Kamakhya Devi Temple corridor: अपनी एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसी राष्ट्र का सांस्कृिक वैभव, इतना विशाल तभी होता है जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है और सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए भी ये जरुरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छूए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर के खड़ा हो जाए। उन्होंने आगे कहा था कि आज आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है उन्होंने काशी विश्वनाथ का स्मरण करते हुए कहा था कि काशी में विश्वनाथ धाम भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है।
सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, उत्तराखंड पर बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ बद्रीनाथ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आज जब हम उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक अपने प्राचीन मंदिरों को देखते हैं। तो उनकी विशालता और उनकी वास्तूकला हमें आश्चर्य से भर देती है। इसमें कोई संशय नही होना चाहिए की वर्तमान केंद्र सरकार के नेतृत्व में देश के धार्मिक स्थलों का अतुलनीय विकास हुआ है और ये सिलसिला निरंतर जारी है। जहां अब काशी विश्वनाथ कॉरिडॉर की तर्ज पर असम में मां कामाख्या मंदिर कॉरिडोर बनने जा रहा है।
इस लेख में पढियेअसम में बनने वाले दिव्य और भव्य मां कामाख्या मंदिर कॉरिडोर (Kamakhya Devi Temple corridor) के बारे में.
धार्मिक स्थलों का किया जा रहा है जीर्णोद्धार
वर्तमान में हमारे देश के धार्मिक स्थलों के विकास से भारत की अध्यात्मिक ज्योती के विकास के साथ साथ भारत के ज्ञान और दर्शन का विकास हो रहा है। यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार इस पर प्रम्मुख रुप से ध्यान भी दे रही है। बता दें कि PM नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट में चुनाव प्रचार के दौरान मां कामाख्या कॉरिडोर का ऐलान किया था। जहां अब पीएम मोदी के द्वारा किया गया ये वचन पूर्ण होने जा रहा है।
दरअसल, काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर की तरह असम के गुवाहाटी में मां कामाख्या कॉरिडोर (Kamakhya Devi Temple corridor) भी बनने जा रहा है। बता दें कि असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस कॉरिडोर का एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया है। गुवाहाटी में अत्याधुनिक ‘मां कामाख्या कॉरिडोर’ की रूपरेखा असम सरकार ने तैयार कर ली है। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कॉरिडोर का एनिमेटेड वीडियो शेयर करके कॉरिडोर की भविष्य की झलक दिखाने का प्रयास किय़ा है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी प्रशन्नता करते हुए इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि इससे पर्यटन बढ़ता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
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असम में बनेगा मां कामाख्या कॉरिडोर
ये सर्वविदित है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से बनारस में टूरिज्म इंडस्ट्री ने किस प्रकार की ऊंची छलांग लगाई है। न केवल धार्मिक पर्यटन ) को बढ़ावा मिला है, बल्कि कई अन्य सेक्टरों ने उड़ान भरी है। आंकडों के अनुसार, काशी में हर महीने तकरीबन 20 से 30 लाख पर्यटक पहुंच रहे हैं। जिससे लोगों को बड़ी मात्रा में रोजगार भी मिला है। क्योंकि काशी कॉरिडोर बनने के बाद हर सेक्टर में कई गुना उछाल आया है।
पर्यटकों की भीड़ के चलते वहां होटल्स भरे रहते हैं। जिस प्रकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वहां कि आर्थिक अर्थव्यवस्था को बल मिल है ठीक उसी प्रकार मां कामाख्या कॉरिडोर बनने के बाद वहां की अर्थव्यस्था को नई ऊंचाई मिलेगी।
बता दें कि गुवाहाटी कई प्राचीन मंदिरों से युक्त है। इनमें सबसे प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर ही है। इसलिए यहां आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी का मंदिर है। ये 51 शक्तिपीठों में शामिल है। इन्हें कामेश्वरी या इच्छा की देवी भी कहते हैं।
यह तांत्रिक शक्तिवाद पंथ का केंद्र है। देश के अन्य मंदिरों के अलावा, कामाख्या मंदिर में देवी कामाख्या की पूजा की जाती है। ।
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नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी के मंदिर के अतिरिक्त कई मंदिर हैं। नीलांचल पहाड़ी के चारों ओर भगवान शिव के पांच मंदिर कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, अमरतोकेश्वर, अघोरा और कौटिलिंग मंदिर हैं। इन्हीं सब को मिलाकर भव्य मां कामाख्या कॉरिडोर (Kamakhya Devi Temple corridor) बनेगा।
भारत में हजारों ऐसे मंदिर हैं जिनको लेकर लोगों की भांति भांति की आस्थाएं हैं और अपनी अपनी मान्यताएं है। हर मंदिरा का अपना अनोखा इतिहास है । जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वर्तमान सरकार इस प्रकार के धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करने का कार्य कर रही है । जिससे स्थानीय अर्थव्यवसथा के साथ ही इस प्रकार के धार्मिक स्थलों को एक नई पहचान के साथ साथ लोगों में ज्ञान और दर्शन का भी विकास हो रहा है।
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