मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से एक धर्म परिवर्तन से जुड़ा मामला सामने आया है, जहां बीमार महिला से जबरन धर्म बदलवाने का प्रयास किया गया । इलाज के बहाने बनाया गया ईसाई धर्म अपनाने का दबाव जिसने इलाके में हलचल मचा दी है। यह घटना रांझी थाना क्षेत्र के परशुराम बस्ती की है, जहां एक बीमार हिंदू महिला ने आरोप लगाया है कि कुछ ईसाई समुदाय के लोगों ने इलाज के नाम पर उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया और विरोध करने पर उसे धमकाया गया।
पीड़िता महिला ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी, जिसके आधार पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पीड़िता का कहना है कि वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। इसी दौरान फरवरी महीने में पहली बार कुछ लोग उसके घर पहुंचे, जो खुद को ईसाई समुदाय से जुड़ा बता रहे थे। उन्होंने महिला से कहा कि उसकी बीमारी का इलाज चर्च और प्रार्थना से संभव है, और इसके लिए उसे ईसाई धर्म को अपनाना होगा। महिला के अनुसार, उन लोगों ने उसे लगातार समझाने की कोशिश की कि अगर वह ईसाई धर्म अपना लेगी, तो उसकी सारी तकलीफें खत्म हो जाएंगी। जब महिला ने उनकी बातों को मानने से इनकार किया, तो उन्होंने कथित तौर पर उसे चेतावनी दी कि यदि उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया, तो उसे बीमारी से छुटकारा नहीं मिलेगा और ईश्वर भी उसकी मदद नहीं करेगा।
इतना ही नहीं, महिला का यह भी आरोप है कि कुछ समय पहले वही लोग दोबारा उसके घर आए और जबरदस्ती उसके घर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियाँ हटा दी और क्रॉस लटका दिया । उन्होंने कहा कि इन चीज़ों को रखने से उसका जीवन और भी संकट में आ जाएगा, और ईसाई धर्म अपनाने में ही उसकी भलाई है। इस पूरी प्रक्रिया में महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उस पर दबाव बनाया गया कि वह अपने पुराने धर्म को त्यागकर नया धर्म अपनाए। घटना से आहत महिला ने आखिरकार रांझी थाने पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने महिला की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए चार आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वे सभी तथ्यों को जुटा रहे हैं और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब राज्य में धर्म परिवर्तन को लेकर पहले से ही सख्त कानून लागू हैं। मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत जबरन, धोखे या प्रलोभन से किया गया धर्म परिवर्तन एक दंडनीय अपराध है। इस मामले ने एक बार फिर राज्य में सक्रिय धर्मांतरण गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर नाराजगी है और उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।