बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में NIA ने शुक्रवार को कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके नाम अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब हैं। NIA के मुताबिक, 2 मार्च को शाजिब ने कैफे में IED रखा था, जबकि ताहा ने इसका पूरा प्लान तैयार किया था।
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस की जांच कर रही NIA ने 5 अप्रैल को बताया था कि मामले में मुख्य और सह-आरोपी की पहचान हो गई है। मुसाविर हुसैन शाजिब मुख्य आरोपी और अब्दुल मतीन ताहा सह-आरोपी है। मुसाविर ही कैफे में विस्फोटक लेकर गया था। दोनों ही शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं।
NIA ने दोनों की तलाश में कर्नाटक, तमिलनाडु और UP के 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। 29 मार्च से दोनों पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं, जांच एजेंसी ने ब्लास्ट केस में एक अन्य व्यक्ति साई प्रसाद को भी हिरासत में लिया है। NIA का कहना है कि साई का कैफे ब्लास्ट के आरोपियों से कनेक्शन है।
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शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा
इससे पहले जांच एजेंसी ने 23 मार्च को दो संदिग्धों की पहचान की थी। फरार आरोपी ताहा तमिलनाडु पुलिस इंस्पेक्टर के विल्सन की हत्या के मामले में वॉन्टेड था और चेन्नई में मुख्य संदिग्ध के साथ रहा था। NIA के मुताबिक, शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा हैं। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था।
NIA ने 1 हजार CCTV खंगाले, कैप की मदद से संदिग्ध की पहचान की
NIA ने मुख्य आरोपी की पहचान आसपास के एक हजार से अधिक CCTV कैमरों की जांच करके की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, ताहा हमेशा टोपी पहनता था, जो उसने चेन्नई में रहने के दौरान खरीदी थी। संदिग्ध हमलावर शाजिब को विस्फोट के दिन वही टोपी पहने देखा गया था। जांच में पाया गया कि इस टोपी के सिर्फ 400 पीस ही बेचे गए थे।
एक अन्य CCTV फुटेज में NIA अधिकारियों ने ताहा को चेन्नई के एक मॉल से टोपी खरीदते हुए देखा था। विस्फोट के बाद संदिग्ध ने कैफे से कुछ दूरी पर टोपी गिरा दी थी। जांच करने पर पता चला कि टोपी जनवरी के आखिर में मॉल से खरीदी गई थी।
NIA के सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्हें टोपी में बाल मिले, जिसे फोरेंसिक में भेजा गया था। रिपोर्ट में मुख्य संदिग्ध शाजिब के माता-पिता के DNA सैंपल से इसे मिलाया गया। बाद में शाजिब के माता-पिता ने उसका CCTV फुटेज देखा और पुष्टि की कि जो व्यक्ति देखा गया वह उनका बेटा है। एजेंसी ने यह भी कहा कि संदिग्ध को आखिरी बार आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में देखा गया था।
शाजिब की मदद करने वाला 26 मार्च को गिरफ्तार किया गया था
NIA ने 26 मार्च को चिकमंगलुरु के रहने वाले मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार किया था। मुजम्मिल ने मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा को ब्लास्ट से जुड़ा सामान मुहैया कराया था। मुजम्मिल को पकड़ने के लिए NIA ने तीन राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की। तलाशी के दौरान कुछ कैश के साथ कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए थे।
NIA ने आरोपी की जानकारी के लिए 10 लाख इनाम का ऐलान किया था
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट के आरोपी की जानकारी के बदले 10 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। एजेंसी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि जो भी व्यक्ति ऐसी कोई जानकारी देगा, जिसकी मदद से आरोपी गिरफ्तार हो सके, वह इनाम का हकदार होगा।
NIA ने यह भी कहा कि जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। यह जानकारी info.blr.nia@gov.in ईमेल या 080-29510900 और 8904241100 फोन नंबर पर दी जा सकती है। एजेंसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोपी की तस्वीर भी जारी की। यह तस्वीर 1 मार्च को विस्फोट से पहले CCTV कैमरे में कैप्चर हुई थी।
2 मार्च का है मामला
मामले की जांच के दौरान CCTV फुटेज में दिखा कि मास्क लगाए हुए एक व्यक्ति कैफे के पास बस से उतरता है और 11:30 बजे कैफे में दाखिल होता है। आरोपी की उम्र 25 से 30 साल के बीच है। वह एक बैग लेकर आया था।
कैफे में उसने इडली ऑर्डर की, काउंटर पर पेमेंट करके टोकन लिया। इसके बाद 11:45 बजे बैग को डस्टबिन के पास रखकर चला गया। एक घंटे बाद इसी बैग में टाइमर के जरिए धमाका हुआ था जिसमें 10 लोग घायल हुए थे।
ब्लास्ट के बाद बैटरी, जला हुआ बैग और ID कार्ड मिले
घटना के बाद सबसे पहले फायर ब्रिगेड और व्हाइट फील्ड पुलिस ने बताया कि सिलेंडर में विस्फोट हुआ है। जब हम मौके पर पहुंचे तो कैफे की दीवार पर लगा शीशा टूटकर टेबल पर बिखरा पड़ा था।
भाजपा ने विस्फोट पर संदेह जताया और बम ब्लास्ट का दावा किया। शाम साढ़े 5 बजे खुद CM सिद्धारमैया ने बताया- यह एक लो इंटेंसिटी का IED ब्लास्ट था। एक शख्स कैफे में बैग छोड़कर गया, जिसके बाद विस्फोट हुआ।
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