TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

“6 बार रण में पछाड़ खाई थी” कर्ण सबसे महान योद्धा नहीं था, वास्तविकता बिल्कुल उलट है

पिछले 70 वर्षों से एक एजेंडा के तहत कर्ण का महिमामंडन अबतक के सबसे महान योद्धा के रूप में किया जा रहा है लेकिन क्या यह सत्य भी है? इस विशेष लेख में समझिए कब-कब कर्ण ने रणभूमि में हथियार डाले।

Padma Shree Shubham द्वारा Padma Shree Shubham
20 December 2022
in इतिहास, ज्ञान
कर्ण योद्धा

SOURCE TFI

Share on FacebookShare on X

युद्ध और योद्धा, इन दो शब्दों का महाभारत से बहुत गहरा संबंध है। धर्म स्थापना के उद्देश्य को साधने के लिए हुए इस महायुद्ध में एक से एक निपुण योद्धाओं ने भाग लिया, चाहे वो गुरु द्रोण हों, पितामह भीष्म हों, पांचों पांडव हों या फिर कौरव हों। इस युद्ध में दुर्योधन के पक्ष से लड़ने वालों की सूची में उसका मित्र कर्ण भी सम्मलित था। पिछले 70 वर्षों से एक एजेंडा के तहत कर्ण का महिमामंडन एक महायोद्धा के रूप में किया जा रहा है लेकिन प्रश्न यह है कि क्या कर्ण महान योद्धा था या फिर वामपंथ से प्रभावित लोगों ने साहित्य और सिनेमा के द्वारा कर्ण को अर्जुन से बड़ा योद्धा बताना शुरू कर दिया। रश्मिरथी जैसी रचनाएं कर्ण को योजनाबद्ध रूप से महान दानवीर और महान योद्धा के रूप में प्रस्तुत करती रही हैं जबकि वास्तव में केवल और केवल अर्जुन महाभारत के महान योद्धा और महानायक थे।

और पढ़ें- महाजनपदों का गौरवशाली इतिहास: भाग 3 – काशी

संबंधितपोस्ट

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

महाकुंभ: भारत की सांस्कृतिक विरासत की अक्ष्क्षुण यात्रा

जन-जन तक पहुंचेंगे गीता के उपदेश; कुरुक्षेत्र में CM सैनी ने किया ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ का आगाज

और लोड करें

कर्ण के शूरवीर योद्धा होने का भ्रमजाल

कर्ण का महिमामंडन करने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि कर्ण कई बार अलग-अलग स्थानों पर बुरी तरह पराजित हुआ था और विपरीत परिस्थितियों में वह भाग खड़ा होता था। आइए, लोगों के बीच फैल चुके कर्ण के शूरवीर योद्धा होने के भ्रमजाल को भेदा जाए।

रंगभूमि, जहां कुरुवंश के राजकुमार और गुरु द्रोण के शिष्य अर्थात कौरव और पांडव अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां एकाएक पहुंचे कर्ण का आमना-सामना अर्जुन से होता है। इस रंगभूमि में गुरु द्रोण कर्ण को अपने धनुर्विद्या का प्रदर्शन करने से मना कर देते हैं क्योंकि कर्ण सूत पुत्र था। परंतु क्या यहीं सत्य है? बस इसी घटना को उठाकर ऐसी विचारधारा को कुछ लोगों ने प्रसारित किया कि किंचित गुरु द्रोण को यह पता था कि कर्ण अर्जुन से बड़ा योद्धा है, इसीलिए उसे सूत पुत्र कहकर रंगभूमि से जाने को कह दिया। लेकिन यहां आपको यह समझना होगा कि गुरु द्रोण का अपना एक गुरुकुल था जहां कुरू राजकुमार उनके शिष्य थे, जिन्हें उन्होंने शिक्षा दी। उनके इन्हीं शिष्यों के युद्ध कौशल का प्रदर्शन रंगभूमि में हो रहा था जहां स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करने की होड़ में कर्ण बिना आमंत्रण के पहुंच गया था। यहां कोई तुक नहीं है कि अपने शिष्यों के बीच गुरु द्रोण किसी और को युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने का आदेश देते। अतः उसे रंगभूमि में द्रोण ने किसी भी तरह के युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने से कर्ण को स्पष्ट रूप से मना कर दिया।

और पढ़ें- जानिए भारतीय नौसेना दिवस के पीछे का गौरवशाली इतिहास, जब कांप गया था पूरा पाकिस्तान

गुरु दक्षिणा

आगे बढ़ते हैं- कुरू राजकुमारों की शिक्षा पूर्ण होने के बाद गुरू द्रोण ने शिष्यों से गुरु दक्षिणा में मांगा कि पांचाल राज्य पर आक्रमण कर वहां के राजा द्रुपद को उनके अधीन किया जाए। ऐसे में दुर्योधन ने कर्ण को साथ लेकर पांचाल राज्य पर आक्रमण कर दिया। परन्तु पांचाल की विशाल सेना का नेतृत्व द्रुपद पुत्र धृष्टद्युम्न और शिखंडी कर रहे थे। इन दोनों ने कर्ण और दुर्योधन को बुरी तरह से परास्थ किया और कर्ण तो मैदान छोड़कर ही भाग गया। वहीं दूसरी ओर भीम और अर्जुन ने सेना की एक छोटी सी टुकड़ी लेकर पाचांल पर आक्रमण किया और अपने अद्भुत पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए पांचाल की बड़ी सेना को हराकर महाराज द्रुपद को बंदी बना लिया और गुरु द्रोण के चरणों में ला दिया। इस तरह यहां भी कर्ण भाग खड़ा हुआ।

और पढ़ें- गांधी इरविन समझौता कब एवं क्यों हुआ? सम्पूर्ण इतिहास

राजसूय यज्ञ

आगे बढ़ते हैं- युधिष्ठिर राजसूय यज्ञ करते हैं, इस यज्ञ के बाद वो महाराजाधीराज हो जाते। महाराजाधीराज बनने के लिए आवश्यक था कि भारतवर्ष के सभी राजा उन्हें कर दें और इसके लिए युधिष्ठिर ने अपने चारों भाइयों को चारों दिशाओं में भेज दिया। एक राज्य अंगप्रदेश भी था जिसका राजा कर्ण था जिससे कर मांगने भीम पहुंचे थे। लेकिन कर्ण ने इसका विरोध किया, ऐसे में भीम से उसे युद्ध करना पड़ा। इस समय भीम ने कर्ण के धनुष को उसके ही गर्दन में डाला और धनुष की प्रतंच्या खींचकर छोड़ दी जिससे कर्ण को अत्यधिक चोट लगी। इस तरह बड़ी ही सरलता से भीम ने कर्ण को हरा दिया। अब सोचिए कि भीम गदाधारी थे लेकिन अपनी चतुराई से उन्होंने कर्ण को तीर धनुष के युद्ध में भी हरा दिया और उससे कर लेकर अपना कार्य भी पूरा किया।

और पढ़ें- केरल की राजधानी क्या है दर्शनीय स्थल एवं इतिहास

गंधर्वों से सामना

और आगे बढ़ते हैं- पांडव वनवास पर थे, कर्ण ने दुर्योधन के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा कि मित्र यही सही अवसर है, क्यों न अर्जुन का अंत कर दिया जाए। इस षड्यंत्र को साधने के लिए दुर्योधन कर्ण के भरोसे पांडवों को मारने के लिए निकल गया। रास्ते में उनका सामना गंधर्वों से होता है जो आक्रमण से पहले ही दुर्योधन और उनके साथियों को बंदी बना लेते हैं। इन गंधर्वों से कर्ण बुरी तरह पराजित हो जाता है। वह वहां से भाग खड़ा होता है और पितामह भीष्म को कौरवों के बंधी बनने की सूचना देता है जिसके बाद पितामह युधिष्ठिर को संदेश भेजकर कहते हैं कि हालांकि तुम्हारे साथ कौरवों ने ठीक नहीं किया परन्तु तुम्हें फिर भी अपना धर्म निभाते हुए अपने भाइयों कि रक्षा करनी चाहिए। अतः युधिष्ठिर के आदेश पर अर्जुन दुर्योधन और उसके साथियों को छुड़ाने के लिए गधर्वों से युद्ध करने जाते हैं लेकिन अर्जुन कितने बड़े वीर हैं यह वो गधर्व जानते थे इसलिए उन्होंने अर्जुन से युद्ध न करने का विचार किया और दुर्योधन समेत उसके भाइयों को मुक्त कर दिया। यहां भी कर्ण भाग खड़ा हुआ, वह अपमानित हुआ सो अलग।

विराटनगर में बृहन्नला

और आगे बढ़ते हैं- अब पांडव अज्ञातवास में हैं और विराटनगर में भेष बदलकर वास कर रहे हैं। विराट नगर में गइयों को चुरा लेना या कई सारी गइयों को भगा ले जाना एक बहुत बड़ी घटना होती थी। दुर्योंधन ने कर्ण के साथ मिलकर गइयां चुराई जिसे बचाने के लिए युद्ध हुआ। विराट में कोई बड़ा योद्धा नहीं था ऐसे में इस युद्ध में बृहन्नला का भेष धरे अर्जुन ने ही विराट की तरफ से युद्ध लड़कर कर्ण को अपने बाणों से बिंध दिया। इस तरह यहां भी कर्ण अर्जुन से हार जाता है और दुर्योधन को लेकर वह वहां से भी भाग खड़ा होता है। वो बात और है कि अर्जुन ने अज्ञातवास के कारण अपनी पहचान छुपाते हुए सबके सामने युद्ध में विजयी होने का श्रेय विराट के राजकुमार उत्तर को दे देता है जो दुर्योधन की बड़ी सी सेना को देखकर युद्ध के समय अचेत हो गया था।

और पढ़ें- महाजनपदों का गौरवशाली इतिहास- भाग 2: मगध महाजनपद

अर्जुन पुत्र अभिमन्यु

अब आते हैं महाभारत के युद्ध के उस क्षण में जब अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने कौरवों की सेना की नाक में दम कर दिया था। कौरव सेना में जितने भी रथी, महारथी, अधिरथी थे चाहे वो गुरु द्रोण हों, अश्वत्थामा हो, दुःशासन, दुर्योधन, शकुनी, कर्ण ही क्यों न हो अभिमन्यु ने सभी को अत्यंत चोटिल किया था। अभिमन्यु को छल से न मारा गया होता तो आधी से अधिक कौरव सेना का अंत उसी दिन हो जाता। ऐसे में तथाकथित सबसे बड़ा योद्धा कर्ण भी सीधे युद्ध में तब वीर अभिमन्यु के प्रहारों को झेल नहीं पा रहा था, उसकी भी स्थिति पस्त थी। यहां पर भी कर्ण के वीर होने की पोल खुलती है जब वह अपने से अत्यंत छोटी आयु के योद्धा से बुरी तरह हार जाता है।

और पढ़ें- केदारनाथ कहां है एवं कैसे पहुंचे? कथा, इतिहास, एवं दर्शन के नियम

अर्जुन और कर्ण का निर्णायक युद्ध

अब आते हैं युद्ध के उस क्षण में। सालों से इतिहासकरों और टीवी धारावाहिकों के माध्यम से लोगों के मस्तिष्क में इस बात को बैठा दिया गया है कि कर्ण की मृत्यु से पहले कर्ण और अर्जुन में बहुत बड़ा युद्ध हुआ और दोनों एक दूसरे पर भारी पड़ रहे थे लेकिन सत्य यह नहीं है। सत्य तो यह है कि अर्जुन ने इस निर्णायक युद्ध में कर्ण को पहले ही क्षत-विक्षत कर दिया था, उसके धनुष की प्रत्यंचा कई बार काट चुके थे, उसके रथ की पताका काट चुके थे। अर्थात कर्ण को मारने से पहले ही अर्जुन ने कर्ण के सामने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर दी थी। ध्यान दीजिए कि कर्ण के रथ का पहिया भूमि में धसने की घटना होती है और कर्ण एक अपरिपक्व योद्धा की भांति रथ से उतरकर भूमि में धंसे रथ के पहिए को निकालने लगता है। उसकी मति ऐसी फिरी कि जो काम उसके सारथी को करना चाहिए था, युद्ध छोड़कर उस काम वो करने लागा। इतना ही नहीं गुरु से छल पूर्वक शिक्षा ग्रहण करने पर दंडस्वरूप उसे जो भगवान परशुराम से श्राप मिला था उसका प्रभाव भी दिख रहा था। अब कर्मों का फल भी कभी न कभी तो मिलेगा ही। श्रीकृष्ण जानते थे कि यहां अवसर से चुकना नहीं है, अतः वो अर्जुन को बाण चलाने को कहते हैं और इस तरह इस युद्ध में भी कर्ण अर्जुन से हारते हुए अंत को प्राप्त होता है।

अब आपको यह भलिभांति ज्ञात हो गया होगा कि कर्ण महान या बड़ा युद्धा नहीं बल्कि एक साधारण योद्धा था। वीर और महान योद्धा अर्जुन से तो कर्ण की तुलना ही नहीं की जा सकती है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: कर्णदुर्योधनपांडवबृहन्नलामहाभारतराजसूय यज्ञ
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

2022 की मोस्ट अंडररेटेड फिल्में: अभी तक यदि इन फिल्मों को नहीं देखा है तो अवश्य देखिए

अगली पोस्ट

Nuclear Fusion के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

संबंधित पोस्ट

23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द
इतिहास

23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

23 December 2025

भारत में परावर्तन आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और निर्भीक अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि भारत में निवास करने वाले मुसलमानों के...

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया
इतिहास

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

22 December 2025

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु के इरोड ज़िले के कुम्भकोणम् में हुआ था। यह वही प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जहाँ...

इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष
इतिहास

बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

22 December 2025

हमारे देश की एक बड़ी समस्या यह रही है कि अंग्रेजों के समय में पढ़ाया गया गलत और औपनिवेशिक इतिहास आज़ादी के बाद भी बदला...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited