TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने के लिए साथ आए हिन्दू संगठन और संत समाज, बड़ा ऐलान जल्द

बोले स्वामी जीतेंद्रानंद - कोर्ट से भी ऊपर है वक्फ

TFI Desk द्वारा TFI Desk
24 September 2024
in चर्चित, संस्कृति
मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने के लिए साथ आए हिन्दू संगठन और संत समाज, बड़ा ऐलान जल्द
Share on FacebookShare on X

तिरुपति मंदिर का मुद्दा देश भर में छाया हुआ है। मंदिर के लड्डू में जानवर की चर्बी और मछली के तेल होने की बात सामने आई। इसके बाद आक्रोशित हिन्दू संगठनों ने मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने की अपनी पुरानी माँग को मजबूती से उठाना शुरू कर दिया है। तिरुपति मामले के खुलासे को हिन्दू संगठन एक अवसर के रूप में ले रहे हैं, ताकि आगे इस तरह की घटनाएँ न दोहराई जाएँ। हिन्दू संगठन और इसके प्रतिनिधि एकमत से इस मौके का इस्तेमाल मंदिरों को सरकार कब्जे से मुक्त कराने के लिए कर रहे हैं और जल्द ही बड़ा ऐलान होने वाला है।

मामला भले ही तब का हो जब आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी, लेकिन देश के दूसरे मंदिरों की भी शुचिता एवं पवित्रता बनाए रखने के लिए आवाज़ उतनी शुरू हो गई है। संतों के साथ-साथ सामान्य हिन्दुओं ने भी इसके लिए आवाज़ उठानी शुरू कर दी है।

संबंधितपोस्ट

VHP ने की ‘धार्मिक परिषद बोर्ड’ बनाने की माँग

और लोड करें

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। डिप्टी CM पवन कल्याण इस मुद्दे को लेकर सबसे ज़्यादा मुखर हैं। उन्होंने हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए अभियान छेड़ दिया है। साथ ही वो 11 दिनों के अनुष्ठान के जरिए प्रायश्चित भी कर रहे हैं। पुरोहितों ने विधि-विधान से तिरुपति तिरुमला स्थित वेंकटेश्वर मंदिर का शुद्धिकरण भी किया है। पवन कल्याण ‘सनातन रक्षा बोर्ड’ की स्थापना की माँग कर रहे हैं। उधर प्रयागराज में ‘अखाड़ा परिषद’ ने भी ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ के लिए प्रारूप तैयार करने का ऐलान किया है।

इस पूरे मामले में संत समाज की राय और भविष्य की रणनीति समझने के लिए हमने ‘अखिल भारतीय संत समिति’ के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती से बातचीत की। उनका सीधा सवाल था कि जब मुस्लिम राजाओं द्वारा दी गई जमीनों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया गया है, तो फिर हिन्दू राजाओं की जो जमीनें थीं वो कहाँ गईं? उन्होंने 2013 के वक्फ प्रॉपर्टी एक्ट पर सवाल उठाए, जो 1995 के वक्फ एक्ट का संशोधन था। बता दें कि इस संशोधन के तहत वक्फ बोर्ड को ये अधिकार दे दिया गया कि वो नोटिस देकर या अख़बार में छपवा कर अपने दावे वाली किसी भी जमीन को खाली करा सकता है।

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने इस पूरे का पूरे संशोधन को ही अवैध करार दिया। जब ये लाया गया तब देश में UPA की सरकार थी, सोनिया गाँधी उस सरकार की सर्वेसर्वा थीं और डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हुआ करते थे। ये वही कानून है, जिसका इस्तेमाल कर के कॉन्ग्रेस ने 2014 में सत्ता से जाते-जाते राष्ट्रीय राजधानी स्थित 123 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंप दिया। इस कानून ने वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियाँ दे दीं, जिन्हें किसी अदालत में भी चुनौती नहीं दी जा सकती थी। यानी, सामान्य जमीनों के विवाद को लेकर आ SDM की अदालत में जा सकते हैं, हाईकोर्ट जा सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। ‘अखिल भारतीय संत समिति’ के महामंत्री ने इस प्रावधान पर ऐतराज जताया है कि आखिर कोई मजहबी बोर्ड देश की न्यायपालिका से भी ऊपर कैसे हो सकता है।

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती का आरोप है कि इस कानून का इस्तेमाल कर के ग्राम सभा की जमीनों और बंजर जमीनों को भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दी गोई दी गई। उनका आकलन है कि जितना पंजाब का क्षेत्रफल है, उसका आधा कर दें तो उतनी जमीन वक्फ बोर्ड कब्जाए बैठा है। भारत में केंद्रीय रेल मंत्रालय और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे अधिक संपत्ति का स्वामी वक्फ बोर्ड ही है। कुल मिला कर न केवल ये बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है, बल्कि भारत की न्याय व्यवस्था को भी धता बताता है। सोचिए, जो हिन्दू पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़ कर आए उन्हें कुछ नहीं मिला, एक नागरिकता तक के लिए CAA के आने तक इंतज़ार करना पड़ा, वहीं भारत से पाकिस्तान में गए मुस्लिमों की जमीनों को वक्फ बोर्ड को सौंप दिया गया।

ये तो थी वक्फ बोर्ड की बात, जो इस्लाम के हिसाब से भारत में काम करता है। लेकिन, हिन्दुओं का ऐसा कोई बोर्ड अब तक नहीं है। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती वो ध्यान दिलाते हैं कि भारतीय मंदिरों पर असीमित नियंत्रण के लिए अंग्रेज जो कानून लेकर आए थे, वो अभी तक चले ही आ रहे हैं। मंदिरों से उनकी स्वायत्ता छीन ली गई और उनकी आय व संपत्तियों का इस्तेमाल अंग्रेज अपने लिए करने लगे। ये वही मंदिर हैं, जिन्हें लूटने के लिए कभी इस्लामी आक्रांता भारत में हमला करते थे। महमूद गजनी ने सोमनाथ से लेकर मथुरा तक के मंदिरों को कैसे लूटा और उन्हें जर्जर अवस्था में पहुँचा दिया, ये हमें पता है।

मंदिरों ने सदियों से जो संपत्ति अर्जित की, आय के स्रोत बनाए, श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के कारण जो दान दिए – वो सब अंग्रेजों के, फिर सरकारी कब्जे में चले गए। वो फिर हिन्दुओं को अब तक वापस नहीं मिल पाए हैं। स्वामीजी बताते हैं कि बिहार में ‘धार्मिक न्यास’ बोर्ड है, उसे मंदिरों की आय पर सरकार को 4% टैक्स देना पड़ता है। उनका कहना है कि जहाँ एक तरफ वक्फ बोर्ड के पास उसकी 80% जमीनों का वैध दस्तावेज नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदिरों से टैक्स वसूले जा रहे हैं। सन् 1863 में अंग्रेज भारत में ‘रिलीजियस एंडोमेंट्स एक्ट’ लेकर आए। मद्रास में सन् 1923 में इस तरह का कानून लाया गया। 1950 में इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में डाला गया। अदालतों ने भी ‘मंदिर सुधार’ के नाम पर मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण को जायज ठहराया। श्री शिरूर मठ ने इस संबंध में केस दायर किया था, लेकिन 1954 में न्यायपालिका ने सरकार के पक्ष में ही फैसला सुनाया।

2017 में ‘अखिल भारतीय संत समिति’ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर सनातन हिन्दू मंदिरों के नियंत्रण के संबंध में अपनी माँग रखी थी। इसमें कहा गया था कि भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है लेकिन फिर भी संपूर्ण भारत के मंदिरों पर असंवैधानिक रूप से सरकारी कब्ज़ा है। पत्र में याद दिलाया गया था कि मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों के विषय में ऐसा नहीं है – इन्हें इनके ही मजहब के लोग संचालित करते हैं। मंदिरों की समितियों में गैर-हिन्दुओं और राजनीतिक पदाधिकारियों के मनोनयन से इन्हें क्षति पहुँचने की बात भी उन्होंने कही। सवाल ये पूछा गया था कि धर्म-स्वतंत्रता अगर संविधान प्रदत्त मूल अधिकार है तो फिर हिन्दुओं के मंदिरों का प्रबंधन हिन्दुओं के पास क्यों नहीं है?

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि लगभग 4 लाख मंदिरों को हिन्दुओं के नियंत्रण में लाए जाने की आवश्यकता है, इनमें से 33,880 ऐसे हैं जिनसे सरकार को मोटी कमाई हो रही है। इस आय का इस्तेमाल हिन्दू समाज के लिए और सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए होना चाहिए था। उक्त पत्र में सरकार से अपील की गई थी कि वो धार्मिक संगठनों से संवाद कर के हिन्दू मंदिरों को वापस हिन्दुओं के नियंत्रण में लाने के लिए काम करे। ये तो थी पीछे की बात, अब आगे क्या? हिन्दू संगठन अब इस दिशा में कैसे बढ़ रहे हैं?

इसके जवाब में स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने जानकारी दी कि फ़िलहाल अभी आंतरिक कागजी काम चल रहे हैं, बैठकें हो रही हैं और अगले 2 महीने में इस संबंध में कुछ ऐलान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘अखिल भारतीय संत समिति’, काशी विद्वत परिषद और विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के अलावा RSS के साथ भी विचार-विमर्श चल रहा है। अब इंतज़ार है कि संत समाज क्या प्रस्ताव लेकर आता है, सरकार के साथ उनकी इस मुद्दे पर किस प्रकार सहमति बनती है। ऐसे समय में ये इंतज़ार और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब वक्फ बोर्ड एक-एक कर मंदिरों तक की संपत्तियाँ निगल रहा है और दूसरी तरफ हमारे मंदिरों की आय से सनातन के उत्थान के कार्य होने की बजाए सारा पैसा सरकारी खजाने में जा रहा है।

Tags: #आध्यात्मिक_जागरूकता#तिरुपति_मंदिर#धार्मिक_अधिकार#धार्मिक_स्वतंत्रता#मंदिर_पुनर्स्थापन#वक्फ_बोर्ड#विश्वास_और_राजनीति#स्वामी_जीतेन्द्रानंद#हिन्दू_एकता#हिन्दू_संगठनसनातन_धर्मसरकारी_नियंत्रणसांस्कृतिक_संरक्षणहिन्दू_संस्कृति
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

एनकाउंटर: श्रीप्रकाश शुक्ला, मंगेश यादव, अनुज सिंह… यूपी STF की दास्तां

अगली पोस्ट

श्रीमद भगवद्गीता के विभिन्न अध्याय और उनकी मुख्य अवधारणाएँ

संबंधित पोस्ट

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited