अर्बन नक्सल को बढ़ावा देना नक्सलियों की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। वर्तमान में नक्सलियों की असली ताक़त व चेहरा भी अर्बन नक्सली ही हैं।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

दोनों विश्वयुद्ध में नहीं मारे गए जितने लोग, उससे अधिक को भारत में ‘लाल आतंकवाद’ ने लील लिया: बुद्धिजीवी के वेश में ‘अर्बन नक्सली’ भी अब समस्या

वामपंथी आतंकवाद इस कदर हावी है कि यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह बहुत जल्द लोकतंत्र के लिए नासूर बन जाएगा

Akash Sharma Nayan द्वारा Akash Sharma Nayan
22 October 2024
in क्राइम, मत, राजनीति
अर्बन नक्सल

अर्बन नक्सल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Share on FacebookShare on X

आतंक की दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद से बड़ा कोई दूसरा आतंकवाद नहीं है, लेकिन यदि यह कहा जाए कि भारत में हिंसक हमलों में होने वाली सबसे अधिक मौतों का कारण वामपंथी आतंकवाद है तो लोग आश्चर्य से भर जाते हैं। वास्तव में यह एक कड़वा सच है कि भारत में आतंकवाद से होने वाली सबसे अधिक मौतों का कारण जिहादी नहीं, बल्कि वामपंथी हैं।

भारत में वामपंथी आतंकवाद इस कदर हावी है कि यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह बहुत जल्द लोकतंत्र के लिए नासूर बन जाएगा। अमेरिका द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सीरिया और इराक में कहर बरपाने वाले इस्लामिक स्टेट और अफगानिस्तान के लिए नासूर बने तालिबान के बाद भारत का नक्सली संगठन विश्व का तीसरा सबसे हिंसक आतंकी संगठन है।

संबंधितपोस्ट

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

जोहो बनाम माइक्रोसॉफ्ट, जब लेफ्ट इकोसिस्टम को खटकने लगा ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

और लोड करें

दरअसल, वामपंथ आतंक की दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसने क्रांति के नाम पर पूरी दुनिया में भीषण नरसंहार किया है। वामपंथी विचारधारा, जिहादियों की मानसिकता से कहीं अधिक कुत्सित विचारधारा है। बेशक वामपंथी आतंक लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस जैसे इस्लामी आतंकवाद से अलग है लेकिन मंसूबे सभी के एक हैं।

वामपंथी आतंकी

वामपंथियों की निर्ममता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि क्रांति के नाम पर ‘लाल आतंकियों’ द्वारा की गई हत्याओं की संख्या प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में मारे गए सैनिकों की कुल संख्या से कहीं अधिक है। लाल आतंकियों की मंशा हमेशा से यही रही है कि वर्ग संघर्ष के नाम पर जनता को भड़काया जाए और फ़िर सिंहासन में बैठकर, सत्ता की जूतियों तले आम-आवाम को आसानी से कुचला जा सके।

यूँ तो मार्क्स और लेनिन के नक्शे कदम पर चलने वाले वामपंथी, देश को हिंसक लाल रंग में रंग देने के लिए हर रोज़ कोई न कोई रणनीति तैयार करते रहते हैं किन्तु आज जब पूरा देश कोरोना के ख़िलाफ़ युद्धरत है तब लाल आतंकी राष्ट्रीय एकता को विध्वंस कर आतंक फैलाने के लिए निश्चित ही कोई न कोई व्यूहरचना तैयार कर रहे होंगे।

वास्तव में, वामपंथ कोई सामान्य मसला नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद का ऐसा घिनौना रूप है जिसे जड़ से समाप्त करना बेहद जरूरी हो गया है। वामपंथी वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक व्यवस्था को ध्वस्त कर नई माओवादी व्यवस्था लाना चाहते हैं, ये हमेशा से ही भारतीय संविधान, न्याय व्यवस्था समेत विकास के तमाम मुद्दों का विरोध करने के साथ-साथ समाज को उकसाने के लिए सशस्त्र संघर्ष को भी बल देते रहे हैं।

सरकारी आंकड़ों की माने तो पिछले 9-10 वर्षों में जनजातीय इलाकों और जंगलों में इन लाल आतंकियों के आतंक में कमी आयी है, लेकिन इस दौरान यह लाल आतंक जंगल से निकलकर शहर तक जा पहुंचा है। आज देश के कई बड़े शहरों में आतंक के नए आकाओं के रूप में पढ़े-लिखे अर्बन नक्सलियों की नई पीढ़ी तैयार हो चुकी है। इस नई पीढ़ी का काम शहर में अर्बन नक्सलियों की एक ऐसी पौध तैयार करना है जो कि नक्सलवाद के विचार को फैलाने में हर तरीके से मदद कर सके।

वास्तव में, अर्बन नक्सलवाद तथाकथित बुद्धिजीवियों की उस गैंग का नाम है जो माओवाद को बैक डोर से सपोर्ट करती है। इस गैंग में ऐसे प्रबुद्ध वर्ग को सम्मिलित किया जाता है जिनसे युवा वर्ग प्रभावित हो, या फिर जिनके प्रभाव से अर्बन नक्सलियों की इस गैंग के सदस्यों की संख्या में इज़ाफ़ा हो सके।

जानकार मानते हैं कि अर्बन नक्सलवाद को बढ़ावा देना नक्सलियों की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है, यही नहीं वर्तमान में नक्सलियों की असली ताक़त व चेहरा भी अर्बन नक्सली ही हैं। देश की सियासत में कब्ज़ा करने का मंसूबा पाले जंगल में छिपे हुए माओवादी जब कमज़ोर हो रहे होते हैं तब उनके लिए हथियार और फंड की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी अर्बन नक्सलियों की ही होती है।

क़ायदे से समझें तो अर्बन नक्सलियों ने ही कमज़ोर होते माओवाद को असली ताकत प्रदान की है। जंगल से गांव और गांव से शहर तक के माओवादियों के सफर को अर्बन नक्सलियों ने आसान कर दिया है, इसके अलावा सरकारी तंत्र से जुड़ी हुई सारी खबरों और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी अर्बन नक्सलियों के माध्यम से ही होता है।

मतलब साफ है कि जंगल और आदिवासी इलाकों में आतंक फैलाने के बाद वामपंथी आतंकियों का नया गढ़ है ‘अर्बन एरिया’ यानी कि शहरी क्षेत्र, जहाँ शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को बहला-फुसलाकर पहले वामपंथी बनाया जाएगा और फिर उकसाकर आतंकी।

ट्रेनिंग के दौरान वामपंथी आतंकी

पूर्व प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक एस. आर. उपाध्याय कहते हैं, “अर्बन नक्सलवाद, वामपंथी आतंकवाद विचारधारा की उस श्रेणी का नाम है जो आतंकियों की सहायता करने के अलावा देश के अंदर हिंसा भड़काने के लिए योजना भी तैयार करती है, भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि अर्बन नक्सलियों ने जंगल के आतंक को शहरों तक पहुंचा दिया है।”

वामपंथी आतंकी अपनी विचारधारा मजबूत करने और सत्ता में स्थापित होने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हो सकते हैं। नई योजना के अंतर्गत लाल आतंकियों ने देश के अंदर चल रहे विभिन्न लोकतांत्रिक आंदोलनों जैसे आदिवासियों, मजदूरों और किसानों के आंदोलन में घुसपैठ करना शुरू कर दिया है। इन लोकतांत्रिक आंदोलनों में घुसपैठ के बाद आंदोलनकारियों को हिंसा के लिए उकसाना भी वामपंथी आतंकियों की रणनीति का ही हिस्सा है।

यह स्पष्ट है कि इस देश के शहर ही पूंजीपतियों और शिक्षाविदों की शक्ति के केंद्र हैं, यही नहीं शहरों में ही प्रशासन, न्यायपालिका, विधायिका, सेना आदि की प्रभावी उपस्थिति है, ऐसे में लाल आतंकियों का पहला निशाना शहर ही हैं क्योंकि यदि शहरों में हिंसा और अराजकता का माहौल पैदा कर दिया गया तो राज्य के अधिकांश संसाधन शहरों की सुरक्षा में व्यस्त हो जाएंगे और फ़िर जंगलों को सत्ता का केंद्र मान कर बैठे हुए माओवादी ‘गोरिल्ला सेना’ के ज़रिए शेष क्षेत्रों में कब्ज़ा करने और सत्ता को चुनौती देने के मकसद में कामयाब हो जाएंगे।

वर्तमान परिदृश्य में हमें यह समझना होगा कि वामपंथी आतंकी व उनका समर्थन करने वाली शक्तियाँ किसी व्यक्ति विशेष या दल की विरोधी नहीं हैं बल्कि वह इस राष्ट्र की विरोधी हैं, इसलिए तमाम राजनीतिक दलों को माओवादियों और तथाकथित बुद्धिजीवियों के समर्थन में खड़े न होकर उनका खुलकर विरोध करना चाहिए।

निःसन्देह वामपंथी आतंकवादियों के समर्थन में खड़े होने पर कुछ राजनीतिक दलों को वोट बैंक में लाभ होने की संभावना दिखाई दे रही हो, किन्तु यदि वे दल लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं तो वे भी माओवादियों की नज़र में विरोधी ही हैं और आज भले ही वामपंथी इन दलों के साथ मिलकर देश को तोड़ने की चाल चल रहे हों लेकिन यदि उन्हें मौका मिला तो ये उग्रवादी सत्ता की लालसा में भीषण नरसंहार करेंगे।

इतिहास गवाह है कि वामपंथियों ने जिन देशों में सत्ता पाई है वहां बिना किसी कारण करोड़ों लोगों की हत्याएं कर दी गईं और उन हत्याओं को वामपंथी सही भी ठहराते आए हैं, तो फिर यदि इन वामपंथियो को हिन्दुस्तान में सत्ता स्थापित करनी होगी तो ये निश्चित ही आतंक का रास्ता अपनाएंगे।

वास्तव में यह हैरान करता है कि कुछ लोग ऐसे खतरनाक तत्वों का समर्थन केवल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें हर मसले पर वर्तमान सरकार का विरोध करना है, जबकि वामपंथी आतंकवाद का समर्थन, सरकार का विरोध नहीं बल्कि राष्ट्र का विरोध है।

स्रोत: अर्बन नक्सल, Urban Naxal, Naxalite, वामपंथी, वामपंथी आतंक, नक्सली, Leftist Terrorism
Tags: Communist Party of IndiaCommunistsislamic terrorismLeftist Terrorismमाओवादीवामपंथवामपंथी आतंकवाद
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भगवा साफा, संस्कृत में शपथ, ‘जय श्री राम’ का उद्घोष: जहां मस्जिदों से होता था हिंदुओं के नरसंहार का ऐलान, उस कश्मीर में दिखा अच्छा ‘शगुन’

अगली पोस्ट

भारत विरोधी नारेबाजी करने वाले फैजल को ‘जेल नहीं’, कोर्ट ने तिरंगे को सलामी देने की शर्त पर दी जमानत

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
चर्चित

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

20 November 2025

20 नवंबर को एक ऐतिहासिक जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited