अगर आपको लगता है कि निधि राज़दान के साथ जो हुआ, वो पिछले कई वर्षों का सबसे बड़ा झोल है, तो जरा ठहरिए। हमारी ममता बनर्जी ने तो इससे भी बड़ा झोल दशकों पहले किया था, और किसी को पता भी नहीं चलने पाया। इन दिनों ममता बनर्जी की डिग्री से संबंधित एक विवाद फिर से वायरल हो रहा है, जिससे पता चलता है कि हमारे तथाकथित उदारवादी वास्तव में कितने धोखेबाज और कितने कपटी हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी की नकली डिग्री से संबंधित द टेलीग्राफ की तस्वीरें वायरल हो रही है। लेकिन आखिर ममता बनर्जी ने ऐसी कौन सी नकली डिग्री की थी, जिसके बारे में आजकल फिर चर्चा हो रही है? दरअसल ये बात सन 1984 के आसपास की थी, जब ममता बनर्जी काँग्रेस पार्टी की युवा सांसद थी, और उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका की ईस्ट जॉर्जिया विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की थी।
इस्लामिक इतिहास में कलकत्ता विश्वविद्यालय से MA करने वाली ममता का कहना था कि उन्होंने 1982 में मुगल हरम और राज्य एवं नीति पर उसका प्रभाव नामक विषय पर पीएचडी किया था। उन्होंने ये डिग्री डॉ करुणापद दत्ता के नेतृत्व में ली थी–
Till in 1985, Mamata claimed to have obtained a PhD degree from East Georgia University of USA. In 1984 LS polls, walls of Jadavpur had "Dr Mamata Banerjee" written all over them. Later found that no such University existed, subsequently Mamata stopped prefixing "Dr" to her name. pic.twitter.com/e6QEmq4U3q
— নীলসুনীল (@trunills) January 24, 2021
चौंक गए क्या? परंतु यह तो कुछ भी नहीं। ममता के इस खोखले दावे का तत्कालीन जादवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर प्रचार किया, और उन्हे डॉ ममता बनर्जी के नाम से कई बार संबोधित भी किया। लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही निकली। जिस विश्वविद्यालय से ममता बनर्जी ने डिग्री लेने का दावा किया था, वो विश्वविद्यालय तो वास्तव में था ही नहीं।
द टेलीग्राफ की 1985 की रिपोर्ट के अनुसार ईस्ट जॉर्जिया विश्वविद्यालय के नाम पर धांधली करने के आरोप में जॉन ब्लेज़र को 1983 में हिरासत में लिया गया था। इसके बावजूद ममता बनर्जी 1991 तक दावा करती रही कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय से पीएचडी की है
अब यही ममता बनर्जी पिछले कई वर्षों से पीएम नरेंद्र मोदी के डिग्री को लेकर उनपर फब्तियाँ कसती थी, जबकि ये स्पष्ट हो चुका था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पढ़ाई डिस्टेंस लर्निंग से 1978 में पूरी की थी, और फिर गुजरात विश्वविद्यालय से परास्नातक किया था, जिसके लिए तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ठोस प्रमाण भी सिद्ध किये। लेकिन अब जब ममता बनर्जी की फेक डिग्री का खुलासा हुआ है, तो मानो पूरे पार्टी को सांप सूंघ गया है।
पिछले कई दिनों से ममता बनर्जी एक के बाद एक ऐसे काम कर रही है, जिससे उनकी पार्टी को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। चाहे वह जय श्री राम के नारे लगने पर नेताजी के जन्मदिन के वर्षगांठ पर बोलने से इनकार करना हो, या फिर भाजपा को बार बार उल्टा सीधा सुनाना हो, ममता दीदी ने अपनी भदद पिटवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है
लेकिन ममता बनर्जी के नकली डिग्री का मामला सुर्खियों में आना उनके लिए विधानसभा चुनाव से पहले एक बहुत करारा झटका होगा, जिसे भुनाने का अवसर भाजपा अपने हाथ से बिल्कुल भी जाने नहीं देना चाहेगा।