ओडिशा विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच हाथापाई की घटना सामने आई है। इस घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में अशोभनीय व्यवहार के लिए कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति को 7 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया। विधायकों के बीच हुई बहस और फिर हाथापाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
कैसे शुरू हुआ हंगामा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पूरी घटना ओडिशा विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हुई। प्रश्नकाल में ओडिशा सरकार के शहरी विकास मंत्री केसी महापात्र विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे। कुछ कांग्रेस विधायक शोर मचा रहे थे, लेकिन फिर भी सदन में माहौल काफी हद तक शांतिपूर्ण बना हुआ था।
इसी दौरान कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने पहले तो शोर मचाया और फिर शहरी विकास मंत्री केसी महापात्र के सामने जाकर खड़े हो गए। हालांकि इसके बाद भी महापात्र रुके नहीं और बोलते चले गए। इसके कुछ समय बाद ही दोनों पार्टियों (BJP और कांग्रेस) के अन्य विधायक भी BJP विधायक केसी महापात्र की कुर्सी के पास पहुंच गए।
📌 Ruckus in Odisha Assembly. Many MLAs were involved. House witnessed shameful conduct of MLAs from both Congress and BJP. Abuse, slangs, pushing and shoving became new normal. MLAs brought disgrace to the House. #TNI #Insight #PiN #Odisha #OdishaAssembly pic.twitter.com/2uTh1H51tQ
— TNI (@TNITweet) March 11, 2025
शुरुआत में तो दोनों ओर से नोंक-झोंक हुई। इसके बाद बात धक्का-मुक्की से बढ़ते हुए हाथापाई तक पहुंच गई। विधानसभा के अंदर हुई इस घटना का वीडियो सामने आया है। वीडियो में दोनों पक्षों के विधायकों को धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता है। इस दौरान कुछ विधायक पेपर फाड़ कर अन्य विधायकों पर फेकते हुए भी नजर आए।
इतना ही नहीं, इस हंगामे के बाद कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने स्पीकर के आसन पर चढ़कर माइक्रोफोन तोड़ दिया। इसके बाद BJP विधायकों ने इसका जमकर विरोध किया।
विधानसभा में हुए इस हंगामे के बाद BJP विधायक और ओडिशा सरकार के मुख्य सचेतक सरोज कुमार प्रधान ने कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति के निलंबन का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने विचार करने के बाद कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति को 7 दिनों के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित करने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को निर्देश दिया है कि बहिनीपति को 7 दिनों तक विधानसभा से बाहर रखा जाए।