TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘मूर्ति पूजक है हिंदू धर्म, बाकी धर्मों में ये सब नहीं होता’, अबतक की सबसे बड़ी फेक न्यूज है

मूर्ति पूजा को लेकर आपने बहुत सारी बाते सुनी होंगी, अब यहां सच्चाई भी जान लीजिए!

Prashant Srivastava द्वारा Prashant Srivastava
22 September 2022
in संस्कृति
मूर्ति पूजा

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जो हजारों वर्षों से जीवित है। इसकी उत्पत्ति सनातन सभ्यता से मानी जाती है। यह एक ऐसा धर्म है जिसने भारतीय उपमहाद्वीप में जन्म लिया और भारतीय संस्कृति को आकार दिया। हिंदू धर्म न केवल एक धर्म है बल्कि बहुसंख्यक भारतीयों की एक अभिन्न पहचान भी है। लेकिन हिंदू धर्म एक ऐसी पवित्र अवधारणा है जिसे कई लोग, जिनमें खुद को ‘हिंदू’ कहने वाले भी शामिल हैं अक्सर इस शब्द का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं। वे हिंदू धर्म को धर्म मानते हैं, उसमें विख्यात हो गई प्रथाओं के आधार पर उसे सही एवं ग़लत का प्रमाण देते हैं किंतु उन्हें न तो अपनी संस्कृति का ज्ञान है और न ही अपनी सभ्यता का।

बहुत से लोग आपको हिंदू धर्म के आडंबरों की बाते करते हुए मिल जाएंगे। मूलतः वह मूर्ति पूजा को लेकर भिन्न भिन्न बाते करते हैं किंतु मूर्खता के क्रम में वे ऐसे हास्यापद और नीच बातें करते हैं कि वह व्यक्ति जो हिंदू धर्म के बारे में जानकारी रखता है उसका क्रोधित होना स्वाभाविक लगता है। हिंदू अपने धर्म को सनातन धर्म (सनातन धर्म) कहते हैं। ईसाई और इस्लाम की तरह हिंदू धर्म का कोई एक संस्थापक नहीं है और इसकी उत्पत्ति दर्ज इतिहास से भी पुरानी मानी जाती है। सिंधु घाटी सभ्यता में कुछ ऐसे प्रमाण मिलते हैं, जो या तो हिंदू धर्म का हिस्सा हैं या फिर इसे प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रोटो शिव मुहर, देवी मां की टेराकोटा मूर्तियां, स्वास्तिक, जानवरों की पवित्र छवियां आदि जो आज हिंदू धर्म के अंग हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि उस समय भी किसी न किसी रूप में हिंदू धर्म मौजूद था।

संबंधितपोस्ट

धर्म परिवर्तन का अड्डा बनता जा रहा दुबई, छह महीने में ही 3600 से ज्यादा लोगों ने अपनाया इस्लाम

‘इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं’: स्वालेहीन और नूरफातिमा ने हिंदू प्रेमियों से मंदिर में रचाई शादी, की घर वापसी

‘सबसे वैज्ञानिक, सबसे बेहतर और सबसे कट्टर’: धर्म को लेकर 8 सवालों के ChatGPT, DeepSeek, Grok, और Meta AI ने क्या जवाब दिए ?

और लोड करें

ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म की शुरुआत वैदिक संस्कृति से संगठित तरीके से हुई क्योंकि उसी समय हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ वेदों की उत्पत्ति हुई। तात्पर्य है कि हिन्दू धर्म का प्रथम साहित्यिक प्रमाण हमें वैदिक काल में मिलता है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि हिंदू धर्म का कोई एक संस्थापक नहीं है और इसकी उत्पत्ति की कोई विशिष्ट तिथि नहीं है।  इसी क्रम में हिंदू जीवन पद्धति में भक्ति की बहुत सी धारायें विकसित हुई। हमें वैष्णव, शैव , शक्ति, जैन, वेदांत इत्यादि धाराएं प्रमुख रूप से हमें देखने को मिलती है। हिंदू धर्म के प्रति अज्ञानता रखने वाले इसे मात्र मूर्ति पूजन से जोड़ते है और इसकी आड़ में हिंदू धर्म को बहुत भला बुरा कहते हैं, किंतु अपनी अज्ञानता में चूर वे मूर्ख यह नहीं जानते कि लोगों को ईश्वर से जुड़ने की जितनी स्वच्छंदता हिंदू धर्म देता है उतना कोई अन्य धर्म नहीं देता।

और पढ़ें: साम्यवादी, इस्लामी, रूपांतरण माफिया प्रभावित केरल में केवल आदि शंकराचार्य ही हिंदू धर्म की समीक्षा कर सकते हैं

हिंदू धर्म इतनी स्वतंत्रता किसी धर्म में नहीं है

हिंदू धर्म मानने वाले व्यक्ति के पास यह अधिकार होता है कि वह चाहे तो ईश्वर को माने या चाहे तो न माने। हिंदू धर्म स्वयं में आस्तिकता एवं नास्तिकता दोनों को समेटे हुए है। साथ ही साथ सगुण और निर्गुण दोनों प्रकार की भक्ति को स्वीकार भी करता है। वस्तुतः हिंदू धर्म कहता है कि कण कण में ईश्वर है, इस धर्म के अनुयायियों के ऊपर अन्य धर्म की भांति किसी भी प्रकार की बाध्यता नहीं होती है। वे चाहे तो शिव जी को माने, विष्णु जी को माने चाहे वेदांत को माने या चाहे तो उपनिषदों को माने। इन सब के अलावा हिंदू धर्म एक मात्र धर्म है, जो नास्तिकता को न सिर्फ़ स्वीकार करता है अपितु उनको बराबर का सम्मान भी देता है। अन्य किसी धर्म में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यदि बात करें हम इस्लाम की तो इस्लाम के अंदर जो व्यक्ति इस्लाम को नहीं मानता उसे काफिर की श्रेणी में रखा जाता है। साथ ही साथ ईसाई धर्म के मूल में भी यही है कि जो ईश्वर को नहीं मानता वह शैतान है। कुछ इसी प्रकार का प्रावधान यहूदियों में भी है।

एक उदाहरण के रूप में यदि हम यह देखें कि एक व्यक्ति पश्चिमी एशियाई देश में स्वयं को नास्तिक बताता है तो उसे अक्सर गंभीर औपचारिक और कुछ मामलों में अनौपचारिक कानूनी और सामाजिक यातनाओं का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि नास्तिक व्यक्ति शायद ही कभी अपने विश्वास को सार्वजनिक करते हैं क्योंकि उन्हें सऊदी अरब सहित कई देशों में जमकर यातनाएं दी जाती है। इतना ही नहीं, उन्हें आतंकवादियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकांश मध्य पूर्व देशों में इस्लाम सार्वजनिक और निजी जीवन पर हावी है। यह तो रही स्वयं को शांति प्रिय कहने वाले इस्लाम की बात।

जो लोग हिंदू धर्म को मूर्ति पूजा तक ही सीमित रखते हैं, उन्हें शायद यह ज्ञात नहीं है कि हिंदू कहीं भी उठकर किसी भी मूर्ति की पूजा नहीं करने लगते हैं। वस्तुतः जब कोई भी मूर्ति स्थापित होती है तो एक विशेष प्रकार का अनुष्ठान किया जाता है, जिसे विग्रह के रूप में वर्णित किया जाता है। विग्रह के अंतर्गत प्राण प्रतिष्ठान किया जाता है, जिसमें मूर्तियों को सजीव रूप में देखा जाता है, उन्हें दूध से नहलाया जाता है, पूरे विधि अनुसार भोग लगाया जाता है, उनका श्रृंगार किया जाता है, जिससे वह प्रतिमा जीवंत जान पड़ती है और यदि फिर भी कोई इसे बुत परस्ती कहता है तो उसे अन्य धर्मों को भी ठीक से देख लेना चाहिए।

वस्तुतः इस्लाम मूर्ति पूजा का विरोध करता है किंतु क्या आपने कभी यह ध्यान दिया है कि वे जब मस्जिद में नमाज़ पढ़ते हैं तो उनका मुख किस दिशा की ओर रहता है। ध्यान देने वाली बात है कि वो मक्का के काबा की ओर देखकर नमाज़ पढ़ते हैं। अब आप स्वयं ही सोचिए, एक ओर जहां हिंदू धर्म में पूरे रीति-रिवाज एवं अनुष्ठान के साथ मूर्ति स्थापित की जाती है तत्पश्चात उसकी आराधना की जाती है तो वहीं दूसरी ओर वे लोग जिनके धर्म में ही मूर्ति पूजा हराम है, उनकी मस्जिदों की दिशा ही काबा की ओर होती है ताकि प्रत्येक मुस्लिम काबा की दिशा की ओर देखकर नमाज़ पढ़े। ऐसे में कौन मूर्ति पूजा कर रहा है यह बताने की ज़रूरत नहीं है।

और पढ़ें: कम्युनिस्टों के बहिष्कार से ही संभव है हिंदू धर्म का विस्तार, नेपाल है इसका सशक्त उदाहरण

ईसाई भी वैसे ही आराधना करते हैं

इसी क्रम में हम ईसाई धर्म को देखें तो यदि आप गिरिजाघर गए हैं तो वहां आपने ईसा मसीह को पवित्र क्रॉस पर टंगे हुए ज़रूर देखा होगा। साथ ही मदर मैरी (मरियम) को भी देखा होगा। वस्तुतः जब ईसाई लोग प्रार्थना के क्रम में गिरिजाघर जाते हैं तो वे पवित्र क्रॉस एवं ईसा मसीह की ओर देखकर अपनी उपासना करते हैं। अब दिमाग़ पर ज़ोर डालिए और सोचिए यदि एक हिंदू जब मंदिर में जाकर अपने आराध्य की प्रतिमा की ओर देखकर प्रार्थना करता है, उसकी वंदना करता है तो उस पर कई प्रकार की टिप्पणी की जाती हैं किंतु वही अन्य धर्म के लोग उनके धर्म में बुत परस्ती निषेध होने के बावजूद इस प्रकार का कृत्य करते हैं, फिर भी उनपर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं की जाती है?

वस्तुतः इस प्रश्न का उत्तर भी आपको हिंदू धर्म में ही मिलेगा। हिंदू धर्म में जो सहिष्णुता विद्यमान है यह इसका मूल कारण है। हिंदू धर्म किसी भी अन्य धर्म को स्वयं से छोटा या बड़ा नहीं मानता, सनातनी कण-कण में ईश्वर के वास को मानते हैं। किंतु अन्य धर्म जैसे इस्लाम एवं ईसाईयत, इनका मूल विश्वास ही अलग है। वस्तुतः इनका मानना है कि सबसे ऊपर हमारा ईश्वर है और सबसे ऊपर हमारा धर्म है, अन्य सभी हमसे निम्न हैं और इस प्रकार का विश्वास टकराव पैदा करता है। अब यदि कोई इनके धर्म पर सवाल उठाए तो उसका “सर तन से जुदा” हो जाता है। अब ऐसे में उनके बारे में बोलकर कौन अपने प्राण संकट में डाले किंतु हिंदू धर्म के बारे में उन्हें बोलना है!

ध्यान देने वाली बात है कि हिंदू धर्म में इतनी सहिष्णुता है कि लोग एक ही ईश्वर को कई अलग रूप में पूजते हैं, कुछ अनुयायी स्वयं विष्णु जी को पूजते हैं, कुछ उन्हीं के अवतार भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम जी की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ क्षेत्र जैसे मथुरा के लोग कृष्ण के बालरूप को पूजते हैं और उन्हें कान्हा कहकर सम्बोधित करते हैं तो वहीं जगन्नाथ पुरी में कृष्ण जी, बलराम जी और सुभद्रा जी की पूजा भाई बहन के रूप में की जाती है। अब यदि आप द्वारका जाएं तो भगवान श्रीकृष्ण को द्वारकाधीश के रूप में पूजा जाता है। सहिष्णुता हिंदू धर्म का मूल है और यही इसकी अच्छाई भी है किंतु कुछ लोग जो बिना सोचे समझे इसपर सवाल खड़ा करते हैं उन्हें इस दुःसाहस से बचना चाहिए। वस्तुतः धर्म का मूल ही अस्तित्व को स्वीकार करना, मानवता, प्राणियों पर दया करना इत्यादि है। पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित मूर्ति तो मात्र ईश्वर से जुड़ने का एक साधन है और हिंदू धर्म प्रत्येक कसौटियों पर खरा उतरता है, जो इंसान को जानवर से सभ्य बनाने के क्रम में सहायक होता है।

और पढ़ें: निचली जाति के ईसाई, दलित सिख और निचली जाति के मुस्लिम: जानें गैर हिंदू धर्मों में क्या है जाति व्यवस्था का हाल

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: इस्लामईसाईमूर्ति पूजाहिंदू धर्म
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अ से ज्ञ वर्णमाला – A se Gya Tak Varnmala with Example

अगली पोस्ट

अफगानिस्तान से बेंगलुरु तक- ड्रग्स की जटिल श्रृंखला जो भारत के भविष्य को लील रही है

संबंधित पोस्ट

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited