धाक जमाने के लिए तैयार है भारतीय रुपया!

 

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: 1971 भारत-पाकिस्तान युद्धIndia on Russia Ukraine Warपुतिनभारत-चीन संबंधभारत-रूस संबंधशी जिनपिंग
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

द्रोणाचार्य का एकलव्य से अंगूठा मांगना पूरी तरह से तार्किक और देशभक्तिपूर्ण था

अगली पोस्ट

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह का फिल्मी करियर खत्म हो गया!

संबंधित पोस्ट

पिज़्ज़ा = युद्ध?
विश्व

युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

21 June 2025

13 जून 2025 की शाम जब तेहरान के ऊपर मिसाइलें चमक रही थीं, उस समय सोशल मीडिया पर साज़िश-थ्योरी गढ़ने वाले लोग किसी गुप्त खुफिया...

Hindu temples in Iran
विश्व

मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

20 June 2025

शिया मुस्लिम आबादी वाले देश में हिंदुओं की भी थोड़ी बहुत जनसंख्या है। इसी कारण वहां कई मंदिर भी हैं। ईरान के हिंदू मंदिरों की...

Is America Enter in Israel Iran War
विश्व

क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

20 June 2025

इजरायल ईरान जंग के बीच दुनिया में डूम्सडे प्लेन (Doomsday Plane) नाम से मशहूर अमेरिका का बोइंग ई-4बी नाइटवॉच विमान ने चिंता बढ़ा दी है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited