यातनाओं को सहते हुए मीरा कमजोर तो नहीं हुईं बल्कि कृष्ण के प्रति उनका प्रेम और प्रगाढ़ हो गया। प्रेम की पराकाष्ठा में जिस प्रकार व्यक्ति को समाज के लोक-लाज की कोई परवाह नहीं रहती, मीरा भी कुछ इसी तरह बेपरवाह हुई हमें दिखती हैं।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बचपन में ही श्रीकृष्ण को मान लिया था पति, हँस कर पिया विष का प्याला: श्रीकृष्ण की भक्त मीराबाई, जो श्रीकृष्ण में ही विलीन हो गईं

लाव-लश्कर वाली बारात और दूल्हे को देखकर मीरा के मन में जिज्ञासा हुई कि उनका दूल्हा कौन होगा। बालकों की ही भाँति बड़ी मासूमियत से मीरा ने यह सवाल अपनी माता से किया।

architsingh द्वारा architsingh
6 November 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
मीराबाई, कृष्ण भक्त

जब विष के प्याले से भी मीरा की मृत्यु न हुई, तो उन्हें कई प्रकार से मारने की कोशिश की गई

Share on FacebookShare on X

प्रेम की अनेक अमर कहानियों के देश भारत में एक ऐसी प्रेम कहानी है जो सामान्य नहीं बल्कि कई मायनों में असाधारण है। आज हम बात करेंगे मध्यकालीन भक्त कवयित्री मीराबाई के कृष्ण के प्रति शाश्वत प्रेम की। मीरा मूलतः एक कवयित्री नहीं थीं, बल्कि कृष्ण के प्रति दीवानगी ने उन्हें कवयित्री बनाया। मीरा के पदों को पढ़कर उनके कृष्ण के प्रति प्रेम का भान होता है तो समाज में किस प्रकार उनके प्रेम का विरोध हुआ, यह भी दिखाई देता है।

मीरा ने श्रीकृष्ण को बचपन में ही मान लिया था पति

16वीं शताब्दी में राजस्थान के कुडकी गाँव में एक राजपूत परिवार में मीराबाई का जन्म हुआ था। इनके पिता रतन सिंह राठौर मेवाड़ के उस समय के एक प्रभावशाली योद्धा थे। मीराबाई का झुकाव बाल्यावस्था से ही भगवान श्रीकृष्ण के प्रति था, और उनकी भक्ति ने उन्हें अपनी सामाजिक और पारिवारिक परंपराओं से भी अलग कर दिया। कहा जाता है कि छोटी उम्र में ही मीरा ने श्रीकृष्ण को अपना पति मान लिया था। हालाँकि, छोटी सी उम्र में ही मीरा कृष्ण को अपना पति मान लेती हैं, इस सम्बंध में एक लोकमत प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार मीराबाई के पड़ोस में एक बारात आयी। चूँकि उस समय औरतें प्रायः छत पर खड़ी होकर ही बारात देखा करती थीं, मीरा भी उनके साथ बारात देखने के लिए अपनी छत पर खड़ी हो गईं।

संबंधितपोस्ट

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

बंगाल फ़ाइल्स: सत्य, राजनीतिक चुप्पी और विस्थापित इतिहास की पुकार

और लोड करें

लाव-लश्कर वाली बारात और दूल्हे को देखकर मीरा के मन में जिज्ञासा हुई कि उनका दूल्हा कौन होगा। बालकों की ही भाँति बड़ी मासूमियत से मीरा ने यह सवाल अपनी माता से किया। मीराबाई की माँ ने हँसते हुए बेहद सरल भाव में कृष्ण की मूर्ति की ओर इशारा कर दिया और कहा कि ये ही तुम्हारे पति हैं। मीरा उस समय बच्ची थीं, इसलिए उनके बालमन में यह बात इस तरह घर कर गयी कि फिर वे कृष्ण को अपना पति मानने लगीं। मीरा कृष्ण की भक्ति में इस तरह लीन हुईं कि फिर उन्हें उसके आगे-पीछे और कुछ समझ नहीं आता।

मीरा की किशोरावस्था में माता-पिता इस बात की गंभीरता को नहीं समझ पाए, किन्तु जब मीरा बड़ी हुईं तथा उनकी उम्र शादी की हो गयी, ऐसे में स्वाभाविक रूप से मीरा के पिता ने भी अपनी पुत्री के उज्ज्वल भविष्य के लिए मीराबाई का विवाह मेवाड़ के राजा राणा सांगा के पुत्र भोजराज के साथ तय कर दिया। कहा जाता है कि कृष्ण को अपना पति मानने वाली मीराबाई अपनी शादी भोजराज से तय होने पर बहुत रोयीं, यहाँ तक कि उन्होंने शादी करने से भी इंकार कर दिया। किन्तु बाद में माता-पिता के समझाने पर मीरा ने परिवार और समाज के सम्मान के कारण विवाह कर लिया।

विवाह तो किया, लेकिन श्रीकृष्ण के अलावा कुछ नहीं दिखता था

भोजराज से विवाह हो जाने के बाद मीरा कृष्ण की वह मूर्ति अपने साथ ससुराल भी ले आयीं जिसे वह अपना पति मानती थीं। हालाँकि, परिवार की प्रतिष्ठा के कारण विवाह तो मीरा ने कर लिया था, किंतु वह पति सिर्फ कृष्ण को ही मानती थीं। उनके पदों में भी इस बात को स्पष्टता के साथ देखा जा सकता है-

“मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई 
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई”

मीरा ने अपने जीवनसाथी भोजराज के सामने भी यह स्पष्ट किया कि उनके जीवन का एकमात्र प्रेम और समर्पण श्रीकृष्ण के लिए है। भोजराज भी मीराबाई की भक्ति और समर्पण को समझते थे और उन्होंने मीराबाई के कृष्ण-प्रेम का आदर किया।

अभी तक सब कुछ बिल्कुल ठीक चल रहा था, किन्तु विवाह के कुछ समय बाद ही भोजराज की मृत्यु हो गयी। यहीं से मीरा के जीवन में कठिनाइयों के पहाड़ टूटने लगे। भोजराज की मृत्यु के बाद भी मीरा ने वह जीवन नहीं जिया जो मध्यकालीन विधवा स्त्रियों को जीना पड़ता था। वे अब और ज्यादा कृष्ण प्रेम के पदों को गाने लगीं, मंदिरों में जाकर कीर्तन भी करने लगीं। ससुराल वालों को मीरा का यह व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं था। यहाँ तक कि मीरा के देवर ने कई बार मीरा को मारने की कोशिश की। आये दिन मीरा को ससुराल में यातनाएँ दी जाने लगीं। मीरा की ननद ने उन पर व्यभिचार के आरोप लगाए। यहाँ तक कि एक दिन मीरा के ससुर ने भरी सभा में मीरा के लिए विष का प्याला भिजवाया।

कहा जाता है कि वह विष इतना जहरीला था जो जिह्वा पर आते ही मृत्यु की नींद सुला सकता था, किन्तु मीरा ने विष का पूरा प्याला हँसते हुए पी लिया और आश्चर्य की बात है कि उन्हें कुछ भी नहीं हुआ। समाज के ताने और सास-ससुर से मिलने वाली प्रताड़ना मीरा के इस पद में देखी जा सकती है-

“लोग कहे मीरा भई बावरी,
सास कहे कुल नाशी रे,
ज़ेहर का प्याला राणा ने भेजा,
पीवत मीरा हासी रे।”

ससुराल में मीराबाई को यातनाओं का करना पड़ा सामना

जब विष के प्याले से भी मीरा की मृत्यु न हुई, तो उन्हें कई प्रकार से मारने की कोशिश की गई। ससुराल की यातनाओं की सारी सीमाएं पार हो जाने पर मीरा राजमहल छोड़कर चली जाती हैं। अब मीराबाई संतों संग कीर्तन करतीं तथा मंदिरों में शरण लेतीं और कृष्ण के प्रेम में पदों का गायन करती थीं। हालाँकि जब मीरा के ससुराल वालों को पता लगा कि मीरा अब संतों की संगति में कीर्तन-भजन करती हैं तथा मार्ग में कृष्ण प्रेम में नाचती हैं, तो उन्हें यह बात भी बिल्कुल पसंद नहीं आयी। उनके लिए यह राजपूती मान-मर्यादा एवं प्रतिष्ठा को धूमिल करने जैसी बात थी। किन्तु मीरा को अब कोई फर्क नहीं पड़ता था।

यातनाओं को सहते हुए मीरा कमजोर तो नहीं हुईं बल्कि कृष्ण के प्रति उनका प्रेम और प्रगाढ़ हो गया। प्रेम की पराकाष्ठा में जिस प्रकार व्यक्ति को समाज के लोक-लाज की कोई परवाह नहीं रहती, मीरा भी कुछ इसी तरह बेपरवाह हुई हमें दिखती हैं। वे कहती हैं-

“लोक लाज कुल काण जगत की दई बहाय जसपाणी॥ 
अपने घर का परदा कर ले मैं अबला बौराणी।”

कहते हैं कि व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों से निकलने का मार्ग गुरु बताता है। निश्चित रूप से मीरा भी जीवन में गुरु की महिमा को बखूबी जानती थीं, इसीलिए उन्होंने भक्तिकाल के ही एक संत रैदास को अपना गुरु बनाया। हालाँकि रैदास तथाकथित निम्न कही जाने वाली जाति से आते थे, किंतु भारत में समरसता की बात केवल आज की नहीं है, बल्कि प्राचीन समय से ही दिखाई देती है। मध्यकाल के दौर में मीरा का, जो स्वयं राजपूत घराने से थीं, रैदास की शिष्या बनना समरसता का ही उदाहरण है। मीरा ने अपने गुरु के विषय में जानकारी देते हुए लिखा है-

“नहिं मैं पीहर सासरे, नहिं पियाजी री साथ
मीरा ने गोबिन्द मिल्या जी, गुरु मिलिया रैदास”

कृष्ण की मीरा, कृष्ण में हो गईं विलीन

इस तरह मीराबाई ने अपना सम्पूर्ण जीवन कृष्ण के प्रेम में व्यतीत किया। मीरा के जीवन का अंत भी बेहद आश्चर्यजनक रूप से हुआ। कहा जाता है कि ससुराल छोड़ने के बाद मीरा के ससुर ने अपने सैनिकों को मीरा को ढूँढकर लाने के लिए भेजा। मीरा उस समय कृष्ण के मंदिर में थीं। वहाँ पहुँचकर सैनिकों ने मीरा से वापस लौट चलने की विनती की। किन्तु मीरा ने वापस राजमहल जाने से मना कर दिया।

सैनिकों ने मीरा को वापस ले जाने के लिए अनेक प्रयत्न किए, किंतु कोई लाभ न हुआ। बल्कि मीरा ने सैनिकों से कहा, यदि मैं तुम्हारे आने से पहले ही संसार छोड़ गई होती, तो क्या तुम खाली हाथ वापस नहीं लौट जाते? सैनिकों ने कहा तब कोई और विकल्प नहीं बचता। इतना सुनते ही मीरा ने एकतार वाला यंत्र उठा लिया और श्रीकृष्ण की स्तुति करने लगीं। मीरा की आंखों से प्रेम के अश्रु प्रवाहित होने लगे।

कहा जाता है कि स्तुति करते-करते ही मीरा कृष्ण की मूर्ति में ही समा गईं और इस तरह मीरा के जीवन का अंत हो गया। हालाँकि उनकी मृत्यु के सम्बन्ध में और भी कई मत प्रचलित हैं, किंतु सभी मतों में उनके अंत को कृष्ण की मूर्ति में समाकर ही बताया गया है।

स्रोत: Mirabai, मीराबाई, Krishna Devotee, कृष्णभक्त, History, इतिहास, Saint Poet, संत कवि, ज़हर, Poison
Tags: HistoryMirabaiShri Krishnaइतिहासमीराबाईश्रीकृष्ण
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बलिदानी मेजर की ब्राह्मण पहचान छिपाई, पत्नी की ईसाई पहचान दिखाई: कमल हासन-उदयनिधि स्टालिन की फिल्म में प्रोपेगंडा

अगली पोस्ट

वीकॉपीट्रेड से इंस्टेंट फंडिंग और वीमास्टर ट्रेड की ताकत ने सफल ट्रेडर्स को भुगतान किया है

संबंधित पोस्ट

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा
इतिहास

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

13 September 2025

इतिहास की धूल में दबी कुछ कहानियां ऐसी हैं, जिनकी चमक आज भी आंखें चौंधिया देती है। कोहिनूर हीरा ऐसी ही एक कहानी है। यह...

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

बैटल ऑफ सारागढ़ी
इतिहास

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

12 September 2025

सैन्य शब्दकोश का एक शब्द है- ‘लास्ट स्टैंड’, यानी वो लड़ाई जहां एक पक्ष भले ही हार गया हो, लेकिन उसकी शूरवीरता, उसकी जांबाज़ी हार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited