बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” पर बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    जेलेंस्की ने कभाजपा का चुनावी महायज्ञ: तमिलनाडु से बंगाल और बिहार तक हर किले पर भगवा फहराने की तैयारी छ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    जेलेंस्की ने कुछ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” पर बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    जेलेंस्की ने कभाजपा का चुनावी महायज्ञ: तमिलनाडु से बंगाल और बिहार तक हर किले पर भगवा फहराने की तैयारी छ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    जेलेंस्की ने कुछ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

जिन हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए, जिन पैरों से खेल के मैदान की दौड़ लगनी चाहिए, उन मासूमों को ढाल बनाकर कानून-व्यवस्था पर हमला किया गया। यह कहीं से भी उचित नहीं है।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
27 September 2025
in क्राइम, चर्चित, धर्म, फैक्ट चेक, भारत, राजनीति
बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

यह केवल बरेली की समस्या नहीं है, पूरे राष्ट्र की परीक्षा है।

Share on FacebookShare on X

उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को जो कुछ हुआ, वह महज़ एक स्थानीय दंगा नहीं था। यह भारतीय समाज और लोकतंत्र के सामने खड़ी एक गंभीर चुनौती का चेहरा है। इस बवाल में जो सबसे खतरनाक बात सामने आई, वह थी-नाबालिग बच्चों को आगे कर पुलिस पर पत्थरबाज़ी कराना। सोचिए, जिन हाथों में किताबें और कलम होनी चाहिए, जिन पैरों से खेल के मैदान की दौड़ लगनी चाहिए, उन मासूमों को ढाल बनाकर कानून-व्यवस्था पर हमला किया गया। यह न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक धारा पर सीधा प्रहार है।

हिंसा का खाका: मस्जिद से मैदान तक

घटना की शुरुआत नौमहला मस्जिद से हुई। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने पहले ही 19 सितंबर को घोषणा कर दी थी कि शुक्रवार को वे इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी और आधी रात को पत्र जारी कर इसे स्थगित बताया। लेकिन शुक्रवार की सुबह मौलाना का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने इस पत्र को फर्जी बताया और प्रदर्शन तय समय पर होने की बात कही। उनका यही वीडियो आग में घी डालने का काम कर गया।

संबंधितपोस्ट

‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

और लोड करें

दोपहर के समय, जब मस्जिदों से लोग नमाज पढ़कर निकल रहे थे, तभी नारे लगने शुरू हो गए। पुलिस-प्रशासन भी मौके पर मौजूद था, अफसर लोगों से घर जाने की अपील कर रहे थे। कुछ लोग लौट भी गए, लेकिन भीड़ का एक बड़ा हिस्सा वहीं पर अड़ा रहा। किशोर और नाबालिग लड़के आगे कर दिए गए, जिनके हाथों में पत्थर और तख्तियां थीं। उन तख्तियों पर लिखा था—“आई लव मोहम्मद।” यह केवल धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं थी, बल्कि पुलिस और प्रशासन को चुनौती देने का एक तरीका था।

भीड़ ने पहले डीआईजी अजय साहनी और एसपी सिटी मानुष पारीक के सामने हूटिंग की। इसके बाद अचानक पथराव शुरू हो गया। हालांकि, पुलिस ने संयम दिखाया, लेकिन जब हालात बिगड़ने लगे, तब लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसी दौरान खलील स्कूल तिराहे के पास दुकानों और वाहनों पर हमला किया गया। डॉक्टर जीके सक्सेना का क्लिनिक तोड़ा गया, मोटरसाइकिलें तोड़ी गईं, बाजार में शीशे बिखर गए।

नावल्टी तिराहे पर जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तब और उग्र पथराव होने लगा। इस बार निशाना सीधे पुलिस अफसर बने। यहां तक कि एसपी सिटी पर भी जानलेवा हमला किया गया। पुलिस और अफसरों को सुरक्षा घेरे में लेकर पीछे हटाना पड़ा। हालात नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठीचार्ज किया। शाम तक शहर के कई इलाकों—बिहारीपुर, श्यामगंज, कुतुबखाना, आलमगिरीगंज, कोहाड़ापौर—में उपद्रव जारी रहा। कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए और 30 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया।

नाबालिगों को ढाल बनाने की खतरनाक प्रवृत्ति

इस पूरे घटनाक्रम का सबसे खतरनाक पहलू यही था कि नाबालिगों को ढाल बनाया गया। बच्चों को आगे कर पुलिस पर पत्थर फेंकवाना, यह केवल रणनीति नहीं, बल्कि मानसिकता का प्रदर्शन है। यह मानसिकता बताती है कि भीड़ के नेताओं को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए मासूमों के जीवन की भी परवाह नहीं है। जब बच्चे कानून-व्यवस्था से टकराएंगे तो पुलिस उन्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहेगी और इसी मानवीय कमजोरी का फायदा उठाकर ये भीड़बाज नेता अपने मंसूबे पूरे करना चाहते हैं।

सोचिए, अगर इन्हीं बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि पुलिस और सरकार दुश्मन हैं, तो वे बड़े होकर क्या बनेंगे? क्या वे अच्छे नागरिक बन पाएंगे? क्या वे राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो पाएंगे? यह वह ज़हरीला बीज है, जिसे अभी रोका नहीं गया तो कल यह देश की सुरक्षा और एकता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बन सकता है।

तौकीर रज़ा की राजनीति: धर्म की आड़, सत्ता की चाह

मौलाना तौकीर रज़ा का नाम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई नया नहीं है। वे अक्सर अपने विवादित बयानों और कट्टरपंथी रुख के कारण सुर्खियों में रहते हैं। उनकी राजनीति हमेशा से मजहबी उकसावे और भीड़ जुटाने की रणनीति पर आधारित रही है। 2010 में वे कांग्रेस के साथ खड़े हुए, 2014 में समाजवादी पार्टी से जुड़े, फिर कभी बसपा के करीब गए-लेकिन हर जगह उनकी पहचान वहीं रही, भीड़ जुटाने और सड़कों पर प्रदर्शन कराने वाले मौलाना की।

इस बार भी वही हुआ। उन्होंने भीड़ को बुलाया, खुद गायब हो गए, और जब बवाल हो गया तो सारा दोष प्रशासन और पुलिस पर डालने की कोशिश की। यही उनकी राजनीति की असलियत है। मजहब के नाम पर समाज को बांटना और सत्ता के लिए भीड़ को हथियार बनाना। सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसे नेताओं को बख्शा जाएगा?

यूपी ही नहीं, पूरे देश का पैटर्न

बरेली की यह घटना अलग-थलग नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में यूपी ही नहीं, देश के कई हिस्सों में इसी तरह के दंगे और हिंसा देखी गई है। 2022 में प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाज़ी, 2021 में कानपुर में हिंसा, सहारनपुर और अलीगढ़ में भीड़ का उग्र होना—हर जगह पैटर्न एक जैसा है। मस्जिद से भीड़ निकलती है, नेता उकसाने वाला बयान देते हैं और अचानक पुलिस पर हमला हो जाता है।

हर बार बच्चे और किशोर आगे कर दिए जाते हैं। हर बार दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया जाता है। इस कारण हर बार पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ता है। सवाल यह है कि क्या यह महज़ इत्तेफाक है या फिर संगठित रणनीति?

प्रशासन की चुनौती और विफलता

बरेली हिंसा ने प्रशासन की तैयारी पर भी सवाल उठाए हैं। जब कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था, तो सुबह मौलाना के वीडियो बयान पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जब यह साफ था कि लोग मस्जिदों से निकलकर इस्लामिया मैदान की ओर जाएंगे, तो पहले से कड़ी नाकाबंदी क्यों नहीं की गई? क्यों भीड़ को इकट्ठा होने का मौका दिया गया?

सच्चाई यह है कि प्रशासन अक्सर “धार्मिक भावनाओं” के डर से ढीला रुख अपनाता है। यही ढील कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद करती है। जब उन्हें पता है कि वे चाहे जितनी भीड़ जुटा लें, पुलिस पहले समझाएगी और आखिर में ही बल प्रयोग करेगी, तो वे हर बार नई चाल चलते हैं।

भारत के लिए बड़ी चुनौती

यह सिर्फ बरेली या यूपी की समस्या नहीं है। यह भारत की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक एकता के लिए गंभीर खतरा है। एक ओर भारत विश्व मंच पर खुद को आधुनिक, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित कर रहा है। दूसरी ओर भीतर से कुछ ताक़तें समाज को धर्म के आधार पर तोड़ने में लगी हैं।

नाबालिगों को पत्थरबाज़ी में झोंकना केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं है। यह राष्ट्र की आत्मा पर हमला है। यह उस भारत पर हमला है, जिसने गीता और वेदांत से लेकर गांधी और विवेकानंद तक हमेशा शांति, अहिंसा और शिक्षा का संदेश दिया। अगर बच्चों को कट्टरता की पाठशाला में झोंक दिया जाएगा, तो भारत की आने वाली पीढ़ी अंधकार में धकेल दी जाएगी।

निर्णायक कार्रवाई की जरूरत

इस स्थिति से निपटने के लिए केवल लाठीचार्ज और गिरफ्तारी काफी नहीं है। ज़रूरत है निर्णायक कार्रवाई की। तौकीर रज़ा जैसे नेताओं पर सख्त से सख्त कानूनी शिकंजा कसा जाना चाहिए। उनके संगठन की गतिविधियों पर निगरानी होनी चाहिए। जिन इलाकों से बार-बार ऐसी भीड़ निकलती है, वहां खुफिया तंत्र को मज़बूत करना होगा।

इसके साथ ही नाबालिगों को इस जाल से बचाना भी उतना ही जरूरी है। शिक्षा, खेल और कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जाना चाहिए। लेकिन जहां भीड़ जुटाकर पुलिस पर हमला करने जैसी हरकत होगी, वहां समझाने का समय नहीं होना चाहिए—बल्कि सीधी कार्रवाई होनी चाहिए।

भारत को यह संदेश साफ देना होगा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन हिंसा और अराजकता का नहीं। इन सबके बीच जो लोग बच्चों को ढाल बनाकर हिंसा करेंगे, वे न तो धर्म के ठेकेदार हैं, न समाज के नेता-वे अपराधी हैं और उनके साथ अपराधियों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा।

बरेली का बवाल हमें चेतावनी दे रहा है। यह चेतावनी है कि कट्टरपंथी ताक़तें अब बच्चों को भी ढाल बना रही हैं। यह चेतावनी है कि प्रशासन की ढील का फायदा उठाकर भीड़ हर बार और उग्र हो रही है। यह घटना एक चेतावनी है कि अगर निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो यह आग कल किसी और शहर में फैलेगी।

भारत को यह समझना होगा कि यह केवल बरेली की समस्या नहीं है। यह पूरे राष्ट्र की परीक्षा है। अगर हमने समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए, तो कल यह आग हमारी आने वाली पीढ़ियों को झुलसा देगी। इसलिए अब केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि कड़ी कार्रवाई का समय है।

Tags: BareillyBareilly riotsI love MuhammadIMCIndiaMaulana Tauqeer RazaMuslim fundamentalismriotsUPआई लव मुहम्मदआईएमसीबरेलीबरेली बवालबवालभारतमुस्लिम कट्टरपंथमौलाना तौकीर रज़ायूपी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

अगली पोस्ट

भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

संबंधित पोस्ट

'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान
क्राइम

‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

27 September 2025

लखनऊ में आयोजित विकसित उत्तर प्रदेश विजन @2047 के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में हुए बवाल को लेकर बड़ा बयान दिया। सीएम...

भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक
इतिहास

तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

27 September 2025

हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। पर्यटन केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि यह किसी भी देश की आर्थिक, सामाजिक...

सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!
इतिहास

सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

26 September 2025

भारत का इतिहास जब-जब अपनी पीड़ा के पन्ने पलटता है, तब-तब 1960 का सिंधु जल समझौता हमारे सामने आता है। जवाहरलाल नेहरू ने इसे शांति...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

00:07:30

What A Space War Looks Like – And How India Is Preparing For it?

00:06:35

Story of The Battle of Dograi & Valiant Soldiers of 3 JAT

00:06:25

Why Kerala Is Facing a Deadly ‘Brain-Eating Amoeba’ Outbreak Like Never Before?

00:06:07

What Pakistan Planned After Hyderabad’s Surrender Will Shock You| Untold Story of Op Polo

00:03:43
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited