TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

राणा अय्यूब का ‘चैप्टर’ समाप्त हो गया, अब उन्हें कोई नहीं बचा सकता

अय्यूब के 'स्कैम' की सूची बड़ी लंबी है!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
15 October 2022
in मत
राणा अय्यूब ED

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

राणा अय्यूब ED केस : व्यक्ति चाहे जितना समाज सेवा का ढोंग करता रहे लेकिन ढोंग का यह ढोल ज्यादा जोर से बजाने पर काफी जोर से फटता है। इसका नुकसान यह होता है कि संत होने का चोला ओढ़े इंसान की दैत्य वाली हरकतें कुछ ही पलों में सामने आ जाती है और कथित पत्रकार कम समाजसेवी कम वामपंथी कम इस्लामिक कट्टरपंथी कम कम कम…राणा अय्यूब की शख्सित भी कुछ ऐसी ही है, जिसके कारण उन्हें जितनी लताड़ लगाई जाए उतनी कम है। अब इस महिला के कुकृत्यों का ढोल फटने लगा है और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस महिला द्वारा किए गए भ्रष्टाचारों और काले कारनामों को उजागर कर इनके खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।

राणा अय्यूब जो स्वयं को समाजसेवी महिला बताती हैं असल में वो समाज की एक मुख्य दुश्मन समान हैं, जिनकी सोच के अनुसार देश में खुशहाली और विकास तो हो ही नहीं सकता बल्कि सांप्रदायिक दंगे से लेकर महिला अपराध की घटनाओं और आतंकवाद में बड़ा इजाफा अवश्य हो सकता है। इस महिला ने कोरोना काल में लोगों से गरीबों की मदद के नाम पर दान लिया था लेकिन उस दान के पैसे के इस्तेमाल को लेकर मोहतरमा पर सभी को संशय हो रहा था और खास बात यह है कि अब इसी मसले में केंद्रीय जांच एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय राणा अय्यूब की लंका लगा रहा है और उनका वर्तमान और भविष्य तक खतरे में आ गया है।

संबंधितपोस्ट

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

भारत सरकार का ‘भारती’ इनिशिएटिव: कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रोडमैप

कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

और लोड करें

और पढ़ें: राणा अय्यूब तिरंगा को नहीं मानती, रुश्दी के लिए की थी दुआ, ‘सुधार ली ग़लती’

अय्यूब को अब कोई नहीं बचा सकता

दरअसल, कथित पत्रकार राणा अय्यूब पर चैरिटी के नाम पर लोगों से अवैध तरीके से फंड जुटाने का संगीन आरोप लगाया गया है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। राणा अय्यूब द्वारा हुई फंडिग से जुड़े केस के मामले में ED ने जांच की तो इस जांच में सामने आया है कि राणा अय्यूब का मकसद फंड जुटाने के नाम पर सिर्फ आम जनता को धोखा देना था तो चलिए आपको ईडी की जांच के आधार पर बताते हैं कि आखिर इन मोहतरमा ने कोरोनाकाल में लोगों की मदद के नाम पर कैसे फंडिंग का काला खेल खेला था।

ED filed prosecution complaint against Rana Ayyub fundraising scam. This will be followed by spl court trial.

1/ pic.twitter.com/cI0gpCcyeF

— The Hawk Eye (@thehawkeyex) October 13, 2022

राणा अय्यूब के खिलाफ की गई ED के अधिकारियों की जांच के बाद उनपर आरोप है कि अय्यूब ने एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म केट्‌टो पर तीन कैंपेन शुरू किए थे और इससे करोड़ों रुपए जुटाए थे। इन कैंपेन के जरिए अप्रैल-मई 2020 के बीच स्लम में रहने वाले लोगों और किसानों के लिए, जून-सितंबर 2020 के बीच असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए और मई-जून 2021 में कोरोना प्रभावित लोगों के लिए फंड जुटाया गया था लेकिन एक अहम बात यह है कि तीन कैंपेन से जुटाए गए फंड का पैसा दीदी डकार गई हैं और जिन गरीबों की मदद के नाम पर फंड कैंपेन की नौटंकी चलाई गई थी उसका नतीजा ढाक के तीन पात ही था।

ED की जांच से लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स और रिसर्च में सामने आया कि कैंपेन में फंडिंग के दौरान राणा अय्यूब को 2.69 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला, जिसमें से 80.49 लाख रुपए फॉरेन करेंसी में आए। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशंस एक्ट (FCRA) का उल्लंघन करने के आरोप में राणा अय्यूब के खिलाफ जांच शुरू की, जिसके बाद अय्यूब ने फॉरेन डोनेशन लौटा दिया और खुद को पाक साफ दिखाने की कोशिश की। अय्यूब जानती थीं कि यदि फॉरेन डोनेशन के मामले में जांच बैठी तो उनके देश में किए गए आंतरिक भ्रष्टाचारों का भी आसानी से खुलासा हो जाएगा, जिसके कारण उन्होंने सारा फॉरेन फंड लौटा दिया लेकिन ईडी की जांच पैसा लौटाने के बाद भी नहीं थमी और राणा अय्यूब की मुश्किलें बढ़ती चली गईं।

और पढ़ें: ‘मैं गरीब मुसलमान हूं’ राणा अय्यूब 2.0 बन गया है मोहम्मद जुबैर

राणा अय्यूब से जुड़े इस केस में प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जो फंड जुटाया गया वह पहले अय्यूब के पिता और बहन के अकाउंट में आया और यहां से अय्यूब के पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। इसमें से 50 लाख रुपए लेकर अय्यूब ने अपने लिए फिक्स्ड अकाउंट खोला, जबकि 50 लाख रुपए दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। सिर्फ 29 लाख रुपए राहत कार्यों में इस्तेमाल किए गए। मतलब जिनके नाम पर करोड़ों की फंडिंग जुटाई उन गरीब लोगों को मदद के नाम पर राणा अय्यूब ने 29 लाख रुपये की ऊंट के मुंह में जीरा टाइप मदद पहुंचाई और फिक्ड डिपॉजिट खोलकर अपने फ्यूचर प्लान्स पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया, जो कि इस महिला की विकृत और गंदी सोच को प्रदर्शित करता है।

ऐसा नहीं है कि अय्यूब केवल 29 लाख रुपये की मदद कर शांत बैठ गईं बल्कि उन्होंने झूठ तक बोला कि उन्होंने सारा पैसा लोगों की मदद के लिए ही लगाया है। यह एक ऐसी महिला हैं जो कि झूठ की पराकाष्ठाओं को पार करती चली गई। जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि राहत कार्य के नाम पर खर्च दिखाने के लिए राणा अय्यूब ने फर्जी बिल जमा किए। ED ने चार्जशीट में लिखा कि अय्यूब ने आम जनता से मिले फंड्स को लॉन्डर किया और फिर इन फंड्स को बेदाग दिखाने की कोशिश की। उन्होंने सरकारी अनुमति या रजिस्ट्रेशन के बिना विदेश से फंड हासिल किया, जो फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशंस एक्ट का उल्लंघन है।

राणा अय्यूब को लगा था कि भले ही उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ हो लेकिन कानूनी मामलों में वो नहीं फसेंगी लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में इतना मजबूत केस बना दिया है कि राणा अय्यूब का बचना मुश्किल है। वहीं, अब शत प्रतिशत एक बात कही जाएगी कि राणा अय्यूब, मोदी सरकार का विरोध करती रही हैं और इसीलिए मोदी जी राणा अय्यूब के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा दिया जिससे उनकी आवाज को दबाया जा सके। ऐसे में संभावनाएं यह भी हैं कि बहुत जल्द वामपंथी इस मुद्दे पर अपनी छाती भी पीटने लगें लेकिन ईडी की जांच रिपोर्ट समेत चार्जशीट यह स्पष्ट करते हैं कि राणा अय्यूब की असल मुसीबतें तो अब शुरू हुई हैं, जो कि उन्हें तिहाड़ ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।

पीएम मोदी से रही है पुरानी अदावत

ज्ञात हो कि राणा अय्यूब को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि वो एक बेहतरीन पत्रकार हैं लेकिन क्या आपने कभी उनका लिखा कोई लेख पढ़ा है? नहीं न… आप पढ़ेंगे भी कैसे, क्योंकि दीदी की सारी कथित पत्रकारिता केवल मुंह से जहर उगलने में ही हो जाती है। राणा अय्यूब आए दिन मोदी सरकार को कोसती रहती है। वहीं, उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी अदावत हैं। गुजरात दंगों के बाद से ही अय्यूब, मोदी जी को एक संहारक के रूप में पेश करनी की कोशिश करती आई हैं लेकिन उन्हें किसी ने भाव नहीं दिया। नरेंद्र मोदी से नफरत के कारण गुजरात दंगों के मामले में राणा अय्यूब की कोशिश हमेशा यह रही थी कैसे मोदी जी के राजनीतिक कद को छोटा किया जाए लेकिन उनके लिए यह करना टेढ़ी खीर साबित हुआ और इस मामले में उन्हें देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने जोर की दुलत्ती मारी थी।

राणा अय्यूब वर्ष 2002 के गुजरात दंगे पर ‘गुजरात फाइल्‍स- अनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ नाम से किताब लिख चुकी हैं। इसमें दावा किया गया है कि दंगों के समय कई अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव था। इसमें हरेन पंड्या मर्डर केस पर भी एक चैप्‍टर है। इसमें जांच अधिकारी वाई ए शेख के आरोपों को भी जगह दी गई है। वहीं, इन आरोपों को कोर्ट ने सिरे से खारिज करते हुए यह तक कह दिया था कि किसी भी शख्स द्वारा लिखी गई किताब कभी सुबूत हो ही नहीं सकती है और नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुहिम चलाने की कोशिश कर रही राणा अय्यूब को कोर्ट की प्रतिक्रिया से एक बड़ा झटका लगा था।

इनकी कुंठा का लेवल ही अलग है!

आपको बता दें कि राणा अय्यूब प्रत्येक मुद्दे पर अजीबो-गरीब बयान देती रही हैं। उन्होंने राम मंदिर के विरोध से लेकर अनुच्छेद-370 के खात्मे तक पर आपत्ति जताते हुए मोदी सरकार को तानाशाह तक बताया था। ये वही राणा अय्यूब हैं जो कि सीएए-एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में भड़काऊ कैंपेन चलाए थे। इन्हीं राणा अय्यूब ने शाहीनबाग के मंच से मोदी सरकार को सीएए को खत्म करने की चुनौती तक दी थी लेकिन क्या हुआ, बेचारी खुद ही मुसीबतों में फंस गई हैं क्योंकि समाजसेवा तो बस दिखावे की हैं असल मकसद तो माल यानी पैसा कमाने का है।

इन लोगों की मुख्य दिक्कत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यही है कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार की धज्जियां उड़ने के साथ ही इन कथित बुद्धिजीवियों को मिलने वाले सरकारी लाभ और महत्व खत्म हो गए हैं। राणा अय्यूब जैसी पत्रकारों को कांग्रेस की मनमोहन सरकार में खूब अहमियत दी जाती थी और अब जब वैसा कुछ मोदी सरकार में नहीं हो रहा है तो इनके जैसे लोग बिलबिला रहे हैं। इसके कारण ही ये लोग मोदी सरकार के खिलाफ कुछ भी ऊल जलूल बोल रहे हैं जिसका यथार्थ से कोई लेना देना नहीं है।

वहीं, एक अहम बात यह भी है कि राणा अय्य़ूब को यह उम्मीद थी कि वो अल्पसंख्यक समाज से आती हैं तो उन्हें अल्पसंख्यकों के बीच लोकप्रियता मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। वो मुस्लिमों की हितैषी होने का ढोंग तो करती हैं लेकिन उनकी एक्टिंग भी खराब है। इसका नतीजा यह है उनकी लोकप्रियता भी जीरो ही है। इन सबके बीच अब राणा अय्यूब के सभी काले चिट्ठे प्रवर्तन निदेशालय ने खोल दिए हैं और यह माना जा रहा है कि उनके खिलाफ कभी भी कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है, जिसका लोगों को भी इंतजार हैं जिनके नाम का पैसा दीदी ने अपनी एफडी में झोंक दिया है।

और पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने राणा अय्यूब को दिया 440 वोल्ट का झटका, काम नहीं आया ‘विक्टिम कार्ड’

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: ईडीमोदी सरकारराणा अय्यूबवामपंथी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मेरी पाठशाला निबंध: कक्षा 5 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए

अगली पोस्ट

अश्लील कंटेंट परोसने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर को खूब फटकारा

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited