प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस’ मनाया और उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने भारत के विभाजन के समय बहुत दर्द और मुश्किलें सहीं। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त का दिन उनकी हिम्मत और ताकत को याद करने का दिन है, जिन्होंने बड़े नुकसान के बाद भी नया जीवन शुरू किया।
प्रधान मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा, “भारत विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस मनाता है, जब अनगिनत लोगों ने इस दुखद अध्याय में जो पीड़ा सहा उसे याद किया जाता है। यह दिन उनकी हिम्मत और कठिनाईयों के बावजूद नई शुरुआत करने की क्षमता को सम्मानित करने का भी दिन है।”
उन्होंने कहा कि कई लोग अपने जीवन को फिर से संवारकर बड़ी सफलता पाए और यह दिन हमें देश की एकता और सामाजिक मेलजोल को मजबूत करने की जिम्मेदारी याद दिलाता है।
विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस का महत्व
विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस एक राष्ट्रीय दिन है, जिसे 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुई दुखद घटनाओं और बलिदानों को याद करने के लिए मनाया जाता है। इसे पहली बार 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषित किया था। इस दिन हम उन लाखों परिवारों को याद करते हैं जो अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए और कई लोगों की जान गई।
इस दिन का मकसद समाज में बंटवारे और झगड़ों को खत्म करना और देश में एकता, मेल-जोल और लोगों को सशक्त बनाने की भावना को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अगस्त 2021 को कहा था कि विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। करोड़ों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और कई की जान गई। इसलिए 14 अगस्त को विभाजन त्रासदी स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाएगा ताकि हमें एकता और भाईचारे की याद दिलाई जा सके।
हर घर तिरंगा अभियान
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की है, जो ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा है। इस साल यह अभियान 2 अगस्त से 15 अगस्त तक पूरे देश में मनाया जाएगा, इसका मकसद देश के लोगों के दिलों में देशभक्ति जगाना और उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देना है जिन्होंने भारत को आजाद करवाने में मदद की।
79वां स्वतंत्रता दिवस 2025
भारत 2025 में अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, जो ब्रिटिश शासन से आज़ादी का जश्न है। इस दिन ध्वजारोहण होगा, देशभक्ति के गीत गाए जाएंगे और खासकर युवाओं में देश की एकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम होंगे।
प्रधान मंत्री लाल किले से बात करेंगे, जहां वे पारंपरिक तरीके से स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद करेंगे और भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाएंगे।