TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है

    “गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार"

    “भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार”

    "माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया"

    “माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया”

    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है

    “गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    भारत में धर्मांतरण विवाद: अपराधों को छुपाने के लिए भारत में ईसाई समूहों का ‘उत्पीड़न’ का आरोप

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    "ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर"

    “ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमाहट, अब नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर”

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बदली तस्वीर, पीओके के लोग भी अपनाएंगे भारतीय पहचान: राजनाथ सिंह

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार"

    “भारतीय बनकर भीख मांग रहा था पाकिस्तानी नागरिक, मदीना में गिरफ्तार”

    "माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया"

    “माफी नहीं, मौत! पीड़ित के परिवार ने नहीं बदला फैसला, संकट में निमिषा प्रिया”

    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘बुनियाद’ से ‘ससुराल सिमर का’ – कैसे भारतीय टीवी सीरियल अर्श से फर्श पर गिरे हैं

आजकल के सीरियल में कहानी और मनोरंजन को छोड़ सब कुछ मिलेगा!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
14 October 2021
in समीक्षा
सीरियल
Share on FacebookShare on X

हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हमने कभी भी योग्यता और कथावाचन को मॉडर्न समय में कभी भी प्राथमिकता नहीं दी है। चाहे आज की सिनेमा हो या टीवी, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मिल जाता है। इसी का दुष्परिणाम है कि जो देश कभी ‘बुनियाद’, ‘हम लोग’, ‘रामायण’, ‘कैंपस’, ‘अल्पविराम’ जैसे सीरियल बनाता था, आज वह ‘ससुराल सिमर का’, ‘साथ निभाना साथिया’, ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ इत्यादि जैसे निकृष्ट सीरियल भी जबरदस्ती परोस रहा है, और OTT के जरिए तो न जाने क्या-क्या फूहड़ता फैला रहा है।

ये सब हुआ कैसे? आखिर भारतीय टीवी का ऐसा नैतिक पतन कैसे और कब हुआ? असल में इसके लिए हमें भारतीय टीवी का सम्पूर्ण इतिहास जानना होगा। यूं तो टीवी का पदार्पण देश में 1959 में ही हो गया था, पर कुछ फिल्मों, समाचार, और गीतों को छोड़कर एकमात्र सरकारी चैनल दूरदर्शन पर कुछ और नहीं दिखाया जाता था। कलर टीवी की उत्पत्ति यूं तो 1960 के दशक में ही हो चुकी थी, परंतु भारत आते-आते उसे 1982 लग गया, और 1984 में जाकर दूरदर्शन पर पहला धारावाहिक प्रसारित हुआ, ‘हम लोग’।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

भारत में सीरियल का आरंभ

यह एक पारिवारिक प्रयोग था, जो काफी सफल रहा और 1985 में 154 एपिसोड के साथ खत्म हुआ। इसके सूत्रधार कोई और नहीं, वयोवृद्ध अभिनेता कुमुदलाल गांगुली थे, जिन्हें हम अशोक कुमार के नाम से बेहतर जानते हैं। यह वो समय था जब लोगों के पास दूरदर्शन के अलावा कोई विकल्प नहीं था, और तब लोग वामपंथ और दक्षिणपंथ के बीच के अंतर से भी अधिक परिचित नहीं थे।

इसी बीच ‘हम लोग’ के लेखक मनोहर श्याम जोशी एक और मार्मिक कथा ‘बुनियाद’ के साथ प्रस्तुत हुए। ये मास्टर हवेलीराम के जीवन के इर्दगिर्द घूमती थी, जिन्हें विभाजन के चलते अपना सब कुछ छोड़कर नए भारत में शरण लेना पड़ा था। इस सीरीज़ को रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था, और ये भी अपने समय के श्रेष्ठतम सीरियलों में गिनी जाती है।

और पढ़े: सलमान की राधे, वरुण की कुली नंबर 1, फिल्म निर्माता OTT को कूड़ेदान बना रहे है

रामायण ने बदली TV सीरियल की रूपरेखा

फिर दूरदर्शन ने इतिहास रच दिया, जब रामानन्द सागर ने ‘रामायण’ महाकाव्य को टीवी पर चित्रित करने का निर्णय लिया। ये कार्य बहुत कठिन था, और फिल्मों के जरिए भी इसे पूरी तरह न्याय दिला पाना इतना सरल नहीं रहा था। इसके अलावा सही रोल के लिए सही व्यक्ति ढूँढना, जैसे घास के ढेर में सुई ढूँढने के समान था। उसके ऊपर से दूरदर्शन के कुटिल प्रशासक भास्कर घोष जैसे लोग भी थे, जो चाहते ही नहीं थे कि रामायण प्रसारित हो, क्योंकि वह देश के ‘सेक्युलरिज़्म’ के विरुद्ध जाता। परंतु इन सभी चुनौतियों को पार पाते हुए न केवल रामायण प्रसारित हुई, बल्कि वह इतनी लोकप्रिय हुई कि लोग इसे देखने के लिए अपने सभी कार्यों को छोड़ कर टीवी के समक्ष प्रस्तुत हो जाते थे।

एकता कपूर का आगमन और TV सीरियल की दुर्दशा आरंभ

तो फिर ऐसा क्या हुआ, कि जिस देश में ‘हम लोग’, ‘बुनियाद’, ‘रामायण’ जैसे बनते थे, वहाँ कन्टेन्ट का अचानक से अकाल आ गया? इसका एक उदाहरण ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ बेहतर समझा सकता है, परंतु उसके बारे में बाद में। केबल टीवी के प्रादुर्भाव से दूरदर्शन के अलावा भी चैनल आने लगे, परंतु प्रयोग कम नहीं हुए। ‘रामायण’ के अलावा ‘महाभारत’, ‘द ग्रेट मराठा’, ‘बनेगी अपनी बात’, ‘कैंपस’, ‘स्वाभिमान’, ‘अ माउथफुल ऑफ स्काई’, ‘इन्द्रधनुष’ इत्यादि जैसे सीरियल भी आने लगे। 21वीं सदी के प्रारंभ तक भी ‘अल्पविराम’ जैसे सीरियल बनते थे, जो आज भी समय से कहीं आगे थे, और जिन्हें बनाने में आज के कथित ‘Woke’ पीढ़ी के पसीने छूट जाएंगे। परंतु, फिर पदार्पण हुआ एकता रवि कपूर का।

और पढ़ें : कांग्रेस के राज में दूरदर्शन ने राम मंदिर के उल्लेख को बैन करना चाहा था, और रामायण को ‘सेक्यलर’ बनाना चाहा था

स्टार प्लस नामक चैनल पर एकता कपूर 2000 में लेकर आई दो सीरियल, ‘कहानी घर-घर की’ और ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’। दोनों ही सीरियल ‘हम लोग’ की शैली से प्रेरित थे, परंतु इसने नींव रखी एक कुत्सित प्रथा की – सास बहू सीरियल्स और निकृष्टता यानि mediocrity की। ये सीरियल ऊटपटाँग प्लॉट, अजीबोगरीब कुरीतियों को बढ़ावा देने के कारण लोगों को आकर्षित करती थी। भले ही स्वीडिश यूट्यूबर PewDiePie ने टी सीरीज़ से अनावश्यक लड़ाई मोल लेकर अपनी भद्द पिटवाई, परंतु जब उसने अपना प्रथम वीडियो डाला ‘Yo India You Lose’, तो उसका निशाना प्रमुख तौर से एकता कपूर के यही सीरियल थे, जिनके कारण फिर ‘ससुराल सिमर का’ और ‘साथ निभाना साथिया’ जैसे सीरियल को बढ़ावा मिला। इनके बारे में जितनी निन्दा की जाए उतनी कम।

क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है, किसी को कुछ नहीं पता

‘ससुराल सिमर का’ कहने को एक आम सास बहू सीरियल के रूप में शुरू हुआ, परंतु जल्द ही ये एक ऐसे शो में परिवर्तित हुआ, जहां क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है, किसी को कुछ नहीं पता। एक थप्पड़ खाने पर एक रुष्ट लड़की परदे से गला घोंटने का प्रयास करती है, एक साधु के श्राप से मुख्य कलाकार मक्खी बन जाती है, और न जाने क्या-क्या इस सीरियल में देखने को मिला है। ये सीरियल पिछले 10 साल से चल रहा है, जिसका दूसरा सीजन अभी प्रारंभ भी हो चुका है। यह निकृष्टता की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है?

अब बात करते हैं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की, जो भारतीय टीवी के पतन का सबसे प्रत्यक्ष और जीवट प्रतीक है। ये शो पिछले 13 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है। जब 2008 में भारतीय टीवी अपने निम्नतम स्तर पर था, तब सब टीवी पर ये शो प्रसारित हुआ था, और लोगों के लिए ये किसी ताजी हवा के झोंके से कम नहीं था। आज भी इसके प्रथम पाँच वर्ष के एपिसोड लोग धड़ल्ले से शेयर करते हैं, क्योंकि वे न सिर्फ चुटीले हैं, अपितु कहीं न कहीं एक महत्वपूर्ण संदेश देते हैं।

परंतु वो कहते हैं, किसी भी चीज की एक समयसीमा होती है, और उससे अधिक उसे खींचने पर उसका विनाश निश्चित है। तारक मेहता के साथ भी यही हुआ है, और आज स्थिति यह है कि लोग उसके वर्तमान एपिसोड के प्रति उतना आकर्षित नहीं है, जितना पहले हुआ करते थे। स्वयं इस शो से जुड़े कुछ पुराने कलाकार मानते हैं कि जरूरत से अधिक खींचना इस शो के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ है।

फ़ेम और पैसा कमाने की अंधी दौड़ में कला और रचना को हम लोगों ने कहीं बहुत पीछे छोड़ दिया है। यही एक कारण है कि जो देश अपनी कला के दम पर कभी भी किसी भी फिल्म या टीवी फेस्टिवल से एक झटके में सैकड़ों पुरस्कार अपनी योग्यता के बल पर प्राप्त कर सकता है, चाहे वह एमी हो या ऑस्कर, परंतु वह इसलिए चूक जाता है क्योंकि हमारे लिए पैसा अधिक मायने रखता है, न कि दमदार व्यक्तित्व एवं आकर्षक किरदार। यदि हम केवल अपने वास्तविक इतिहास को ही परदे पर उतारना शुरू कर दे, तो संसार का कोई भी टीवी फेस्टिवल किसी और को पुरस्कृत करने से पहले सौ बार सोचेगा। भारत के टीवी कॉन्टेन्ट का डंका पूरे विश्व में बजेगा, बस प्रयास करने की देर है।

Tags: कहानी घर-घर कीटीवीबुनियादसीरियल
शेयर60ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘कोई नहीं है दूर-दूर तक’, कैसे पीएम मोदी ने ई-पेमेंट के क्षेत्र में भारत को बनाया नंबर वन

अगली पोस्ट

कोरोना की दो विनाशकारी लहर के बाद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है

संबंधित पोस्ट

गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है
मत

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

29 July 2025

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने रखती है।...

जिस MY यानी मुस्लिम यादव समीकरण के दम पर ये कथित समाजवादी यूपी और बिहार में सालों तक राज करते रहे, उस MY समीकरण में भी उन्हें सिर्फ M ही नजर आया।
राजनीति

मुहर्रम के जुलूस में मारे गए अजय यादव M-Y समीकरण के Y हों या न हों, उनकी पहचान हिंदू थी

8 July 2025

अजय यादव का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। 32 वर्ष के अजय यादव, न कोई फिल्म स्टार थे, न राजनेता,...

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?
समीक्षा

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?

7 July 2025

तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इन दिनों एक बार फिर अपने पुराने मुस्लिम-यादव यानी MY सामाजिक समीकरण को हवा देकर बिहार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

00:04:08

Should the HR&CE Exist? The Controversial Control Over Hindu Temples in Tamil Nadu

00:06:31

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

00:08:32

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited