बागेश्वर धाम वाले बाबा ने खुद को राजनेताओं से अछूता नहीं रखा है। तमाम नेता उनके धाम पर हाजिरी लगाते रहे हैं। अगस्त 2023 में विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले कमलनाथ ने निजी विमान से उन्हें अपने गढ़ छिंदवाड़ा बुलाया था और उनसे कथा करवाई थी।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकारू

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकारू

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बागेश्वर बाबा की यात्रा में राजनीति, सोशल मीडिया और धर्म का कॉकटेल: राजनीति का नया पॉवर सेंटर बनेगा बागेश्वर धाम?

जहाँ तक बागेश्वर धाम वाले बाबा की बात है, इसमें कोई शक नहीं है कि मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में उनको मानने वालों की संख्या करोड़ों में है। जहाँ भी उनकी कथा आयोजित होती है, वहाँ जगह छोटी पड़ जाती है - चाहे वो दिल्ली हो या बिहार।

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
28 November 2024
in चर्चित, चर्चित, धार्मिक कथा, राजनीति
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री,

छतरपुर से ओरछा तक बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की सनातन यात्रा

Share on FacebookShare on X

भारत की राजनीति में बाबाओं का भी एक अलग युग होता है। अस्सी-नब्बे के दशक में सत्ता के साथ 2 ऐसे बाबाओं का नाम जुड़ा, जिनके कारण विवाद भी ख़ूब हुए। इंदिरा गाँधी के बारे में कहा जाता था कि भारत की शक्तिशाली प्रधानमंत्री होने के बावजूद धीरेन्द्र ब्रह्मचारी उन्हें ‘उठो इंदिरा, चलो’ कुछ इस तरह से संबोधित करते हुए बात करते थे। ठीक इसी तरह, चंद्रास्वामी के बारे में कहा जाता था कि PV नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री रहते हर बड़े फ़ैसले पर उनकी राय लेते थे। जहाँ बिहार के मधुबनी में जन्मे धीरेन्द्र ब्रह्मचारी इंदिरा गाँधी के गुरु बन गए, वहीं हैदराबाद में पले-बढ़े धीरेन्द्र ब्रह्मचारी बचपन से तंत्र साधना में लीन रहे।

इसी तरह, टीवी चैनलों के उभार के साथ बाबा रामदेव भी खूब लोकप्रिय हुए। सुबह 5 बजे उठ कर लोग टीवी के सामने बैठ कर योग किया करते थे, लोगों ने हार्पिक की जगह कोल्डड्रिंक से टॉयलेट साफ़ करना शुरू कर दिया था। इसी तरह गुजरात में आसाराम बापू और मोरारी बापू जैसे बाबाओं को हमने देखा। आसाराम फ़िलहाल जेल है, वहीं मोरारी बापू बीच में व्यास पीठ से ‘अली मौला’ गाने की वजह से विवादों में आए थे। तमिलनाडु के कोयंबटूर में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने ‘ईशा फाउंडेशन’ के बैनर तले भव्य आश्रम बनवाया है, जहाँ की आदियोगी की प्रतिमा लोकप्रिय है। इसी तरह, हर दौर में भारत में अलग-अलग बाबाओं का बोलबाला रहा।

संबंधितपोस्ट

धीरेंद्र शास्त्री ने पहनी 65 हजार की जैकेट, हजारों का चश्मा; कहां गई सनातन की त्याग वाली सीख?

‘हिंदू एकता यात्रा’ के बाद बागेश्वर बाबा शुरू करने जा रहे यह नया अभियान

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समय रैना और रणवीर इलाहाबादिया पर क्या कहा?

और लोड करें

भारत की राजनीति में धर्म का तड़का कोई नया नहीं है। भले ही सत्ता ने लंबे समय तक मुस्लिमों का तुष्टिकरण किया और दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के इमाम के फतवे मतदान को लेकर जारी होते रहे, लेकिन इस बीच कुछ ऐसे साधु-संत भी रहे जो न केवल सत्ता के ऊपर हावी हुए बल्कि अपने प्रभाव और कनेक्शंस के बलबूते एक तरह से सरकार के सर्वेसर्वा बन बैठे। धीरेन्द्र ब्रह्मचारी और चंद्रास्वामी ऐसे ही उदाहरण हैं। संतों का राजनीति से जुड़ाव कोई नई बात नहीं है। फ़िलहाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर स्थित गोरक्षधाम के पीठाधीश्वर हैं।

बागेश्वर धाम वाले बाबा की यात्रा, राजनीति-सोशल मीडिया-धर्म का कॉकटेल

हम इस विषय पर चर्चा इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भी आजकल ‘सनातन पदयात्रा’ निकाल रहे हैं। इसमें न केवल देश भर के साधु-संतों का जमावड़ा लग रहा है, बल्कि बड़े-बड़े सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, सेलेब्रिटी और नेता भी पहुँच रहे हैं। हमने अभिनेता संजय दत्त को उनके साथ देखा, अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को देखा, मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला को देखा और MP के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी देखा। यानी, इस यात्रा में राजनीति, सोशल मीडिया और धर्म का कॉकटेल बनता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी तरह पहलवान खली से लेकर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह जैसे नेता भी उनकी यात्रा का हिस्सा बने।

जहाँ तक बागेश्वर धाम वाले बाबा की बात है, इसमें कोई शक नहीं है कि मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में उनको मानने वालों की संख्या करोड़ों में है। जहाँ भी उनकी कथा आयोजित होती है, वहाँ जगह छोटी पड़ जाती है – चाहे वो दिल्ली हो या बिहार। उनके बारे में कहा जाता है कि वो लोगों को देख कर उनकी समस्या के बारे में जान लेते हैं और समाधान भी बताते हैं। हालाँकि, इस कारण तगड़ा विवाद भी हुआ था और एक तरह से मीडिया ने उन्हें अपने ट्रायल का केंद्र बना लिया था। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री शुरू में तो इस मीडिया व सोशल मीडिया ट्रायल में फँसते दिखे, लेकिन बाद में उन्होंने एक के बाद एक इंटरव्यू देकर एक तरह से इस मीडिया ट्रायल को पास किया। ‘इंडिया टीवी’ पर रजत शर्मा की ‘आप की अदालत’ से लेकर ‘TV9 भारतवर्ष’ पर एक साथ 5 पत्रकारों द्वारा इंटरव्यू किए जाने तक, शनैः-शनैः बागेश्वर धाम वाले बाबा परिपक्व होते चले गए और उन्होंने हाजिरजवाबी से मीडिया के सवालों का जवाब देना सीख लिया। फ़िलहाल उनकी उम्र मात्र 27 वर्ष है, ऐसे में उम्र के हिसाब से उनकी उपलब्धियाँ चमत्कारी हैं।

देश-विदेश में भीड़ जुटाते रहे हैं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

देश में ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन के लेस्टर में भी उनकी कथा में ख़ूब भीड़ जुटी। देश-विदेशी में कई कार्यक्रम करने के बाद वो आखिरकार ‘सनातन हिन्दू एकता यात्रा’ पर निकले हुए हैं, जिसे ‘हिन्दू जोड़ो यात्रा’ भी कहा जा रहा है। वो जाति-पाति से ऊपर उठ कर हिन्दू पहचान को सुदृढ़ करने पर बल दे रहे हैं। जातिगत जनगणना की माँगों और आरक्षण खत्म किए जाने की अफवाहों की काट के लिए CM योगी आदित्यनाथ ने भी ‘बँटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के रूप में परिवर्तित किया। दोनों नारों को RSS के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी हाथोंहाथ लिया। यानी, भाजपा और संघ भी जातिवाद की काट के लिए हिन्दू पहचान को मजबूत किए जाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, बागेश्वर धाम वाले बाबा की यात्रा के प्रमुख उद्देश्य में से भी एक यही है।

वैसे, फ़िलहाल धर्मयात्राओं का मौसम सा चल रहा है। स्वमी दीपांकर पिछले 2 वर्षों से ‘भिक्षा यात्रा’ निकाल रहे हैं और वो भी लोगों को शपथ दिलाते चल रहे हैं कि वो जाति के आधार पर नहीं बँटेंगे। इसी तरह नवंबर 2024 में ही दिल्ली में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने विशाल सनातन यात्रा का आयोजन किया, जिसमें वक्फ बोर्ड को खत्म किए जाने से लेकर सनातन बोर्ड की स्थापना जैसी माँगें रखी गईं। लेकिन, बागेश्वर धाम वाले बाबा की छतरपुर से यूपी के कुछ इलाक़ों से होते हुए ओरछा तक की यात्रा जितनी सुर्खियाँ बटोर रही हैं उतनी तवज्जो किसी को नहीं मिली। ओरछा में भगवान राम राजा के रूप में पूजे जाते हैं, हिन्दू धर्म में इसका अयोध्या से कम महत्व नहीं है। मध्य प्रदेश में बीच के डेढ़ साल को छोड़ दें तो पिछले 2 दशक से BJP ही सत्ता में है, दिसंबर 2023 में पार्टी को ताज़ा जीत मिली जिसके बाद मोहन यादव को CM बनाया गया।

राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए खुद को कर रहे हैं तैयार?

क्या पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपनी लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचने के बाद अब राजनीति में भी हस्तक्षेप करने के लिए ख़ुद को तैयार कर रहे हैं? हमने पंजाब-हरियाणा में राम रहीम के आश्रम से मतदान की एक रात पहले पर्चियाँ निकलती हुई देखी हैं, ऐसे में भारत की राजनीति में ये कोई बहुत आश्चर्यजनक बात भी नहीं है। कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के दौरान इसी मध्य प्रदेश में विवादित कम्प्यूटर बाबा को मंत्री का दर्जा दिया गया था। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को मानने वालों में अधिकतर गरीब और पिछड़े समाज के लोग हैं, उनमें भी महिलाओं की संख्या अधिक है। अनुयायियों का ये समूह वोट बैंक के रूप में कैसे तब्दील होगा, ये समय बताएगा।

बागेश्वर धाम वाले बाबा ने खुद को राजनेताओं से अछूता नहीं रखा है। तमाम नेता उनके धाम पर हाजिरी लगाते रहे हैं। अगस्त 2023 में विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले कमलनाथ ने निजी विमान से उन्हें अपने गढ़ छिंदवाड़ा बुलाया था और उनसे कथा करवाई थी। उससे कुछ ही महीनों पहले अप्रैल में विदिशा में उनकी कथा हुई थी, जिसमें तत्कालीन CM शिवराज सिंह चौहान पहुँचे थे। शिवराज सिंह चौहान फ़िलहाल विदिशा से ही सांसद हैं। कांग्रेस और भाजपा, दोनों के गढ़ों में नेता-कार्यकर्ता पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के चरण पखारते मिले।

फ़िलहाल न तो मध्य प्रदेश में कोई चुनाव होना है और न ही केंद्र स्तर पर। हाँ, 2025 में बिहार-दिल्ली और 2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब 3 चीजें हो सकती हैं। पहली, ये कि धीरेन्द्र शास्त्री 2028 और 2029 के लिए अभी से आधार तैयार कर रहे हों, ताकि उस समय तक अपनी ताक़त को वोटों को इधर-उधर करने में इस्तेमाल कर सकें। दूसरी, ये कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर वो अब बाकी राज्यों में भी ऐसी यात्राएँ निकालेंगे और उन राज्यों की राजनीति में भी उनका दखल होगा। तीसरा, ये हो सकता है कि वो सिर्फ सनातन धर्म को एक करने के लिए निकलें हों और तमाम सेलेब्रिटियों और नेताओं को जुटा कर धर्म के सहारे धाम की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हों।

स्रोत: Bageshwar Dham, बागेश्वर धाम, Pandit Dhirendra Krishna Shastri, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, Politics, राजनीति, सनातन यात्रा, Sanatan Yatra
Tags: bageshwar dhamPandit Dhirendra Krishna ShastriSanatan Yatraपंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्रीबागेश्वर धामसनातन यात्रा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

महाराष्ट्र में जीत के बाद भी उहापोह में RSS: एक धड़ा नहीं लेना चाहता श्रेय, एक माँग रहा मेहनत का ये ‘इनाम’

अगली पोस्ट

जनता की आवाज़ उठाने के लिए पिता गए थे जेल, बेटे के सिर बँधा CM का सेहरा: गंगाधर फडणवीस, जिन्होंने विदर्भ में जनसंघ को किया स्थापित

संबंधित पोस्ट

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकारू

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है
चर्चित

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

29 November 2025

श्री लंका वक्त, बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। चक्रवात दित्वाह ने वहां...

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा
राजनीति

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

27 November 2025

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में दिन-रात मेहनत कर विजय सुनिश्चित करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधों पर अब बंगाल फतह की सबसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited