पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान को खूब पीटा। जब पाकिस्तान को ज़्यादा पिटाई का डर सताने लगा तो वो सुलह-समझौते पर आ गया। पाकिस्तान के DGMO ने भारत को फोन कर इस संघर्ष को रोकने की बात कही जिस पर भारत राज़ी हो गया। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी इस सीज़फायर पर प्रेस को जानकारी देने ही वाले थी कि इससे पहले दुनिया के स्वघोषित दादा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दे दी।
इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप अलग-अलग मंचों पर कई बार भारत-पाकिस्तान के बीच कथित मध्यस्थता की बात दोहरा चुके हैं। भारत के विपक्षी दल को भी ट्रंप चचा ही सत्यवादी लग रहे थे और वो भारत के अधिकारियों की बातों को नहीं मान रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विषय पर खामोश थे, उसी शैली में कि छोड़िए ‘जो बीत गई सो बात गई’ लेकिन ट्रंप चचा नहीं माने। पीएम मोदी अब इस मामले पर बोले हैं और वो भी सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति से ही। पीएम मोदी ने साफ-साफ कह दिया है कि भारत ने ना तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, ना ही करता है और न ही कभी करेगा।
ट्रंप ने मोदी से अमेरिका आने को कहा
पीएम मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे हैं और यहां पर उनकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात होनी थी। हालांकि, इज़रायल-ईरान तनाव के चलते ट्रंप को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा और यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद आज दोनों नेताओं के बीच फोन पर करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान पीएम मोदी से कनाडा से वापसी के दौरान अमेरिका आने को कहा लेकिन पीएम मोदी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण इसमें असमर्थता जताई जिसके बाद दोनों नेताओं ने जल्द ही मुलाकात करने की बात कही है। साथ ही, पीएम मोदी ने ट्रंप को भारत आने का न्यौता दिया है जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया है।
दोनों नेताओं की क्या बात हुई?
दोनों राष्ट्राध्यक्षों की बातचीत को लेकर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी है। मिसरी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों की यह पहली बातचीत थी और इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की है। पीएम मोदी ने इस दौरान ट्रंप को पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य कार्रवाई की भी जानकारी दी है, साथ ही इसमें किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार किया है।
विक्रम मिसरी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सेनाओं के बीच चैनलों के माध्यम से हुई थी और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि भारत ने ना तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, ना करता है और ना ही कभी करेगा। इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक एकमत है।”
मिसरी ने कहा, “राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री द्वारा विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।” इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन और ईरान-इज़रायल के बीच जारी युद्ध को लेकर भी बातचीत की है। पीएम मोदी का सीधा संदेश ट्रंप के लिए तो है ही साथ ही भारत के विपक्षी दलों को भी अब शायद थोड़ी शांति मिली होगी।